जरासंध के पुत्र का नाम क्या था? - jaraasandh ke putr ka naam kya tha?

Jarasandha in Hindi / जरासंध महाभारत कालीन मगध राज्य (वर्तमान बिहार) का राजा था। वह बहुत ही शक्तिशाली राजा था और उसका सपना चक्रवती सम्राट बनने का था। जरासंध जो भगवान कृष्ण के मामा कंश का ससुर होने के साथ-साथ उसका परम मित्र भी था। यद्यपि वह एक शक्तिशाली राजा तो था, लेकिन वह था बहुत क्रूर। जरासंध ने अपनी दोनों पुत्रिया आसीत व प्रापित का विवाह कंश से कराया था अतः कृष्ण द्वारा कंश का वध होने पर वह कृष्ण को अपना सबसे बड़ा शत्रु मानता था। कृष्ण से अपने पुत्रियों के सुहाग का प्रतिशोध लेने के लये जरासंध ने 17 बार मथुरा में चढ़ाई करी परन्तु वह भगवान श्री कृष्ण को पराजित नही कर पाया, हर बार उसे हार का सामना करते हुए वापस लोटना पड़ा। जरासंध के जन्म व मृत्यु की कथा भी बहुत ही रोचक है। आइये जाने जरासंध का इतिहास (jarasandh ka itihaas)…

जरासंध का जन्म – दो माँ से आधा-आधा पैदा हुआ था जरासंध (Who was jarasandh)

Contents

  • 1 जरासंध का जन्म – दो माँ से आधा-आधा पैदा हुआ था जरासंध (Who was jarasandh)
  • 2 कंस का ससुर था जरासंध –
  • 3 चक्रवर्ती सम्राट बनना चाहता था जरासंध –
  • 4 मृत्यु – भीम ने ऐसे किया था जरासंध का वध – Jarasandh ka Vadh
  • 5 FAQ

जरासंध मगध राज्य के राजा बृहद्रथ के पुत्र थे जिनकी दो रनिया थी। वह दोनो ही को एकसमान चाहते थे। बहुत समय व्यतीत हो गया और वे बूढ़े़ हो चले थे, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी। निसंतान होने के कारण रानिया भी प्रायः दुखी रहा करती थी। पुत्रप्राप्ति की इच्छा से राजा बृहद्रथ महात्मा चण्डकौशिक के अाश्रम में गए तथा वहा रहकर उनकी सेवा करी। महात्मा चण्डकौशिक ने राजा से प्रसन्न होकर उन्हें एक आम का फल दिया तथा बोले की इस फल को अपनी पत्नी को खिला देना, इस फल को खाने से तुम्हे संतान की प्राप्ति होगी। क्योकि राजा बृहद्रथ की दो पत्निया थी अतः बिना कुछ सोचे विचारे उन्होंने वह फल दो टुकड़ो में काट अपनी दोनों पत्नियों को दे दिया। उस फल के प्रभाव से रानियों ने कुछ समय पश्चात शिशु शरीर के दो अलग-अलग टुकड़ो को जन्म दिया उन टुकड़ो को जीवित देख रानियों ने डर से उसे महल के बहार फिकवा दिया।

जरा नाम की एक राक्षसी ने मार्ग से गुजरते हुए जब उन टुकड़ो को देखा तो उसने अपनी माया के प्रभाव से उन शिशु टुकड़ो को जोड़ एक कर दिया। एक शरीर होते ही वह शिशु जोर-जोर से रोने लगा तथा उसकी आवाज सुन राजा सहित उनकी दोनों रानिया महल से बहार आये तथा उस राक्षसी के समीप गए व राक्षसी से उसका परिचय पूछा। तब राक्षसी के पूरी बात बताने व अपने पुत्र का एक शरीर देख राजा बहुत खुश हुआ तथा उसने अपने पुत्र का नाम राक्षसी के नाम को जोड़ते हुए जरासंध रखा। इस प्रकार जरासंध का जन्म हुआ।

