मसूर की दाल की तासीर क्या है? - masoor kee daal kee taaseer kya hai?

मसूर की दाल की तासीर क्या है? - masoor kee daal kee taaseer kya hai?

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अगर आपको एसिडिटी (Acidity), कब्ज और गैस जैसी समस्या रहती है तो आप दालों (Pulses) को खाकर इस समस्या को ठीक कर सकते हैं. इसके लिए आपको हमारे द्वारा सुझाये गये उपायों को अपनाना होगा.

अगर आपको एसिडिटी (Acidity), कब्ज और गैस जैसी समस्या रहती है तो आप दालों (Pulses) को खाकर इस समस्या को ठीक कर सकते हैं. इसके लिए आपको हमारे द्वारा सुझाये गये उपायों को अपनाना होगा.

  • Myupchar
  • Last Updated : August 08, 2020, 06:42 IST

    भारतीय भोजन में दाल सबकी पसंदीदा होती है. सब्जियां तो साथ में बनती ही हैं, लेकिन दाल खाने का मजा दोगुना कर देती है. दालें पोषण से भरपूर होती हैं इसीलिए ये हमारे दैनिक आहार में भी जरूरी हैं. myUpchar से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला बताते हैं कि दालों कि दाल को आंच पर पकने के बाद भी उनके पौष्टिक तत्व खत्म नहीं होते. वहीं दालों की तासीर को ध्यान में रखकर इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है. अक्सर लोगों में इस बात को लेकर असमंजस रहता है कि किस दाल को कौन से सीजन में खाना चाहिए. यदि पाचन ठीक नहीं रहता है और बार-बार एसिडिटी, कब्ज और गैस जैसी समस्या रहती है तो महादिल दाल खाना ही सबसे बेहतर होता है.

    महादिल दाल क्या होती है?
    जब मूंग की दाल और मसूर की दाल को मिलाकर बनाया जाता है तो उसे महादिल दाल कहते हैं. इसका कारण यह है कि यह मिक्स दाल शरीर को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाती और पाचन में भी सुधार करती है. मूंग और मसूर की दाल की तासीर ना ज्यादा गर्म होती है, ना ठंडी होती है, इसलिए इन दालों को मिक्स करके कभी भी खाया जा सकता है. यदि इस दाल को ठंड के मौसम में खाते हैं तो यह शरीर को गर्म करने का काम करती है और यदि गर्मी में खाते हैं तो यह शरीर को ठंडा रखने में मदद करती है. इसके अलावा यदि किसी दाल को अकेले ही बनाकर खाया जाता है तो अपने विशेष गुण के कारण ये विशेष मौसम में ही खाने योग्य होती है. बीमारी से उठने के बाद मरीजों को अक्सर डॉक्टर मसूर की दाल खाने के लिए कहते हैं क्योंकि यह शरीर को जल्दी मजबूती दे देती है. इससे अच्छी एनर्जी मिलती है.

    मूंग और मसूर के अपने-अपने गुण
    मूंग और मसूर दाल के अपने-अपने कई औषधीय गुण हैं. मूंग की दाल की तासीर ठंडी होती है, वहीं साबुत मूंग की दाल की तासीर में गर्म होती है. इसके अलावा मसूर की दाल गर्म प्रकृति की होती है, वही साबुत मसूर की दाल तासीर में ठंडी होती है. मतलब साबुत दाल से दाल बनाने की प्रक्रिया तक दाल की तासीर में परिवर्तन हो जाता है. यह बात काफी आश्चर्यजनक है. इसी तरह के विशेष गुणों के कारण महादिल दाल स्वास्थ्य की दृष्टि से ज्यादा लाभकारी मानी जाती है. myUpchar से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, मूंग की दाल में प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स मैंगनीज, पोटेशियम, मैग्नीशियम, तांबा, जस्ता और विटामिन बी होता है.

