पश्चिमी घाट में क्या पाया जाता है? - pashchimee ghaat mein kya paaya jaata hai?

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सदाबहार वन भारत के पश्चिमी घाट पर खासतौर पर पाया जाता है तथा उत्तर - पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र में तथा अंडमान निकोबार द्वीप समूहों पर पाया जाता है।

नीलगिरी पर्वत भारत के पश्चिमी घाट की एक पर्वतमाला है।

यह तमिलनाडु राज्य में स्थित है।

यह तमिलनाडु राज्य में स्थित है। इसका कुछ हिस्सा कर्नाटक और केरल में भी पाया जाता है।

इसकी सबसे ऊंची चोटी दोद्दाबेटा है। (ऊंचाई - 2637 मी.) है।

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UPSSSC Junior Assistant Official Paper 1 (Held On 4 Jan 2020 Shift 1)

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Last updated on Oct 4, 2022

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Homeभारत का भूगोलभारत का पश्चिमी घाट

भारत का पश्चिमी घाट

भारत के प्रमुख घाट (भारत के तटीय क्षेत्र या मैदान)

भारत में घाट के प्रकार-
➧भारत में घाट को दो भागों में बांटा गया है। जैसे-

1. पूर्वी घाट
2. पश्चिमी घाट


2. पश्चिमी घाट-

➧पश्चिमी घाट को सह्माद्री घाट या सह्माद्री भी कहते है।
➧भारत में हिमालय के बाद दूसरी सबसे लम्बी पर्वतमाला पश्चिमी घाट ही है।


जैव विविधता-
➧जैव विविधता की परिभाषा- जीव जन्तुओं में पाई जाने वाली विभिन्नता को जैव विविधता कहते है।
➧भारत में सर्वाधिक जैव विविधता हिमालय में पायी जाती है।
➧हिमालय के बाद भारत में सर्वाधिक जैव विविधता पश्चिमी घाट में पायी जाती है।

पर्वतीय वर्षा-
➧भारत में सर्वाधिक पर्वतीय वर्षा होती है।
➧भारत में पश्चिमी घाट पर्वतीय वर्षा के लिए प्रसिद्ध है।

मेघालय-
➧भारत में सर्वाधिक वर्षा मेघालय में होती है।
➧भारत में सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान मेघालय का मौसिनराम है। जिसका मुख्य कारण गारो, खासी या जयंतिया पहाड़ियों की अत्यधिक ऊंचाई एवं अत्यधिक धारदार होने के कारण होती है।
➧मेघालय के मौसिनराम में सर्वाधिक वर्षा बंगाल की खाड़ी वाले मानसून से होती है।

पश्चिमी घाट के भाग-
➧पश्चिमी घाट को कुल 4 भागों में बांटा गया है। जैसे-
(1) काठियावाड़ तट
(2) कोंकण तट
(3) कन्नड़ तट
(4) मालाबार तट

(1) काठियावाड़ तट-
➧काठियावाड़ तट का विस्तार गुजरात की सोराष्ट्र नामक जगह से लेकर गुजरात की सुरत नामक जगह तक पड़ता है।
➧काठियावाड़ तट को गुजरात तट के नाम से भी जाना जाता है।

कच्छ की खाड़ी तथा खम्भात की खाड़ी-
➧कच्छ की खाड़ी तथा खम्भात की खाड़ी दोनों खाड़िया काठियावाड़ तट पर गुजरात में स्थित है।

काण्डला बंदरगाह-
➧काण्डला बंदरगाह काठियावाड़ तट पर गुजरात में स्थित है।
➧काण्डला बंदरगाह भारत में एक ज्वारीय बंदरगाह है।
➧काण्डला बंदरगाह भारत में रसायनिक बंदरगाह के नाम से भी जाना जाता है।

