पंजाब में पिछले चार साल में काले पीलिया के इलाज के लिये उपचार केन्द्रों की संख्या बढ़ा कर 59 कर दी गई है । पंजाब माडल की तर्ज पर अब भारत सरकार ने ऐसे मरीजों के इलाज के लिए राष्ट्रीय वायरल हैपेटाईटस... Show
Manju Mamgainवार्ता,चंडीगढ़Mon, 15 Feb 2021 06:04 PM पंजाब में पिछले चार साल में काले पीलिया के इलाज के लिये उपचार केन्द्रों की संख्या बढ़ा कर 59 कर दी गई है । पंजाब माडल की तर्ज पर अब भारत सरकार ने ऐसे मरीजों के इलाज के लिए राष्ट्रीय वायरल हैपेटाईटस कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीएचसीपी) शुरू किया है। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने आज यहां बताया कि पंजाब देश में काले पीलिया का मुफ्त इलाज शुरू करने वाला पहला राज्य है। अब तक राज्य में काले पीलिया के लिए 1.83 लाख लोगों की जांच की जा चुकी है और 91 हजार से अधिक मरीजों का मुफ्त इलाज किया गया है। ये 59 इलाज केंद्र सभी 22 जिला अस्पतालों, 3 जी.एम.सीज़, 13 ए.आर.टी. सैंटर, 11 ओ.एस.टी. साईटों, नौ केंद्रीय जेलों, एक एसडीएच में कार्यशील हैं। उन्होंने कहा कि हैपटोलोजी विभाग, पी.जी.आई.चंडीगढ़, सरकारी मैडीकल कालेज, फरीदकोट और पटियाला के तीन माडल ट्रीटमेंट सैंटर काले पीलिया के प्रबंधन के लिए राज्य के मैडीकल विशेषज्ञों और डाक्टरों की क्षमता वृद्धि के लिए काम कर रहा है। श्री सिद्धू ने कहा कि साल 2०17 में पंजाब स्टेट एडज कंट्रोल सोसायटी के अधीन सभी ओएसटी सैंटरों में 13 ए.आर.टी. सैंटरों और इंटरावेनस ड्रग यूजरज़ में काले पीलिया की जांच और प्रबंधन शुरू करने के लिए भी पंजाब पहला राज्य बन गया है। लगभग 28 हजार एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों की काले पीलिया के लिए जांच की गई और 26०० से अधिक लोगों का मुफ्त इलाज किया गया। इन मुफ्त सेवाओं के कारण सभी मरीजों को काफी राहत मिली है क्योंकि काले पीलिया की दवाएँ महँगी हैं और इसका खर्च बहुत ज्यादा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि फाऊंडेशन आफ इनोवेटिव न्यू डायगनोस्टिकस और क्लिंटन हैल्थ एक्सैस इनीशीएटिव के सहयोग से काले पीलिया के लिए जेल कैदियों की जांच शुरू करने वाला भी पंजाब पहला राज्य बन गया है, जिसके अंतर्गत 9 केंद्रीय जेलों के 15,००० कैदियों की जांच की गई और अब तक 13०० कैदियों का काले पीलिया के लिए मुफ्त इलाज किया जा चुका है।
कालापीलिया (हेपेटाइटिस-सी) के मरीजों का निजी अस्पतालों में करीब 1 लाख रुपए में होने वाला इलाज सरकारी अस्पताल में फ्री करवाया जा सकता है। सरकार द्वारा हेपेटाइटिस-सी का इलाज जुलाई 2014 से पूरी तरह फ्री किया जा चुका है। मरीज को इलाज के लिए सिर्फ एक टेस्ट अपने खर्च पर करवाना होगा। इस टेस्ट की कीमत भी कम करवाई गई है। जिले में अब तक लीवर या लीवर से संबंधित समस्या से पीड़ित 1074 लोगों की जांच की गई जिनमें से 924 मरीजों का एलाइजा टेस्ट पॉजीटिव आया। वायरल लोड टेस्ट के बाद 624 मरीज इस फ्री इलाज प्रोग्राम के तहत रजिस्टर्ड हुए थे जिनमें से 140 मरीजों का कोर्स पूरा हो चुका है। इन मरीजों का एसवीआर टेस्ट करवाने के बाद स्वस्थ पाए गए मरीजों को रोग मुक्त होने का सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा। एपिडेमोलॉजिस्ट डा. रुपिंदर कौर ने बताया कि प्रोग्राम को सख्ती से लागू किया जाता है। एक-एक मरीज को ट्रैक करके सुनिश्चित किया जाता है कि ठीक हो जाए, जिसके तहत सफलता मिल रही है। दूसरा चरण | मरीज की