    प्रोटीन से एलर्जी हो, तो भी खाई जा सकती है ये मिक्स दाल
    कुछ लोगों को प्रोटीन युक्त पदार्थों के सेवन से एलर्जी होती है, लेकिन शरीर के निर्माण में प्रोटीन का नियमित सेवन करना आवश्यक होता है. ऐसे में कुछ लोग प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ लेने के बजाए प्रोटीन टैबलेट लेना शुरू कर देते हैं, लेकिन इसके भी कुछ साइड इफेक्ट होते हैं. ऐसे मरीजों के लिए महादिल दाल काफी उपयोगी साबित होती है, क्योंकि अपनी मिलीजुली प्रकृति के कारण रोगी को लाभ मिल जाता है और इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते.

    अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, दालों के लाभ और प्रकार पढ़ें।

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    Tags: Doctor, Health, Lifestyle, News18-MyUpchar

    FIRST PUBLISHED : August 08, 2020, 06:41 IST

    हर घर में लोग मसूर की दाल खाते हैं। अनेक लोग मसूर की दाल के पकौड़े बनाकर भी खाते हैं। आपने भी मसूर की दाल से बने व्यंजन जरूर खाएं होंगे। यह बहुत ही स्वादिष्ट होता है। क्या आपको पता है कि रोगों का इलाज करने में भी मसूर की दाल के फायदे मिलते हैं, और आप मसूर की दाल से एक-दो नहीं, बल्कि कई बीमारी की रोकथाम (masoor ki daal benefits) या इलाज कर सकते हैं।

    मसूर की दाल की तासीर क्या है? - masoor kee daal kee taaseer kya hai?

    आयुर्वेद के अनुसार, मसूर की दाल एक उत्तम जड़ी-बूटी भी है। इससे अनेक रोग ठीक होते हैं। यहां मसूर की दाल के फायदे आपकी समझ में आने वाले बहुत ही आसान शब्दों (masoor dal in hindi) में बताए गए हैं। आइए जानते हैं। 