कंस का ससुर था जरासंध –

जरासंध मथुरा के राजा कंस का ससुर एवं परम मित्र था। उसकी दोनों पुत्रियों आसित व प्रापित का विवाह कंस से हुआ था। श्रीकृष्ण से कंस वध का प्रतिशोध लेने के लिए उसने 17 बार मथुरा पर चढ़ाई की, लेकिन हर बार उसे असफल होना पड़ा। जरासंध के भय से अनेक राजा अपने राज्य छोड़ कर भाग गए थे। शिशुपाल जरासंध का सेनापति था।

चक्रवर्ती सम्राट बनना चाहता था जरासंध –

जरासंध बहुत बलशाली व पराक्रमी राजा था। उसने अपने ताकत के बल पर कई राजाओ का वध किया था तथा 86 राजाओ को एक पहाड़ी किले में बंदी बना कर रखा था। जरासंध की एक इच्छा थी की वह 100 राजाओ को मारकर चक्रवर्ती सम्राट बने।

मृत्यु – भीम ने ऐसे किया था जरासंध का वध – Jarasandh ka Vadh

जरासंध का वध करने लिए भगवान कृष्ण को एक योजना का निर्माण करना पड़ा तथा उस योजना अनुसार वे एक ब्राह्मण वेश में भीम व अर्जुन के साथ जरासंध के पास गए तथा उसे कुश्ती के लिए ललकारा। जरासंध उन आसाधारण से प्रतीत होने वाले ब्राह्मणो के देख पहचान गया तथा उनसे उनका वास्तविक परिचय पूछा। तब भगवान श्री कृष्ण ने जरासंध को अपना व उनके साथ आये भीम व अर्जुन का वास्तविक परिचय दिया। जरासंध ने कुश्ती के लिए भीम को अपना प्रतिद्वंदी चुना। दोनों में बहुत भयंकर युद्ध हुआ तथा यह युद्ध कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से 13 दिन तक लगातार चलता रहा। 14वे दिन जब भगवान श्री कृष्ण ने भीम को एक तिनके को बीच से दो टुकड़े में चिर कर दिखाया तो वे भगवान श्री कृष्ण का संकेत समझ गए व जरासंध के शरीर के दो टुकड़े कर दिए।

जरासंध का वध कर भगवान श्रीकृष्ण ने उसकी कैद से 86 राजाओ को आजाद कर दिया और कहा कि धर्मराज युधिष्ठिर चक्रवर्ती पद प्राप्त करने के लिए राजसूय यज्ञ करना चाहते हैं। आप लोग उनकी सहायता कीजिए। राजाओं ने श्रीकृष्ण का यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और धर्मराज युधिष्ठिर को अपना राजा मान लिया। भगवान श्रीकृष्ण ने जरासंध के पुत्र सहदेव को अभयदान देकर मगध का राजा बना दिया।

FAQ

Q : जरासंध की मृत्यु कैसे हुई?

Ans – जरासंध का वध भीम ने कुश्ती में किया। दोनों में बहुत भयंकर युद्ध हुआ तथा यह युद्ध कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से 13 दिन तक लगातार चलता रहा। 14वे दिन जब भगवान श्री कृष्ण ने भीम को एक तिनके को बीच से दो टुकड़े में चिर कर दिखाया तो वे भगवान श्री कृष्ण का संकेत समझ गए व जरासंध के शरीर के दो टुकड़े कर दिए।

इसे सुनेंरोकेंकंस के वध के बाद भगवान श्रीकृष्ण को सबसे ज्यादा यदि किसी ने परेशान किया तो वह था जरासंध। कंस ने उसकी दो पुत्रियों ‘अस्ति’ और ‘प्राप्ति’ से विवाह किया था।

दानवीर कर्ण के कितने पुत्र थे?

इसे सुनेंरोकेंरुषाली और सुप्रिया से कर्ण के नौ पुत्र थे। वृशसेन, वृशकेतु, चित्रसेन, सत्यसेन, सुशेन, शत्रुंजय, द्विपात, प्रसेन और बनसेन। कर्ण के सभी पुत्र महाभारत के युद्ध में शामिल हुए, जिनमें से 8 वीरगति को प्राप्त हो गए।

अश्वत्थामा के कितने पुत्र थे?

