Show इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है बर्ड फ्लू बिजनौर। जिले में बर्ड फ्लू मिलने के बाद अब फिर से सभी पोल्ट्री फार्म पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। पोल्ट्री फार्म से सैंपल लेकर जांच को भेजे
जाएंगे। पोल्ट्री फार्म संचालकों को बर्ड फ्लू के बारे में सचेत किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पक्षियों के साथ इंसानों व पशुओं को भी संक्रमित कर सकता है। यह होता है बर्ड फ्लू ये हैं पक्षियों में बर्ड फ्लू के लक्षण रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS
Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| मुर्गियों की सही बढ़ोत्तरी के लिए समय पर टीकाकरण के साथ आहार का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है।पोल्ट्री फार्मों में रोगों को फैलने से रोकने के लिए उनके उचित प्रबंधन के साथ टीकाकरण कराना बहुत जरूरी है। टीकाकरण कराने से मुर्गियों में मृत्युदर को काफी हद तक रोका जा सकता है। किस बीमारी के लिए कौन सा टीका लगवाएं, किस आयु में लगवाएं और कैसे लगवाना है इसके बारे में नीचे बताया गया है। अगर आप अपने फार्म में चूजों को ला रहे है तो छह दिन के बाद ही उनमें टीकाकरण कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। मुर्गिंयों के लिए सारिणी- ब्रायलर (मांस) मुर्गी के लिए- १.बीमारी- रानीखेत टीका- एफ/बी—1 आयु- चार से छह दिन पर कैसे दें- आंख—नाक से 1—1 बूंद या पीने के पानी में २.बीमारी- गंबोरो टीका- स्टैडर्ड/जीओरजिया इंटरमीडिएट प्लस आयु- 12—14 दिन कैसे दें- आंख—नाक में एक—एक बूंद या पीने के पानी में अंडा देने वाली
मुर्गियों एवं ब्रीडर मुर्गियों के लिए टीकाकरण सारिणी १.बीमारी- मैरेक्स टीका- एच वी टी आयु - एक दिन कैसे दें- 0.1 मि.ली. चमड़ी के नीचे २.बीमारी- रानीखेत टीका- एफ/बी—1 आयु- 4—6 दिन कैसे दें- आंख—नाक में एक—एक बूंद या पीने के पानी में यह भी पढ़ें- वीडियो में जाने बैकयार्ड मुर्गीपालन, कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ ३.बीमारी- रानीखेत टीका- आर 2 बी या आर डी कोल्ड वैक्सीन आयु- 60 दिन कैसे दें- 0.25—0.5 मि.ली.चमड़ी के नीचे ४.बीमारी- गंबोरो टीका- स्टैडर्ड/जीओरजिया इंटरमीडिएट प्लस आयु- 15—16 दिन कैसे दें- आंख—नाक में एक—एक बूंद या पीने के पानी में ५.बीमारी- आईबी टीका- आईबी आयु- 21 दिन कैसे दें- दो—दो बूंद पाने के पानी में यह भी पढ़ें-ये हैं अपने ज़िले के सबसे बड़े अण्डा उत्पादक, दूसरे मुर्गीपालक इनसे लेते हैं सलाह ६.बीमारी- फाउल पॉक्स या माता रोग टीका- माता का टीका आयु- 42 दिन कैसे दें- 0.1 मि.ली पंख के नीचे या मांस में ७.बीमारी- गंबोरो, रानीखेत एंव आई बी टीका- कील्ड टीका (मल्टीकम्पोनेंट) आयु- 112 दिन कैसे दें- 0.5 मि.ली. चमड़ी के नीचे मुर्गियों की सबसे खतरनाक बीमारी कौन सी है?मुर्गियों को होनेवाला एक भयंकर संक्रामक रोग रानीखेत है। रानीखेत वायरस के संक्रमण से होता है। यह बड़े पैमाने पर शीघ्रता से फैलनेवाला जानलेवा रोग है।
मुर्गियों में कौन सी बीमारी होती है?रानीखेत एक अत्यअधिक घातक और संक्रामक रोग है यह प्लेग के समान है। यह रोग कुक्कुट-पालन की सबसे गम्भीर विषाणु बीमारियो मे से एक है इस रोग के विषाणु ''पैरामाइक्सो'' को सबसे पहले वैज्ञानिको ने वर्ष 1939-40 मे उत्तराखंण्ड भारत के रानीखेत शहर मे चिन्हित किया था।
मुर्गी बीमारी का दवा क्या है?मुर्गियों में CRD की बीमारी हो जाने पर CRD की एक अचूक और विश्वप्रसिद्ध दवा है रेस्पिरेटरी हर्ब्स – Respiratory Herbs इस दवा को १०० मुर्गियों पर ५ मिलीलीटर मुर्गियों के पिने के पानी में मिलाकर सुबह में दें और शाम में Amino Power अमीनो पॉवर दें ।
मुर्गी को क्या खिलाने से जल्दी बढ़ती है?प्रोबायोटिक्स एक ऐसा केमिकल पाउडर है, जिसका इस्तेमाल मुर्गियों का वजन बढ़ाने के लिए होता है। इसे चारा में मिलाकर चूजे को दिया जाता है। इसमें लैक्टो बैसिलस और कुछ अन्य जीवाणु होते हैं जो चूजे के आकार को तेजी से बढ़ाते हैं।
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