हिमाचल में सबसे ऊंचा बांध कौन सा है? - himaachal mein sabase ooncha baandh kaun sa hai?

भाखड़ा बांध, सबसे अधिक ऊँचाई तथा सीधे ग्रेविटी वाला दुनिया का सबसे ऊँचा बांध है।  यह  नंगल कस्बे से लगभग 14 कि०मी० की दूरी पर नैना देवी तहसील में स्थित है। यह बांध पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण समझा जाता है। इस बांध को बनवाने का सर्वप्रथम विचार सर लुईस डेन, लेफ्रटीनेंट गोवर्नर पंजाब को आया था और इस सन्दर्भ में उन्होंने सुन्नी से बिलासपुर और बिलासपुर से रोपड़ तक की यात्रा की थी। इस बांध के बनाने की योजना धन सम्बन्धी समस्या के कारण आगे नहीं बढ़ सकी। सन् 1938-39 में पंजाब प्रांत के रोहतक और हिसार जिलों में भयानक अकाल पड़ा जिसके कारण अनेक लोगों एवं पशुओं को मौत का सामना करना पड़ा। भाखड़ा बांध को बनाने सम्बन्धी योजना को क्रियान्वित करने के लिए पुनः प्रयास किए गए किन्तु द्वितीय विश्व युद्ध के कारण यह योजना क्रियान्वित न की जा सकी।

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    भाखड़ा

कैसे पहुंचें:

बाय एयर

निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ में स्थित है, जो लगभग 113 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

ट्रेन द्वारा

निकटतम रेलवे स्टेशन नंगल बांध है, जो लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

सड़क के द्वारा

भाखड़ा बांध तक सड़क द्वारा आसानी से पहुंच जा सकता है, यह बिलासपुर से लगभग 117 किलोमीटर दूर स्थित है।

हिमाचल में सबसे ऊंचा बांध कौन सा है? - himaachal mein sabase ooncha baandh kaun sa hai?
यह सतलुज नदी पर बनाया गया विश्व में सबसे ऊंचा गुरुत्व बांध है। इस परियोजना में नंगल बांध,नागल विद्युत चैनल तथा गंगुवाल और कोटला के विद्युत गृह शामिल हैं। हिमालय की तराई में स्थित भाखड़ा एक छोटा सा गांव है। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इसे उदीयमान भारत का नया मंदिर कहा था…

 भाखड़ा डैम

यह सतलुज नदी पर बनाया गया विश्व में सबसे ऊंचा गुरुत्व बांध है। इस परियोजना में नंगल बांध, नागल विद्युत चैनल तथा गंगुवाल और कोटला के विद्युत गृह शामिल हैं। हिमालय की तराई में स्थित भाखड़ा एक छोटा सा गांव है। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इसे उदीयमान भारत का नया मंदिर कहा था। इस बांध के बनने से गोबिंद सागर नाम की एक बड़ी कृत्रिम झील बन गई, जो बिलासपुर नगर तक फैली है।

बीड़ बिलिंग

इसकी  सबसे पहले 1978 ई. में दिल्ली से आई एक नवयुवती कुमारी दीपक महाजन ने हैंग ग्लाइडिंग और पैरा ग्लाइडिंग के लिए पहचान की थी। इसके बाद इसकी पहचान इजरायल के एक सैलानी  और हिमाचल प्रदेश के वन विभाग के एक पक्ष ने सर्वोत्तम पैराग्लाइडिंग स्थान के रूप में की। 1984 ई. में बिलिंग को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली जब व्यक्तिगत स्तर पर यहां एक प्रतियोगिता की व्यवस्था की गई। इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली जब फ्रांस से मिस्टर एक्स बोर रेमंड ने बीड़ से 130.9 किलोमीटर की उड़ान भरी और विश्व रिकार्ड बनाया। 2002 ई. में राज्य सरकार ने इस शौकिया और साहसिक प्रतियोगिता को प्रोन्नत करने के लिए पूर्व विश्व कप शुरू किया।

भावानगर

यह किन्नौर जिला में स्थित है। यहां से हम सतलुज का दृश्य देख सकते हैं तथा पूर्व अनुमति से भूमिगत जल विद्युत परियोजना, जिसे संजय विद्युत परियोजना के नाम से जाना जाता है तथा जो एशिया से अपनी तरह की योजना, को देख सकते हैं। इससे 5 किलोमीटर आगे वांगतू नामक स्थान है जो जनजातीय क्षेत्र किन्नौर का प्रवेश द्वार है।

