नशा करने से क्या हानि होती है? - nasha karane se kya haani hotee hai?

नशा करने से क्या हानि होती है? - nasha karane se kya haani hotee hai?

न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर क्या है, जानें कारण और इलाज

नशे की लत (Drug Addiction) को दूर करने के लिए दृढ़निश्चयी बने और अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करें. इसके अलावा डॉक्टर से सलाह ले. इसके अलावा समय-समय पर चेकअप कराते रहें ताकि किसी बीमारी या समस्या का समय रहते पता चल सके.

  • Myupchar
  • Last Updated : November 26, 2020, 13:48 IST

    नशा करने की गलत आदत के कारण व्यक्ति की जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है. नशा करने की लत के कारण व्यक्ति इतना मजबूर हो जाता है कि वह कई बार अपना आपा खो बैठता है. ऐसे में यह आदत स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है. इससे उन्हें कई तरह की बीमारियां घेरने लगती हैं. चाहे तंबाकू, सिगरेट की आदत हो, शराब पीने की आदत हो या फिर भांग, चरस और गांजा जैसे नशे की आदत हो, यह सभी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हैं. आइए जानते हैं कि नशा करने से किन तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है -

    मानसिक बीमारियां

    myUpchar के अनुसार, जिन लोगों को अधिक शराब या सिगरेट पीने की आदत है या जो लोग ड्रग्स लेते हैं, उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नशे की वजह से बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण उन्हें तनाव, अवसाद, सिरदर्द या माइग्रेन जैसी मानसिक समस्याएं होने लगती हैं. नशा मस्तिष्क को इतनी बुरी तरह से प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति नशा नहीं मिलने पर अपने आप को नुकसान भी पहुंचा सकता है. यदि किसी को ड्रग्स लेने की आदत है और उसे समय पर ड्रग्स नहीं मिला, तो वह मानसिक रूप से बीमार हो सकता है या पागल भी हो सकता है.

    किडनी संबंधित बीमारियां

    यह समस्या अधिकतर उन लोगों को होती है, जो लोग शराब का सेवन करते हैं. शराब में अल्कोहल की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है, जो किडनी पर सीधा असर करती है. किडनी खराब होने के कारण कई अन्य तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें पाचन संबंधित समस्याएं भी शामिल हैं. शराब के अधिक सेवन से किडनी क्षतिग्रस्त हो जाती है और इस कारण किडनी ट्रांसप्लांट भी कराना पड़ सकता है. एक बार यदि किडनी खराब हो जाती है तो फिर जीवनभर के लिए डायलिसिस कराने की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है.

    लिवर संबंधित बीमारियां

    शराब में मौजूद अल्कोहल की वजह से सबसे ज्यादा खतरा लिवर को होता है और यदि लिवर बहुत अधिक खराब हो गया है, तो फिर उसके सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं होती है. इसके कारण व्यक्ति की जान भी जा सकती है. लिवर में खराबी होने की वजह से पीलिया भी हो सकता है.

    फेफड़े से संबंधित बीमारियां

    धूम्रपान के कारण नशा करने वाले व्यक्ति को फेफड़े से संबंधित बीमारियों का जोखिम रहता है. धूम्रपान से व्यक्ति को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा उनके फेफड़े धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगते हैं, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. धूम्रपान उन लोगों को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए, जिन्हें पहले से ही दमा की समस्या हो क्योंकि ऐसे में फेफड़े पूरी तरह से खराब हो सकते हैं.

    धूम्रपान की लत है तो रखें यह सावधानी

    myUpchar के अनुसार, सबसे पहले तो अपने नशे की लत को दूर करने के लिए दृढ़निश्चयी बने और अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करें. इसके अलावा डॉक्टर से सलाह ले. इसके अलावा समय-समय पर चेकअप कराते रहें ताकि किसी बीमारी या समस्या का समय रहते पता चल सके. (अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, डिप्रेशन (अवसाद) पढ़ें।) (न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं। सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है। myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं।)undefined

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    FIRST PUBLISHED : November 26, 2020, 13:48 IST

    नशा हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है

    नशा करने से क्या हानि होती है? - nasha karane se kya haani hotee hai?

