bihar board class 8th biology notes | कोशिकाएँ Show अध्ययन सामग्री―इंट से ईंट जुड़कर छोटी से छोटी तथा बड़ी से बड़ी इमारत का निर्माण हो जाता है यानि ईंट किसी बड़े से बड़े इमारत की संरचनात्मक इकाई मानी जाती है। ठीक उसी प्रकार सजीव जगत के छोटे-छोटे जीव से लेकर मानव तथा इससे भी बड़े जानवर का शरीर भी छोटी-छोटी संरचनात्मक इकाईयों के मिलने से बना है। ये संरचनात्मक इकाइयाँ जीवन संबंधी तमाम क्रिया-कलापों के संचालन का आधार है। सजीवों के इस संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई को कोशिका कहते हैं। कोशिका इतनी छोटी होती है कि हम आप इसे नंगी आँखों से नहीं देख सकते हैं। इसे देखने के लिए एक विशेष यंत्र की आवश्यकता होती है जिसे सूक्ष्मदर्शी कहते हैं। सूक्ष्मदर्शी से कोशिकाओं के आकार को कई गुना बड़ा करके देखा जा सकता है। कोशिका की खोज रॉबर्ट हुक की। यह अपने सरल सूक्ष्मदर्शी के प्रयोग से कोशिका का अध्ययन किया। वस्तुतः सजीवों की जीवित कोशिकाओं एवं उनकी जटिल संरचना संवर्धित सूक्ष्मदर्शी की खोज के बाद ही देखी और समझी जा सकी। सामान्यतः कोशिकाओं का आकार 0.5 माइक्रोमीटर से 20 माइक्रोमीटर तक होता है। कुछ बैक्टीरिया तो मात्र 0.2 माइक्रोमीटर तक होते हैं। मानव शरीर में लाल रक्त कोशिकाएँ सबसे छोटी तथा तंत्रिका कोशिका सबसे बड़ी होती हैं। समस्त सजीव जगत के जीवों के शरीर में पाई जाने वाली कोशिकाओं की संख्या के आधार पर दो भागों में बाँटा गया है। एक कोशिकीय तथा बहुकोशिकीय । एककोशिकीय-अमीबा, पैरामिसियम, यीस्ट आदि। बहुकोशिकीय–मानव, गाय, बिल्ली आदि । बहुकोशिकीय जीवों में कोशिकाओं का विशिष्ट समूह ऊतकों का निर्माण करता है। विभिन्न ऊतक अंगों का तथा अंग, अंग तंत्रों का निर्माण करते हैं। इस प्रकार एक जीव आकार लेता है। कोशिका के आकार का संबंध किसी जीव या पौधे के आकार से न होकर उस कोशिका विशेष के कार्य से होता है। कोशिकाओं की आकृति प्रायः गोल, चपटी, लम्बी, नलिकाकार, बेलनाकार, घनाकार, शाखीय होती हैं। कोशिका : आंतरिक संरचना एवं कार्य कोशिका को आंतरिक संरचना में अलग-अलग चीज होती है। कोई केन्द्रक तो कोई कोशिका आदि कहलाते हैं। यानि कोशिका के तीन मूल घटक होते हैं ―कोशिका झिल्ली, कोशिका द्रव्य तथा केन्द्रक । कोशिका झिल्ली एवं कोशिका भित्ति―प्याज की झिल्ली या जाल को खुरचने में अनेक छोटे-छोटे भाग दिखाई देता है। प्रत्येक भाग एक-दूसरे से एक झिल्ली से अलग है। वास्तव में ये छोटे-छोटे भाग कोशिकाएं हैं। इन कोशिकाओं को अलग करने वाली झिल्ली को कोशिका झिल्ली कहते हैं। यह कोशिका के अन्दर तथा बाहर पदार्थों के आवागमन पर भी नियंत्रण रखती है। कोशिका झिल्ली के ऊपर एक दृढ़ आवरण या सतह होता है जिसे कोशिका भित्ति कहते हैं। जन्तु कोशिका में यह नई पाई जाती है। पौधे को विशेष सुरक्षा और अतिरिक्त दृढ़ता की जरूरत होती है जो उसे कोशिका भित्ति प्रदान करती है। कोशिका द्रव्य तथा केन्द्रक―कोशिका झिल्ली के अंदर जेलीनुमा पदार्थ पाए जाते हैं जिसे कोशिका द्रव्य या साइटोप्लाज्म कहते हैं। वास्तव में कोशिका द्रव्य, कोशिका झिल्ली और केन्द्रक के बीच स्थित होता है। कोशिका द्रव्य में ही अन्य कोशिकीय संघटन यथा माइटोकॉड्रि राइबोसोम, गॉल्गीकाय, रिक्तिकाएँ, लवक आदि पाए जाते हैं। कोशिका के अंदर, कोशिका द्रव्य में प्रायः मध्य भाग में एक गोलाकार संरचना स्थित होती है। जिसे केन्द्रक कहते हैं। केन्द्रक कोशिका का एक महत्वपूर्ण भाग होते हैं केन्द्रक एक सघन संरचना है। इसके अंदर भी गाढ़ा जेलीनुमा द्रव्य होता है जिसे केन्द्रक द्रव्य कहते हैं। केन्द्रक के अंदर एक छोटी संरचना दिखाई देती है जिसे केन्द्रिका कहते हैं। जन्तु एवं पादप की कोशिकाओं में अन्तर अभ्यास 1. खाली स्थानों को भरिए- (क)………….