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1. Answer: (d) रामधारी सिंह ‘दिनकर’ Question 2. Answer:
(d) पेड़, पौधे, सरोवर-सरिताएँ, समुद्र व पर्वत यानी प्रकृति Question 3. Answer: (b) विश्वबंधुत्व का Question 4. Answer: (d) सुगंध Question 5. Answer: (a) इंसान (1) पक्षी और बादल, Question 1. Answer: Question 2. Answer: पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए कहा गया है। Question 3. Answer: कवि ने पक्षियों और बादलों को भगवान के डाकिए कहा है। Question 4. Answer: पक्षी और बादल रूपी डाकियों के संदेश पेड़, पौधे, सरोवर पर्वत आदि पढ़ और समझ भी लेते हैं। लेकिन मनुष्य उसे समझने में असमर्थ रहता है। Question 5. Answer: इनके द्वारा लाई गई चिट्ठियों में प्रेम, भाईचारा, समानता, एकता का संदेश रहता होगा। (2) हम तो केवल यह आँकते हैं Question 1. Answer: Question 2. Answer: सौरभ यानी सुगंध हवा में तैरते हुए पक्षियों के पंखों पर तैरता हुआ दूसरे देशों तक जा पहुँचता है। Question 3. Answer: पृथ्वी द्वारा भेजी गई सुगंध हवा में फैलती है तथा पक्षियों के पंखों पर सवार होकर अन्य स्थानों तक फैल जाती है। Question 4. Answer: इस कविता से हमें शिक्षा मिलती है कि मनुष्यों को स्वार्थ भावना त्यागकर, जति, धर्म की सीमाओं को लाँघकर प्रेमभाव का संदेश फैलाना चाहिए। Question 5. Answer: We hope the given NCERT MCQ Questions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 भगवान के डाकिए with Answers Pdf free download will help you. If you have any queries regarding CBSE Class 8 Hindi भगवान के डाकिए MCQs Multiple Choice Questions with Answers, drop a comment below and we will get back to you soon. “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है” - कथन का भाव स्पष्ट कीजिए। कवि का कथन है कि पक्षी तथा बादल भगवान के डाकिए हैं। जो विश्व-बंधुत्व, एकता व आपसी सहयोग की चिट्ठियाँ बाँटते है। उनके द्वारा ईश्वर से लाई चिट्ठियों को पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ ही पढ पाते है। एक देश में खिलने वाले फूलों की सुगंध दूसरे देश में हवा व पक्षियों के पंखों द्वारा पहुँच जाती है। इसी प्रकार एक देश का भाप बना जल बादलों द्वारा दूसरे देश में बरसता है। भाव यह है कि बादल व पक्षियों द्वारा विश्व-बंधुत्व का ईश्वरीय संदेश संपूर्ण विश्व को प्रेरित करता है। 829 Views ‘भगवान के डाकिए’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए। ‘भगवान के डाकिए’ कविता विश्व-बंधुत्व अर्थात् सभी देशों के लोगों को परस्पर मिलजुलकर रहना चाहिए इस बात की ओर संकेत करती है। जिस प्रकार प्रकृति अपने खजानों को लुटाने में किसी से भेदभाव नहीं करती ऐसे ही मनुष्य को भी किसी प्रकार का वर्ग या जातीय भेदभाव नहीं करना चाहिए। यही इस कविता का मूलभाव है। 485 Views भगवान के डाकिए कौन हैं? भगवान के डाकिए पक्षी व बादल हैं। 536 Views ‘भगवान के डाकिए’ कविता से क्या संदेश मिलता है? ‘भगवान के डाकिए’ कविता से यह संदेश मिलता है कि हमें संसार में मिलजुलकर रहना चाहिए। अपने जीवन काल में हमें ऐसे कार्य करने चाहिए जिनकी सुगंध पूरे विश्व में फैल जाए। 1061 Views निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
A. पक्षियों के पंखों से व हवा के झोंकों में तैरकर 155 Views निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
C. विश्वबंधुत्व का संदेश देती है। 212 Views एक देश की धरती द्वारा भेजा गया सौरभ दूसरे देश की धरती पर कैसे पहुंचता है?एक देश की धरती अपने सुगंध व प्यार को पक्षियों के माध्यम से दूसरे देश को भेजकर सद्भावना का संदेश भेजती है। धरती अपनी भूमि में उगने वाले फूलों की सुगंध को हवा से,पानी को बादलों के रूप में भेजती है। हवा में उड़ते हुए पक्षियों के पंखों पर प्रेम-प्यार की सुगंध तैरकर दूसरे देश तक पहुँच जाती है।
हम तो केवल यह आँकते हैं कि एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंधभेजती है का भाव क्या है?Answer: इसका अर्थ है की एक देश की धरती दूसरे देश को अपनी मिट्टी के रूप मे अपना प्रेम भरा संदेश भेजती है। सीमाये केवल इंसानो को बाँध सकती है।
भगवान के डाकिए कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?'भगवान के डाकिए' कविता से यह संदेश मिलता है कि हमें संसार में मिलजुलकर रहना चाहिए। अपने जीवन काल में हमें ऐसे कार्य करने चाहिए जिनकी सुगंध पूरे विश्व में फैल जाए। प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
भगवान के द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन नहीं पढ़ पाता है?भगवान की बनाई इस दुनिया में मनुष्य ने ही स्वयं को बाँटा है इसलिए ये चिट्ठियाँ वे नहीं पढ़ पाते केवल प्रकृति ही इसे पढ़ पाती है क्योंकि नदी, जल, हवा, अपनी ठंडक, पेड़-पौधें, फूल अपनी सुगंध समान भाव से बाँटते हैं। ये एकता, मेल, सद्भावना का संदेश देते हैं। नदियाँ समान भाव से सभी लोगों में अपने जल को बाँटती है।
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