दवा शुरू करवाई जाती है, खून में वायरस की मात्रा के आधार पर दवा का कोर्स तय किया जाता है। जिसके बाद मरीज को तीन महीने की दवा दी जाती है। >दवाहर महीने दी जाती है। हर महीने अस्पताल में मरीज के खून की फ्री जांच होती है। तीसरा चरण | दवा का कोर्स खत्म होने पर अगले तीन महीने बाद मरीज को अस्पताल आने को कहा जाता है। तीन महीने बाद मरीज का फिर डाक्टर लाल पैथ लेब से टैस्ट करवाया जाता है, जिसके लिए अस्पताल से स्लिप मिलने से मुफ्त में ही सस्टेनेबल वायरस रिस्पांस टैस्ट होता है। >अगरखून में वायरस है तो उसे पीजीआई चंडीगढ़ अगले टेस्ट और इलाज के लिए भेजा जाएगा। वहां इलाज फ्री होगा। >आखिरी जांच में खून में वायरस नहीं मिलता तो मरीज को सर्टिफिकेट दिया जाता है कि वह हेपेटाइटिस-सी मुक्त है। पहला चरण | हेपेटाइटिस-सी है तो मरीज को सिविल अस्पताल के मेडिसन विभाग में जाकर अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी होगी। सिविल में डा. कटारिया के पास अपना नाम रजिस्टर्ड करवा सकते हैं। >मेडिसनविभाग मरीज का अलाइजा टेस्ट करवाता है, जिसमें पता चलता है कि मरीज नेगेटिव है या पॉजिटिव। >रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज का आईडी कार्ड बनता है। उसे स्लिप मिलती है और मरीज का डाक्टर लाल पैथ लेब से वायरल लोड टेस्ट करवाया जाता है। जिस पर मरीज को 2100 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। मुफ्त सुविधा का लाभ उठाएं मरीज : सीएस ^मरीजको हेपेटाइटिस-सी का पता ब्लड टेस्ट या फिर लीवर में खराबी के बाद ही पता पता चलता है। इस संबंधी जानकारी के लिए लोग टोल फ्री नंबर 104 पर कॉल कर सकते हैं। जिले में मरीजों की संख्या अधिक है। दवा महंगी होने के कारण कई मरीज इलाज नहीं करवा पाते। मगर लोग सिविल अस्पताल नवांशहर में आकर हेपेटाइटिस-सी के मुफ्त इलाज की सुविधा का लाभ ले सकते हैं। -सिविलसर्जन डा. रीटा भारद्वाज डायल-104 काला पीलिया कैसे खत्म होता है?काला पीलिया का उपचार
कोई भी व्यक्ति ऐसे में एंटीहिस्टामाइन ले सकता है और हल्के प्रुरिटिस के लिए गर्म पानी से नहा सकता है। पीलिया कभी-कभी लीवर को नुकसान पहुंचने के संकेत दे सकता है। इलाज तब पूरी तरह सफल माना जाता है, जब लीवर को होने वाला नुकसान कम से कम और बिल्कुल भी नहीं होता है।
पीलिया को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?नीम के पत्तों का रस भी पीलिया के मरीजों के लिए रामबाण हैं।. साबुत धनिया को रात भर पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को पी लें। ... . मूली और मूली के पत्तों का रस निचोड़कर पीने से भी पीलिया में जल्दी राहत मिलती है। ... . गन्ने का रस पिएं, गन्ने का रस साफ और हाइजीनिक तरीके से निकाल कर पीने से पीलिया में राहत मिलती है।. काला पीलिया में क्या nahi खाना चाहिए?चाय और कॉफी से बनाएं दूरी: पीलिया के मरीजों को चाय और कॉफी का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि चाय और कॉफी में कैफीन पाया जाता है। जोकि पीलिया के मरीजों के लिए खतरनाक साबित होता है। 2. रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड: पीलिया से पीड़ित व्यक्ति को मसालेदार और तले हुए भोजन से दूर रहना पड़ता है।
सबसे खतरनाक पीलिया कौन सा होता है?बी प्रकार का पीलिया (वायरल हैपेटाइटिस) ज्यादा गम्भीर होता है इसमें जटिलताएं अधिक होती है। इसकी मृत्यु दर भी अधिक होती है।
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