मुर्गियों की सबसे बड़ी बीमारी कौन सी है? - murgiyon kee sabase badee beemaaree kaun see hai?

इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है बर्ड फ्लू

मुर्गियों की सबसे बड़ी बीमारी कौन सी है? - murgiyon kee sabase badee beemaaree kaun see hai?

इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है बर्ड फ्लू

बिजनौर। जिले में बर्ड फ्लू मिलने के बाद अब फिर से सभी पोल्ट्री फार्म पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। पोल्ट्री फार्म से सैंपल लेकर जांच को भेजे जाएंगे। पोल्ट्री फार्म संचालकों को बर्ड फ्लू के बारे में सचेत किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पक्षियों के साथ इंसानों व पशुओं को भी संक्रमित कर सकता है।
जिले में करीब 25 पोल्ट्री फार्म संचालित हैं। इनमें आठ लाख मुर्गियां व चूजे हैं। पशुपालन विभाग की ओर से इनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे जो निगेटिव आए थे। जिले में कई जगह पर पालतू कबूतरों की मौत के मामले भी सामने आए थे। जांच में पता चला था कि कबूतरों की मौत मेरेक्स डिजिज बीमारी से हुई थी, जिसे आम भाषा में गर्दन तोड़ भी कहा जाता है। सर्दी में यह बीमारी कबूतरों की मौत का कारण बनती है। लेकिन अब बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। पोल्ट्री फार्म संचालकों को दूसरे पोल्ट्री फार्म पर न जाने तक के लिए कहा जा रहा है। मुर्गियों के साथ-साथ पोल्ट्री पर काम करने वाले कर्मचारियों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने के लिए कहा गया है। पोल्ट्री फार्म संचालकों को बर्ड फ्लू के बारे में फिर से जागरूक किया जा रहा है।

यह होता है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू को एवियन इंफ्लूयेंजा कहा जाता है। यह पक्षियों में होने वाला विषाणु जनित संक्रामक रोग है। सामान्यत: यह पक्षियों को ही संक्रमित करता है लेकिन यह घोड़ों और सुअर को भी संक्रमित करता है। विपरीत परिस्थितियों में स्पीसीज बैरियर को क्रॉस कर यह मनुष्य को भी संक्रमित कर सकता है। यह पक्षी के शरीर में प्रवेश करने के कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक संक्रमण शुरू करता है। यह अवधि विषाणु की प्रकृति, मात्रा, प्रवेश का मार्ग तथा पक्षी के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
रोग के कारक
बर्ड फ्लू विषाणु द्वारा होने वाला रोग है। यह पशु, पक्षी व मनुष्य को भी संक्रमित कर सकता है। विषाणु ए, बी व सी प्रकार का होता है। इसमें ए टाइप पोल्ट्री, सुअर व अश्व में संक्रमण करता है। इसकी सबसे बड़ी होस्ट जल मुर्गी रहती है। पानी में रहने वाले पक्षियों में यह बीट व मुंह से, पोल्ट्री में बीट, मुंह व वायु से तथा इंसानों में वायु के माध्यम से विषाणु जाता है। संक्रमित पक्षियों की आंख, श्वास नलिका व बीट व पोल्ट्री के उपकरणों के संपर्क में आने से भी यह इंसानों में फैल सकता है।

ये हैं पक्षियों में बर्ड फ्लू के लक्षण
- मुर्गी की आंख व नाक से अत्यधिक स्त्राव होना।
- मुर्गी की कलगी व पंजे नीले पड़ जाना।
- मुर्गी की गर्दन व चेहरे पर सूजन होना।
- मुर्गी का एक ही स्थान पर बैठे रहना।
- मुर्गी को बुखार, दस्त आना व मांसपेशी में अकड़न होगा।
इंसानों में लक्षण
- सर्दी, जुकाम व खांसी।
- गले में खराश, मांसपेशी में दर्द, सांस लेने में तकलीफ।
ये हैं बचाव के तरीके
- फार्म के पास अत्यधिक लोगों को न आने दें।
- फार्म के चारों ओर चूना डालें।
- रोजमर्रा के कर्मचारियों को सैनिटाइज करें।
- फार्म में आते जाते समय कपड़े बदलें।
- मुर्गियों को अच्छी गुणवत्ता की खुराक दें।
- पोल्ट्री फार्म के आसपास सुअर पालन न हो।
- मृत पक्षी को अच्छी तरह गड्ढा खोकर चूना डालकर दबाएं।
इन गांवों में अंडा, मुर्गी बेचना प्रतिबंधित
गांव अमखेड़ा के पोल्ट्री फार्म के पास दस किलोमीटर की परिधि में अंडा, मुर्गी, चिकन बेचने पर 21 दिन तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। गांव जैतरा, अमखेड़ा, संजरपुर, लड्डावाला, मदी, परमावाला, नींदडू, धामपुर शहर का कुछ क्षेत्र, पुराना धामपुर, गजुपुरा, अहमदपुर जलाल, कागपुर नीमला, पाडली, मतोरा, पड़लावाला आदि 27 गांव पोल्ट्री फार्म की परिधि में आते हैं। यहां अंडा, मुर्गी व चिकन बेचने पर अभी रोक रहेगी। बर्ड फ्लू मिलने के बाद भी जिले में अभी अंडों व चिकन के मूल्य पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। अंडे की क्रेट 130 रुपये की व चिकन 120 रुपये प्रति किलोग्राम मिल रहा है।

