UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 10 Human Settlements (मानव बस्ती) Show
UP Board Class 12 Geography Chapter 10 Text Book QuestionsUP Board Class 12 Geography Chapter 10 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न प्रश्न 1. (ii) निम्न में से कौन-सी एक आर्थिक क्रिया ग्रामीण बस्तियों की मुख्य आर्थिक क्रिया है- (iii) निम्न में से किस प्रदेश में प्रलेखित प्राचीनतम नगरीय बस्ती रही है (iv) 2006 के प्रारम्भ में भारत में कितने मिलियन सिटी थे (v) विकासशील देशों की जनसंख्या के सामाजिक ढाँचे के विकास एवं आवश्यकताओं की पूर्ति में कौन-से प्रकार के संसाधन सहायक हैं प्रश्न 2.
(ii) स्थान ( साइट) एवं स्थिति (सिचुएशन) के मध्य अन्तर बताइए। (iii) बस्तियों के वर्गीकरण के क्या आधार हैं?
इन दो आधारों के अनुसार बस्तियाँ दो प्रकार की होती हैं
(iv) मानव भूगोल में मानव बस्तियों के अध्ययन का औचित्य बताएँ। प्रश्न 3.
नगरीय बस्ती – वे बस्तियाँ जो गैर-कृषिगत क्रियाकलापों जैसे उद्योग, व्यापार, परिवहन, प्रशासनिक तथा सामुदायिक सेवाओं सम्बन्धी कार्यों में लगी रहती हैं, ‘नगरीय बस्तियाँ’ कहलाती हैं।
(ii) विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की समस्याओं का विवेचन कीजिए। 2. नगरीय विस्तार – जैसे ही नगरों की जनसंख्या बढ़ती है वे चारों ओर बाहर की ओर फैलते हैं और कृषि योग्य भूमि का हरण करते हैं। वृहद् नगरों के आस-पास उपनगर बन जाते हैं। इस तरह नगर और अधिक विस्तृत हो जाते हैं। 3. सुगम यातायात की समस्या – नगरों में अनियमित बस्तियों के फैलाव से अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। इनमें से एक प्रमुख समस्या सुगम यातायात की समस्या भी है। नगरों में बढ़ती भीड़ को परिवहन की आवश्यकता होती है, जिससे यातायात प्रभावित हो जाता है। 4. प्रदूषण – नगरों के अनियमित तथा अनियोजित विकास से विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों का विकास होता है। 5. अन्य समस्याएँ – उपर्युक्त समस्याओं के अलावा नगरीय बस्तियों में कुछ अन्य समस्याएँ भी पायी जाती हैं; जैसे-सीवर प्रणाली, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, बेरोजगारी, सामाजिक प्रदूषण आदि। UP Board Class 12 Geography Chapter 10 Other Important QuestionsUP Board Class 12 Geography Chapter 10 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. (i) रैखिक प्रतिरूप — इस प्रकार की बस्तियों में मकान सड़कों, रेल लाइनों, नदियों, नहरों, घाटी के किनारे या तटबन्धों पर स्थित होते हैं। (ii) आयताकार प्रतिरूप – ग्रामीण बस्तियों का यह प्रतिरूप समतल क्षेत्रों अथवा चौड़ी अन्तरा पर्वतीय घाटियों में पाया जाता है। इसमें सड़कें आयताकार होती हैं जो एक-दूसरे को समकोण पर काटती हैं। (iii) वृत्ताकार प्रतिरूप – इस प्रतिरूप के गाँव झीलों व तालाबों आदि क्षेत्रों के चारों तरफ बस्ती बस जाने से विकसित होते हैं। (iv) तारे के आकार का प्रतिरूप – जहाँ कई मार्ग आकर एक स्थान पर मिलते हैं और उन मार्गों के सहारे मकान बन जाते हैं, वहाँ तारे के आकार की बस्तियाँ विकसित होती हैं। (v) ‘टी आकार’,’वाई आकार’,’क्रॉस आकार के प्रतिरूप – ‘टी’ के आकार की बस्तियाँ सड़क के तिराहे पर विकसित होती हैं, जबकि ‘वाई’ आकार बस्तियाँ उन क्षेत्रों में पायी जाती हैं जहाँ पर दो मार्ग आकर तीसरे मार्ग से मिलते हैं। ‘क्रॉस’ आकार की बस्तियाँ चौराहों पर प्रारम्भ होती हैं जहाँ चौराहे से चारों दिशा में बसाव आरम्भ हो जाता है। (vi) दोहरा प्रतिरूप – नदी पर पुल या फेरी के दोनों तरफ इन बस्तियों का विस्तार होता है। प्रश्न 2. 