    Contents

    • 1 मसूर क्या है? (What is Masoor in Hindi?)
    • 2 अन्य भाषाओं में मसूर के नाम (Name of Masoor in Different Languages)
    • 3 मसूर के फायदे (Masoor Dal Benefits and Uses in Hindi)
      • 3.1 चेहरे की रौनक बढ़ाने के लिए मसूर का उपयोग लाभदायक (Masoor Dal Benefits for Glowing Skin in Hindi)
      • 3.2 चेहरे की झाई हटाने में मसूर का प्रयोग फायदेमंद (Masoor Dal Benefits for Skin Pigmentation in Hindi)
      • 3.3 मुंह के छाले में मसूर के फायदे (Masoor Dal Benefits to Cure Mouth Unlcer in Hindi)
      • 3.4 पैरों की जलन में मसूर के फायदे (Benefits of Masoor Bal in Foot Irritation in Hindi)
      • 3.5 त्वचा रोग में मसूर के फायदे (Masoor Uses in Erysipelas Disease in Hindi)
      • 3.6 उल्टी रोकने के लिए मसूर का उपयोग फायदेमंद (Masoor Dal Benefits to Stop Vomiting in Hindi)
      • 3.7 दांतों के रोग में मसूर से लाभ (Masoor Dal Benefits in Dental Disease in Hindi)
      • 3.8 सांसों की बीमारी में मसूर से लाभ (Masoor Dal Benefits in Respiratory Disease in Hindi)
      • 3.9 साइनस में मसूर के औषधीय गुण से फायदा (Benefits of Masoor Dal in Sinus in Hindi)
      • 3.10 आंखों की बीमारी में मसूर से लाभ (Uses of Masoor in Eye Disease in Hindi)
      • 3.11 घाव भरने में मसूर का औषधीय गुण फायदेमंद (Uses of Masoor in Healing Wound in Hindi)
      • 3.12 स्तनों के दर्द में मसूर का गुण लाभदायक (Masoor Benefits for Mastitis in Hindi)
      • 3.13 मसूर दाल से कमर और पीठ दर्द का इलाज (Masoor Dal Uses to Treat Back Pain in Hindi)
      • 3.14 कब्ज की समस्या में मसूर के औषधीय गुण से फायदा (Masoor Dal Uses in Fighting with Constipation in Hindi)
      • 3.15 कमजोरी दूर करने के लिए मसूर की दाल का सेवन (Masoor Uses to Cure Weakness in Hindi)
      • 3.16 वजन कम करने में मसूर की दाल फायदेमंद (Masoor Dal Beneficial in Weight Loss in Hindi)
      • 3.17 कैंसर के इलाज में फायदेमंद मसूर की दाल (Benefit of Masoor Dal to Treat Cancer in Hindi)
      • 3.18 एक रिसर्च के अनुसार मसूर में एंटी कैंसर यानी कैंसर को रोकने वाले गुण भी पाए जाते है जिसके कारण इसका प्रयोग कैंसर के इलाज में किया जाता है।  
      • 3.19 मधुमेह को नियंत्रित करने में मसूर फायदेमंद (Masoor Dal Beneficial to Control Diabetes in Hindi)
      • 3.20 कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मसूर दाल फायदेमंद (Masoor Dal Beneficial to Control Cholesterol in Hindi)
      • 3.21 पाचन के लिए फायदेमंद मसूर की दाल (Masoor Dal Beneficial for Digestion in Hindi) 
      • 3.22 ऊर्जा को बढ़ाने में मसूर दाल के गुण (Benefit of Masoor Dal to Boost Energy in Hindi)
      • 3.23 चयापचय को बढ़ाने में काली मसूर दाल के फायदे (Benefit of Kali Masoor Dal to Boost Metabolism in Hindi)
      • 3.24 दस्त में मसूर दाल के सेवन से फायदा (Masoor Dal Benefits to Stop Diarrhea in Hindi)
      • 3.25 अण्डकोष की सूजन में फायदेमंद मसूर का इस्तेमाल (Benefits of Masoor in Reducing Inflammation of the Hydrocele in Hindi)
      • 3.26 पेचिश में मसूर का सेवन फायदेमंद (Masoor Dal Nutrition Benefits to Stop Dysentery in Hindi)
      • 3.27 चेचक के इलाज में मसूर से फायदा (Benefits of Masoor Dal Nutrition in Chicken Pox in Hindi)
      • 3.28 बवासीर में मसूर का औषधीय गुण फायदेमंद (Uses of Masoor in Piles Treatment in Hindi)
      • 3.29 आंतों के रोग में मसूर का सेवन लाभदायक (Benefits of Masoor for Intestinal Disease in Hindi)
      • 3.30 गले के रोग में मसूर का औषधीय गुण लाभदायक (Benefits of Masoor Dal Nutrition to Cure Throat Problem in Hindi)
      • 3.31 हृदय रोग में फायदेमंद मसूर का इस्तेमाल (Masoor Dal is Beneficial for Heart Problem in Hindi)
    • 4 मसूर के उपयोगी भाग (Useful Parts of Masoor)
    • 5 मसूर का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Masoor?)
    • 6 मसूर कहां पाया या उगाया जाता? (Where is Masoor Found or Grown?)

    मसूर क्या है? (What is Masoor in Hindi?)

    मसूर (masoor ki daal) को लगभग सभी लोग जानते होंगे। मसूर का प्रयोग दाल के रूप में पूरे भारत में किया जाता है। मसूर का पौधा लगभग 15-75 सेमी ऊंचा होता है। मसूर के लेप का इस्तेमाल रंग को सुंदर करने के लिए, त्वचा रोग को ठीक करने के लिए और कफ-विकार, रक्त-विकार तथा पित्त-विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। इसके साथ ही मसूर  मूत्र रोग, दर्द, पेट की गैस और बुखार में भी उपयोग में लाया जाता है। 

