इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर सन 1917 में हुआ । जो पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनकी पत्नी कमला नेहरू की इकलौती संतान थी । इंदिरा गांधी बचपन से ही राजनीति की बातें और वातावरण देखकर बड़ी हुई क्योंकि उनके पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस सरकार के एक प्रमुख सदस्य थे और उनके पितामह उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से एक धनी बैरिस्टर थे तथा स्वतंत्र संग्राम के एक लोकप्रिय नेता रहे। महात्मा गांधी के नेतृत्व में जवाहरलाल नेहरू का प्रवेश स्वतंत्रता आंदोलन में हुआ। इसके कारण इंदिरा गांधी का संपूर्ण विकास और देखरेख मां द्वारा की गई। इसी दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनके पिता मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय राजनीति में उलझते चले गए। सन 1936 में मां कमला नेहरू लंबे समय तक बीमार रहने के बाद अंततः स्वर्गवासी हो गई। 5 वर्ष की उम्र में इंदिरा ने अपनी गुड़िया जलाने का फैसला किया क्योंकि वह इंग्लैंड से लाई हुई थी। इंदिरा गांधी बचपन से ही देशभक्ति की भावना हृदय में रखती थी। 12 वर्ष की उम्र में इंदिरा गांधी ने कुछ बच्चों की वानर सेना बनाई और उसका नेतृत्व किया जिसका नाम बंदर ब्रिगेड रखा गया था। जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में छोटी सी भूमिका निभाई थी। Indira Gandhi biography in hindi से संबंधित अन्य बिंदु नीचे दिए गए हैं । Show यह ज़रूर पढ़ें: छत्रपति शिवाजी महाराज Table of contents
शिक्षा (Education)Sagar sunilsing pawar कहते हैं: मई 24, 2021 को 10:00 अपराह्न पर Thanks you sirji प्रतिक्रिया
Vineeta कहते हैं: जून 18, 2021 को 8:03 पूर्वाह्न पर So informative blog प्रतिक्रिया
View Comments (3) भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में वैसे तो आपने कई वाकए सुने होंगे, इंदिरा से जुड़े हुए महत्वपूर्ण वाकयों में 1975 की इमरजेंसी और ऑपरेशन ब्लूस्टार शामिल हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे इंदिरा नेहरू से इंदिरा गांधी कैसे बन गईं? वैसे ये वाकया स्वतंत्रता प्राप्ति के पहले का है, जो उनके पति के संघर्ष के दिनों से शुरू होता है। इंदिरा गांधी के पति थे फिरोज जहांगीर घांदी जो बाद में फिरोज गांधी बन गए और बाद में उन्हें इंदिरा से प्यार हुआ और दोनों पति पत्नी बन गए। लेकिन ये कैसे हुआ, कब हुआ? इसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। फिरोज गांधी का जन्म बंबई के एक पारसी परिवार में हुआ था। बचपन उन्होंने बबंई और इलाहाबाद में गुजारा। जब वे महज 18 साल के हुए भारत के स्वतंत्रता आंदोलन ने उन्हें अपनी ओर आकर्षित किया और वे बन गए स्वतंत्रता सेनानी। इसी दौरान उनकी मुलाकात इंदिरा और उनकी मां कमला नेहरू से हुई। आंदोलन के दिन धूप बहुत थी और इसके कारण कमला नेहरू बेहोश होकर गिर पड़ी, फिरोज उन्हें एक जगह ले गए और वहां उनको होश में लाए। इस वाकए के अगले ही दिन फिरोज ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और पूरे तरह से स्वतंत्रता आंदोलन में लग गए। स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के साथ ही फिरोज ने अपना उप-नाम घांदी से गांधी कर लिया जो आज तक उनके परिवार वाले इस्तेमाल कर रहे हैं। इस दौरान वे कई बार लाल बहादुर शास्त्री के साथ जेल भी गए। फिरोज-इंदिरा की प्रेम कहानी : फिरोज इंदिरा को पहले से ही चाहने लगे थे, और आखिरकार उन्होंने एक दिन इंदिरा के सामने अपना प्रस्ताव रख दिया। वह साल 1933 था और इंदिरा तब मात्र 16 साल की थीं। इंदिरा के कम उम्र के होने के चलते इंदिरा और उनकी मां ने फिरोज के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। जैसा कि फिरोज गांधी स्वतंत्रता सेनानी थे तो वे नेहरू के करीब पहले से थे। लेकिन अब वे नेहरू परिवार के और करीब आने लगे और कमला नेहरू के वे चहेते बन गए। वे 1934 में कमला नेहरू की भोवाली यात्रा में भी उनके साथ थे। उसके बाद जब कमला नेहरू की हालत 1935 में खराब हुई तो उन्होंने आनन-फानन में यूरोप ले जाने के लिए सारे इंतजाम किए। यूरोप में लंबी बीमारी के चलते कमला नेहरू की मौत हो गई। जब कमला नेहरू का निधन हुआ तब वे उनके पास ही थे। इन सालों में इंदिरा और फिरोज एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे और आखिरकार मार्च 1942 में दोनों ने हिंदु रीति-रिवाजों से शादी कर ली। राजीव का पूरा नाम क्या है?राजीव रत्ना गांधीराजीव गांधी / पूरा नामnull
फिरोज गांधी क्या मुस्लिम था?फिरोज़ गांधी का जन्म मुम्बई में एक पारसी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जहांगीर एवं माता का नाम रतिमाई था, और वे बम्बई के खेतवाड़ी मोहल्ले के नौरोजी नाटकवाला भवन में रहते थे। फ़िरोज़ के पिता जहांगीर किलिक निक्सन में एक इंजीनियर थे, जिन्हें बाद में वारंट इंजीनियर के रूप में पदोन्नत किया गया था।
इंदिरा जी के पति कौन थे?फिरोज़ गांधीइन्दिरा गांधी / पतिnull
इंदिरा गांधी के महात्मा गांधी कौन थे?इन्दिरा का जन्म 19 नवम्बर 1917 को राजनीतिक रूप से प्रभावशाली नेहरू परिवार में हुआ था। इनके पिता जवाहरलाल नेहरू और इनकी माता कमला नेहरू थीं। इन्दिरा को उनका "गांधी" उपनाम फिरोज़ गाँधी से विवाह के पश्चात मिला था। इनका मोहनदास करमचंद गाँधी से न तो खून का और न ही शादी के द्वारा कोई रिश्ता था।
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