अल्सरेटिव कोलाइटिस डाइट प्लान में आपके लिए यह जानना आवश्यक है, कि इस स्थिति में आपको क्या खाना चाहिए। जानिए आप इस रोग में क्या-क्या खा सकते हैं। Show
और पढ़ें : ब्लड प्रेशर की समस्या है तो अपनाएं डैश डायट (DASH Diet), जानें इसके चमत्कारी फायदे कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थअल्सरेटिव कोलाइटिस में कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इन्हें वो मरीज भी खा सकते हैं जिनकी हाल ही में सर्जरी हुई हो। कम फाइबर डाइट में रोजाना केवल 10 से 15 ग्राम फाइबर का ही सेवन करने की सलाह दी जाती है। कम फाइबर वाले फल : कम फायबर वाले फल जैसे केले, खरबूजा, मीठा तरबूज, सेब , चेरी, खुबानी,आम, आड़ू, बेर, अनानास, स्ट्रॉबेरी, कीनू, चकोतरा आदि हैं। कम फाइबर अनाज: जैसे दलिया, कॉर्नफ्लैक्स, चावल, चोकर सहित आटा, मल्टीग्रेन आटा आदि। कम फाइबर वाली सब्जियां: जैसे बीन स्प्राउट्स, गोभी, फूलगोभी, ककड़ी,मशरूम, प्याज, आलू, हरी मिर्च, मूली, टमाटर। इन्हें तब खाएं जब बीज और छिलके निकले हों। अल्सरेटिव कोलाइटिस या आंतों में सूजन की समस्या बड़ी आंत और मलाशय में लंबे समय तक रहने वाली इन्फ्लेमेशन (आंतरिक सूजन और जलन) से जुड़ी बीमारी है। यह एक इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी) है जिसमें बड़ी आंत (कोलोन) में सूजन और बड़ी आंत की अंदरूनी परत और मलाशय में घाव या अल्सर का कारण बनती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस को ऑटोइम्यून बीमारी माना जाता है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम खुद शरीर पर ही हमला करने लगता है। पेट में दर्द, मल में खून आना, डायरिया, जी मिचलाना, मलाशय से खून आना, थकान और वजन कम होना आदि अल्सरेटिव कोलाइटिस के सामान्य लक्षण हैं। शोधकर्ताओं को यह अभी तक स्पष्ट रूप से पता नहीं है कि अल्सरेटिव कोलाइटिस या आंतों में सूजन की समस्या किस कारण से होती है, लेकिन उन्हें लगता है कि यह एक गलत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के कारण हो सकती है। कुछ खाद्य पदार्थ भी ऐसे हैं जो इस स्थिति को बदतर कर सकते हैं। यही वजह है कि अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को अपने लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए अपने आहार को संशोधित करने की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि, एक भी डाइट या डाइट प्लान ऐसा नहीं है जो अल्सरेटिव कोलाइटिस के सभी मरीजों पर फिट हो जाए। मरीज के लक्षणों के आधार पर विभिन्न प्रकार के आहार की सिफारिश की जाती है। (और पढ़ें - अल्सरेटिव कोलाइटिस का घरेलू उपाय) ऐसे में अल्सरेटिव कोलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं इस बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बता रहे हैं। कोलाइटिस किस कारण होता है, यह कहा नहीं जा सकता, पर इसके लक्षण होते है- ब्लड और म्यूकस के साथ लगातार लूज मोशन होना। पेट में दर्द और ऐंठन। इसे नजरअंदाज न करे और डॉक्टर से तुरंत संपर्क करे। और ऐसे में सफाई से बना घर का खाना खाएं। बढ़ते तापमान के कारण चीजें जल्दी ही खराब हो जाती हैं, इसलिए बाहर का खुला खाना, पानी या किसी प्रकार का पेय भी नुकसानदेह हो सकता है। क्या खाएं 1. दूध से बनी चीजें, जैसे दही, पनीर और माइल्ड टोंड चीज का प्रयोग करे। 2. शुगर, जैम, जेली, ग्लूकोज का भी प्रयोग कर सकते है। 3. धुली हुई दालें खाएं। खूब अच्छी तरह पकी और गली दालों का ही प्रयोग करे। 