जूडो खेलने के नियम (Judo)- अवधि, खेल क्षेत्र, पोशाक तथा महत्वपूर्ण नियम एवं तथ्य Show
जूडो एक जापानी मल्ल कला है। आज विश्व में जूडो एक लोकप्रिय खेल माना जाता है। जापान के स्कूलों में जूडो अनिवार्य विषय के रूप में सिखाया जाता है। जूडो का शाब्दिक अर्थ है Ju = कमल नशा do = रास्ता या सिद्धान्त । इसका अर्थ है- ऐसी कला, जिसके दाँव-पेंच के थोड़े से संकेत से विरोधी को पछाड़ कर जमीन पर गिरा दिया जाये। जूडो आज अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का खेल बन चुका है। विश्व के कई देश; जैसे-इंग्लैण्ड, अमरीका, फ्रांस, रूस आदि इस खेल में लोकप्रियता प्राप्त करते जा रहे हैं। सन् 1964 में ‘भारतीय जूडो संघ’ की स्थापना हुई। उसके बाद सन् 1966 में प्रथम जूडो राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सन् 1986 के एशियन खेलों में भारत की जूडो टोम ने भाग लिया और कांस्य पदक प्राप्त किया। भारत में यह खेल दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय होता जा रहा है। कई बड़े शहरों में इस खेल के प्रशिक्षण संस्थान खुलते जा रहे हैं। कई राज्यों में यह खेल शिक्षा विभाग द्वारा पाठ्यक्रम में सम्मिलित कर लिया गया है।
जूडो का खेल क्षेत्रजूडो 9 मी० x9 मी० वर्गाकार प्लेटफार्म पर खेला जाता है, जिसे ‘शिघाजो’ कहते हैं। खिलाड़ियों की पोशाकखिलाड़ियों की पोशाक में निम्नलिखित तीन वस्तुएँ मुख्य होती हैं- (1) अंगरखा अथवा गाउन की तरह का ढीला-ढाला मोटे कपड़े का कुर्ता। (2) पजामा, जिसमें ऊपर पेन्ट की तरह कुन्दे होते हैं, जो ऊपर से ढीला एवं मोहरी की तरफ तंग होता जाता है। कुन्दों में मोटा नाड़ा डालकर कमर पर कस दिया जाता है। (3) पोशाक पहनने के बाद अंगरखे के ऊपर बेल्ट बाँधी जाती है। बेल्ट उस रंग की बाँधी जाती है जिस मेड को वह खिलाड़ी पास कर चुका होता है। पूरी पोशाक को ‘जूड़ोगी’ कहते हैं। प्रतियोगिता की अवधिजूडो प्रतियोगिता 3 से 20 मिनट तक हो सकती है। विशेष अवस्थाओं में समय को कम किया जा सकता है या बढ़ाया जा सकता है। प्रतियोगिता का प्रारम्भप्रतियोगी खिलाड़ी एक-दूसरे की ओर मुँह करके करीब 3-5 मी० की दूरी पर खड़े होते हैं। वे एक-दूसरे को झुककर अभिवादन करते हैं। रैफरी द्वारा ‘हाजीमे’ कहते ही भिडंत प्रारम्भ हो जाती है। हार-जीत का फैसलाजूडो में हार-जीत का फैसला एक अंक से होता है, जो खिलाड़ी एक अंक अर्जित करता है, वह विजयी होता है। विरोधी खिलाड़ी को पीठ के बल तीन सेकण्ड तक जमीन पर दाबे रहने में सफलता प्राप्त करने वाले को विजेता अंक दिया जाता है। जापानी भाषा में इसे ‘चैक करें’ कहते हैं। जुडो में भारतीय खिलाड़ी एल० के० डागो, जरीना रमेश, संदीप सिंह बिलमोरिया, पूनम चोपड़ा, नरेन्द्र सिंह आदि ब्लेक बेल्ट प्राप्त कर चुके हैं। जूड़ो का खेलजूडो का खेल निम्न प्रकार खेला