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अति लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न. 2. उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है? प्रश्न. 3. मनुष्यता कविता के अनुसार अनर्थ क्या है? प्रश्न. 4. मनुष्यता कविता के अनुसार मनुष्य कौन है? लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 2. ‘मनुष्यता’ कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि पशु-प्रवृत्ति किसे कहा गया है और मनुष्य किसे माना गया है ? प्रश्न 3. कवि ने उदार व्यक्ति की क्या पहचान बताई है? प्रश्न 4. कवि ने किन पंक्तियों में
यह व्यक्त किया है कि हमें गर्व रहित जीवन व्यतीत करना चाहिए? प्रश्न 5. मैथिलीशरण गुप्त ने गर्व रहित जीवन बिताने के लिए क्या तर्क दिए हैं ?
व्याख्यात्मक
हल: प्रश्न 6. ‘मनुष्य मात्र बंधु है’ से आप क्या समझते हैं ? प्रश्न 7. इतिहास में कैसे व्यक्तियों की चर्चा होती है और क्यों ? ‘मनुष्यता’ कविता के आधार पर लिखिए। प्रश्न 8. कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा क्यों दी है ? प्रश्न 9. व्यक्ति को किस प्रकार का जीवन व्यतीत करना चाहिए? इस कविता के आधार पर लिखिए। The document Short Question Answer: मनुष्यता Notes | Study Hindi Class 10 - Class 10 is a part of the Class 10 Course Hindi Class 10. All you need of Class 10 at this link: Class 10 मनुष्यता कविता में उदार व्यक्ति की पहचान बताई गई है और उसके लिए क्या भाव व्यक्त किए गए हैं?कवि ने उदार व्यक्ति की क्या पहचान बताई है? उत्तर: मनुष्यता कविता में कवि ने उदार व्यक्ति की पहचान स्पष्ट करते हुए कहा है कि जो मनुष्य दूसरों के प्रति दया भाव, सहानुभूति, परोपकार की भावना, करुणा भाव, समानता, दानशीलता, विवेकशीलता, धैर्य, साहस, गुणों से परिपूर्ण होता है वह व्यक्ति उदार कहलाता है।
मनुष्यता कविता के अनुसार उदार व्यक्ति की क्या पहचान?उदार व्यक्ति अपना तन-मन और धन देकर दूसरों की मदद अथवा परोपकार करने से पीछे नहीं हटते हैं। प्रश्न 3. कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर 'मनुष्यता के लिए क्या संदेश दिया है? कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर सारी मनुष्यता को त्याग और बलिदान का संदेश दिया है।
1 मनुष्यता कविता में किस व्यक्ति को उदार कहा गया है और उसका क्या प्रभाव बताया गया है?उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती, उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती। उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती; तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती । सहानुभूति चाहिए, महाविभूति है यही; वशीकृत सदैव है बनी हुई स्वयं मही।
मनुष्यता कविता में कवि किन किन मानवीय गुणों का वर्णन करता है आप इन गुणों को क्यों आवश्यक समझते हैं?Solution : मनुष्यता. कविता में कवि ने मानव-मात्र को परमार्थ, विश्व बंधुत्व, करुणा, उदारता, धैर्य, सहयोग आदि गुणों को अपनाने पर बल दिया है। कवि ने स्वार्थी मनुष्य को पशु प्रकृति से प्रेरित बताया है। जिस प्रकार पशु स्वयं भोजन ग्रहण कर केवल अपना पेट भरता है, वैसा जीवन यापन वो किसी आत्मकेंद्रित व्यक्ति की निशानी है।
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