ज्वार भाटा-
➧समुद्र की लहरों का दिन में दो बार उपर नीचे होना ही ज्वार भाटा कहलाता है।
➧ज्वार भाटा आने का कारण सर्य, पृथ्वी तथा चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण आता है।
➧भारत का सबसे ऊंचा ज्वार भाटा काण्डला बंदरगाह (ओखा तट, गुजरात) में आता है।
➧विश्व का सबसे ऊंचा ज्वार भाटा फण्डी की खाड़ी में आता है।
➧फण्डी की खाड़ी कनाडा व अमेरिका के बीच स्थित है।

सरक्रीक (गुजरात)-
➧गुजरात का सरक्रीक क्षेत्र काठियावाड़ तट पर स्थित है।
➧गुजरात का सरक्रीक क्षेत्र दलदली क्षेत्र है।
➧गुजरात का सरक्रीक क्षेत्र भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित क्षेत्र माना जाता है।

(2) कोंकण तट-
➧कोंकण तट का विस्तार गुजरात की सुरत जगह से लेकर गोवा तक पड़ता है।
➧कोंकण तट को महाराष्ट्र का तट भी कहते है।

मुम्बई-
➧मुम्बई को भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते है।
➧मुम्बई कोंकण तट पर साल्सेट द्वीप पर स्थित है।

मुम्बई बंदरगाह-
➧मुम्बई बंदरगाह भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है।
➧मुम्बई बंदरगाह कोंकण तट पर स्थित है।

न्यूयाॅर्क बंदरगाह-
➧न्यूराॅर्क बंदरगाह विश्व का सबसे बड़ा बंदरगाह है।
➧न्यूराॅर्क बंदरगाह अमेरिका में स्थित है।
➧न्यराॅर्क बंदरगाह तथा न्यूराॅर्क शहर हड़सन नदी के किनारे स्थित है।

हड़सन की खाड़ी-
➧हड़सन की खाड़ी विश्व की सबसे बड़ी खाड़ी है।
➧हड़सन की खाड़ी कनाडा तथा अमेरिका के बीच स्थित है।

बंगाल की खाड़ी-
➧बंगाल की खाड़ी भारत की सबसे बड़ी खाड़ी है।

खम्भात की खाड़ी (गुजरात)-
➧खम्भात की खाड़ी भारत की सबसे पश्चिमी खाड़ी है।
➧खम्भात की खाड़ी गुजरात में स्थित है।

मन्नार की खाड़ी-
➧मन्नार की खाड़ी भारत की सबसे दक्षिणी खाड़ी है।
➧मन्नार की खाड़ी रामेश्वरम द्वीप (भारत) व जाफना द्वीप (श्रीलंका) को जोड़ती है।

आम्र वर्षा-
➧भारत में सर्वाधिक चक्रवाती वर्षा कोंकण तट पर होती है जो की आम्र वर्षा या फुलों की बौछार वाली वर्षा के नाम से जानी जाती है।

(3) कन्नड़ तट-
➧कन्नड़ तट का विस्तार गोवा से लेकर मंगलौर (कर्नाटक) तक पड़ता है।
➧कन्नड़ तट को केनरा तट के नाम से भी जाना जाता है।

पणजी-
➧पणजी गोवा की राजधानी है।
➧पणजी कन्नड़ तट पर माण्डवी नदी के किनारे स्थित है।

मंगलौर बंदरगाह (न्यू बंदरगाह)-
➧मंगलौर बंदरगाह भारत का सबसे छोटा प्राकृतिक बंदरगाह है।
➧मंगलौर बंदरगाह कन्नड़ तट पर कर्नाटक में स्थित है।

मार्मागोवा बंदरगाह-
➧मार्मागोवा बंदरगाह कन्नड़ तट पर गोवा में स्थित है।
➧मार्मागोवा बंदरगाह भारत में लौह निर्यात के लिए प्रसिद्ध है।

(4) मालाबार तट-
➧मालाबार तट का विस्तार मंगलौर (कर्नाटक) से लेकर कन्याकुमारी (तमिलनाडु) तक पड़ता है।
➧भारत के पश्चिमी घाट को मालाबार तट के नाम से भी जाना जाता है।

