कैसे tathacharya की मृत्यु हो गई थी - kaise tathachhary kee mrtyu ho gaee thee

वेंकट तथाचार्य
जन्म1451
विजयनगर
निधन1543
विजयनगर
जीवनसंगीवरुणमाला
संतानअनन्ता लक्ष्मी तथा‌ सौदामिनी देवी (पुत्रियाँ)

तथाचार्य विजयनगर साम्राज्य के राजा कृष्णदेवराय का राजपुरोहित था। वह राजतंत्र का महाज्ञानी था। उसकी पत्नी का नाम वरुणमाला और बेटियाँ अनंता लक्ष्मी तथा सौदामिनी देवी थी। तथाचार्य के दो शिष्य 'धनीचार्य' और 'मनीचार्य' थे। वह तेनाली रामा से शत्रुता रखते थे। उन्होंने तेनालीराम को राज्य से भगाने के लिए कई षड्यंत्र रचे । वे तेनालीराम से ईर्ष्या की भावना रखते थे परंतु बाद में वह रामा का मित्र बन गया था।

राजपुरोहित बनने की कथा[संपादित करें]

तथाचार्य जब भारत घूमने गया तो उसे कई ज्ञानी लोग मिले जो तथाचार्य के गुरु बने। फिर आखिर मे वह विजयनगर आया व राजा कृष्णदेवराय के पिता तुलुव नरस नायक से मिला व वह राजा तुलुव का राजपुरोहित बना। राजा तुलुव ने तथाचार्य को महाचार्य (महा आचार्य) का शीर्षक दिया था। राजा तुलुव के तीनों पुत्र व तथाचार्य के प्रियजन उसे स्वामी जी कहते थे। उसने राजा तुलुव के तीनों पुत्रों को राजतंत्र का ज्ञान दिया था।

तेनाली रामा से शत्रुता[संपादित करें]

कृष्णदेवराय के राजा बनने के बाद तथाचार्य तेनाली नगर गया। वह अपने भक्तो को दर्शन देते पालकी मे जा रहा कि तेनाली रामा किसी सब्ज़ीवाले से झगड़ रहा था। गलती से रामा की के गले पर सर्प आ गया तो रामा ने डरकर वह सर्प फेन्का व सर्प तथाचार्य के गले पर आ गया तो सभी पालकी उठाने वाले लोग भाग गए तो तथाचार्य नीचे कीचड़ मे गिर गया व तथाचार्य ने रामा को बहुत डाँटा। तब रामा व तथाचार्य की शत्रुता हो गई। पर रामा द्वारा एक विषकन्या से बचाने के बाद तथाचार्य उसके मित्र बन गए। बाद में तथाचार्य को यह भी पता चला कि रामा उसके सहपाठी मित्र गरालपति रामैया का पुत्र है।

लोकप्रिय कथाओं में[संपादित करें]

  • तेनाली रामा (टीवी धारावाहिक) मे पंकज बेरी ने तथाचार्य का किरदार निभाया है।

विषयसूची

  • 1 तेनालीराम किसका दरबारी कवि था?
  • 2 तेनाली रामा का जन्म कब हुआ?
  • 3 तेनालीराम की मृत्यु कैसे हुई?
  • 4 तेनालीराम राजा कृष्णदेव राय के दरबार में क्या थे?
  • 5 कैसे Tathacharya की मृत्यु हो गई थी?
  • 6 अकबर बीरबल तथा तेनालीराम की कथाएं?

तेनालीराम किसका दरबारी कवि था?

इसे सुनेंरोकेंतेनालीराम, महाराजा कृषणदेवराय के दरबार का राज विदूषक। यह श्रृंखला सभी आयु वर्ग के लिए सामान्य मनोरंजन कार्यक्रम है। इसके निर्माता अनिमैट्रिक्स, ओएसिस फिल्म्स और इंट्रा-विज़न प्रोडक्शंस है और इसके निर्देशक थे ध्रुव सहगल।

तेनाली रामा का जन्म कब हुआ?

22 सितंबर 1480तेनाली रामकृष्ण / जन्म तारीख

तेनाली रामा की मृत्यु कब हुई थी?

5 अगस्त 1528तेनाली रामकृष्ण / मृत्यु तारीख

तेनालीराम ने अपनी बात को कैसे सिद्ध किया?

