Question 1. Answer: (d) हेलेन केलर Question 2. Answer: (c) छूकर Question 3. Answer: (c) फूलों की पंखुड़ियों को छूने और उसकी घुमावदार बनावट को महसूस करने में Question 4. Answer: (d) चिड़िया के Question 5. Answer: (b) भोज-पत्र (1) क्या यह संभव है कि भला कोई जंगल में घंटाभर घूमे और फिर भी कोई विशेष चीज़ न देखे? मुझे जिसे कुछ भी दिखाई नहीं देता-सैकड़ों रोचक चीज़ मिलती हैं, जिन्हें मैं छूकर पहचान लेती हूँ। मैं भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती हूँ। वसंत के दौरान मैं टहनियों में नई कलियाँ खोजती हूँ। मुझे फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूने और उनकी घुमावदार बनावट महसूस करने में अपार आनंद मिलता है। इस दौरान मुझे प्रकृति के जादू का कुछ अहसास होता है। कभी, जब मैं खुशनसीब होती हूँ, तो टहनी पर हाथ रखते ही किसी चिड़िया के मधुर स्वर कानों में गूंजने लगते हैं। अपनी अंगुलियों के बीच झरने के पानी को बहते हुए महसूस कर मैं आनंदित हो उठती हूँ। Question 1. Answer: (c) छूकर Question 2. Answer: (d) चिकनी Question 3. Answer: (c) वसंत में (2) कभी-कभी मेरा दिल इन सब चीज़ों को देखने के लिए मचल उठता है। अगर मुझे इन चीजों को सिर्फ छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा परंतु, जिन लोगों की आँखें हैं, सचमुच बहुत कम देखते हैं। इस दुनिया के अलग-अलग सुंदर रंग उनकी संवेदना को नहीं छूते। मनुष्य अपनी क्षमताओं की कभी कदर नहीं करता। वह हमेशा उस चीज़ की आस लगाए रहता है जो उसके पास नहीं है। Question 1. Answer: (a) चीज़ों को देखकर Question 2. Answer: (a) क्योंकि वे देखकर भी नहीं देखते। Question 3. Answer: (a) प्रसन्नता (3) कभी-कभी मैं अपने मित्रों की परीक्षा लेती हूँ, यह परखने
के लिए कि वह क्या देखते हैं। हाल ही में मेरी एक प्रिय मित्र जंगल की सैर करने के बाद वापस लौटीं। मैंने उनसे पूछा, “आपने क्या-क्या देखा” Question 1. Answer: लेखिका यह जानने के लिए अपने मित्रों की परीक्षा लेती है कि उसके मित्र किसी विशेष स्थान पर जाकर क्या देखते हैं ? Question 2. Answer: जब मित्रों से पूछने पर जवाब मिलता है कि उन्होंने ऐसी चीज़ नहीं देखी जो विशेष हो। लेखिका को प्रायः इसी प्रकार के उत्तर सुनने को मिलते हैं, वह ऐसे उत्तर सुनने की आदी हो चुकी है। इसलिए उसे ऐसे उत्तरों से कोई आश्चर्य नहीं होता। Question 3. Answer: लेखिका की सहेली पहाड़ी क्षेत्रों से लौटी थी। (4) क्या संभव है कि भला कोई जंगल में घंटाभर घूमे और फिर भी कोई विशेष चीज़ न देखे? मुझे-जिसे कुछ भी दिखाई नहीं देता-सैकड़ों रोचक चीज़े मिलती हैं, जिन्हें मैं छूकर पहचान लेती हूँ। मैं भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती हूँ। वसंत के दौरान मैं टहनियों में नई कलियाँ खोजती हूँ। मुझे फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूने और उनकी घुमावदार बनावट महसूस करने में अपार आनंद मिलता है। इस दौरान मुझे प्रकृति के जादू का कुछ अहसास होता है। Question 1. Answer: पाठ का नाम-जो देखकर भी नहीं देखते, लेखिका-हेलेन केलर। Question 2. Answer: लेखिका भोजपत्र के चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती है। Question 3. Answer: लेखिका को फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह को छूने तथा उनकी घुमावदार बनावट को महसूस करने में अपार आनंद मिलता है। जो देखकर भी नहीं देखते पाठ के लेखक का नाम क्या है?Answer: पाठ का नाम-जो देखकर भी नहीं देखते, लेखिका-हेलेन केलर।
जो देखकर भी नहीं देखते पाठ का मूल भाव क्या है?उनके अनुसार जिनकी आँखें होती हैं वे लोग बहुत ही कम देखते हैं। वे प्रकृति को लेकर असंवेदनशील होते हैं| मनुष्य के पास जिस चीज़ की कमी होती है, वह उसे प्राप्त करने के लिए लालायित रहता है। ईश्वर से मिली दृष्टि को मानव एक साधारण-सी चीज़ समझकर उसका उचित प्रयोग नहीं ।
लेखिका की मित्र कहाँ की सैर करके लौटी थी?Solution : लेखिका की मित्र जंगल की सैर करके लौटी थीं।
लेखिका कभी कभी किसकी परीक्षा लेती थी *?(क) कभी-कभी मैं अपने मित्रों की परीक्षा लेती हैं, यह परखने के लिए कि वह क्या देखते हैं। हाल ही में मेरी एक प्रिय मित्र जंगल की सैर करने के बाद वापस लौटीं। मैंने उनसे पूछा, "आपने क्या-क्या देखा?" कुछ खास तो नहीं,' उनका जवाब था।
|