2. जलवाहित रोग – पेयजल की गुणवत्ता ठीक न होने से जलवाहित रोग जैसे हैजा, पीलिया आदि फैलते हैं। 3. बाढ़ और सूखा – दक्षिण एशिया के देशों के गाँव बाढ़ और सूखे दोनों की ही मार सहने को अभिशप्त हैं। सिंचाई के अभाव में सूखा पड़ने पर फसलों को भारी हानि होती है। 4.शौचालयों और कचरे की समस्या – गाँव में शौचालयों के न होने से महिलाओं को अधिक कठिनाई उठानी पड़ती है। वे इसी कारण अनेक रोगों का शिकार हो जाती हैं। गाँवों में कचरे की निपटान की कोई सुचारु व्यवस्था नहीं है। 5. मानव और पशु एक साथ – पशुओं को और उनके चारे को अपने घर में या घर के अति निकट घेर में रखना किसान की मजबूरी है, लेकिन इससे अनेक रोगों के फैलने का खतरा बना रहता है। 6. परिवहन और संचार साधनों का अभाव – गाँव में पक्की सड़कों का अभाव है। टेलीफोन सविधा सभी गाँवों में नहीं है, अत: आपातकाल में गाँव शेष दुनिया से कट जाते हैं। अनेक गाँव वर्षा ऋतु में सम्पर्कविहीन बने रहते हैं। 7.स्वास्थ्य और शिक्षा का अभाव – गाँवों में स्वास्थ्य और शिक्षा का अभाव है। यदि कहीं सुविधा है भी तो उसका स्तर बहुत घटिया है। प्रश्न 3. 2. भूमि – मनुष्य बसने के लिए उस स्थान का चयन करता है जहाँ की भूमि खेती के लिए उपयुक्त व उपजाऊ हो। किसी भी क्षेत्र में प्रारम्भिक अधिवासी उपजाऊ एवं समतल क्षेत्रों में ही बसते थे। 3. उच्च भूमि के क्षेत्र – बस्तियाँ बसाने के लिए मनुष्य ऊँचे क्षेत्रों को इसलिए चुनता है कि वहाँ पर बाढ़ के समय होने वाले नुकसान से बचा जा सके और मकान व जीवन सुरक्षित रह सके। 4. गृह निर्माण सामग्री – मनुष्य अपनी बस्तियाँ वहाँ बसाता है जहाँ आसानी से लकड़ी, पत्थर आदि प्राप्त हो जाते हैं। प्राचीन गाँवों को वनों को काटकर बनाया गया था, क्योंकि वहाँ लकड़ी बहुतायत में थी। 5. सुरक्षा – राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध या पड़ोसी समूहों के उपद्रवी होने की स्थिति में गाँवों को सुरक्षात्मक पहाड़ियों एवं द्वीपों पर बसाया जाता था। भारत में अधिकतर दुर्ग ऊँचे स्थानों अथवा पहाड़ियों पर बने प्रश्न 4. 2. व्यावसायिक संरचना – कुछ देशों जैसे भारत में जनसंख्या के आकार के अतिरिक्त कुछ आर्थिक गतिविधियों को नगरीय बस्तियाँ परिभाषित करने का मापदण्ड बनाया जाता है। उदाहरणतः भारत में किसी बस्ती को नगर तभी कहा जाता है जब वहाँ कम-से-कम 75 पुरुषों का श्रमिक बल ऐसे कार्यों में लगा हो जो कृषि से सम्बन्धित न हो। 3. प्रशासनिक निर्णय – नगरों को प्रशासनिक आधार पर ही पारिभाषित किया जाता है। उदाहरणत: भारत में वे सभी स्थान जहाँ पर नगरपालिका, कैन्टोनमेन्ट बोर्ड, कॉर्पोरेशन तथा नोटिफाइड टाउन एरिया कमेटी हैं, नगर कहलाते हैं। प्रश्न 5. 