कान में डालने के लिए लहसुन का तेल कैसे बनाएं? - kaan mein daalane ke lie lahasun ka tel kaise banaen?

कान में वैक्स जमा होना, सर्दी के कारण दर्द होना या फिर किसी प्रकार की एलर्जी हो जाना या इंफेक्शन होना आम समस्या है, जो कई लोगों के साथ होती है। लेकिन समय पर इलाज न होने पर यह समस्या बढ़ जाती है। इससे निपटने के लिए लहसुन एक बेहतरीन उपाय है। जानिए लहसुन के यह 5 उपाय, जो आपको ...कान की तकलीफों से दिलाएंगे निजात - 


 

1 कुछ लहसुन की कलियों को लेकर पीस लें या फिर कुचल लें। अब इस मिश्रण को एक कपड़े में लपेटकर कान पर रखें। लगभग आधा घंटा इस कपड़े को कान पर रखे रहने दें, फिर हटा लें। कुछ समय बाद आप महसूस करेंगे की आपके कान का दर्द गायब हो चुका है।

Ear Pain कान के दर्द का मुख्य कारण है बैक्टीरिया। अगर कान का दर्द किसी बड़ी परेशानी की वजह से नहीं हुआ है तो आप इन घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करके इस दर्द से छुटकारा पा सकते है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। बरसात के मौसम में अक्सर बारिश में भीगने पर कान का दर्द हो जाता है। कान का दर्द वैसे तो आम परेशानी नहीं है, लेकिन जब भी ये दर्द होता है तो खाना-पीना और सोना सब मुहाल हो जाता है। कान के दर्द का सबसे महत्यपूर्ण कारण है बैक्टीरिया। इसके अलावा भी कई कारणों से कान में दर्द हो सकता है, जैसे कान में पानी चला जाना, कान पर अधिक दबाव पड़ना, एलर्जी, या स्किन में किसी तरह का इंफेक्शन होना। आप भी बरसात के मौसम में कान के दर्द से परेशान है और डॉक्टर के पास जाना नहीं चाहते तो हम आपको बताते है कि आप घर में ही देसी नुस्खों से कैसे कान के दर्द से निजात पा सकते हैं।

लहसुन का तेल दिलाएगा दर्द से छुटकार:

कान में अचानक से दर्द हो रहा है और कोई लंबी परेशानी नहीं है तो आप लहसुन का इस्तेमाल करके दर्द से निजात पा सकते है। लहसुन के एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो संक्रमण को रोकने में मददगार है। कान दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप लहसुन की कलियों को सरसों के तेल में डालकर गर्म करें। जब लहसुन भूरा हो जाए तो गैस से उतार लें और उसे छान लें। तेल गुनगुना होने पर उसकी 2-3 बूंदें कान में डालें। ये तेल आपको दर्द से राहत दिलाएगा।

अदरक भी है कान के दर्द में असरदार:

अदरक एंटी-इंफ्लामेंट्री गुणों से भरपूर होती है, जो कान का दर्द कम करने में मददगार साबित हो सकती है। आप सरसों के तेल में थोड़ी सी अदरक कद्दूकस करके डाले और गर्म कर लें। इसके बाद इसे छानकर इसका इस्तेमाल करें। याद रखें कि इस अदरक के तेल को भी कान के बाहर ही लगाएं। 

ऑलिव ऑयल करेगा कान का दर्द दूर:

घरेलू नुस्खों में कान का दर्द दूर करने में जैतून का तेल काफी असरदार है। कान में दर्द है तो जैतून के तेल को चम्मच में रख कर हल्का गर्म कर लें। इस गुनगुने तेल की 3-4 बूंदें कान में डालें। दर्द से छुटकारा मिलेगा।

नीम के रस से करें कान के दर्द का इलाज:

नीम औषधीय गुणों से भरपूर है। नीम का इस्तेमाल बैक्टीरियां को मारने के लिए किया जाता है। नीम में ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो संक्रमण को खत्म करने के साथ-साथ दर्द से भी छुटकारा दिलाते है। कान के दर्द से छुटकारा पाने के लिए नीम की पत्तियों का रस निकाल कर कान में 2-3 बूंदें डालें, आपको दर्द से राहत मिलेगी।

तुलसी भी दर्द से राहत दिलाने में है मददगार :

तुलसी की पत्तियों का ताजा रस निकालकर कान में 2-3 बूंदें डाल लें। इसके इस्तेमाल से कान के दर्द को आराम मिलेगा। 

                     Written By Shahina Noor

Edited By: Shilpa Srivastava

कान में डालने के लिए लहसुन का तेल कैसे बनाएं? - kaan mein daalane ke lie lahasun ka tel kaise banaen?

कान दर्द की शिकायत वयस्कों के मुकाबले बच्चों में अधिक होती है। कान दर्द हमेशा एक कान में होता है, लेकिन कई बार एक साथ दोनों कानों में भी हो सकता है। कान में इन्फेक्शन की वजह से भी कान दर्द की शिकायत होती है। इन्फेक्शन दूर न होने पर आप सुनने की क्षमता खो सकते हैं।

पढ़ें- कान का पर्दा फटने का इलाज

  • कान दर्द के क्या कारण हैं?
  • कान दर्द में लहसुन के उपयोग के फायदे
  • कान दर्द में लहसुन के उपयोग के साइड इफ़ेक्ट
  • कान का इन्फेक्शन दूर करने के अन्य घरेलू उपाय
  • कान दर्द दूर करने के लिए लहसुन का उपयोग कैसे करें?
  • कान के परदे का फटना- Perforated eardrum in hindi

कान दर्द के क्या कारण हैं?

सर्दी, जुकाम, मध्य कान (middle ear) में इन्फेक्शन, साइनोसाइटिस या श्वसन (respiratory) मार्ग  में इन्फेक्शन होने की वजह से कान दर्द होता है। मध्य कान से लेकर गले के बीच तक युस्टेशियन ट्यूब (Eustachian tube) जुड़ी होती है, जिसका कार्य कान के बीच तरल पदार्थ का निर्माण करना है। यह ट्यूब जब अवरुद्ध हो जाती है तो तरल पदार्थ कान के परदे के पीछे जमने लगता है। इससे कान के परदे में दबाव बनता है और कान दर्द की शिकायत होती है। कई दिनों तक तरल पदार्थ कान में जमा रहा तो इससे जीवाणु उत्पन्न होने लगते हैं और कान में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

पढ़ें- टिम्पैनोप्लास्टी क्या है और कैसे की जाती है?

दाँत का दर्द भी कान दर्द का कारण बन सकता है। दाँत में कैविटी या बैक्टीरियल इन्फेक्शन है तो कान दर्द की समस्या हो सकती है।

कभी-कभी कान का इन्फेक्शन अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन, कुछ मामलों में इन्फेक्शन लम्बे समय तक रहता है या ठीक होने के बाद दोबारा से हो जाता है। ऐसे में आप पेनकिलर या एंटी-बायोटिक दवाइयाँ खा सकते हैं। इसके अलावा कान का इन्फेक्शन और दर्द दूर करने के लिए कई घरेलू उपाय मौजूद हैं जिनका उपयोग करें।

कान दर्द में लहसुन के उपयोग के फायदे

लहसुन का इस्तेमाल पकवानों को स्वादिष्ट बनाने के लिए तो किया ही जाता है इसके अलावा यह कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। शरीर के कई अंगों का दर्द जैसे- घुटनों में दर्द, कान दर्द, दाँत दर्द आदि का इलाज करने के लिए लहसुन का उपयोग किया जाता है। कान दर्द में लहसुन के यह फायदे हो सकते हैं-

