समभावी का क्या अर्थ है वाख के आधार पर बताइए? - samabhaavee ka kya arth hai vaakh ke aadhaar par bataie?

Table of Contents

  • 1 समभावी शब्द का अर्थ क्या है?
  • 2 सम खा तभी होगा समभावी में कौन सा अलंकार है?
  • 3 मनुष्य समभावी कैसे बन सकता है?
  • 4 सम खा का क्या अर्थ है?
  • 5 ईश्वर की पहचान कब होती है?
  • 6 मनुष्य अहंकारी कब हो जाता है?
  • 7 मनुष्य ईश्वर को कहाँ कहाँ ढूँढता है?
  • 8 अहंकार का जनक कौन है?
  • 9 मन में क्या छिपा कर रखना चाहिए?
  • 10 जीवन भक्ति कब कम हो जाती है?
  • 11 सम खा तभी होगा समभावी प्रस्तुत पंक्ति में सम खाने का क्या आशय है?
  • 12 समभावी कौन बनता है वह पाठ के आधार पर बताएँ?
  • 13 ललद्यद के अनुसार कच्चा धागा किसका प्रतीक है?
  • 14 वाख का क्या अर्थ होता है?
  • 15 वाख का मतलब क्या होता है?
  • 16 धागा किसका प्रतीक है?

समभावी शब्द का अर्थ क्या है?

– 1. भविष्य काल का या भविष्य काल में होने वाला; आगामी; भविष्यकालीन 2. जो हो सकता हो या जिसके होने की संभावना हो; संभावित; संभाव्य।

समभावी कौन हो सकता है class 9?

III. योग और त्याग के बीच का मध्यम मार्ग अपनाने वाला व्यक्ति समभावी हो सकता है।

सम खा तभी होगा समभावी में कौन सा अलंकार है?

‘सम खा तभी होगा समभावी’ पंक्ति में निहित अलंकार बताइए। यमक अलंकार क्यों एक सम का अर्थ शमन करना तथा दूसरे सम का अर्थ समानता का भाव।

माझी का यहां क्या अर्थ है?

2. ‘माझी’ का यहाँ क्या अर्थ है? Explain:- माझी ईश्वर के लिए प्रयोग हुआ है।

मनुष्य समभावी कैसे बन सकता है?

कवयित्री ललद्यद के वाख के अनुसार मनुष्य तभी समभावी बन सकता है, जब वह जाति एवं धर्म से ऊपर उठ जाए और अपनी संकीर्ण मानसिकता को जाकर समान भाव अपनाए।

हमारी ईश्वर से पहचान कब होगी?

जब हम कर्मो में लिप्त रहेंगें जब हम शिक्षा प्राप्त करेंगें जब हम दूसरों पर उपकार करेंगें

सम खा का क्या अर्थ है?

उत्तर : ‘सम खा’ अर्थात् सुख-दुख एवं सांसारिक भोगों का उपभोग स्वयं को वही प्राणी जान सकता है जो धर्म एवं संप्रदाय के भेदभाव से दूर रहकर के प्राणिमात्र से प्रेम करता हो ।

सम खा तभी होगा समभावी में सम खा से क्या तात्पर्य है *?

सम खा तभी होगा सामभावी, खुलेगी सांकल बंद दरा की। इस का वकायांस कीजिए। कवयित्री कहती है कि मनुष्य को भोग विलास में पड़कर कुछ भी प्राप्त होने वाला नहीं है। प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री मनुष्य को ईश्वर प्राप्ति के लिए मध्यम मार्ग अपनाने को कह रही है।

ईश्वर की पहचान कब होती है?

वाख से क्या तात्पर्य है?

Explanation: मित्र वाख का अर्थ होता है वाणी। यह चार पंक्तियों में लिखा जाता है। यह कश्मीरी शैली का एक उदाहरण है और इसे गाया भी जा सकता है।

मनुष्य अहंकारी कब हो जाता है?

अहंकार कब और क्यों आता है मनुष्य के अंदर थोडा सा बल, बुद्धि, धन, ऐश्वर्य, और पद मिलने से मानव अहंकारी बन जाता है और हर समय अपना ही गुणगान करता रहता है। उसे अपने से श्रेष्ठ कोई नहीं दिखता। इन्हीं कारणों से उसका पतन होता है। इसलिए कभी अपने बल और धन पर घमंड नहीं करना चाहिए।

एक बार प्रेम संबंध टूटने पर क्या होता है?

यदि एक बार यह लगाव या विश्वास टूट जाए तो फिर उसमें पहले जैसा भाव नहीं रहता। मन में दरार आ जाती है। जिस प्रकार सामान्य धागा टूटने पर उसे जब जोड़ते हैं तो उसमें गाँठ पड़ जाती है। इसी प्रकार प्रेम का धागा भी टूटने पर पहले के समान नहीं हो पाता।

मनुष्य ईश्वर को कहाँ कहाँ ढूँढता है?

मनुष्य ईश्वर को कहाँ-कहाँ ढूँढता फिरता है? उत्तर मनुष्य ईश्वर को देवालय (मंदिर), मस्जिद, काबा तथा कैलाश में ढूँढता फिरता है।

कच्चे धागे किसका प्रतीक है?

कच्चा धागा कमजोरी एवं अनिश्चितता का प्रतीक है। कच्चे धागा झूठे प्रयासों और नश्वर संसार का प्रतीक है।

अहंकार का जनक कौन है?