बारालाचा-ला

यह केलांग से 73 किलोमीटर की दूरी पर लाहुल घाटी में स्थित है। बारालाचा नाम का अर्थ है एक दर्रा  जिसके शिखर पर चारों ओर से सड़कें आती हों। इसके सिरे लद्दाख, स्पीति और लाहुल से सड़कें आ मिलती हैं। स्पीति से कोई सड़क नहीं है, मात्र एक रास्ता है। यह दर्रा चंद्र, भागा और यूनाम नदियों का उद्गम स्थल भी है।  यह तीन दिशाओं में चंद्र, भागा और लिंगती घाटियों से बहती हैं।

क्रमशः

शिमला। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से प्रकाशित पाठ्यक्रम की पुस्तकों में भ्रामक जानकारियों का सिलसिला बंद नहीं हो रहा है। अब शिक्षा बोर्ड ने टीहरी बांध की जगह भाखड़ा को सबसे ऊंचा बांध बताया है। कक्षा तीसरी की पर्यावरण शिक्षा पुस्तक के 122 पेज पर अब भी भाखड़ा बांध ही देश का सबसे ऊंचा बांध बताया गया है, जबकि 2006 से टीहरी बांध 261 मीटर ऊंचाई के साथ सबसे ऊंचा घोषित किया गया है। इसके अलावा रोहतांग दर्रे की समुद्र तल से ऊंचाई 3978 मीटर नहीं, अपितु 4360 मीटर दी गई है। पार्वती उपनदी को पृष्ठ 113 पर नदी बताया गया है। इसी किताब के पेज 144 पर देश की आबादी अब भी सवा अरब से ज्यादा बताने की जगह एक अरब से ज्यादा लिखी है। इसी तरह पेज 107 पर ऊना का क्षेत्रफल 1549 वर्ग किमी की जगह 1540 और पेज 132 पर चूड़धार की चोटी की ऊंचाई 3647 मीटर की जगह 3645 मीटर दी है। कुल्लू जिले के गठन को 1 नवंबर, 1966 में हुआ बताने की जगह महज वर्ष 1966 बताया है और हमीरपुर जिले की स्थापना 1 सितंबर, 1972 के बजाय केवल वर्ष 1976 बताई गई है। पेज 111 पर किन्नौर जिले का गठन 1 मई, 1960 की जगह जून 1960 बताया है। प्रदेश में 77 खंड, 82 तहसीलें, 38 उप तहसीलें हैं, मगर इस किताब में इससे काफी कम तहसीलों और उप तहसीलों के नाम और ब्योरे दिए हैं। शिक्षक क्रांति मंच के अध्यक्ष विजय हीर ने शिक्षा बोर्ड से अपील की है कि इन गलतियों के निवारण के लिए अकादमिक विंग की सहायता लें।

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किताबों में हुई गलतियों का अवलोकन किया जाएगा। इसके बाद एनसीईआरटी और एससीईआरटी के समक्ष मामला उठाया जाएगा कि गलतियों को कैसे ठीक किया जाएगा। बोर्ड ने कॉपी राइट लिया होता है, जिस कारण बोर्ड अपने स्तर पर कुछ भी बदलाव नहीं कर सकता है।

- बलबीर ठाकुर, सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला।

हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा बांध कौन सा है?

भाखड़ा बांध, सबसे अधिक ऊँचाई तथा सीधे ग्रेविटी वाला दुनिया का सबसे ऊँचा बांध है। यह नंगल कस्बे से लगभग 14 कि०मी० की दूरी पर नैना देवी तहसील में स्थित है।

हिमाचल प्रदेश में कुल कितने बांध हैं?

हिमाचल प्रदेश में कुल कितने बांध हैं? हिमाचल प्रदेश में कुल 16 से भी ज्यादा बांध है।

हिमाचल प्रदेश में कौन कौन से बांध है?

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के शिवालिक पहाड़ियों के आर्द्र भूमि पर ब्यास नदी पर बाँध बनाकर एक जलाशय का निर्माण किया गया है जिसे महाराणा प्रताप सागर नाम दिया गया है। इसे पौंग जलाशय या पौंग बांध के नाम से भी जाना जाता है। यह बाँध 1975 में बनाया गया था।

भारत का सबसे बड़ा बांध का नाम क्या है?

भाखड़ा नांगल बांध (Bhakra Nangal Dam) बिलासपुर जिले में सतलुज नदी पर स्थित भाखड़ा नांगल बांध भारत का सबसे बड़ा बांध है, वहीं ऊंचाई में दूसरे नंबर पर है । साथ ही 225 मीटर की ऊंचाई वाला यह ग्रेविटी बांध एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है।