पढ़ें- कान में दर्द का इलाज

  • लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण मौजूद होते हैं जो मध्य कान के इन्फेक्शन को दूर करते हैं।
  • लहसुन में एंटी-इम्फ्लेमेशन गुण मौजूद होता है जो कान में सूजन को कम कर सकता है।
  • इसका उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है। यह शरीर के भीतर हमला कर रहे जीवाणु से लड़ने के लिए शरीर को शक्ति प्रदान करता है।

कान दर्द में लहसुन के उपयोग के साइड इफ़ेक्ट

कान दर्द में लहसुन के कई फायदे हैं लेकिन इसका उपयोग उचित मात्रा में ही करना चाहिए। कुछ लोगों में लहसुन के उपयोग से त्वचा में जलन की समस्या हो सकती है।

लहसुन का उपयोग करने से त्वचा जल सकती है। त्वचा में लाल धब्बे बन सकते हैं। लहसुन से आपको एलर्जी है तो इसका उपयोग कान दर्द में बिलकुल भी न करें। आपकी त्वचा मुलायम है तो लहसुन का उपयोग कान में ना करें। ऐसी स्थिति में लहसुन के पेस्ट या रस को पहले हाथ पर लगाएं और सही नतीजा आने के बाद ही कान में उपयोग करें। अगर हाथ में कोई जलन या अन्य समस्या होती है तो लहसुन का कानों में इस्तेमाल न करें।

कान का इन्फेक्शन दूर करने के अन्य घरेलू उपाय

कान दर्द से छुटकारा पाने के लिए नीचे दिए गए कुछ घरेलू उपाय इस्तेमाल कर सकते हैं-

पढ़ें- कान में फंगल इन्फेक्शन का इलाज

  • कान दर्द और कान के इन्फेक्शन को दूर करने के लिए प्याज का उपयोग किया जा सकता है। प्याज में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल और सूजन रोधी गुण मौजूद होते हैं जो इन्फेक्शन से लड़ते हैं। प्याज का रस निकाल लें और इसे गुनगुना कर लें। कान में इसकी दो से तीन बूँदें डालें। यह कान दर्द से जल्द राहत पहुँचाएगा।
  • हॉट पैक को कान में लगाने से दर्द और सूजन कम होता है।
  • कान दर्द को दूर करने में लिए नारियल तेल का उपयोग किया जा सकता है। नारियल तेल में पाए जाने वाले एंटी-बैक्टीरियल गुण बैक्टीरिया को मार देते हैं जिससे इन्फेक्शन खत्म हो जाता है। नारियल तेल के उपयोग से कान दर्द और कान के सूजन को कम किया जा सकता है।
  • कान में इन्फेक्शन या कान दर्द को ठीक करने के लिए वर्षों से लहसुन का उपयोग किया जाता रहा है। कान दर्द से छुटकारा पाने के लिए लहसुन का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता है।
  • जैतून के तेल का उपयोग भी कान दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है। जैतून के तेल को गुनगुना कर लें और दो-तीन बूँदें कान में डालें।

कान दर्द दूर करने के लिए लहसुन का उपयोग कैसे करें?

कान दर्द को दूर करने के लिए लहसुन का उपयोग दो तरह से किया जा सकता है-

पढ़ें- रिट्रैक्टेड ईयर ड्रम या पीछे हटा हुआ काम का पर्दा क्या है?