जाता है- (1) जूडो में दाँव-पेंच की मुख्य दो विधिया होती हैं- i) फैंकना-इसे जापानी में ‘नागेबाजा’ कहते हैं, (ii) पकड़ना-इसे जापानी में ‘कतामेबाजा’ कहते हैं। (2) जूड़ो सीखने के लिए सबसे पहले गिरने की कला सीखनी चाहिए। पीछे एवं साइडों में गिरने पर अपने घुटने मोड़कर शरीर को रोल करना चाहिए। सामने की तरफ गिरने पर घुटनों के बल आकर, कोहनियाँ मोड़कर हथेलियों से कोहनियों तक के भाग को जमीन पर फैला दें और कमर से पूरी तरह आगे झुक जाये । (3) दाँव कई प्रकार के लगाये जाते हैं। विरोघी को बगल में लेकर उसके आगे टाँग लगाकर पूरा तरह से अपने आगे गिरा दें। यह दाँव विरोधी के एक टॉग या दोनों टॉगों के आगे अपनी एक टॉग लगाकर उसे लगाया जा सकता है। ऐसे दाव में स्वयं का सन्तुलन बनाये रखना आवश्यक है। (4) विरोधी की दोनों भुजाएँ पकड़कर घुमाने के अन्दाज में चक्कर खिलाकर उसके शरीर का सन्तुलन खराब कर सकते हैं और उसे आसानी से जमीन पर गिरा सकते हैं । (5) विरोधी के दोनों हाथ पकड़ कर तुरन्त घूम जायें और उसे कन्मों पर लेकर आगे झुक जायें और विरोधो को अपने आगे जमीन पर गिरा दें। (6) विरोधी के कन्धों के पास भुजा को दोनों हाथों से पकड़कर उसकी बगल को अपने एक कन्थे पर लेकर झटके के साथ अपने आगे गिरा दैं। (7) अवसर मिलते ही विरोधी की कमर को दोनों हाथों से पकड़ लें। तुरन्त घुमाकर विरोधी को अपनी हिप पर उठा लें और घुमाकर अपने आगे गिरा दें। (৪) विरोधी को जमीन पर गिराने के पश्चात् उसे चित्त करने के लिए प्रयास करें। यदि विरोधी बैठी स्थिति में हो तो उसकी बगल में से अपना एक हाथ निकालकर गर्दन के पीछे के भाग को जोर देकर बायें और दूसरा हाथ विरोधी के सीने के आगे लपेट कर उसे पीठ के बल लाने का प्रयास करें। (9) विरोधी यदि ओंधा गिरा हुआ हो तो तुरन्त उसकी बगल में लेटकर अपना बायाँ पैर विरोधी के दायें कन्धे के ऊपर से निकाल कर उसकी गर्दन को अड़ा दें । आपका दायाँ पैर विरोधी के पेट के नीचे होना चाहिए। इस दाव से विरोधी असहाय हो जायेगा। जुड़ो खेल में निषेध अथवा अनुचित कार्यजूडो खेल में निषेध अथवा अनुचित कार्य निम्नलिखित हैं- (1) खेल प्रारम्भ करते समय खिलाड़ी एक-दूसरे को कोहनी अथवा कन्धे के पास वाले भाग की पोशाक पकड़कर ही खेल आरम्भ करते हैं। इसके अलावा शरीर के अन्य भाग (हाथ, पैर गर्दन आदि) को पकड़ कर दाँव लगाना अशोभनीय माना जाता है। (2) प्रतिद्वन्द्वी का सिर या छाती खींचना भी निषेध है। ऐसा करने पर चेतावनी दी जाती है। (3) रैफ्री के निर्णय का विरोध करना अत्यन्त निन्दाजनक बात समझी जाती है। (4) पीछे से चिपके हुए खिलाड़ी पर जान-बूझकर पीछे की ओर गिराना। (5) प्रतियोगिता के दौरान कोई भी खिलाड़ी अपशब्द या गलत हरकत नहीं कर सकता। (6) विरोधी खिलाड़ी की टॉग को खड़े होने की स्थिति में खींचना ताकि वह लेटी स्थिति में आये। (7) विरोधी खिलाड़ी की पोशाक की बाजुओं या पजामे में अंगुलियाँ डालकर उसे पकड़ना। (৪) ऐसी पकड़ या लॉक का प्रयोग करना जिससे विरोधी की रीढ़ की हड्डी के लिए संकट पेदा हो । (9) लेटे हुए खिलाड़ी को खड़े हुए खिलाड़ी की गर्दन में कैंची मारना। (10) विरोधी के मुँह की ओर सीधे हाथ या पेर बढ़ाना। 