जीवन के हर पड़ाव पर साथ देने वाले श्रीराम के भाई लक्ष्मण युद्धभूमि पर मूर्च्छित पड़े थे. युद्ध भूमि पर प्रभु श्रीराम के खेमे में शोक और शांति छाई हुई थी. प्रभु श्रीराम अपने भाई की मरणासन्न दशा देखकर लगातार आंसू बहाए जा रहे थे. तभी विभीषण ने सूरसेन नामक वैध को बुलाने का परामर्श दिया. सूरसेन को बुलाने पर उन्होंने हिमालय पर्वत की गोद में ऐसी जड़ी-बूटी लाने का सुझाव दिया जिससे लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की जा सकती थी. अपने प्रभु श्रीराम के दुख का निवारण करने के लिए पवनपुत्र हनुमान चल दिए संजीवनी बूटी की खोज में. Show Himachal Pradesh में कांग्रेस के लोगों ने की पाला बदलने की पेशकश, लेकिन पीछे हटी बीजेपी, किन वजहों से पीएम मोदी ने नहीं दिखाई दिलचस्पी Gadkari At Chinese Restaurant: चाइनीज रेस्टोरेंट में खाने गए थे नितिन गडकरी, शेफ की सैलरी सुन रह गए थे दंग |