दोस्तों हिन्दू धर्मग्रंथों में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से जुडी कई कथाएं पढ़ने और सुनने को मिलती है। ऐसा माना जाता है की भगवान विष्णु ने कृष्णा अवतार में ही सबसे अधिक लीलाएं की इसलिए भगवान श्रीकृष्ण को लीलाधर नाम से भी पूजा जाता है। भगवान कृष्ण बचपन में जहाँ वृज में लोगों के घर से माखन चुरा कर खा लिए करते थे तो वहीँ शास्त्रों में ये भी वर्णन किया गया है की वे जब युवा हुए तो नदी में नहाते हुए गोपियों के वस्त्र चुरा लिए करते थे। और अधिकतर जनमानस आज भी यही समझते है की श्री कृष्ण नटखटता में गोपियों को तंग करने के उद्देश्य से उनका वस्त्र चुरा लिए करते थे लेकिन ऐसा नहीं था बल्कि वास्तव में वे गोपियों को ज्ञान देने के लिए ऐसा किया करते थे जिसका वर्णन हिन्दू धर्मशास्त्रों में किया गया है। Show यह भी पढ़ें – पूतना के अलावा श्री कृष्ण इन असुरों का किया था वध पदमपुराण में वर्णित कथा के अनुसार एक दिन गोपियां जब अपने वस्त्र उतार कर नदी में स्नान करने जल में उतरी तो वहीँ भगवान श्रीकृष्ण एक पेड़ पर बैठकर ये सारा दृश्य देख रहे होते हैं। कुछ देर बाद जब गोपियाँ नहाने में मग्न हो गयी तो श्री कृष्ण चुपके से गोपियों के वस्त्र चुराकर पेड़ पर छुप गए। उधर जब गोपियाँ स्नान कर नदी से बाहर निकलने को हुई तो वे अपने वस्त्रों को नदी के तट पर ना पाकर चिंतित हो उठी और सभी अपने अपने वस्त्र ढूंढने लगी। उसी समय गोपियों की नजर छुप कर पेड़ पर बैठे श्री कृष्ण पर पड़ी तो वो सभी श्री कृष्ण से बोली कान्हा तुम्हे हम गोपियों को इस तरह नहाते देखते हुए जरा सी भी लज्जा नहीं आती। तब श्री कृष्ण ने गोपियों से कहा की मुझे लज्जा क्यों आएगी लज्जा तो तुम सभी को आनी चाहिए जो इस तरह निर्वस्त्र हो कर नाहा रही हो। फिर गोपियों उनसे बोली कान्हा हमसे गलती हो गयी अब ये बताओ की तुमने हम सभी के वस्त्र चुराकर कहाँ रखा है। तब श्री कृष्ण पहले तो चोरी की बात से इंकार करते हैं परन्तु गोपियों के बार बार अनुरोध करने पर उन्हें बताया की कन्याओं तुम्हारे वस्त्र इसी वृक्ष पर हैं पानी से निकलकर ले जाओ। तब गोपियाँ निेर्वस्त्र होने के कारण जल से बाहर आने में अपनी असमर्थता जताते हुए बोली हम सभी तो नितर्वस्त्र हैं ऐसे में हम जल से बाहर कैसे आ सकते हैं। यह भी पढ़ें – श्री कृष्ण ने कैसे दूर किया बाणासुर का अहंकार तब श्री कृष्ण ने कहा की जब तुमलोग नदी में स्नान करने के लिए गई थी तब भी तो तुमसभी निर्वस्त्र ही थी फिर अब नदी से बाहर आने में लज्जा क्यों आ रही है ? तब गोपियाँ बोली की कान्हा जब हम सभी नदी में स्नान करने आईं थी तो उस समय यहां कोई नहीं था।ये बात सुनकर श्रीकृष्ण कहते हैं तुमलोगों ने ये कैसे सोच लिया की यहाँ उस समय कोई नहीं था। क्यूंकि मैं तो हर पल हर जगह मौजूद होता हूं। और हाँ उस समय मेरे आलावा यहाँ आसमान में उड़ते पक्षि्यों और जमीन पर चलने वाले जीवों ने तुम्हें निंर्वस्त्र देखा। तुम नि़र्वस्त्र होकर जल में गईं तो जल में मौजूद जीवों ने तुम्हें निंर्वस्त्र देखा और तो और जल में नग्न होकर प्रवेश करने से जल रूप में मौजूद वरुण देव ने भी तुम्हें नग्न देखा।