वस्तुनिष्ठ Show प्रश्न 1. 2. भारत निम्न में से किस उत्पाद का निर्यात करता है? 3. किस प्रकार की कृषि में किसान भूमि के टुकड़े को साफ करके उन पर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए 4. कर्नाटक में मुख्य रोपण फसल है? 5. निम्न में से कौन-सी रबी की फसल है? 6. निम्न में से कौन-सी खरीफ की फसल है? 7. निम्न में से किस फसल के उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है 8. निम्न में से किस फसल को सुनहरा रेशा कहा जाता है स्थान सम्बन्धी प्रश्न निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: 2. कर्तन दहन कृषि को नागालैण्ड में………कहा जाता है। 3. ……….वाणिज्यिक कृषि का एक प्रकार है। 4. भारत चीन के पश्चात् दूसरा सबसे बड़ा………. उत्पादक राज्य है। 5. भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा……….उत्पादक देश है? अति लयूत्तरात्मक प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8.
प्रश्न 9. प्रश्ने 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12.
प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. प्रश्न 26. प्रश्न 28. प्रश्न 29. प्रश्न 30.
लयूत्तरात्मक प्रश्न (SA1) प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न
5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7.
प्रश्न 8. प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न 11.
प्रश्न 12. प्रश्न 13.
लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA2) प्रश्न 1.
प्रश्न 2. उत्तरी-पूर्वी राज्यों यथा असम, मेघालय, मिजोरम एवं नागालैण्ड में इसे झूम अथवा झूमिंग कहा जाता है। मणिपुर में पामलू, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले एवं अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में इसे दीपा, मध्य प्रदेश में बेबर या दहिया, आन्ध्र प्रदेश में पोडु या पेंडा, ओडिशा में पामाडाबी या कोमान या बरीगाँ, पश्चिमी घाट में कुमारी, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में वालरे या वाल्टरे, हिमालय क्षेत्रों में खिल तथा झारखण्ड में कुरूवा आदि नामों से जाना जाता है। प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6. 2. खरीफ: 3. जायद: प्रश्न 7. 2. वर्षा: 3. मिट्टी: प्रश्न 8.
प्रश्न
9.
प्रश्न 10. ग्रामदान आन्दोलन में कुछ जमीदारों एवं कई-कई गाँवों के मालिक भूपतियों द्वारा गाँवों का दान दिया गया था। इन गाँवों की भूमि को विनोबा भावे द्वारा भूमिहीन किसानों एवं मजदूरों के बीच बाँट दिया गया था। भूदान-ग्रामदान आन्दोलन के लिए न तो किसी वैधानिक दबाव अथवा न ही किसी राजनीतिक शक्ति का प्रयोग किया गया था और न ही किसी प्रकार की हिंसात्मक गतिविधियों का सहारा लिया गया था। धनवान लोगों द्वारा अपनी जमीन स्वेच्छा से दान में दी गई थी। यही कारण है कि इस आन्दोलन को ‘रक्तहीन क्रान्ति’ कहा जाता है। प्रश्न 11.
प्रश्न 12. निबन्धात्मक प्रश्न प्रश्न 1.
प्रारम्भिक जीविका निर्वाह कृषि: विशेषताएँ:
उत्तरी: पूर्वी राज्यों यथा असम, मेघालय, मिजोरम एवं नागालैण्ड में इसे झूम (झूमिंग) कृषि कहा जाता है। इसको मणिपुर में पामल, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले एवं अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह में दीपा, मध्य प्रदेश में बेबर या दहिया, आन्ध्र प्रदेश में पोडु या पेंडा, ओडिशा में पामाडाबी या कोमान या बरीगाँ, पश्चिमी घाट में कुमारी, दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान में वालरे या वाल्टरे, हिमालयन क्षेत्र में खिल एवं झारखण्ड में कुरुवा आदि नामों से जाना जाता है। प्रश्न 2. 2. गेहूँ: 3. ज्वार: 4. बाजरा: 5. रागी: 6. दालें: 7. मक्का: मानचित्र संबंधी प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2. JAC Class 10 Social Science Important Questionsभारत के उत्तरी पूर्वी राज्य में कर्तन दहन कृषि को क्या कहा जाता है?यह मुख्य रूप से भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में प्रचलित है, जिसमें असम, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड आदि शामिल हैं। खेती के इस तरीके को "झूम खेती" के नाम से भी जाना जाता है। इसे कर्तन- दहन कृषि भी कहा जाता है। यह एक स्थानांतरण खेती प्रणाली है।
कर्तन दहन कृषि को क्या कहते हैं?Solution : प्रारंभिक जीविका निर्वाह कृषि को कर्तन दहन खेती भी कहते हैं। ऐसा करने के लिये सबसे पहले जमीन के किसी टुकड़े की वनस्पति को काटा जाता और फिर उसे जला दिया जाता है। वनस्पति के जलाने से राख बनती है उसे मिट्टी में मिला दिया जाता है। उसके बाद फसल उगाई जाती है।
कर्तन एवं दहन कृषि का दूसरा नाम क्या है?स्थानांतरी कृषि को 'कर्तन एवं दहन' कृषि के रूप में भी जाना जाता है।
कर्तन दहन कृषि का प्रकार कौन सा है?इसे 'कर्तन दहन खेती' भी कहते हैं। इसके लिए जमीन के किसी टुकड़े की वनस्पति को पहले काटा जाता है और फिर उन्हें जला दिया जाता है। उससे मिलने वाली राख को मिट्टी में मिला दिया जाता है और फिर उस पर फसल उगाई जाती है। इस तरह की खेती से बस इतनी उपज हो जाती है जिससे परिवार का पेट भर सके।
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