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आपने कई लोगों के हाथ-पैर या शरीर के किसी हिस्से पर एक नरम या कोमल गांठ देखी होगी, जिसमें दर्द नहीं होता है। लिपोमा एक गोल या अंडाकार गांठ होता है जो त्वचा के ठीक नीचे बढ़ती है। यह फैट से बनी होती और इसे छूने पर आसानी से हिल सकती है। आमतौर पर इसमें दर्द नहीं होता है। लिपोमा की गांठ शरीर के किसी भी हिस्से में बन सकती है लेकिन पीठ, धड़, हाथ, कंधे और गर्दन पर सबसे ज्यादा बनती है। वास्तव में यह सॉफ्ट टिश्यू ट्यूमर हैं। वे धीरे-धीरे बढ़ते हैं और कैंसर का कारण नहीं बनते। अधिकांश लिपोमा को उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। अगर अप इसे हटवाना चाहते हैं, तो डॉक्टर इसे आसानी से हटा सकते हैं। लिपोमा की गांठ का ज्यादा खतरा किसे है (Lipoma risk factors)लिपोमा बहुत आम है। एक रिपोर्ट के अनुसार, हर 1,000 लोगों में से लगभग 1 को लिपोमा होता है। लिपोमा अक्सर 40 और 60 की उम्र के बीच दिखाई देते हैं, लेकिन वे किसी भी उम्र में हो सकते हैं। वे जन्म के समय भी उपस्थित हो सकते हैं। लिपोमा सभी लिंगों के लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन वे महिलाओं में थोड़ा अधिक आम हैं। लिपोमा के लक्षण क्या हैं (Symptoms of Lipoma)लिपोमा आमतौर पर दर्दनाक नहीं होते हैं। बहुत से लोग जिन्हें लिपोमा होता है, उन्हें कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है। राहत की बात यह है कि लिपोमा अपने आसपास के ऊतकों में नहीं फैलते हैं। हालांकि कई मामलों में आपको दर्द और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इनका आकार गोल या अंडाकार होता है। इस तरह की गांठ का साइज 2 इंच से छोटा होता है लेकिन कई बार इस तरह की गांठ 6 इंच से अधिक चौड़ी हो सकती है। लिपोमा की गांठ के कारण (Causes of Lipoma)लिपोमा की गांठ के क्या कारण हैं, इस बारे में पर्याप्त सबूत नहीं हैं। यह किसी को जेनेटिक हो सकती है। कुछ स्थितियों के कारण शरीर पर कई लिपोमा बन जाते हैं। इनमें शामिल हैं- डर्कम रोग जोकि एक दुर्लभ विकार दर्दनाक लिपोमा को बढ़ने का कारण बनता है। इसके अलावा गार्डनर सिंड्रोम, जेनेटिक मल्टिपल लिपोमैटोसिस और , मैडेलुंग डिजीज इसका कारण बन सकते हैं। लिपोमा के लिए घरेलू उपचार (Lipoma home remedies)इसके लिए 1) हल्दी का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह हल्दी में यौगिक करक्यूमिन है जो लिपोमा से निपटने में मदद करता है। लिपोमा पर हल्दी का पेस्ट लगाया जा सकता है। इसके लिए 2) सेज भी फायदेमंद है। इस जड़ी बूटी में ऐसे गुण होते हैं, जो फैट को कम करते हैं। सेज के अर्क को लिपोमा पर लगाने से लिपोमा को घुलने में मदद मिल सकती है। आप 3) थूजा ऑक्सिडेंटलिस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इस जड़ी बूटी का उपयोग त्वचा पर और उसके नीचे गांठ के लिए किया जाता है। इसे लिपोमा का होम्योपैथिक उपचार माना जा सकता है। आपको पानी में थूजा का अर्क मिलाना होगा और इसे लिपोमा पर लगाना होगा। आपको पेस्ट को हर दिन लगभग 3 बार लगाने की जरूरत है। डिस्क्लेमर: यह लेख
केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें वजन बढ़ने या मोटापा होने, हाई कोलेस्ट्रॉल या डायबिटीज से पीड़ित होने, उम्र बढ़ने, ग्लूकोज इन्टॉलरेंस या लिवर डिजीज होने पर आपके शरीर में काफी बीमारियां पैदा होती हैं। लिपोमा भी उन्हीं में से एक है। ज्यादातर मामलों में यह 40-60 वर्ष के लोगों में पाया जाता है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है।