    अन्य भाषाओं में मसूर के नाम (Name of Masoor in Different Languages)

    आमतौर पर मसूर (masoor dal) को देश भर में मसूर के नाम से ही जाना जाता है, लेकिन इसके अलावा भी मसूर के कई और नाम भी हैं, जो भारत के साथ-साथ देश-विदेश में जाना जाता है। मसूर का वानस्पतिक नाम लेन्स कुलिनेरिस (Lens culinaris Medik., Syn-Ervum lens Wall.), फैबेसी (Fabaceae)हैं लेकिन इसके अन्य नाम ये भी हैंः-

    Masoor in-

    • Hindi (masoor dal in hindi) – मसूर, मसूरक, मसूरी
    • Englsih (masoor dal in english) – लेन्टील (Lentil), स्पलिट पी (Slit pea)
    • Sanskrit – पित्तभेषज, मङ्गल्यक, मसूर, रागदालि, मङ्गल्य, पृथुबीजक, सूर, कल्याणबीज, गुरुबीज, मसूरक, ताम्बूलराग, मसूरा, माङ्गल्या
    • Urdu – मसूर (Masur)
    • Kannada (masoor dal in kannada) – मसूर (Masur), चनान्गी (Chanangi)
    • Gujarati – मसूर (Masur), मसूरा (Masura)
    • Tamil (masoor dal in tamil) – मसूर (Masur), मिसुर (Misur)
    • Telugu – मसूरालु (Masuralu), मिसूर पप्पु (Misur pappu)
    • Bengali – बुरो-मुस्सूर (Buro-mussur), मसुरि (Masuri)
    • Nepali – मुसुर (Musur)
    • Punjabi – मसूर (Masur), मसारा (Masara)
    • Marathi – मसूरा (Masura), मसूर (Masur)
    • Malayalam – चनमपयार (Chanampayar), वट्टूपपरूम (Vattupprum)
    • Arabic – अदस् (Adas);
    • Persian – बनो सुर्ख नेव सुर्ख (Bano surkh neiv surkh), विसुक (Visuk)

    मसूर के फायदे (Masoor Dal Benefits and Uses in Hindi)

    अब तक आपने जाना कि मसूर (masoor dal) क्या है, और इसके कितने नाम हैं। आइए अब जानते हैं कि मसूर का औषधीय प्रयोग कैसे किया जाता है। इसकी मात्रा एवं विधियां क्या होनी चाहिएः-

    चेहरे की रौनक बढ़ाने के लिए मसूर का उपयोग लाभदायक (Masoor Dal Benefits for Glowing Skin in Hindi)

    • आप यह सोच रहे होंगे कि मसूर की दाल से चेहरे को गोरा कैसे करे। इसके लिए आप मसूर को भूनकर, छिलका हटा लें। इसे दूध के साथ पीस लें। इसमें मधु और घी मिलाकर मुंह में लेप के रूप में लगाएं। इससे चेहरे के दाग-धब्बे खत्म हो जाते हैं, और चेहरे की कांति (masoor dal for skin) बढ़ती है।
    • रक्तचंदन, मंजिष्ठा, कूठ, लोध्र, प्रियंगु, वटांकुर तथा मसूर को पीस लें। इसे चेहरे पर लेप के रूप में लगाएं। इससे चेहरे पर रौनक तो आती ही है, साथ ही चेहरे के दाग-धब्बे ठीक हो जाते हैं।

    और पढ़ें: मेलाज्मा का घरेलू इलाज

    चेहरे की झाई हटाने में मसूर का प्रयोग फायदेमंद (Masoor Dal Benefits for Skin Pigmentation in Hindi)

    • चेहरे की झाई में मसूर को घी से पीस लें। इसमें दूध मिला लें, या दूध से पीसकर चेहरे पर लेप करें। इससे चेहरे की झाई की समस्या ठीक होती है।
    • बरगद के पत्ते और मसूर को समान मात्रा में लेकर पीस लें। इससे लेप करने से चेहरे की झाई या दाग-धब्बे ठीक (masoor dal for skin) हो जाते हैं।

    और पढ़ेंः पिगमेंटेशन का घरेलू इलाज

    मसूर की दाल की तासीर क्या है? - masoor kee daal kee taaseer kya hai?

