क्या डिप्रेशन को जड़ से खत्म किया जा सकता है? - kya dipreshan ko jad se khatm kiya ja sakata hai?

डिप्रेशन एक ऐसा मानिसक रोग है जो दुनिया के एक बहुत बड़े वर्ग को प्रभावित कर रह है । पुरुषों की तुलना में महिलाओं में डिप्रेशन अधिक पाया जाता है । ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज की रिपोर्ट में डिप्रेशन के फैलाव का अनुमान पुरुषों में 1.9 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 3.2 प्रतिशत है और एक साल फैलने के बाद इसका पुरुषों में 5.8 प्रतिशत और महिलाओं में 9.5 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया है । यह अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2020 तक यदि जनसंख्या और इन्फेक्शन बढ़ता रहा तो डिप्रेशन का बोझ 5.7 प्रितिशत तक बढ़ जाएगा और मानसिक विकलांगता ही इसका सबसे बड़ा कारण होगा ।

आज भारत में ही कईं लोग डिप्रेशन के शिकार हैं और ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है । आज यह बात किसी से छुपी नहीं है कि हमारे देश में ही लाखों लगों ने डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या तक कर ली है ।

डिप्रेशन इतना अधिक हो सकता है, यह जानकर ही लोग अब इसके बारे में सचेत हुए हैं और अब वह इसे इग्नोर नहीं कर रहे और इसके अलावा लोग अब चाहते हैं कि डिप्रेशन या अवसाद का इलाज अगर बिना दवाई के हो जाए तो बेहतर है, क्योंकि एक समय ऐसा आता है, जब दवाई इंसान पर हावी हो जाती है और व्यक्ति उनका आदि हो जाता है ।  

इसीलिए इंसान डिप्रेशन से निजात पाने के लिए आयुर्वेद, नैचरोपैथी, योगा आदि कि शरण में भी जा रहा है और इन सबसे उसे चमत्कारी लाभ भी पहुंचा है । 

बिना दवाई कैसे संभव है इलाज ?

पालतु जानवरों के संपर्क में आएं

डिप्रेशन से निजात पाने के लिए यह थेरेपी भी बहुत हद तक सफल रही है । जानवरों में एक विशेष प्रकार का खिंचाव, एक विशेष प्रेमयुक्त गुण होता है, जो डिप्रेशन के रोगी के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है । ऐसा कईं बार देखा गया है कि डिप्रेशन से पीड़ित लोग जब पालतु जानवरों के संपर्क में आए तो उनके मानसिक स्तर पर इसका गहरा प्रभाव हुआ और वह जल्दी रिकवर कर पाए । डिप्रेशन पर कंट्रोल पाने के लिए आपको पालतु जानवरों का साथ फायदा देगा । अगर आप पालतु जानवर रखने में सक्षम नहीं है, तो अपने दोस्त, पड़ोसी के जानवर के साथ वक्त बिता सकते हैं ।

योग है उत्तम

मेडिकल साइंस कभी भी तथ्यों के बिना समर्थन नहीं करता, लेकिन योग और इसके अलग-अलग आसनों पर मेडिकल साइंस ने भी मुहर लगा दी है क्योंकि डिप्रेशन के ऐसे कईं केस जिनपर मेडिकल साइंस फेल हुई, योग कि वजह से चमत्कारी परिणाम देखने को मिले हैं । मेडिटेशन और इसके विभिन्न आयामों की मदद से डिप्रेशन का बिना किसी दवा के इलाज संभव हो पाया है और अभी भी इसपर काफी शोध चल रहा है ।

दोस्तों के साथ समय बिताएं

डिप्रेशन का लेवल चाहे जो भी हो, लेकिन अगर आप डिप्रेशन का अधिकतर वक्त अपने दोस्तों के साथ बीताते हैं, तो संभव हैं कि आप जल्द से जल्द रिकवर करें, क्योंकि दोस्ती वह रिश्ता होता है, जिसके सामने आप अपने असली रुप में होते हो । न झिझक होती है, न शरम और न ही कोई बैचेनी । आप अपने दिल की हर बात उससे बोल सकते हो । दोस्त के साथ वक्त बीताना आत्मविश्वास बढ़ाता है और आपके अंदर पॉजीटिव बदलाव लाता है, जो डिप्रेशन को कंट्रोल कर देते हैं 

वो करें जिसमें मन लगे 

आपको क्या खाना पंसद है, कौन सा खेल पसंद है, क्या घुमना अच्छा लगता है या तैराकी करना या फिर कुछ और जिसे करने को आपका मन बैचेन रहता है । 

डिप्रेशन से बाहर आने का यह भी एक सफलतम इलाज देखा गया है । जो लोग डिप्रैसन के कारण सालों से बदलाव की उम्मीद छोड़ चुके थे, इस तकनीक से स्वंय में बदलाव देख पाए । कुछ लोग पहाड़ों की यात्रा पर गए, कुछ पेंटिग करने लगे, कुछ संगीत की तरफ रुझान होने के कारण उधर चले गए और कुछ लोग भोजन में मग्न हो गए । परंतु कुछ दिनों के बाद उनमें परिवर्तने देखे गए । इसलिए यदि आपके आस-पास कोई डिप्रेशन, उदासीनता या नकारात्मकता का शिकार है, तो उसकी मदद करें ।

यदि आपका कोई परिचित डिप्रेशन से जूझ रहा हैं, तो इसे अनदेखा न करें । इससे पहले की समस्या ज्यादा बड़ी हो जाए, आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और डिप्रेशन का इलाज कराएं ।

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डिप्रेशन एक बहुत ही आम लेकिन गंभीर समस्या है जिससे बाहर आने के लिए व्यक्ति को चिकित्सकीय सहायता की ज़रूरत होती है। डिप्रेशन पागलपन नहीं होता है और डिप्रेशन के अधिकांश मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।

डिप्रेशन से बाहर कैसे निकाला जाए?

अकेले होने पर डिप्रेशन को कैसे हराएं?.
आपको मेडिटेशन करना चाहिए. ... .
प्रकृति और पेड-पौधों से प्यार करना दिमागी शांति के लिए काफी फायदेमंद है. ... .
एक्सरसाइज करने से हमारे दिमाग में हैप्पी हॉर्मोन्स का उत्पादन बढ़ता है. ... .
म्यूजिक सुनना भी एक मददगार टिप है, जो आपके तनाव और अवसाद को कम करने में मदद करता है..

डिप्रेशन का इलाज कितने महीने चलता है?

जवाब- पहली बार अवसाद हुआ है तो दो माह में ठीक हो जाता है, लेकिन दवा लगभग नौ माह चलती है। इस बीच दवा छोडऩी नहीं चाहिए। दोबारा होगा तो दवा लंबी चल सकती है।

लोग डिप्रेशन में क्यों जाता है?

जिंदगी में कभी ना कभी वह पल ज़रूर आता है जिसमें हम उदास और हताश हो जाते हैं। असफलता व संघर्ष के कारण हमें दुख होता है लेकिन यह आम बात है। यदि उस दुख को लेकर हम बैठे रहें और ये निराशा, हताशा, लाचारी आदि कुछ महीनों तक ऐसे ही चलती रहे तो यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। यही डिप्रेशन बन जाता है।