विषयसूची फूल को देखकर कवि को क्या अनुभव हुआ?इसे सुनेंरोकेंउत्तर -चारों ओर विविध रंगों के फूलों को देखकर कवि ने अनुभव किया कि जिस तरह बरसात में अनगिनत बूंदे मिलकर बरसती हैं उसी प्रकार अनेक फूलों ने मिलकर धरती पर रंग ही रंग बिखेर दिए हैं। नन्हे फूल ने कवि से क्या कहा?इसे सुनेंरोकेंउत्तर- नन्हे फूल ने कवि से यह कहा कि वसंत ऋतु की धन्यता सिर्फ उसी की कमाई हुई नहीं है बल्कि मैंने और मेरे अनगिनत साथियों ने इसमें योगदान दिया है इसलिए मात्र वसंत ऋतु को ही नहीं अपितु हम सब नन्हे फूलों को भी इसका श्रेय दीजिए। नन्हे फूल ने क्या सत्य बताया है?इसे सुनेंरोकेंनन्हे फूल ने कवि से क्या कहा? उत्तर- नन्हे फूल ने कवि से यह कहा कि वसंत ऋतु की धन्यता सिर्फ उसी की कमाई हुई नहीं है बल्कि मैंने और मेरे अनगिनत साथियों ने इसमें योगदान दिया है इसलिए मात्र वसंत ऋतु को ही नहीं अपितु हम सब नन्हे फूलों को भी इसका श्रेय दीजिए। कवि अलसाई कलियों को क्यों जगाना चाहता है? इसे सुनेंरोकेंAnswer: कोमल-कोमल हाथों को अलसाई कलियों पर फेरते हुए कवि कलियों को प्रभात के आने का संदेश देता है, उन्हें जगाना चाहता है और खुशी-खुशी अपने जीवन के अमृत से उन्हें सींचकर हरा-भरा करना चाहता है। फूलों के रंगों से कवि को रंगों की बरसात का अनुभव क्यों होने लगा? इसे सुनेंरोकेंAnswer: फूलो के रंगो से कवि को ‘रंगो का अनुभव हुआ क्योंकि जब बरसात होती हैं तो चारो तरफ विविध रंगों के फूल खिल जाते हैं। जिससे ऐसा लगता है की रंगों की बरसात हुईं हो । फूल को कवि से क्या शिकायत है?इसे सुनेंरोकेंAnswer: इस कविता में कवि कहता है कि हमे कड़ी मेहनत और तपस्या का फल अवश्य मिलता है। हमें परिश्रम करते रहना चाहिए। पौधों पर खिले हुए फूल उनकी कष्ट सहकार की हुई तपस्या के फल को दर्शाता है जिन्होंने क्यारी की शोभा बढ़ायी और अपनी सुगंध से सबको आकर्षित किया। वसंत ऋतु को क्या कहा जाता है?इसे सुनेंरोकेंवसंत ऋतु को अंग्रेजी में स्प्रिंग(spring) कहा जाता है. वसंत ऋतु को सभी ऋतुओं का राजा माना जाता है. इस मौसम में न तो ज्यादा गर्मी पड़ती है और न ही ज्यादा ठंड होती है. पतझड़ के बाद आने वाले वसंत के मौसम में फूलों की नई कलियां खिलती हैं. ध्वनि कविता के कवि कौन है वह इस में कवि किसकी तंद्रा और आलस्य दूर करना चाहता है?इसे सुनेंरोकेंउत्तर : कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर करने के लिए अपने स्वप्निल तथा कोमल हाथ फेरना चाहता है, जिससे पुष्प चुस्त, सजग तथा महक बिखेरते हुए पुष्पित-पल्लवित हो सकेंवह उनको वसंत के मनोहर प्रभात का संदेश देना चाहता हैऐसा करते हुए कवि चाहता है कि फूल खिलकर वसंत के सौंदर्य को और भी मनोहारी बना दें। कतव पुष्पो की िंद्रा और अिस्य दू र हटाने के तिए क्या करना चाहिा है? इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 3 : कवि पुष्पों तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है? उत्तर : कवि अपने हाथों के सुधा स्पर्श से पुष्पों की नींद व आलस्य मिटाकर उन्हैं चुस्त, प्राणवान, आभामय व पुष्पित करना चाहता है। ऐसा करने का उसका उद्देश्य है कि धरा पर जरा भी आलस्य, प्रमाद, निराशा व मायूसी का निशान तक न रहे। कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए क्या करना चाहता है class 8? इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए उन पर अपना हाथ फेरकर उन्हें जगाना चाहता है। वह उनको चुस्त, प्राणवान, आभावान व पुष्पित करना चाहता है। अतः कवि नींद में पड़े युवकों को प्रेरित करके उनमें नए उत्कर्ष के स्वप्न जगह देगा, उनका आलस्य दूर भगा देगा तथा उनमें नये उत्साह का संचार करना चाहता है। रंग बिरंगे फूलों को देखकर कवि के हृदय में कौन सा भाव आया * 1 Point?इसे सुनेंरोकेंO (i) प्रसन्नता वसंत को ऋतु क्यों कहा जाता है?इसे सुनेंरोकेंस्वास्थ्य, सौंदर्य और स्फुर्ति का वातावरण होता है। पक्षियों का कलरव चारों ओर सुनाई देता हे। बच्चे, बूढ़े सभी के चेहरों पर नया नूर झलकता है। प्रकृति के इसी परिवर्तन के कारण वसंत को ‘ऋतुराज’ या ‘ऋतुओं की रानी’ कहा जाता है। |