4. अच्छी तरह पका हुआ चावल, रिफाइंड व्हीट प्रोडक्ट खा सकते हैं। मुलायम सब्जियां, जैसे आलू, तुरई, लौकी, टिंडा का छिलका उतार कर खा सकते है। इनके बीज भी जरूर निकाल दें। अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) आईबीडी, जिसे इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज भी कहते है। इस बीमारी में व्यक्ति के गैस्ट्रो आंत्र प्रभावित हो जाती है। साथ ही कॉलन या बड़ी आंत के अस्तर और उसके मलाशय में सूजन आ जाती है। कॉलन पर यह सूजन अल्सर के नाम से जाना जाता है। यहीं अल्सर धीरे-धीरे मलाशय में विकसित होकर ऊपर की ओर फैलने लगते हैं। बड़ी आंत की यह सूजन आंत्र को खाली करने लगती है। इस बीमारी से बड़ी आंत की सतह की कोशिकाएं भी मर जाती है। इस अल्सर से अक्सर खून बहना और बलगम आदि कि समस्या होने लगती है। अल्सरेटिव कोलाइटिस किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, पर एक अध्ययन में बताया गया है कि ये सामान्य तौर पर 15 से 30 वर्ष व 50 से 70 वर्ष के आयु के लोगों को होता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को काफी परेशानियां होती है। आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे की अल्सेरिटिव कोलाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को अपने खान-पान में क्या-क्या बदलाव लाने चाहिए। इसे भी पढ़ें : पेट दर्द और ऐंठन बन सकता है कोलाइटिस का कारण, जानें इसके मुख्य लक्षण और बचाव के तरीके अल्सेरिटिव कोलाइटिस में इन चीजों का न करें सेवन (foods not to eat for ulcerative colitis)
इसे भी पढ़ें : आंतों से जुड़ी गंभीर बीमारी है क्रोंस डिजीज, ये हैं लक्षण और कारण अल्सेरिटिव कोलाइटिस में किस तरह के डाइट का करें सेवन (foods to eat for ulcerative colitis)
ध्यान रहे कि अल्सेरिटिव के मरीजों को अच्छी तरह पकी हुई साबुत दालों प्रयोग करना चाहिए, जो अच्छी तरह से गली हो। ऐसी दालें आसानी से पच जाती है और इन मरीजों के लिए काफी लाभकारी होते है।अल्सेरिटिव कोलाइटिस से पीड़ित मरीज खुद को ठीक कर सकते है उनको बस इसके लिए अपनी डाइट का सही से ख्याल रखना चाहिए। अगर उन्हें फिर भी इस बीमारी से पूर्ण रूप से राहत नहीं मिलती है तो उन्हें डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। कोलाइटिस में क्या खाने से परहेज करना चाहिए?कोलाइटिस के मरीजों को फाइबर से भरपूर चीजों को खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए वीट ब्रेड, पास्ता और अनाज की बजाय आप आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आप ब्राउन राइस और क्युनोवा भी खाने से बचें।
कोलाइटिस में क्या फल खाना चाहिए?फूड आइटम जिनका आप आसानी से सेवन कर सकते है
फल और सब्जियां: फल (स्टू सेब, केला, पपीता, अनार, नाशपाती, खरबूजे (पानी तरबूज, कस्तूरी तरबूज) और सब्जियां (सभी प्रकार की लौकी, भिंडी, टिंडा, हरी पत्तेदार सब्जियां (भारतीय पालक, मेथी के पत्ते, धनिया पत्ती))।
कोलाइटिस कितने दिन में ठीक हो जाता है?आमतौर पर हल्के कोलाइटिस के मामलों में, बच्चों को ठीक होने में लगभग 3 से 4 दिन लग सकते हैं और वयस्कों के लिए लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है। हालांकि, गंभीर कोलाइटिस से पीड़ित रोगियों को इस स्थिति से उबरने में 3 से 4 सप्ताह का समय भी लग सकता है।
बड़ी आंत की सूजन में क्या खाना चाहिए?इसके लिए आपको खाने में कच्ची, उबली और पकी सब्जियों को शामिल करना जरूरी है. आप खाने में कुछ फलों, नट्स, स्प्राउट्स और प्रीबायोटिक्स से भरपूर खाना खाएं. प्रीबायोटिक्स से भरपूर खाना आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं. साथ ही आपको खाने में रंग-बिरंगे फल-सब्जियों को शामिल करनी चाहिए.
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