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मुर्गियों की सही बढ़ोत्तरी के लिए समय पर टीकाकरण के साथ आहार का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

पोल्ट्री फार्मों में रोगों को फैलने से रोकने के लिए उनके उचित प्रबंधन के साथ टीकाकरण कराना बहुत जरूरी है। टीकाकरण कराने से मुर्गियों में मृत्युदर को काफी हद तक रोका जा सकता है। किस बीमारी के लिए कौन सा टीका लगवाएं, किस आयु में लगवाएं और कैसे लगवाना है इसके बारे में नीचे बताया गया है। अगर आप अपने फार्म में चूजों को ला रहे है तो छह दिन के बाद ही उनमें टीकाकरण कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

मुर्गिंयों के लिए सारिणी-

ब्रायलर (मांस) मुर्गी के लिए-

१.बीमारी- रानीखेत

टीका- एफ/बी—1

आयु- चार से छह दिन पर

कैसे दें- आंख—नाक से 1—1 बूंद या पीने के पानी में

२.बीमारी- गंबोरो

टीका- स्टैडर्ड/जीओरजिया इंटरमीडिएट प्लस

आयु- 12—14 दिन

कैसे दें- आंख—नाक में एक—एक बूंद या पीने के पानी में

अंडा देने वाली मुर्गियों एवं ब्रीडर मुर्गियों के लिए टीकाकरण सारिणी

१.बीमारी- मैरेक्स

टीका- एच वी टी

आयु - एक दिन

कैसे दें- 0.1 मि.ली. चमड़ी के नीचे

२.बीमारी- रानीखेत

टीका- एफ/बी—1

आयु- 4—6 दिन

कैसे दें- आंख—नाक में एक—एक बूंद या पीने के पानी में

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३.बीमारी- रानीखेत

टीका- आर 2 बी या आर डी कोल्ड वैक्सीन

आयु- 60 दिन

कैसे दें- 0.25—0.5 मि.ली.चमड़ी के नीचे

४.बीमारी- गंबोरो

टीका- स्टैडर्ड/जीओरजिया इंटरमीडिएट प्लस

आयु- 15—16 दिन

कैसे दें- आंख—नाक में एक—एक बूंद या पीने के पानी में

५.बीमारी- आईबी

टीका- आईबी

आयु- 21 दिन

कैसे दें- दो—दो बूंद पाने के पानी में

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६.बीमारी- फाउल पॉक्स या माता रोग

टीका- माता का टीका

आयु- 42 दिन

कैसे दें- 0.1 मि.ली पंख के नीचे या मांस में

७.बीमारी- गंबोरो, रानीखेत एंव आई बी

टीका- कील्ड टीका (मल्टीकम्पोनेंट)

आयु- 112 दिन

कैसे दें- 0.5 मि.ली. चमड़ी के नीचे

मुर्गियों की सबसे खतरनाक बीमारी कौन सी है?

मुर्गियों को होनेवाला एक भयंकर संक्रामक रोग रानीखेत है। रानीखेत वायरस के संक्रमण से होता है। यह बड़े पैमाने पर शीघ्रता से फैलनेवाला जानलेवा रोग है।

मुर्गियों में कौन सी बीमारी होती है?

रानीखेत एक अत्यअधिक घातक और संक्रामक रोग है यह प्लेग के समान है। यह रोग कुक्कुट-पालन की सबसे गम्भीर विषाणु बीमारियो मे से एक है इस रोग के विषाणु ''पैरामाइक्सो'' को सबसे पहले वैज्ञानिको ने वर्ष 1939-40 मे उत्तराखंण्ड भारत के रानीखेत शहर मे चिन्हित किया था।

मुर्गी बीमारी का दवा क्या है?

मुर्गियों में CRD की बीमारी हो जाने पर CRD की एक अचूक और विश्वप्रसिद्ध दवा है रेस्पिरेटरी हर्ब्स – Respiratory Herbs इस दवा को १०० मुर्गियों पर ५ मिलीलीटर मुर्गियों के पिने के पानी में मिलाकर सुबह में दें और शाम में Amino Power अमीनो पॉवर दें ।

मुर्गी को क्या खिलाने से जल्दी बढ़ती है?

प्रोबायोटिक्स एक ऐसा केमिकल पाउडर है, जिसका इस्तेमाल मुर्गियों का वजन बढ़ाने के लिए होता है। इसे चारा में मिलाकर चूजे को दिया जाता है। इसमें लैक्टो बैसिलस और कुछ अन्य जीवाणु होते हैं जो चूजे के आकार को तेजी से बढ़ाते हैं।