इसे सुनेंरोकेंजिसके आगे सारी पाण्डव सेना ने हथियार डाल दिया था। युद्ध पश्चात अश्वत्थामा ने द्रोपदी के पाँचो पुत्र और द्युष्टद्युम्न का वध कर दिया। अश्वत्थामा ने अभिमन्यु पुत्र परीक्षित पर बह्मशीर्ष अस्त्र का प्रयोग किया।

अश्वत्थामा को अमरता का वरदान कैसे मिला?

इसे सुनेंरोकेंजन्म से ही अश्वत्थामा के मस्तक में एक अमूल्य मणि विद्यमान थी, जोकि उसे दैत्य, दानव, शस्त्र, व्याधि, देवता, नाग आदि से निर्भय रखती थी। इस मणि के कारण ही उस पर किसी भी अस्त्र-शस्त्र का असर नहीं हो पाता था। द्रौपदी ने अश्‍वत्थामा को जीवनदान देत हुए अर्जुन से उसकी मणि उतार लेने का सुझाव दिया।

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भीम ने जरासंध को क्यों मारा?

इसे सुनेंरोकेंवह अन्य राजाओं को हराकर अपने पहाड़ी किले में बंदी बना लेता था। जरासंध बहुत ही क्रूर था, वह बंदी राजाओं का वध कर चक्रवर्ती राजा बनना चाहता था। भीम ने 13 दिन तक कुश्ती लड़ने के बाद जरासंध को पराजित कर उसका वध किया था। जरासंध 100 को बंदी बनाकर उनकी बलि देना चाहता था, जिससे कि वह चक्रवर्ती सम्राट बन सके।

राजा जरासंध कौन थे?

टिन्नू वर्मामहाभारत
जरासन्ध/कलाकार

करण का सबसे बड़ा पुत्र कौन था?

कर्ण के वास्तविक पिता भगवान सूर्य थे। कर्ण का जन्म पाण्डु और कुन्ती के विवाह के पहले हुआ था।…

कर्णजीवनसाथी:वृषाली और सुप्रियासंतान:वृषसेन , चित्रसेन , सत्यसेन , सुशेन , द्विपाल , शत्रुंजय , प्रसेन , वनसेन और वृषकेतु

महाभारत में कर्ण के पुत्र का नाम क्या था?

कुंती
कर्ण/पालक

महाभारत का अश्वत्थामा जिंदा है क्या?

इसे सुनेंरोकेंअश्वत्थामा, महाभारत काल का ऐसा चरित्र है जो आज भी जिंदा है। ऐसी मान्यता है कि अश्वत्थामा एक श्राप के कारण अमर है और जंगलों में भटक रहा है। उसके शरीर पर बड़े-बड़े घाव हैं। अश्वत्थामा को ये श्राप किसी और ने नहीं बल्कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने दिया था।

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क्या अश्वत्थामा अमर है?

इसे सुनेंरोकेंअश्वत्थामा अमर है और आज भी जीवित हैं। श्रीकृष्ण के श्राप के कारण अश्वत्थामा को कोड रोग हो गया। आज भी वह जीवित है। छुप कर वह पांडवों के शिविर में पहुँचा और घोर कालरात्रि में कृपाचार्य तथा कृतवर्मा की सहायता से पांडवों के बचे हुये वीर महारथियों को मार डाला।

जरासंध की पुत्री का नाम क्या है?

जरासंध मथुरा के राजा कंस का ससुर एवं परम मित्र था। उसकी दोनों पुत्रियों आसित व प्रापित का विवाह कंस से हुआ था।

जरासंध का पुत्र कौन था?

मगथ सम्राट जरासंध : महाभारत काल के सबसे शक्तिशाली राज्य मगथ का सम्राट था जरासंध। वह बृहद्रथ नाम के राजा का पुत्र था

जरासंध के वंशज कौन है?

चंद्रवंशी समाज जरासंध जैसे शक्तिशाली राजा के वंशज हैं।

जरासंध की जाति क्या थी?

जरासंध शैव था और असुर उसकी जाति थी।