11) जान-बूझकर प्रतियोगिता क्षेत्र के बाहर जाना या विरोधी को अकारण घसीटकर या घधरकलकर बाहर ले जाना। (12) रैफ्री की अनुमति के बिना बैल्ट खोलना और बाँधना। (13) विरोधी के बैल्ट या अंगरखे को बाजू से पकड़ना । (14) जान-बूझकर स्पर्श अथवा पकड़ से बचने का प्रयास करना। (15) निरन्तर बहुत देर तक अँगुलियाँ फँसाये रखना । जूड़ो में विशेष निर्णयजूडो में विशेष निर्णय निम्नलिखित हैं- (1) यदि कोई खिलाड़ी प्रतियोगिता में भाग लेने से इंकार करता है तो विरोधी खिलाड़ी को विजयी घोषित किया जाता है। इसे त्रुटि के कारण विजयी कहते हैं। (2) यदि कोई खिलाड़ी रैफ्री की चेतावनी के पश्चात् भी बार-बार वर्जित कार्य करता है, उसे पर करार दिया जाता है। इसे ‘नियम उल्लंघन के कारण पराजित’ कहते हैं। (3) घायल होने के कारण यदि खिलाड़ी आगे खेलने योग्य नहीं रहता तो गलती करने वाला खिलाड़ी पराजित माना जायेगा। यदि विरोधी की गलती से चोट लगी है तो विरोधी पराजित या स्वयं की गलती से चोट लगी है तो स्वयं पराजित एवं विरोधी विजयी माना जायेगा । महत्वपूर्ण लिंक
Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है | हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- जूडो ड्रेस का क्या नाम है?जुडोगी (वर्दी)
पारंपरिक रूप से जुडो अभ्यासकर्ता सफ़ेद रंग की वर्दी पहनते हैं जिसे जुडोगी कहा जाता है जिसका सामान्य मतलब जुडो का अभ्यास करने के लिए पहना जाने वाला "जुडो पोशाक" है।
वॉलीबॉल टीम में कितने खिलाड़ी होते हैं?सही उत्तर 6 है। वॉलीबॉल टीम में 6 खिलाड़ी होते हैं और कई विकल्पों सहित छह से अधिक नहीं होते हैं। खेल शुरू होने से पहले प्रत्येक टीम के 3 खिलाड़ी अपने कोर्ट में अटैक लाइन के ठीक पीछे और शेष तीन पीछे खड़े होते हैं।
जूडो का अर्थ क्या है?जूडो, जो जापानी में "कोमल विधि" का अनुवाद करता है। यह एक जापानी मार्शल आर्ट है जिसकी स्थापना 1882 में जिगोरो कानो ने की थी। इसे जिउ-ओल्ड जित्सु के तरीकों से विकसित किया गया था। यह दुनिया में सबसे अधिक प्रचलित मार्शल आर्ट है, साथ ही फुटबॉल के बाद दुनिया का दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल है।
जूडो खेल की अवधि कितनी होती है?खेल तीन से 20 मिनट के बीच खेला जाता है. यदि स्कोर टाई होते हैं, तो बाउट गोल्डन स्कोर 'या ओवर टाइम में चला जाता है. एक और स्कोर हासिल करने वाला पहला प्रतियोगी को विजेता चुना जाता है. जूडो खेल में बेल्ट के अनुसार खिलाड़ी का ग्रेड निधारित होता है.
|