    मुंह के छाले में मसूर के फायदे (Masoor Dal Benefits to Cure Mouth Unlcer in Hindi)

    मुंह के छाले में मसूर की भस्म के बराबर मात्रा में कत्था मिलाकर पीस लेंं। इसे मुंह के छाले पर लगाएं। इससे मुंह के छाले मिटते हैं।

    और पढ़ें: मुँह के छाले में लीची के फायदे

    पैरों की जलन में मसूर के फायदे (Benefits of Masoor Bal in Foot Irritation in Hindi)

    कई लोगों को पैरों के तलवों में जलन की परेशानी होती है। ऐसा ऊच्च रक्तचाप के कारण भी हो सकता है। इसमें मसूर को पीसकर पैरों के तलवों पर लगाएं। पैरों की जलन मिट जाती है।

    त्वचा रोग में मसूर के फायदे (Masoor Uses in Erysipelas Disease in Hindi)

    विसर्ग जैसे त्वचा रोग में चेहरे या त्वचा पर लाल-लाल-सा दाग हो जाता है। रोगग्रस्त अंगों में सूजन के साथ दर्द भी होने लगता है। यह फोड़े के रूप में भी हो सकता है। इसके लिए मसूर (masoor ki daal) को पीस लें। इसमें घी मिलाकर लगाने से लाभ होता है।

    उल्टी रोकने के लिए मसूर का उपयोग फायदेमंद (Masoor Dal Benefits to Stop Vomiting in Hindi)

    उल्टी रोकने के लिए मसूर के आटे को 50 ग्राम की मात्रा में लें। इसमें 100 मिलीग्राम अनार का रस मिला लें। इसे मथें। इसे पीने से उल्टी पर रोक लगती है।

    मसूर की दाल की तासीर क्या है? - masoor kee daal kee taaseer kya hai?

    और पढ़े: उल्टी रोकने के लिए करें कमल का उपयोग

    दांतों के रोग में मसूर से लाभ (Masoor Dal Benefits in Dental Disease in Hindi)

    दांतों के रोग में मसूर की दाल सेवन लाभ पहुंचाता है। मसूर की दाल को जलाकर भस्म बना लें। इस भस्म को दांतों पर रगड़ने से दांतों के विकार का ठीक होता है।

    सांसों की बीमारी में मसूर से लाभ (Masoor Dal Benefits in Respiratory Disease in Hindi)

    सांसों से संबंधित नलिका (श्वसनतंत्र) से संबंधित परेशानी को ठीक करने के लिए मसूर से बने जूस (दाल का पानी) को 20-40 मिली की मात्रा में सेवन करना चाहिए। इससे श्वसनतंत्र में होने वाला दर्द ठीक हो जाता है।

    और पढ़ें – सांसों के रोग में सहजन के फायदे

    साइनस में मसूर के औषधीय गुण से फायदा (Benefits of Masoor Dal in Sinus in Hindi)

    साइनस रोग में मसूर तथा अनार के छिलके को पीसकर घाव पर लगाएं। इससे साइनस में लाभ मिलता है।

    और पढ़ेंः साइनस में फायदेमंद कर्चूर

    आंखों की बीमारी में मसूर से लाभ (Uses of Masoor in Eye Disease in Hindi)

    आंखों के रोग में मसूर दाल का सेवन फायदा पहुंचाता है। किसी व्यक्ति को आंखों से संबंधित परेशानी है तो वे मसूर की दाल के फायदे (masoor dal ke fayde) ले सकते हैं। ऐसे लोगों को मसूर की दाल का सेवन करना चाहिए।

    और पढ़ें: आंखों के रोग में धातकी के फायदे

    मसूर की दाल की तासीर क्या है? - masoor kee daal kee taaseer kya hai?