अहंकार की असुर वृत्ति रावन को ले डूबी

काम, क्रोध, लोभ आदि विकारों का जनक अहंकार ही को तो माना गया है। बात भी गलत नहीं है, अहंकारी को अपने सिवाय और किसी का ध्यान नहीं रहता, उसकी कामनायें अपनी सीमा से परे-परे ही चला करती है।

अहंकार का कारण क्या है?

मानव के अन्दर अहंकार का जन्म ऐसी ही विचारधारा के कारण होता है। मानव के अंदर अहंकार का मुख्य कारण भी यही है। इसके अतिरिक्त जब किसी को किसी स्थान विशेष पर अधिक महत्व दिया जाता है और उस व्यक्ति को लगता है कि वहां उपस्थित सभी लोगों में केवल वही है जो सर्वश्रेष्ठ है । तब उसके अन्दर अहंकार की भावना का जन्म होता है ।

मन में क्या छिपा कर रखना चाहिए?

हमें अपना दु ख दूसरों पर प्रकट नहीं करना चाहिए, क्योंकि संसार उसका मजाक उड़ाता है। हमें अपना दुःख अपने मन में ही रखना चाहिए। अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार परिहास पूर्ण हो जाता है।

प्रेम रूपी धागा टूट जाने पर क्या होता है?

प्रेम का धागा संबंधों को जोड़ता है इस तथ्य को स्पष्ट करते हुए रहीम जी कहते हैं कि प्रेम रूपी धागे को झटके से नहीं तोड़ना चाहिए। अगर इसमें एक बार गाँठ पड़ जाती है तो यह फिर नहीं जुड़ता और अगर जुड़ता भी है तो इसमें गाँठ पड़ जाती है अर्थात् प्रेम सम्बन्ध कठिनाई से बनते हैं।

जीवन भक्ति कब कम हो जाती है?

Expert-verified answer
जीवन भक्ति तब कम हो जाती है जब जीवन में ज्ञान की आंधी चलती है। ज्ञान की आंधी चलने से मनुष्य के जीवन के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। उसके मन के सारे भ्रम दूर हो जाते हैं, उसे जीवन का असली यथार्थ समझ में आने लगता है। वह माया मोह स्वार्थ, लालच, अज्ञानता आदि विकारों से दूर हो जाता है।

मनुष्य को ईश्वर की प्राप्ति कब होती है?

स्वाध्याय का तात्पर्य अच्छे-अच्छे ग्रंथों का अध्ययन करना तो है ही अपना अध्ययन करना भी है। इसे आत्मनिरीक्षण की घड़ी भी कह सकते हैं। जब तक मनुष्य आत्मनिरीक्षण या आत्म विश्लेषण नहीं करता तब तक वह प्रभु को प्राप्त नहीं कर सकता। ईश्वर प्राप्ति के लिए ईर्ष्या द्वेष आदि कुटिल भावनाओं का त्याग नितांत आवश्यक है।

सम खा तभी होगा समभावी प्रस्तुत पंक्ति में सम खाने का क्या आशय है?

7. ‘समखा तभी होगा समभावी’ पंक्ति में अलंकार का नाम बताइए। Explain:- यमक अलंकार क्यों एक सम का अर्थ शमन करना तथा दूसरे सम का अर्थ समानता का भाव।

जेब टटोलने का अर्थ क्या है?

जेब टटोलने का अर्थ आत्मावलोकन करना है।

समभावी कौन बनता है वह पाठ के आधार पर बताएँ?

Answer. संभावी संस्कृत [विशेषण] 1. भविष्य काल का या भविष्य काल में होने वाला ; आगामी ; भविष्यकालीन 2. जो हो सकता हो या जिसके होने की संभावना हो ; संभावित ; संभाव्य।

वाख में घर किसका प्रतीक है?

वाख’ में घर पर आत्मा का प्रतीक है। Explanation: उत्तर: कवयित्री का ‘घर जाने की चाह’ से तात्पर्य प्रभु से मिलन है। उसके अनुसार जहाँ प्रभु हैं वहीं उसका वास्तविक घर है।

ललद्यद के अनुसार कच्चा धागा किसका प्रतीक है?

भव सागर में कौन सा अलंकार है?

भवसागर में कौन-सा अलंकार है? ‘भव रूपी सागर’ रूपक अलंकार।

वाख का क्या अर्थ होता है?

मित्र वाख का अर्थ होता है वाणी। यह चार पंक्तियों में लिखा जाता है। यह कश्मीरी शैली का एक उदाहरण है और इसे गाया भी जा सकता है।

जेब टटोली का क्या अर्थ है?

‘जेब टटोली कौड़ी न पाई’ के माध्यम से कवयित्री यह कहना चाहती है कि हठयोग, आडंबर, भक्ति का दिखावा आदि के माध्यम से प्रभु को प्राप्त करने का प्रयास असफल ही होता है। इस तरह का प्रयास भले ही आजीवन किया जाए पर उसके हाथ भक्ति के नाम कुछ नहीं लगता है। भवसागर को पार करने के लिए मनुष्य जब अपनी जेब टटोलता है तो वह खाली मिलती है।

वाख का मतलब क्या होता है?

कवयित्री के अनुसार साहिब कौन है *?

Answer: कवयित्री परमात्मा को साहब मानती है, जो भवसागर से पार करने में समर्थ हैं। वह साहब को पहचानने का यह उपाय बताती है कि मनुष्य को आत्मज्ञानी होना चाहिए। वह अपने विषय में जानकर ही साहब को पहचान सकता है।

धागा किसका प्रतीक है?