Show
अंतिम समय में व्यक्ति को सुनायें प्रभु की लीला जब कोई व्यक्ति अपनी अंतिम सांसे गिन रहा हो उस समय उसे भगवान के स्वरुप, प्रभु की लीला और ईश्वर भक्ति में ध्यान लगाना चाहिये। आप व्यक्ति से आस्था और ईश्वरिय सेवा से संबंधित बात करें। उनसे अपने किसी प्रकार के भी दुख की चर्चा न करें। क्योंकि व्यक्ति को मोहमाया त्याग कर देना चाहिये। खाने-पीने का रखें ख्याल किसी भी व्यक्ति के अंतिम समय में उसे नशीले पदार्थ या ऐसी दवाईयां ना दें जिससे की उसे परेशानियां हों। भोजन देते समय भी उनका ध्यान दें, क्योंकि उनका आहार सुपाच्य और हल्का होना चाहिये। जिससे की उन्हें पचाने में तकलीफ ना हो और तामसिक भोजन से दूर रखें। मनुष्य को धरती के करीब लाने की करें कोशिश जब आत्मा शरीर को त्यागती है तो वह पंचतत्व में विलीन हो जाती है। वहीं मनुष्य के अंतिम समय में उसे धरती के करीब रखना चाहिये। क्योंकि पंचतत्वों में से एक तत्व पृथ्वी मानी जाती है। दिशा का रखें ख्याल व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके शव के दक्षिण की ओर पैर करके सुला दें। उसके बाद शुद्ध जल से स्नान करवाकर नवीन धुला हुआ वस्त्र पहनाकर अपनी जाति और परंपरा के अनुसार, अंतिम क्रिया संपन्न करें। Authored by Gitika dubey | नवभारतटाइम्स.कॉमUpdated: May 5, 2022, 5:00 AM मृत्यु व्यक्ति के जीवन का अंतिम सत्य है, जिसे आज तक कोई नहीं टाल सका। आज नहीं तो कल मौत से सामना सबका होना है और फिर शरीर जिन पांच तत्वों से मिलकर बना है उसी में मिल जाएगा। मृत्यु के बाद का सफर अच्छा होगा या बुरा इसका निर्धारण काफी हद तक व्यक्ति के जीवनकाल में ही हो जाता है। रामचरितमानस और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों में मृत्यु से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं जिनका अनुसरण यदि मनुष्य अपने आखिरी वक्त में करे तो उसके लिए शरीर का त्याग करना अधिक कष्टदायी नहीं रहता और मृत्यु के बाद का सफर भी आसान हो जाता है...
मरने से पहले क्या लक्षण होते हैं?मरने से पहले मिलते हैं ऐसे संकेत
व्यक्ति की जीभ काम करना बंद कर देती है, उसे स्वाद आना कम होने लगता है. बोलने में दिक्कत होती है. - मौत निकट हो तो व्यक्ति को सूर्य-चंद्रमा का प्रकाश दिखना बंद हो जाता है. - मौत से पहले व्यक्ति के शरीर में हल्का पीलापन या कई बार सफेदी दिखने लगती है.
मृत्यु के समय मनुष्य को क्या करना चाहिए?मरण में रखें मुक्ति की दृढ़ भावना
मरण के वक्त रोगी को घर वालों से प्रेम छोड़कर अपनी मुक्ति के बारे में विचार करना चाहिए और ईश्वर से मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। आखिरी वक्त में दुनियादारी को छोड़कर ईश्वर की भक्ति में ध्यान लगाने से व्यक्ति को मरते वक्त अधिक कष्ट नहीं होता।
मौत के संकेत क्या है?शिवमहापुरण में मृत्यु से पूर्व के संकेत बताएं गए हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वो संकेत। शिव पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के कुछ महीनों पहले जिस इंसान को मुंह, जीभ, आंखे, कान और नाक पत्थर के जैसी होती महसूस होने लगे, तो यह व्यक्ति की जल्द मौत होने का इशारा समझा जाता है।
क्या मृत्यु को टाला जा सकता है?मृत्यु सत्य है, मृत्यु अटल है. मौत को कोई भी नहीं टाल सकता. धरती पर जन्म लेने वाले प्रत्येक मनुष्य की मौत निश्चित है. जिस तरह गर्भ में पलने वाला एक बच्चा कई स्टेज से गुजरते हुए जन्म लेता है, ठीक इसी तरह मृत्यु को प्राप्त होने से पहले भी एक मनुष्य को कई स्टेज से गुजरना होता है.
|