    घाव भरने में मसूर का औषधीय गुण फायदेमंद (Uses of Masoor in Healing Wound in Hindi)

    पुराने घाव को भी मसूर के इस्तेमाल से ठीक किया जा सकता है। मसूर की भस्म बना लें। भस्म में भैंस का दूध मिलाकर सुबह और शाम घाव पर लगाएं। इससे घाव जल्दी भर जाता है।

    स्तनों के दर्द में मसूर का गुण लाभदायक (Masoor Benefits for Mastitis in Hindi)

    अनेक महिलाओं को स्तनों में दर्द की शिकायत रहती है। इस रोग में मसूर का उपयोग फायदेमंद होता है। मसूर को पीसकर स्तनों पर लेप करने से स्तनों का दर्द ठीक हो जाता है।

    मसूर दाल से कमर और पीठ दर्द का इलाज (Masoor Dal Uses to Treat Back Pain in Hindi)

    कमर दर्द की परेशानी बहुत लोगों को होती रहती है। आप मसूर की दाल के फायदे (masoor dal ke fayde) इस रोग में भी ले सकते हैं। इसके लिए मसूर को सिरके के साथ पीस लें। इसे हल्का गुनगुना करके कमर और पीठ पर लगाएं। कमर और पीठ का दर्द ठीक होता है।

    और पढ़ें – पीठ के निचले हिस्से में दर्द से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

    कब्ज की समस्या में मसूर के औषधीय गुण से फायदा (Masoor Dal Uses in Fighting with Constipation in Hindi)

    कब्ज की समस्या में मसूर के दाल का पानी पिएं। इससे कब्ज की बीमारी ठीक होती है। सेवन की मात्रा 20-40 मिली होनी चाहिए।

    मसूर की दाल की तासीर क्या है? - masoor kee daal kee taaseer kya hai?

    और पढ़े: कब्ज में नागफनी के फायदे

    कमजोरी दूर करने के लिए मसूर की दाल का सेवन (Masoor Uses to Cure Weakness in Hindi)

    मसूर शारीरिक कमजोरी दूर करने के साथ-साथ खून को बढ़ाने का भी काम करता है। जिस व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी या खून की कमी हो, वह मसूर (masoor daal) की दाल का सेवन कर लाभ पा सकते हैं।

    और पढ़े: खून की कमी दूर करे प्रभाकर वटी

    वजन कम करने में मसूर की दाल फायदेमंद (Masoor Dal Beneficial in Weight Loss in Hindi)

    वजन बढ़ने का कारण कफ दोष का बढ़ना माना गया है। मसूर दाल का सेवन वजन कम करने में सहयोगी होता है क्योंकि इसमें कफ शामक गुण पाया जाता है। साथ ही इसका लघु गुण होने के कारण यह सुपाच्य होती है जिसकी वजह से यह जल्दी हजम हो जाती  है।  

    कैंसर के इलाज में फायदेमंद मसूर की दाल (Benefit of Masoor Dal to Treat Cancer in Hindi)

    एक रिसर्च के अनुसार मसूर में एंटी कैंसर यानी कैंसर को रोकने वाले गुण भी पाए जाते है जिसके कारण इसका प्रयोग कैंसर के इलाज में किया जाता है।  

    मधुमेह को नियंत्रित करने में मसूर फायदेमंद (Masoor Dal Beneficial to Control Diabetes in Hindi)

    मधुमेह एक ऐसा रोग है जो कि पाचन खराब होने और कफ के बढ़ने का कारण होता है। मसूर का सेवन करने से दोनों ही कारणों को ठीक करने में सहयोग मिलता है। इसके लघु गुण होने के कारण यह सुपाच्य होती है जिसकी वजह से पाचन स्वस्थ रहता है और कफ शामक गुण के कारण यह कफ को कम कर मधुमेह में लाभदायक होती है।  

    कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मसूर दाल फायदेमंद (Masoor Dal Beneficial to Control Cholesterol in Hindi)

    मसूर की दाल की तासीर क्या है? - masoor kee daal kee taaseer kya hai?

    कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मसूर लाभकारी होता है क्योंकि यह अपने लघु गुण के कारण पाचन को स्वस्थ रखने में मदद करता है। जिसके कारण शरीर में आम (विषैले पदार्थ )इकट्ठे नहीं हो पाते और कोलेस्ट्रॉल की उचित मात्रा शरीर में बनी रहती है। साथ ही एक रिसर्च में भी कहा गया है की यह एच.डी.एल. को बढ़ाने एवं एल.डी.एल. को कम करने में सहयोगी होता है।  

    पाचन के लिए फायदेमंद मसूर की दाल (Masoor Dal Beneficial for Digestion in Hindi) 

    मसूर दाल में लघु गुण होने के कारण यह सुपाच्य होती है। इसलिए यह जल्दी पचकर, आपके पाचन को सामान्य बनाये रखने में सहयोग देता है।   

    ऊर्जा को बढ़ाने में मसूर दाल के गुण (Benefit of Masoor Dal to Boost Energy in Hindi)

    मसूर दाल लघु होने के कारण पाचन को स्वस्थ करती है और जल्दी पचने के कारण यह  तुरंत ही ऊर्जा प्रदान करने में मदद करती है। 

    चयापचय को बढ़ाने में काली मसूर दाल के फायदे (Benefit of Kali Masoor Dal to Boost Metabolism in Hindi)

    मसूर दाल में लघु गुण होने के कारण यह सुपाच्य होती है। जिसके कारण यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में सहयोगी होता है साथ ही शरीर की चयापचय क्रिया या मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में भी मदद करता है।  

    दस्त में मसूर दाल के सेवन से फायदा (Masoor Dal Benefits to Stop Diarrhea in Hindi)

    दस्त रोकने के लिए 5 किग्रा मसूर चूर्ण तथा 12 लीटर को पानी में पकाएं। जब पानी एक चौथाई रह जाए तो उसमें 400 ग्राम बेल फल मज्जा तथा 750 ग्राम घी मिलाकर फिर पकाएं। इसे 5 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इसेस दस्त पर रोक लगती है।

    और पढ़े – दस्त रोकने में काकोदुम्बर फायदेमंद

    अण्डकोष की सूजन में फायदेमंद मसूर का इस्तेमाल (Benefits of Masoor in Reducing Inflammation of the Hydrocele in Hindi)

    मसूर की दाल तथा अनार की छाल को पीस लें। दोनों को मिलाकर हल्का गुनगुना करके अण्डकोष पर लगाएं। इससे अण्डकोष की सूजन ठीक हो जाती है।

    पेचिश में मसूर का सेवन फायदेमंद (Masoor Dal Nutrition Benefits to Stop Dysentery in Hindi)

    • पेचिश में भी मसूर की दाल के फायदे (masoor ki daal ke fayde) ले सकते हैं। बराबर मात्रा में सोंठ तथा बेल मज्जा के पेस्ट को मसूर की दाल के पानी के साथ सेवन करें। 
    • इसी तरह मसूर के 10-20 मिली काढ़ा में 2 ग्राम बेल गिरी चूर्ण मिलाकर पीने से भी पेचिश में लाभ होता है।

    और पढ़ें – पेचिश में छोटी इलायची फायदेमंद

    चेचक के इलाज में मसूर से फायदा (Benefits of Masoor Dal Nutrition in Chicken Pox in Hindi)

    चेचक के इलाज के लिए मसूर की बीज का पेस्ट बना लें। इसे लेप के रूप में लगाएं। इसको लगाने से चेचक की पीड़ा से आराम मिलता है।

    मसूर की दाल की तासीर क्या है? - masoor kee daal kee taaseer kya hai?

