लेखक ने कथा का प्रारंभ गधे और बैल का उदाहरण लेकर क्यों किया और समाज की किस परिस्थिति का चित्रण किया है? - lekhak ne katha ka praarambh gadhe aur bail ka udaaharan lekar kyon kiya aur samaaj kee kis paristhiti ka chitran kiya hai?

“दो बैलों की कथा’ पाठ में लेखक ने ‘सीधेपन’ के संबंध में क्या कहा है? इसके लिए उसने क्या-क्या उदाहरण दिए हैं?

‘दो बैलों की कथा’ पाठ में लेखक प्रेमचंद ने ‘सीधेपन’ को इस संसार के लिए उचित नहीं बताया है। इसके लिए उसने गधे और बैलों के सीधेपन का उदाहरण देते हुए दर्शाया है कि अपने सीधेपन के लिए गधा मूर्ख के अर्थ में रूढ़ बन गया है तथा बैल को ‘बछिया का ताऊ’ कहा जाने लगा है। इस पाठ में भी हीरा-मोती के सीधेपन के कारण उन पर अत्याचार किया जाता है परंतु उनके सींग चलाते या अत्याचार का विरोध करते ही उन पर किया जाने वाला अत्याचार कम हो जाता है। इसी तरह अपनी सहनशीलता के कारण भारतीय अफ्रीका और अमेरिका में सम्मान नहीं पाते जबकि जापान ने युद्ध में विजय पाते ही दुनियाभर में सम्मान प्राप्त किया।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 A)

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प्रेमचंद जी ने कथा का प्रारंभ गधे और बैल का उदाहरण लेकर क्यों किया और समाज की किस परिस्थिति का चित्रण किया है?

यहाँ प्रेमचंद किसान के सबसे करीबी पशुओं के माध्यम से कथा का निर्माण करते हैं जिसमें दो बैल और उनका जीवन- संघर्ष आया है। साधारण किसानों का जीवन और उनके सुख-दुख भी इन बैलों के माध्यम से समझे जा सकते हैं। प्रेमचंद ने लिखा है, 'वह साहित्य चिरायु हो सकता है जो मनुष्य की मौलिक प्रवृत्तियों पर अवलम्बित हो।

लेखक ने बैल का स्थान गधे से नीचा क्यों माना है?

Answer: क्योंंकि बैल विरोध करना जानता है , किंतु गधा विरोध नहीं करता । उसके साथ कैसा भी विरोध करो वह चुपचाप सह लेता है । इस कारण ही प्रेमचंद ने बैल को गधे से नीचा कहा है ।

लेखक प्रेमचंद ने गधे को क्या कहा है?

लेखक ने मूक पशुओं की एक दूसरे के प्रति सद्भावनाओं तथा स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष का भी स्वाभाविक वर्णन किया है। प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे को सीधा , सहनशील, क्रोधी, सुख दुख में समभाव से रहने वाला प्राणी बताते हुए उसे ऋषि-मुनियों के सद्गुणों से युक्त बताया है