लीपोमा क्या है?लिपोमा त्वचा के अंदर बनने वाली एक सौम्य गांठ है। यह एक जगह एक्स्ट्रा फैट जमा होने के कारण होता है। लिपोमा शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह गर्दन, छाती, पीठ, कंधा, कुल्हा, जांघ और बांह में देखा जाता है। विशेषज्ञ का कहना है कि कुछ मामलों में लिपोमा शरीर के अंदर भी विकसित हो सकता है। इसे पढ़ें: जाने किन हस्तियों ने करवाई है लिपोसक्शन सर्जरी लिपोमा किसी प्रकार का कैंसर नहीं है। आमतौर पर इससे शरीर को कोई परेशानी भी नहीं होती है। कुछ मामलों में इसके इलाज की जरूरत भी नहीं पड़ती है। लेकिन अगर आप लिपोमा से परेशान हैं या इसमें दर्द महसूस होता है तो आपको डॉक्टर से मिलकर इसका उचित इलाज कराना चाहिए। लिपोमा के कारण दर्द और परेशानी होने पर इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। अधिकतर मामलों में एक व्यक्ति को 1-2 लिपोमा होते हैं, लेकिन दुर्लभ मामलों में किसी व्यक्ति को 4-5 या इससे भी अधिक लिपोमा हो सकते हैं। लिपोमा के कारणविशेषज्ञ का कहना है कि लिपोमा के सही कारणों का अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह आनुवंशिक होता है। इसके अलावा, लिपोमा के कुछ संभावित कारण हैं जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं।
विशेषज्ञ डॉक्टर का कहना है कि कुछ खास मेडिकल कंडीशन के कारण भी लिपोमा होने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें निम्नलिखित मेडिकल कंडीशन शामिल हैं।
लिपोमा के लक्षणलिपोमा के कुछ खास लक्षण होते हैं जिनकी मदद से आपको इस बात का अंदाजा लग सकता है कि आपको लिपोमा है। आमतौर पर लिपोमा एक छोटी और मुलायम गांठ के रूप में दिखाई देता है। इस गांठ की चौड़ाई लगभग 1-2 इंच होती है।
अगर आप अपने शरीर के किसी भी हिस्से में लिपोमा या ऊपर बताए गए लक्षणों को अनुभव करते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए। लिपोमा होने पर डॉक्टर से कब मिलें?हालांकि, लिपोमा कोई गंभीर या जानलेवा बीमारी नहीं है। फिर भी कुछ मामलों में आपको बिना देरी डॉक्टर से मिलकर इसका उचित इलाज करवाना चाहिए जैसे कि:-
अगर आप ऊपर बताई गई बातों को खुद में अनुभव करते हैं तो बिना समय बर्बाद किए डॉक्टर से मिलें। विशेषज्ञ का मानना है कि कुछ दुर्लभ मामलों में लिपोमा कैंसर का रूप भी धारण कर सकता है, जिसे लिपोसरकोमा के नाम से जाना जाता है। लिपोमा का इलाजआमतौर पर लिपोमा के इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन अगर आपको इससे परेशानी है तो आप एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श कर इसका उचित जांच और इलाज करवा सकते हैं। जैसा कि कुछ मामलों में लिपोमा कैंसर का रूप ले सकता है, इसलिए डॉक्टर इलाज से पहले इसका प्रॉपर निरीक्षण करते हैं। लिपोमा का इलाज एक डर्मेटोलॉजिस्ट या प्लास्टिक सर्जन के द्वारा किया जाता है। इसका इलाज कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:-
लिपोमा का इलाज कई तरह से किया जा सकता है। इसके इलाज के विकल्प निम्नलिखित हैं:-
सर्जरी को लिपोमा का सबसे बेहतरीन इलाज माना जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान सर्जन लिपोमा को बड़ी ही आसानी से बाहर निकाल देते हैं। सर्जरी उन लोगों के लिए सबसे सटीक इलाज है, जिन्हे एक से अधिक लिपोमा हैं और उनका विकास काफी तेजी से हो रहा है। लिपोमा की सर्जरी को एनेस्थीसिया के प्रभाव में किया जाता है। इसलिए इस सर्जरी के दौरान मरीज को जरा भी दर्द या दूसरी किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