    बवासीर में मसूर का औषधीय गुण फायदेमंद (Uses of Masoor in Piles Treatment in Hindi)

    बवासीर में मसूर का उपयोग करना फायदेमंद होता है। मसूर (masoor daal) की दाल को छाछ के साथ सेवन करें। इससे बवासीर में होने वाले रक्तस्राव पर रोक लगता है।

    और पढ़े: बवासीर मे जामुन के फायदे

    आंतों के रोग में मसूर का सेवन लाभदायक (Benefits of Masoor for Intestinal Disease in Hindi)

    • आंतों के रोग को ठीक करने के लिए मसूर का इस्तेमाल करना अच्छा होता है। आप मसूर की दाल (masoor ki daal) का पानी लें। इसकी मात्रा 20-40 मिली होनी चाहिए। इसका सेवन करें। इससे आंतों की बीमारी ठीक होती है।
    • मसूर से तैयार जूस (20-40 मिली) का सेवन करने से आंतों के रोग में लाभ होता है।

    गले के रोग में मसूर का औषधीय गुण लाभदायक (Benefits of Masoor Dal Nutrition to Cure Throat Problem in Hindi)

    गले के दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए मसूर के पत्तों का काढ़ा बनाकर गरारा करें। इससे गले की सूजन तथा गले का दर्द ठीक होता है।

    और पढ़े: गले के दर्द को दूर करे सेम की फली

    हृदय रोग में फायदेमंद मसूर का इस्तेमाल (Masoor Dal is Beneficial for Heart Problem in Hindi)

    ह्रदय रोग में मसूर के बीजों का जूस (दाल का पानी) बनाकर पिएं। सेवन 20-40 मिली मात्रा में करना चाहिए।

    मसूर की दाल की तासीर क्या है? - masoor kee daal kee taaseer kya hai?

    मसूर के उपयोगी भाग (Useful Parts of Masoor)

    मसूर का औषधीय इस्तेमाल इस तरह किया जाना चाहिएः-

    मसूर के पत्ते

    मसूर के बीज 

    मसूर का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Masoor?)

    मसूर का औषधीय इस्तेमाल इतनी मात्रा में किया जाना चाहिएः-

    यूष – 20-40 मिली

    काढ़ा – 20 मिली

    अगर आप बीमारियों में मसूर (masoor ki daal) का औषधीय इस्तेमाल कर भरपूर लाभ लेना चाहते हैं तो चिकित्सक के परामर्श के अनुसार सेवन करें।

    मसूर कहां पाया या उगाया जाता? (Where is Masoor Found or Grown?)

    भारत में सभी स्थानों पर मसूर (masur dal) की खेती की जाती है। इसकी खेती मुख्यतः लगभग 1800 मीटर की ऊंचाई तक की जाती है।

    क्या मसूर की दाल गर्म होती है?

    मसूर की दाल की तासीर गर्म होती है। इसे पचाने में समय ज्यादा लगता है। जिनकी पाचन शक्ति कमजोर हो उन्हें ये दाल कम खानी चाहिए।

    मसूर की दाल कब नहीं खाना चाहिए?

    ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, रविवार को मसूर की दाल, अदरक या फिर कोई लाल रंग का भोज्‍य पदार्थ नहीं खाना चाहिए

    कौन कौन सी दाल गर्म होती है?

    Pulses for Summer Season in Hindi: गर्मी के मौसम में आपको मूंग की दाल, चने की दाल, उड़द की दाल और सोयाबीन की दाल का सेवन करना चाहिए। वहीं कुल्थी की दाल, मसूर की दाल आदि के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि इनकी तासीर बहुत गर्म होती है, इससे पेट में गर्मी बढ़ सकती है।

    कौन सी दाल की तासीर गर्म होती है?

    Pulses for winter: सर्दी में मसूर, अरहर, कुल्थी की दाल, भट्ट और राजमा खाना बहुत फायदेमंद होता है। इन दाल की तासीर गर्म होती है, इन्हें खाने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है।