कहानी का अर्थ परिभाषा विशेषताएँ Show
कहानी का स्वरूप
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कहानी, लघुकथा, लम्बी कहानी
कहानी का अर्थ और परिभाषाकहानी का अर्थ
कहानी की परिभाषा
हडसन के अनुसार कहानी की परिभाषा
पोल के अनुसार,कहानी की परिभाषा
हिन्दी के विद्वानों का कहानी के सन्दर्भ में विचारयहाँ हिन्दी के विद्वानों का कहानी के सन्दर्भ में विचार जानना आवश्यक है। अतः अब हम भारतीय विद्वानों के कहानी संबधी दृष्टिकोण पर विचार करते हैं। मुंशी प्रेमचन्द के अनुसार, “कहानी (गल्प) एक रचना है, जिसमें जीवन के किसी एक अंग या मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश्य रहता है। उसके चरित्र, उसकी शैली तथा कथा - विन्यास सब उसी एक भाव को पुष्ट करते हैं।”
कहानी की विशेषताएँउक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि कहानी में निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं1. कहानी एक कथात्मक संक्षिप्त गद्य रचना है, अर्थात कहानी आकार में छोटी होती है जिसमें कथातत्व की प्रधानता होती है। 2. कहानी में 'प्रभावान्विति' होती है अर्थात् कहानी में विषय के एकत्व प्रभावों की एकता का होना भी बहुत आवश्यक है। 3. कहानी ऐसी हो, जिसे बीस मिनट, एक घण्टा या एक बैठक में पढ़ा जा सके। 4. कौतूहल और मनोरंजन कहानी का आवश्यक गुण है। 5. कहानी में जीवन का यर्थाथ होता है, वह यर्थाथ जो कल्पित होते हुए भी सच्चा लगे । 6. कहानी में जीवन के एक तथ्य का, एक संवेदना अथवा एक स्थिति का प्रभावपूर्ण चित्रण होता है। 7. कहानी में तीव्रता और गति आवश्यक है जिस कारण विद्वानों ने उसे 100 गज की दौड़ कहा है। अर्थात कहानी आरम्भ हो और शीघ्र ही समाप्त भी हो जाए। 8. कहानी में एक मूल भावना का विस्तार आख्यानात्मक शैली में होता है। 9. कहानी में प्रेरणा बिन्दु का विस्तार होता। 10. कहानी की रूपरेखा पूर्णतः स्पष्ट और सन्तुलित होती है। 11. कहानी में मनुष्य के पूर्ण जीवन नहीं बल्कि उसके चरित्र का एक अंग चित्रित होता है, इसमें घटनाएँ व्यक्ति केन्द्रित होती हैं। 12. कहानी अपने आप में पूर्ण होती है। उक्त विशेषताओं को आप ध्यान से बार-बार पढ़कर कहानी के मूल भाव और रचना प्रक्रिया को समझ पायेंगे। इन सब लक्षणों या विशेषताओं को ध्यान में रखकर हम आसान शब्दों में कह सकते हैं कि--“कहानी कथातत्व प्रधान ऐसा खण्ड या प्रबन्धात्मक गद्य रूप है, जिसमें जीवन के किसी एक अंश, एक स्थिति या तथ्य का संवेदना के साथ स्वतः पूर्ण और प्रभावशाली चित्रण किया जाता है। किसी भी कहानी पर विचार करने से पहले उसे पहचानना आवश्यक होता है। आगे के पाठों में हम इस पर और विस्तार से बात करेंगे। कहानी का स्वरूप क्या है?कहानी का स्वरूप
कथा-साहित्य में किसी न किसी घटना क्रम के सन्दर्भ में प्रेम, ईर्ष्या, रहस्य, रोमांच, जिज्ञासा और मनोरंजन संबधी भाव मिले-जुले होते हैं। कहानी का सम्बन्ध सृष्टि के प्रारम्भ से ही जोड़ा जाता है।
कहानी की विशेषता क्या है?उन्होंने लिखा है : ''कहानी (गल्प) एक रचना है, जिसमें जीवन के किसी एक अंग या मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश्य रहता है। उसके चरित्र, उसकी शैली, उसका कथा-विन्यास- सब उसी एक भाव को पुष्ट करते हैं।
कहानी कितने प्रकार के होते हैं?कहानी के भेद (प्रकार). 1 घटनाप्रधान कहानी. 2 चरित्र प्रधान कहानी. 3 वातावरण प्रधान कहानी. कहानी की ऐतिहासिक शैली-. कहानी की आत्मकथात्मक शैली-. कहानी की पत्रात्मक शैली-. कहानी का उद्देश्य क्या है?पहले कहानी का उद्देश्य उपदेश देना और मनोरंजन करना माना जाता है। आज इसका लक्ष्य मानव- जीवन की विभिन्न समस्याओं और संवेदनाओं को व्यक्त करना है। यही कारण है कि प्रचीन कथा से आधुनिक हिन्दी कहानी बिल्कुल भिन्न हो गई उसकी आत्मा बदली है और शैली भी। कहानी के तत्व- मुख्यतः कहानी के छ तत्व माने गये है।
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