हस्तिनापुर में हुई घटनाओं की जानकारी मिलती है श्रीकृष्ण ने क्या किया? - hastinaapur mein huee ghatanaon kee jaanakaaree milatee hai shreekrshn ne kya kiya?

धृतराष्ट्र की चिंता

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हस्तिनापुर में हुई घटनाओं की जानकारी मिलती है श्रीकृष्ण ने क्या किया? - hastinaapur mein huee ghatanaon kee jaanakaaree milatee hai shreekrshn ne kya kiya?

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प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-1द्रौपदी के पुत्रों को लेकर कौन और कहाँ चला गया?

उत्तर - द्रौपदी के पुत्रों को लेकर धृष्टद्युम्न पांचाल देश चला गया।

प्रश्न-2अर्जुन की पत्नी सुभद्रा और उसके पुत्र अभिमन्यु को कौन लेते गए और कहाँ?

उत्तर - श्रीकृष्ण अपने साथ अर्जुन की पत्नी सुभद्रा और उसके पुत्र अभिमन्यु को भी द्वारकापुरी लेते गए।  

प्रश्न-3  हस्तिनापुर में हुई घटनाओं की खबर पाते ही श्रीकृष्ण ने क्या किया?

उत्तर -  हस्तिनापुर में हुई घटनाओं कीखबरपातेहीवहफ़ौरनउसवनकोचल पड़ेजहाँपांडवठहरेहुएथे।

प्रश्न-4पांडवों से मिलने श्रीकृष्ण के साथ कौन-कौन गए?

उत्तर – श्रीकृष्ण जब पांडवों से भेंट करने के लिए जाने लगे, तो उनके साथ कैकेय, भोज और वृष्टि जाति के नेता, चेदिराज धृष्टकेतु आदि भी गए।

प्रश्न-5 श्रीकृष्ण से मिलने पर द्रौपदी ने क्या कहा?

उत्तर -  श्रीकृष्णकोदेखतेहीद्रौपदीकीआँखोंसेअविरलअश्रुधारबहनेलगे।वह बोली-"इसतरहअपमानितहोनेकेबादमेराजीनाहीबेकारहै।मेराकोईनहींरहा औरआपभीमेरेरहे!”

प्रश्न-6धृतराष्ट्र ने संजय को विदुर को वापस लाने के लिए क्यों भेजा?

उत्तर – विदुर के चले जाने पर धृतराष्ट्र और भी चिंतित हो गए। वह सोचने लगे कि मैंने यह क्या कर दिया। विदुर को भगाकर मैंने भारी भूल कर दी। यह सोचकर धृतराष्ट्र ने संजय को विदुर को वापस लाने के लिए भेजा।

प्रश्न-7धृतराष्ट्र ने विदुर को क्यों पांडवों के पास जाने को कह दिया?

उत्तर -  विदुरबार-बारधृतराष्ट्रसेआग्रहकरतेथेकिआप पांडवोंकेसाथसंधिकरलें।शुरू-शुरूमेंवहविदुरकीबातेंसुनलियाकरते थे।परंतुबार-बारविदुरकीऐसीहीबातेंसुनते-सुनतेवहऊबगए।एक दिन विदुर ने फिर वही बात छेड़ी, तो धृतराष्ट्र ने झुँझलाकर विदुर को पांडवों के पास जाने को कह दिया।

प्रश्न-8दुर्योधन के किस बात से महर्षि मैत्रेय बड़े क्रोधित हुए?

उत्तर – ऋषि ने यों मीठी बातों से दुर्योधन को समझाया, पर जिद्दी व नासमझ दुर्योधन ने उनकी ओर देखा तक नहीं। वह कुछ बोला भी नहीं, बल्कि अपनी जाँघ पर हाथ ठोकता और पैर के अँगूठे से ज़मीन कुरेदता, मुसकराता हुआ खड़ा रहा। दुर्योधन की इस ढिठाई को देखकर महर्षि बड़े क्रोधित हुए।

प्रश्न-9 श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को सांत्वना देते हुए क्या कहा?

उत्तर – श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को सांत्वना देते हुए बोले-"बहन द्रौपदी! जिन्होंने तुम्हारा अपमान किया है, उन सबकी लाशें युद्ध के मैदान में खून से लथपथ होकर पड़ेगी। तुम शोक न करो। मैं वचन देता हूँ कि पांडवों की हर प्रकार से सहायता करूंगा। यह भी निश्चय मानो कि तुम साम्राज्ञी के पद को फिर सुशोभित करोगी।" |

प्रश्न-10पांडु के बेटे और द्रौपदी वन कैसे जा रहे थे?

