उपसर्गों की तरह ही प्रत्ययों का प्रयोग भी नए शब्दों की रचना के लिए किया जाता है। नए शब्दों की रचना करने के क्रम में कुछ शब्दांशों का शब्दों के पीछे या उनके अंत में जोड़ दिया जाता है। इससे मूलशब्द के अर्थ में बदलाव या विशेषता आ जाती है। ये शब्दांश प्रत्यय कहलाते हैं। Show
परिभाषा : वे शब्दांश जो किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं या पूरी तरह बदलाव ला देते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। उदाहरण – प्रत्यय के भेद-प्रत्यय के दो भेद होते हैं – (क) कृत प्रत्यय (ख) तद्धित प्रत्यय (क) कृत प्रत्यय-जो प्रत्यय क्रिया के मूल रूप अर्थात् उनकी धातु के अंत में लगकर संज्ञा, सर्वनाम शब्दों की रचना करते हैं, उन्हें कृत प्रत्यय कहते हैं। Suffixes Meaning in Hindi – Pratyay definition, Types of Suffixes, Suffixes examples – प्रत्यय की परिभाषा, प्रत्यय के भेद और उदाहरणSuffixes in Hindi, Pratyay (प्रत्यय): इस लेख में हम प्रत्यय की परिभाषा और भेदों को उदहारण सहित जानेंगे।
प्रत्यय की परिभाषा – Definitionजो शब्दांश, शब्दों के अंत में जुड़कर अर्थ में परिवर्तन लाये, प्रत्यय कहलाते है। उपरोक्त शब्दों में इक, इत, अक्कड़, आस और आई शब्दांश प्रत्यय हैं। See Video of Suffixes Meaning in Hindi Related – Learn Hindi Grammar
प्रत्यय के भेद – Suffix differencesसबसे पहले सभी प्रत्ययों को संक्षिप्त रूप में जानेंगे –
संस्कृत प्रत्यय‘इक’प्रत्यय ‘ईय’ प्रत्यय
विदेशी प्रत्यय‘गर’ प्रत्यय ‘इश’ प्रत्यय (स्थान) ‘गाह’ प्रत्यय ‘गीर’ प्रत्यय
हिंदी प्रत्ययसंज्ञा की रचना करने वाले कृत प्रत्यय – ‘आ’ प्रत्यय
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विशेषण की रचना करने वाले कृत प्रत्यय‘आलु’ प्रत्यय ‘ऊ’ प्रत्यय
कृत प्रत्ययवे प्रत्यय जो क्रिया या धातु के अंत में लगकर एक नए शब्द बनाते हैं, उन्हें कृत प्रत्यय कहा जाता है। जैसे – जैसे –
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कृत् प्रत्यय के भेद1. कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय
कर्तृवाचक कृत् प्रत्ययकर्ता का बोध कराने वाले प्रत्यय कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय कहलाते है।
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कर्मवाचक कृत् प्रत्ययकर्म का बोध कराने वाले प्रत्यय कर्मवाचक कृत् प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे –
करणवाचक कृत् प्रत्ययकरण यानी साधन का बोध कराने वाले प्रत्यय करणवाचक कृत् प्रत्यय कहलाते हैं।
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भाववाचक कृत् प्रत्ययक्रिया के व्यापार या भाव का बोध कराने वाले प्रत्यय भाववाचक कृत् प्रत्यय कहलाते हैं।
क्रियाद्योतक कृत् प्रत्ययजिन कृत् प्रत्ययों के योग से क्रियामूलक विशेषण, रखनेवाली क्रिया का निर्माण होता है, उन्हें क्रियाद्योतक कृत् प्रत्यय कहते हैं।
तद्धित प्रत्ययसंज्ञा सर्वनाम और विशेषण के अन्त में लगने वाले प्रत्यय को ‘तद्धित’ कहा जाता है और उनके मेल से बने शब्द को ‘तद्धितान्त’। कृत-प्रत्यय क्रिया या धातु के अन्त में लगता है, जबकि तद्धित प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण के अन्त में। तद्धित और कृत-प्रत्यय में यही अन्तर है। उपसर्ग की तरह तद्धित-प्रत्यय भी तीन स्रोतों- संस्कृत, हिंदी और उर्दू से आकर हिन्दी शब्दों की रचना में सहायक हुए है। मूल शब्द के अंत में लगने वाला शब्द क्या कहलाता है?प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं। प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – प्रति + अय। प्रति का अर्थ होता है 'साथ में, पर बाद में" और अय का अर्थ होता है "चलने वाला", अत: प्रत्यय का अर्थ होता है साथ में पर बाद में चलने वाला।
मूल शब्द के आगे लगने वाले शब्दांश को क्या कहते हैं?शब्दांश या अव्यय जो किसी शब्द के पहले आकर उसका विशेष अर्थ बनाते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।
मूल शब्द के अंत में लगकर नया शब्द बनाते हैं वह क्या कहलाते हैं?वे उपसर्ग कहलाते है!
क्रिया या मूल धातु के अंत में जो शब्दांश जुड़कर संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का निर्माण करते हैं,वे उपसर्ग कहलाते हैं। ब- जो प्रत्यय धातुओं या क्रियाओं को छोड़कर संज्ञा ,विशेषण ,सर्वनाम आदि शब्दों के अंत में लगकर नए शब्दों की रचना करते हैं,वे तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
मूल शब्द के पीछे लगने वाले शब्द को क्या कहते हैं?जो शब्दांश किसी मूल शब्द के पीछे या अन्त मेँ जुड़कर नवीन शब्द का निर्माण करके पहले शब्द के अर्थ मेँ परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न कर देते हैँ, उन्हेँ प्रत्यय कहते हैँ।
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