इस प्रक्रिया की मदद से भी लिपोमा का बेहतर इलाज किया जा सकता है। लिपोसक्शन के दौरान डर्मेटोलॉजिस्ट या प्लास्टिक सर्जन एक सर्जिकल वैक्यूम या बड़ी सिरिंज का इस्तेमाल करते हैं। इस सिरिंज में सुई अटैच होती है। लिपोसक्शन को शुरू करने से पहले लिपोमा से प्रभावित क्षेत्र को सुन्न कर दिया जाता है। उसके बाद, लिपोमा में मौजूद फैट को बहुत ही आसानी से बाहर निकाल दिया जाता है।
स्टेरॉयड इंजेक्शन की मदद से भी लिपोमा का इलाज किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को भी एनेस्थीसिया के प्रभाव में किया जाता है, जिसके कारण मरीज को इलाज के दौरान दर्द या दूसरी परेशानियां नहीं होती हैं। स्टेरॉयड इंजेक्शन की मदद से लिपोमा में मौजूद फैट को बाहर निकाल दिया जाता है, जिसके कारण लिपोमा सिकुड़कर छोटा हो जाता है। विशेषज्ञ का मानना है कि स्टेरॉयड इंजेक्शन से लिपोमा का प्रभावशली इलाज नहीं होता है। इससे लिपोमा पूरी तरह से खत्म नहीं होता है। अपने शहर में लिपोमा का बेस्ट इलाज पाएंअगर आपको लिपोमा है और आप दर्द या दूसरी किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना किए मात्र एक दिन इससे छुटकरा पाना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर से संपर्क करें। हमारे क्लिनिक में लिपोसक्शन से लिपोमा का बेहतर इलाज किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान मरीज को जरा भी दर्द या ब्लीडिंग का सामना नहीं करना पड़ता है। हमारे क्लिनिक में लिपोसक्शन के दौरान प्लास्टिक सर्जन लिपोमा में मौजूद फैट को एक सर्जिकल वैक्यूम या सिरिंज और सुई की मदद से बाहर निकाल देते हैं। दूसरे क्लिनिक की तुलना में हमारे क्लिनिक में लिपोमा का इलाज काफी कम खर्च में किया जाता है। इतना ही नहीं, कम से कम खर्च में लिपोमा का बेस्ट इलाज करने के साथ-साथ हम अपने मरीजों को ढेरों सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। और पढ़ें
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें| क्या लिपोमा में दर्द होता है?क्या होता है लिपोमा
लिपोमा एक तरह की चर्बी की गांठ होती है। जो शरीर के किसी भी हिस्से में उभरी हुई सी नजर आती है। ये गांठ कंधे, गर्दन, पीठ, हाथ और पैर कहीं भी हो सकती है। हांलाकि इस गांठ में सामान्यत: दर्द नहीं होता लेकिन कभी-कभी यह दर्द वाली गांठ का रूप ले लेती है।
चर्बी की गांठ में दर्द क्यों होता है?जब पेट में अधिक चर्बी जम जाती है, तो वो गांठ का रूप ले लेती है। इसे ही कुछ लोग गलती से कैंसर तक समझ लेते हैं। जबकि लिपोमा कैंसर पेट का कैंसर नहीं होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि लिवर बढ़ने की वजह से पेट में गांठ की समस्या हो सकती है।
कैंसर की गांठ में दर्द होता है क्या?अधिकतर कैंसर की शुरुआत गांठ से ही होती है. शुरुआती में गांठ छोटा होता है और उसमें दर्द नहीं रहता है तो लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. पर इसे नजरअंदाज न करके तुरत अपने चिकित्सक से इसकी जाँच करानी चाहिए व उचित ईलाज करानी चाहिए.
लिपोमा खतरनाक कब होता है?वजन बढ़ने या मोटापा होने, हाई कोलेस्ट्रॉल या डायबिटीज से पीड़ित होने, उम्र बढ़ने, ग्लूकोज इन्टॉलरेंस या लिवर डिजीज होने पर आपके शरीर में काफी बीमारियां पैदा होती हैं। लिपोमा भी उन्हीं में से एक है। ज्यादातर मामलों में यह 40-60 वर्ष के लोगों में पाया जाता है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है।
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