  • लहसुन की एक कली लें और छिलका निकाल दें। कली के दो-तीन टुकड़े करें और गर्म सूती कपड़े में लपेटें। अब कपड़े को कान के भीतर रख दें। ध्यान रहे कि लहसुन कान के भीतर ना जाने पाए। ऐसा तब तक करें जब तक दर्द कम नही हो जाता है।
  • लहसुन की कली को एक बड़े चम्मच नारियल तेल में डालकर गर्म करें। दो मिनट बाद इसे आँच से निकाल लें और ठंडा होने का इंतज़ार करें। अब इस तेल की दो बूँदें कान में डालें। कुछ मिनट बाद उलटी दिशा में लेटकर सारा तेल कान से निकाल दें। ऐसा करने से कान दर्द दूर हो सकता है।

ऊपर बताए गए तरीकों से लहसुन का उपयोग कर कान दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। इसके बाद भी दर्द दूर नही होता है तो किसी डॉक्टर से अपना इलाज करवाएं क्योंकि, साइनोसाइटिस या कोई दूसरी बड़ी बीमारी भी कान दर्द का कारण हो सकती है।

कान के परदे का फटना- Perforated eardrum in hindi

जब कान के परदे में छेद हो जाता है तो इसे पर्फोरेटेड ईयर ड्रम (perforated eardrum) कहते हैं। इसके कारण भी कान में तेज दर्द की शिकायत हो सकती है। कान के परदे में छेद का मुख्य कारण मध्य कान में इन्फेक्शन है। इसके अलावा कान साफ़ करते वक्त धक्का लगने से भी परदे में छेद हो सकता है।

कान का पर्दा फट जाने की वजह से कान दर्द हो रहा है तो किसी भी प्रकार का घरेलू उपाय न आजमाएं या खुद से इलाज न करें।कान के परदे का छेद अपने आप भर जाता है। अगर छेद नही भर रहा और लगातार दर्द बना हुआ है तो इसके लिए सर्जरी भी की जा सकती है।

कान के परदे के छेद को दूर करने के लिए जो सर्जरी की जाती है उसे टिम्पैनोप्लास्टी (Tympanoplasty) कहते हैं। अगर आपके कान के परदे में छेद है तो अभी Pristyn Care में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करें और इसका दर्दरहित इलाज करवाएं। Pristyn Care के जरिए टिम्पैनोप्लास्टी करवाने पर आपको कई फायदे हो सकते हैं, जैसे-

  • जीरो EMI की सुविधा
  • अनुभवी सर्जन
  • उच्च तकनीकी के उपकरण
  • रिकवरी में कम समय
  • इंश्योरेंस का पूरा लाभ
  • इंश्योरेंस का पेपरवर्क
  • इलाज वाले दिन फ्री कैब की सुविधा
  • फ्री फॉलो अप और खाने-पीने एवं सोने की निःशुल्क व्यवस्था
  • गुप्त परामर्श और आरामदायक कमरे में आरामदायक इलाज

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

लहसुन का रस कान में डालने से क्या होता है?

कान दर्द में लहसुन के उपयोग के फायदे लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण मौजूद होते हैं जो मध्य कान के इन्फेक्शन को दूर करते हैं। लहसुन में एंटी-इम्फ्लेमेशन गुण मौजूद होता है जो कान में सूजन को कम कर सकता है। इसका उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है।

कान के अंदर कौन सा तेल डालना चाहिए?

- कान में मैल जमा होने पर कुछ लोग मैल को फूलने के लिए कान में सरसों का तेल डाल लेते हैं.

कान में गर्म तेल डालने से क्या होता है?

डॉक्टर का कहना है कि कान में तेल डालने से ऑटोमाइकोसिस डिजीज होने का खतरा रहता है, जिसकी वजह से आपको परमानेंट हियरिंग डिसेबिलिटी की समस्या हो सकती है. कई बार कान में ज्यादा तेल डालने की वजह से धूल-मिट्टी जलने लगती है. इससे कान में जमा मैल को निकालना काफी मुश्किल हो जाता है.

कान के दर्द के लिए अच्छा तेल कौन सा है?

बादाम का तेल बादाम और इसका पौष्टिक तेल कान की समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक दवा में निर्धारित किया गया है, स्मृति, ठंडकता, मूड में उतार-चढ़ाव, अंधेरे रंग, दुर्बलता, मांसपेशियों में दर्द और सूखी त्वचा की स्थिति के नुकसान का इलाज.