साथ ही तुम्हारे पूर्वजों ने भी तुम्हे इस अवस्था में देखा है। क्यूंकि पुराणों में बताया गया है की स्नान करते समय हम सभी के पितर यानी हमारे पूर्वज हम सभी के आस-पास होते हैं और वस्त्रों से गिंरने वाले जल को ग्रहण करते हैं, जिनसे उनकी तृप्ति मिलती है। नितर्वस्त्र स्नान करने से पिंतर अतृप्त होकर नाराज होते हैं जिनसे व्यक्ति का तेज, बल, धन और सुख नष्ट होता है। इसलििए कभी भी नि्र्वस्त्र होकर स्नान नहीं करना चाहिए। भगवान कृष्णा के मुस्लिम भक्त हरिदास की कथा – जानने के लिए यहां क्लिक करें। उसके बाद श्री कृष्ण गोपियों को वस्त्र लौटते हुए कहते हैं की कन्याओं जब तक मनुष्य शरीर शर्म रुपी इस माया के बंधन में बंधा हुआ रहता है, तब तक वह मोक्ष को प्राप्त नहीं कर सकता।लेश मात्रा भी मायाबद्ध रहने से मनुष्यों का बैकुंठ धाम में प्रवेश करना असंभव है। और यही समझाने के लिए मैंने तुम्हारे वस्त्र चुराए थे। NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 पदThese Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 पद. प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) प्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8. गोपियाँ प्रेम के बदले योग-संदेश भेजने को कृष्ण की मूर्खता या चालाकी मानती हैं। कभी वे कृष्ण को बुद्ध बनाती हुई कहती हैं-‘बढी बुद्धि जानी जो उनकी, जोग-सँदेस पठाए। कभी वे आरोप लगाती हुई कहती हैं-‘हरि हैं राजनीति पढ़ि आए। प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12.
रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 13.
प्रश्न 14. प्रश्न 15. पाठेतर सक्रियता • प्रस्तुत पदों की सबसे बड़ी विशेषता है गोपियों की ‘वाग्विदग्धता’ । आपने ऐसे और चरित्रों के बारे में पढ़ा या सुना होगा जिन्होंने अपने वाक्चातुर्य के आधार पर अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई ; जैसे-बीरबल, तेनालीराम, गोपालभाँड, मुल्ला नसीरुद्दीन आदि। अपने किसी मनपसंद चरित्र के कुछ किस्से संकलित कर एक अलबम तैयार करें। Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. गोपियाँ कृष्ण से नाराज क्यों थी?गोपियाँ कह रही थीं कि श्रीकृष्ण के प्रति उनका प्रेम था और उन्हें पूर्ण विश्वास था। | कि उनके प्रेम की मर्यादा का निर्वाह श्रीकृष्ण की ओर से भी वैसा ही होगा जैसा उनका है। इसके विपरीत कृष्ण ने योग-संदेश भेजकर स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने प्रेम की मर्यादा को नहीं रखा।
कृष्ण भगवान की कितनी गोपी थी?पुराणों के अनुसार श्री कृष्ण की 16 हजार 108 रानियां थीं. महाभारत के अनुसार श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण कर उनके साथ विवाह रचाया था. विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मणि भगवान कृष्ण से प्रेम करती थी और उनसे विवाह करना चाहती थीं, लेकिन रुक्मणि के अलावा भी कृष्ण की 16107 पत्नियां थीं.
गोपियां अपने कृष्ण को क्या बताती हैं *?Solution. गोपियों ने अपने लिए कृष्ण को हारिल की लकड़ी के समान इसलिए बताया है क्योंकि जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पंजे में दबी लकड़ी को आधार मानकर उड़ता है उसी प्रकार गोपियों ने अपने जीवन का आधार कृष्ण को मान रखा है।
गोपियों ने कृष्ण की मूर्ति क्यों छुपाई?वह जब देखो अपनी मुरली की तान द्वारा मधुर धुन छोड़ते रहते हैं। वे उनकी अदाओं की तरफ ध्यान भी नहीं देते। इस उपेक्षा का कारण वे मुरली को मानती थीं, इसलिये गोपियों ने कृष्ण की मुरली के प्रति ईर्ष्या की भावना रखने के कारण कृष्ण की मुरली छुपाई।
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