मोनाजाइट-
➧मोनाजाइट थोरियम का अयस्क है।
➧मोनाजाइट अयस्क सर्वाधिक मात्रा में मालाबार तट पर पाया जाता है।

धनुषकोडी बंदरगाह-
➧धनुकोडी बंदरगाह मालाबार तट पर केरल में स्थित है।

अलेप्पी बंदरगाह-
➧अलेप्पी बंदरगाह मालाबार तट पर केरल में स्थित है।

कोचीन बंदरगाह-
➧कोचीन बंदरगाह मालाबार तट पर केरल में स्थित है।

वेम्बनाड झील-
➧वेम्बनाड झील मालाबार तट पर केरल में स्थित है।
➧वेम्बनाड झील भारत में नौकायान प्रतियोगिता के लिए प्रसिद्ध है।

नीलगिरी की पहाड़ी-
➧पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट का मिलन नीलगिरी की पहाड़ी में ही होता है।
➧नीलगिरी की पहाड़ी तमिलनाडु में स्थित है।

अन्नाईमुडी चोटी-
➧भारत में पश्चिमी घाट की सबसे ऊंची चोटी अन्नाईमुडी चोटी है।
➧अन्नाईमुडी चोटी तमिलनाडु में स्थित है।
➧अन्नाईमुडी चोटी की कुल ऊंचाई 2696 मीटर है।

कार्डमम की पहाड़ी-
➧कार्डमम की पहाड़ी भारत की सबसे दक्षिणतम पहाड़ी है।
➧कार्डमम की पहाड़ी तमिलनाडु में स्थित है।
➧कार्डमम की पहाड़ी को इलायची की पहाड़ियां या इल्लामलाई की पहाड़ियां भी कहते है।


पश्चिमी घाट क्यों प्रसिद्ध है?

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत श्रृंखला को पश्चिमी घाट या सह्याद्रि कहते हैं। दक्‍कनी पठार के पश्चिमी किनारे के साथ-साथ यह पर्वतीय श्रृंखला उत्‍तर से दक्षिण की तरफ 1600 किलोमीटर लम्‍बी है। विश्‍व में जैविकीय विवधता के लिए यह बहुत महत्‍वपूर्ण है और इस दृष्टि से विश्‍व में इसका 8वां स्थान है।

पश्चिमी घाट में कौन से पेड़ पाए जाते हैं?

आर्द्र पर्णपाती वन उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहाँ वर्षा 100 से 200 सेंटीमीटर होती है। ये वन उत्तर-पूर्वी राज्यों और हिमालय के गिरीपद, पश्चिमी घाट के पूर्वी ढालों और ओडिशा में उगते हैं । सागवान, साल, शीशम, हुर्रा, महुआ, आँवला, सेमल, कुसुम और चंदन आदि प्रजातियों के वृक्ष इन वनों में पाए जाते हैं

पश्चिमी घाट में कौन सा जानवर पाया जाता है?

तोता, चील, कबूतर, चिडिया भी हैं खास भारत में एक ऐसा तोता पाया जाता है, जिसके नीले पंख होते हैं इसे मालाबार पाराकीट कहते हैं। यह तोता दक्षिणी भारत के पश्चिमी घाट पर पाया जाता है।

भारत में पश्चिमी घाट के दक्कन क्यों सोचते हैं?

लगभग 1600 किमी लंबे खंड में ये पहाड़ 140,000 वर्ग किलोमीटर के भूभाग को आच्छादित करते हैं, जिसमें लगभग 11° N पर पालघाट गैप मात्र 30 किमी तक ही अवरोध डालता है। इस बृहद हिमालयी पर्वत-श्रृंखला से अधिक पूराने, भारत के इन पश्चिमी घाटों में आत्यंतिक वैश्विक महत्व की दृष्टि से एक भौगोलिक वैशिष्ट्य है।