2. शहर — किसी प्रदेश के अनेक नगरों में से अग्रणी नगर को शहर कहा जाता है। स्पष्ट है कि कोई भी नगर तभी शहर का दर्जा प्राप्त करता है जब वह स्थानीय और प्रादेशिक स्तर पर अपने प्रतिस्पर्धी अनेक नगरों को पछाड़ देता है। शहर न केवल नगरों से आकार और जनसंख्या में बड़े होते हैं, बल्कि उनके आर्थिक कार्य भी अधिक और जटिल होते हैं। 3. मिलियन सिटी — विश्व में दस लाख की जनसंख्या वाले शहरों की संख्या निरन्तर बढ़ रही है। सन् 1950 तक विश्व में मिलियन सिटी कहे जाने वाले शहरों की संख्या 80 थी। इसके बाद लगभग हर 30 साल बाद दस लाख की जनसंख्या वाले शहरों की संख्या तीन गुनी हो गई। 4. सन्नगर – ‘सन्नगर’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग पैट्रिक गिडिज ने सन् 1915 में किया था। सन्नगर विशाल और सतत नगरीय क्षेत्र होता है जो अलग-अलग नगरों या शहरों के आपस में मिल जाने से बनता है। . आर्थिक विकास और जनसंख्या प्रसार के परिणामस्वरूप किसी नगर के आसन्न नगरों का सम्मिलन ‘सन्नगर’ कहलाता है। मानचेस्टर, ग्रेटर लन्दन, शिकागो, टोकियो एवं ग्रेटर मुम्बई सन्नगर के उदाहरण हैं। 5. विश्वनगरी ( मेगापोलिस) – यह यूनानी शब्द ‘मेगालोपोलिस’ से बना है जिसका अर्थ होता है’विशाल नगर’। मेगा सिटी’ शब्दावली का प्रयोग सर्वप्रथम जीन गौटमैन ने उस आबाद क्षेत्र के लिए किया था जो इस समय दक्षिणी हैम्पशायर से उत्तरी वर्जीनिया तक फैला हुआ है। यह एक बड़ा महासागरीय प्रदेश होता है जिससे सन्नगरों का समूह और जनसंख्या का सतत विस्तार पाया जाता है। लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4. प्रश्न 5.
प्रश्न 6.
प्रश्न 7.
अतिलघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न
12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15.
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. मानचित्र कार्य प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. ग्रामीण बस्तियों की मुख्य आर्थिक क्रिया क्या है?ग्रामीण बस्तियाँ प्रत्यक्ष रूप से अपनी भूमि से निकटता से गहरा संबंध बनाए रखती हैं। यहाँ के निवासी ग्रामीण परिवेश से जुड़ी आर्थिक क्रियाओं, जैसे- कृषि, पशुपालन, लकड़ी काटना, मछली पकड़ना तथा खनन कार्य आदि से अपनी जीविका कमाते हैं।
ग्रामीण बस्तियों में कौन सी क्रिया होती है?ग्रामीण बस्ती अधिक निकटता से तथा प्रत्यक्ष रूप से भूमि से नज़दीकी संबंध रखती हैं। यहाँ के निवासी अधिकतर प्राथमिक गतिविधियों में लगे होते हैं। जैसे- कृषि, पशुपालन एवं मछली पकड़ना आदि इनके प्रमुख व्यवसाय होते हैं। बस्तियों का आकार अपेक्षाकृत छोटा होता है।
ग्रामीण बस्तियों का प्रमुख प्रकार कौन सा है?अर्ध-गुच्छित बस्तियाँ (Semi-clustered Settlements) अर्ध-गुच्छित अथवा विखंडित बस्तियाँ परिक्षिप्त बस्ती के अधिकतर ऐसा प्रारूप किसी बड़े संहत गाँव के संपृथकन किसी सीमित क्षेत्र में गुच्छित होने की प्रवृत्ति का परिणाम है। अथवा विखंडन के परिणामस्वरूप भी उत्पन्न हो सकता है।
ग्रामीण बस्तियों को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से हैं?भारत में ग्रामीण बस्तियों के प्रकार को निर्धारित करने वाले कारक: (i) भौतिक विशेषताएं - इलाके की प्रकृति, ऊंचाई, जलवायु और पानी की उपलब्धता। (ii) सांस्कृतिक और जातीय कारक - सामाजिक संरचना, जाति और धर्म। (iii) सुरक्षा कारक - चोरी और डकैती से बचाव।
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