इसे सुनेंरोकेंप्रतिमा के सामने जलती धूपबत्ती को देखकर राजा को सभी दरबारियों की परीक्षा लेने का उपाय सूझ गया। उन्होंने फौरन कहा – आप सभी को अपनी योग्यता सिद्ध करने का एक अवसर अवश्य दिया जाएगा। और जब तक आप सभी अपनी योग्यता सिद्ध नही कर देते तेनालीराम भी बीच में नहीं आएगा। यह सुनकर सभी दरबारी बड़े प्रसन्न हुए।

तेनालीराम की मृत्यु कैसे हुई?

सर्पदंशतेनाली रामकृष्ण / माैत की वजहजब कोई साँप किसी को काट देता है तो इसे सर्पदंश या ‘साँप का काटना’ कहते हैं। साँप के काटने से घाव हो सकता है और कभी-कभी विषाक्तता भी हो जाती है जिससे मृत्यु तक सम्भव है। अब यह ज्ञात है कि अधिकांश सर्प विषहीन होते हैं किन्तु अन्टार्कटिका को छोड़कर सभी महाद्वीपों में जहरीले साँप पाये जाते हैं। विकिपीडिया

तेनालीराम राजा कृष्णदेव राय के दरबार में क्या थे?

इसे सुनेंरोकेंतेनाली विजयनगर साम्राज्य (१५०९-१५२९) के राजा कृष्णदेवराय के दरबार के अष्टदिग्गजों में से एक थे। विजयनगर के राज-पुरोहित तथाचार्य रामा से शत्रुता रखते थे। तथाचार्य और उसके शिष्य धनीचार्य और मनीचार्य तेनाली रामा को सन्कट में फसाने के लिए नई-नई तरकीबें प्रयोग करते थे पर तेनाली रामा उन तरकीबों का हल निकाल लेते थे।

तेनाली राम की मृत्यु कैसे हुई?

तेनाली की बुद्धिमत्ता से प्रसन्न होकर महाराज ने क्या किया?

इसे सुनेंरोकेंमहाराज ने गर्व से सिर हिलाकर कहा कि हमें अपने दरबारियों की बुद्धिमत्ता पर गर्व है। ब्राह्मण की भाषा तमिल है। महाराज के कुछ कहने से पहले ही अतिथि ब्राह्मण ने कहा कि तेनाली कमाल है, तुमने बिल्कुल सही बताया। तब महाराज ने प्रसन्न होकर उपहार स्वरूप अपना कीमती हार उतारकर तेनाली को भेंट किया।

कैसे Tathacharya की मृत्यु हो गई थी?

इसे सुनेंरोकेंवह अपने भक्तो को दर्शन देते पालकी मे जा रहा कि तेनाली रामा किसी सब्ज़ीवाले से झगड़ रहा था। गलती से रामा की के गले पर सर्प आ गया तो रामा ने डरकर वह सर्प फेन्का व सर्प तथाचार्य के गले पर आ गया तो सभी पालकी उठाने वाले लोग भाग गए तो तथाचार्य नीचे कीचड़ मे गिर गया व तथाचार्य ने रामा को बहुत डाँटा।

अकबर बीरबल तथा तेनालीराम की कथाएं?

इसे सुनेंरोकेंयह भी पढ़ें: अकबर-बीरबल की कहानी: बीरबल की खिचड़ी दो महीने बीतने के बाद, महाराज कृष्णदेव राय तेनालीराम को दरबार में बुलवाते हैं और स्वर्ग के बारे में पूछते हैं. तेनालीराम कहते हैं कि उन्होंने स्वर्ग ढूंढ लिया है और वे कल सुबह स्वर्ग देखने के लिए प्रस्थान करेंगे.

तेनाली रामा कौन से चैनल पर आता है?

इसे सुनेंरोकें”तेनाली रामा’ सोमवार से शुक्रवार तक शाम 7:30 बजे से सोनी सब पर प्रसारित होता है।

तेनालीराम कौन थे in Hindi?

इसे सुनेंरोकेंतेनाली रामकृष्ण, तेनाली रामलिंगम या तेनाली राम तमिल, तेलुगु और कन्नड़ लोककथाओं का एक पात्र है। सोलहवीं सदी में दक्षिण भारत के विजयनगर राज्य में राजा कृष्णदेव राय हुआ करते थे। तेनालीराम उनके दरबार के कवि थे और वह अपनी समझ-बूझ और हास-परिहास के लिए प्रसिद्ध थे।