उत्तर – कुंती-पुत्र युधिष्ठिर, कपड़े से चेहरा ढककर जा रहे थे। भीमसेन अपनी दोनों भुजाओं को निहारता, अर्जुन हाथ में कुछ बालू लिए उसे बिखेरता, नकुल और सहदेव सारे शरीर पर धूल रमाए हुए, क्रमशः युधिष्ठिर के पीछे-पीछे जा रहे थे। द्रौपदी ने बिखरे हुए केशों से सारा मुख ढक लिया था और आँसू बहाती हुई, युधिष्ठिर का अनुसरण कर रही थी।

प्रश्न-11महर्षि मैत्रेय ने पांडवों की कुशलता के बारे में क्या कहा?

उत्तर – महर्षि मैत्रेय ने कहा-" राजन्, काम्यक वन में संयोग से युधिष्ठिर से मेरी भेंट हो गई थी। वन के दूसरे ऋषि-मुनि भी उनसे मिलने उनके आश्रम में आए थे। हस्तिनापुर में जो कुछ हुआ था, उसका सारा हाल उन्होंने मुझे बताया था। यही कारण हैं कि मैं आपके यहाँ आया हूँ। आपके और भीष्म के रहते ऐसा नहीं होना चाहिए था।"

प्रश्न-12 किसने किससेकहा?

i. “धृतराष्ट्र अपनी भूल पर पछता रहे हैं। आप यदि वापस नहीं लौटेंगे, तो वह अपने प्राण छोड़ देंगे। कृपया अभी लौट चलिए।”

संजय ने विदुर से कहा।

ii. “कुरुजांगलकेवनमेंआपनेमेरेप्यारेपुत्रवीरपांडवोंकोतो देखाहोगा! वेकुशलसेतोहैं।”

धृतराष्ट्र ने महर्षि मैत्रेय से कहा।

iii. “राजकुमार, तुम्हारी भलाई के लिए कहता हूँ, सुनो! पांडवों को धोखा देने का विचार छोड़ दो।”

महर्षि मैत्रेय ने दुर्योधन से कहा।

iv. “इस तरह अपमानित होने के बाद मेरा जीना ही बेकार है। मेरा कोई नहीं रहा और आप भी मेरे न रहे!”

द्रौपदी ने श्रीकृष्ण से कहा।

हस्तिनापुर में हुई घटनाओं की जानकारी मिलते ही श्रीकृष्ण ने क्या किया?

उत्तर - श्रीकृष्ण अपने साथ अर्जुन की पत्नी सुभद्रा और उसके पुत्र अभिमन्यु को भी द्वारकापुरी लेते गए। प्रश्न-3 हस्तिनापुर में हुई घटनाओं की खबर पाते ही श्रीकृष्ण ने क्या किया? उत्तर - हस्तिनापुर में हुई घटनाओं की खबर पाते ही वह फ़ौरन उस वन को चल पड़े जहाँ पांडव ठहरे हुए थे।

पांडवों के चले जाने पर धृतराष्ट्र ने विदुर से क्या?

धृतराष्ट्र ने विदुर से चिढ़कर एक बार कह दिया कि मुझे तुम्हारी सलाह की जरूरत नहीं यदि चाहो तो तुम भी पांडवों के पास चले जाओ। विदुर वहाँ पहुँच गए जहाँ वन में पांडव ठहरे हुए थे। विदुर के जाने के बाद धृतराष्ट्र को अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने 'संजय' को विदुर को बुलाने के लिए वन भेजा।

श्री कृष्ण की नींद खुली तो उन्होंने पहले सामने किसे देखा और क्यों?

श्रीकृष्ण की जब नींद खुली तो उन्होंने सबसे पहले अर्जुन को देखा। उनका कुशलक्षेम पूछा।

महर्षि मैत्रेय पांडवों से कहाँ मिले?

तब महर्षि मैत्रेय ने बताया कि राजन वह तीर्थयात्रा कर वापिस आ रहे थे, संयोगवश काम्यक वन में युधिष्ठिर से मेरी भेंट हो गई। वे आजकल तपोवन में रहते हैं।