एक विशेष यंत्र है जिससे सूक्ष्मजीवों एवं कोशिकाओं को देखा जाता है। (ख) कोशिका सजीवों की………..और…………. इकाई है। (ग) ………….और ………….कोशिका के भाग हैं। (घ) कोशिकाभित्ति……….. कोशिकाओं में पाई जाती है। (च) कोशिका की खोज ………. ने की। उत्तर-(क) सूक्ष्मदर्शी, (ख) संरचनात्मक, क्रियात्मक, (ग) कोशिका द्रव्य, केन्द्रक, (घ) पादप, (च) रॉबर्ट 2. सही या गलत का निशान लगाइए- (क) सजीव कोशिका से बने हैं। (√) (ख) सभी कोशिकाओं में कोशिकाभित्ति पाई जाती है। (×) (ग) केन्द्रक झिल्ली कोशिका द्रव्य एवं केन्द्रक के बीच पदार्थों के आवागमन को नियन्त्रित करती है। (√) (घ) अमीबा बहुकोशिकीय जीव है। (×) उत्तर-(क) सही, (ख) गलत, (ग) सही, (घ) गलत । 3. एक शब्द में उत्तर दें- (क) सजीवों की संरचनात्मक इकाई ……… । (ख) कोशिका में जेलीनुमा संरचना………….। (ग) जन्तु कोशिका का बाहरी आवरण …. । (घ) पत्तियों के हरे रंग के लिए जिम्मेवार लवक ……….. । (ङ) कोशिका द्रव्य के बीच खाली संरचना …………। उत्तर-(क) कोशिका, (ख) कोशिका द्रव्य, (ग) कोशिका झिल्ली, (घ) क्लोरोप्लास्ट, (ङ) केन्द्रक। 4. कोशिका सजीवों की मूलभूत संरचनात्मक इकाई है। क्यों ? उत्तर-कोशिका सभी जीवों की मूलभूत संरचनात्मक एवं कार्यात्मक इकाई होती है। संख्या, आकृति व आकार में कोशिकाएँ न केवल निम्न जीवों में बल्कि एक ही शरीर के विभिन्न अंगों में तरह-तरह की है। एककोशिकीय जीव भी आकृति व आकार में भिन्न होते हैं। कोशिकाओं की आकृति एवं आकार वास्तव में उनके द्वारा सम्पन्न विशेष कार्य से संबंधित होते हैं। जबकि उनकी संख्या शरीर एवं अंगों का आकार बढ़ाने के लिए होती है। अत: छोटे जीवों में कोशिकाएँ सीमित संख्या में होती हैं। मनुष्य में कोशिकाओं की संख्या लगभग 1000 खरब आंकी गई है। कोशिकाएँ पहली बार सन् 1665 ई. में राबर्ट हुक द्वारा खोजी गई। कोशिका एक प्राणदायक पदार्थ से बनी होती है। सन् 1939 ई. में जे.ई. पूरकिंजे ने कोशिका के प्राणदायक पदार्थ को जीवद्रव्य का नाम दिया । जीवद्रव्य जीवन का भौतिक आधार है। इसका 80% भाग जल होता है। इस प्रकार कोशिकाओं के मिलने से सूक्ष्म से सूक्ष्म तथा विशालकाय जीवों का निर्माण होता है। अतः कोशिका सजीव जगत की मूलभूत संरचनात्मक इकाई होती है। 5. जन्तु कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए। उत्तर- 6. पादप कोशिका का नामंकित चित्र बनाइए। उत्तर-
7. जन्तु एवं पादप कोशिका के तीन-तीन समानता और अन्तर को लिखिए। उत्तर-जन्तु एवं पादप कोशिका में अंतर- 8. कोशिकाभित्ति पादप कोशिका का महत्वपूर्ण भाग है। कैसे? उत्तर-कोशिका झिल्ली, कोशिका के अन्दर की संरचनाओं को घेरे रहती है। कोशिका को एक निश्चित आकार प्रदान करती है। यह कोशिका के अंदर तथा बाहर पदार्थों के आवागमन पर भी नियंत्रण रखती है। कोशिका झिल्ली के ऊपर एक दृढ़ आवरण या सतह होती है जिसे कोशिका भित्ति कहते हैं। कोशिका भित्ति सिर्फ पादप में ही पाए जाते हैं। इसी भित्ति के कारण पौधे अनवरत पर्यावरण के विभिन घटकों यथा ताप, दाब, नमी, वायु वेग आदि से प्रभावित होते रहते हैं। ऐसी स्थिति में पौधों को विशेष सुरक्षा और अतिरिक्त दृढ़ता की जरूरत पड़ती है.जो कोशिकाभित्ति उसे प्रदान करती है। 9. निम्न पर संक्षिप्त टिपणी लिखिए। (क) कोशिका द्रव्य, (ख) केन्द्रक । उत्तर-(क) कोशिका द्रव्य–कोशिका झिल्ली के अन्दर जेलीनुमा पदार्थ पाए जाते हैं जिसे कोशिका द्रव्य या साइटोप्लाज्म कहते हैं। कोशिका द्रव्य के अन्दर केन्द्रक होता है जो कोशिका का सबसे महत्वपूर्ण भाग माना जाता है। कोशिका द्रव्य, कोशिका झिल्ली तथा केन्द्रक के बीच स्थित होता है। कोशिका द्रव्य में ही अन्य कोशिकीय संघटन यथा माइटोकॉण्ड्यिा, राइबोसोम, गॉलगीकाय, रिक्तिकाएं लवक आदि पाए जाते हैं। कोशिका द्रव्य भिन्न-भिन्न कोशिकीय क्रियाओं का संपादन करते हैं। इस प्रकार कोशिका द्रव्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कोशिका द्रव्य तथा केन्द्रक द्रव्य कोशिका का जीवित पदार्थ कहते हैं। (ख) केन्द्रक―कोशिका के अंदर कोशिका द्रव्य में प्रायः मध्य भाग में एक गोलाकार संरचना स्थित होती है जिसे केन्द्रक कहते हैं । केन्द्रक कोशिका का एक महत्वपूर्ण भाग होते हैं । यह कोशिका के समस्त क्रियाकलापों का नियंत्रण करता है। कोशिका झिल्ली की तरह केन्द्रक भी एक झिल्ली से घिरा होता है जिसे केन्द्रक झिल्ली कहते हैं। यह झिल्ली केन्द्रक को कोशिका द्रव्य से अलग रखती है। केन्द्रक झिल्ली, कोशिका द्रव्य एवं केन्द्रक के बीच पदार्थों के आवागमन को भी नियंत्रित करती है। केन्द्रक एक सघन संरचना होती है। केन्द्रक के अन्दर भी गाढ़ा जेलीनुमा द्रव्य होता है जिसे केन्द्रक द्रव्य या न्यूक्लियो प्लाज्म कहते हैं। केन्द्रक के अंदर एक छोटी संरचना दिखाई देती है जिसे केन्द्रिका या न्यूक्लियोलस कहते हैं। केन्द्रक कोशिका के सारे कार्यों का संचालन और नियंत्रण करता है तथा जीव के गुणों का निर्धारण भी करता है। यह जीवों के आनुवंशिक गुणों का वाहक होता है। केन्द्रक का गहरा संबंध कोशिका विभाजन से भी होता है। ◆◆◆
कोशिका द्रव्य के बीच खाली संरचना क्या कहलाता है?कोशिका द्रव्य के बीच में एक बड़ी, गोल एवं गाढ़ी संरचना पाई जाती है जिसे केन्द्रक कहते हैं। इसके चारों ओर दोहरे परत की एक झिल्ली होती है, जिसे केन्द्रक कला या केन्द्रक झिल्ली (Nuclear membrane) कहते हैं।
कोशिका के कोशिका द्रव्य को क्या कहते हैं?कोशिका मे कोशिका झिल्ली के अंदर केन्द्रक को छोड़कर सम्पूर्ण पदार्थों को कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) कहते हैं। यह सभी कोशिकाओं में पाया जाता है तथा कोशिका झिल्ली के अंदर तथा केन्द्रक झिल्ली के बाहर रहता है। यह रवेदार, जेलीनुमा, अर्धतरल पदार्थ है। यह पारदर्शी एवं चिपचिपा होता है।
कोशिका द्रव्य का दूसरा नाम क्या है?कोशिका द्रव्य तथा केन्द्रक दोनों को मिलाकर जीवद्रव्य कहते हैं।
कोशिका द्रव्य किसका बना होता है?यह कोशिकाद्रव्य अर्द्ध पारदर्शक चिपचिपा, रंगहीन तथा कणिकामय होती है। यहाँ एन्जाइम की प्रचुरता होती है। यह प्रत्येक कोशिका में कोशिका झिल्ली के अंदर पाया जाता है। रासायनिक दृष्टि से यह (जीवद्रव्य) कार्बोनिक तथाअकार्बनिक पदार्थो का एक मिश्रण है।
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