    रामपुर। नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मादक पदार्थों के सेवन और अवैध मादक पदार्थों के व्यापार के खिलाफ एक संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर सीआरपीएफ केंद्रीय विद्यालय एवं मेंस क्लब में सेमिनार और नाटक द्वारा छात्रों और जवानों को जागरुक किया गया।
    इस मौके पर मुख्य अतिथि डीआईजी शाम चंद ने जवानों को कहा कि आमतौर पर आज के समय में नशा से होने वाले नुकसान के बारें में हर कोई जानता है लेकिन फिर वह इसे बड़े शौक के साथ लेता है। युवा शराब, सिगरेट, ड्रग्स सहित न जाने कितनी जहरीली चीजों का सेवन करते है। वह इन चीजों के इतने ज्याजा लती हो जाते है कि इसके बिना शायद ही वो रह पाते है। अत: हमेशा नशे से बचके रहना होगा। आयुर्जीवनम सेवा समिति के सचिव एवं आयुर्वेदिक चिकित्सक कुलदीप सिंह चौहान ने पहले केंद्रीय विद्यालय के छात्रों एवं फिर जवानों को नाटक द्वारा नशे से जीवन पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव से अवगत करा जागरूक किया। उन्होंने कहा कि मादक द्रव्य दुरूपयोग सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यह एचआईवी, हेपेटाइटिस, तपेदिक जैसे गंभीर रोगों का कारण है, इसके अलावा इसके आर्थिक हानि और असामाजिक व्यवहार जैसे कि चोरी, हिंसा और अपराध एवं सामाजिक कलंक तथा समाज का समग्र पतन कई रूपों में दुष्प्रभाव भी हैं। कंपोजिट अस्पताल की चिकित्साधिकारी डॉ अनु ने जवानों को कहा कि हम किसी भी नशे को अपनी प्रबल इच्छा शक्ति से स्वयं को शिकार बनने से रोक सकते है। कहा कि नशा करने से शरीर को अंदर से नुकसान होता है। जिसस व्यक्ति में कमजोरी आने लगती है। ऐसे में वह थोड़ा-सा काम करने पर भी थक जाते है। ड्रग्स का सेवन या ड्रग्स की लत एक सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है जो न केवल पूरे विश्व के युवाओं को प्रभावित करती है बल्कि विभिन्न आयु के लोगों को भी प्रभावित करती है. यह व्यक्तियों और समाज को कई क्षेत्रों में नष्ट कर देती है. ऐसे ड्रग्स की लऊत के कारण भूख और वजन, कब्ज, चिंता का बढ़ना और चिड़चिड़ापन, नींद आना और कामकाज की हानि का गंभीर नुकसान होता है। इस मौके पर कमांडेंट दिनेश कुमार सिंह, कमांडेंट केपी सिंह, उप कमांडेंट दीपक पुनिया, बचान सिंह, अभिमन्यु कुमार आदि मौजूद रहे।

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    नशा करने से क्या नुकसान?

    लिवर में खराबी होने की वजह से पीलिया भी हो सकता है. धूम्रपान के कारण नशा करने वाले व्यक्ति को फेफड़े से संबंधित बीमारियों का जोखिम रहता है. धूम्रपान से व्यक्ति को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा उनके फेफड़े धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगते हैं, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.

    नशा करने से दिमाग पर क्या असर होता है?

    नशीले पदार्थों का सबसे बुरा असर दिमाग पर पड़ता है, क्योंकि जब दिमाग इन पदार्थों की गिरफ्त में आता है तो उसकी काम करने की प्रक्रिया पूरी तरह गड़बड़ा जाती है। एक बार इसकी लत लगने पर इससे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो जाता है।

    नशा करने से कौन सी बीमारी होती है?

    इससे आपके शरीर के कई अंगों पर एक साथ विपरीत असर पड़ता है। खास तौर से यह आपके दिमाग को भी अपनी चपेट में ले लेता है। 2. नशा करने वाला व्‍यक्‍ति हमेशा चिढ़ा हुआ और मानसिक तनाव से ग्रसित होता है।

    नशा करने से क्या फायदा होता है?

    दवाओं की खपत एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 के तहत एक अपराध है और एक साल तक (कुछ दवाओं के मामले में) या (अन्य सभी दवाओं के मामले में) छह महीने के कारावास की सजा दी है। हालांकि, इलाज के लिए स्वयं सेवा नशेड़ी अधिनियम की धारा '64 क के तहत उन्मुक्ति मिलता है। उपचार के लिए स्वयं सेवा नशा करने के लिए अभियोजन पक्ष से 64.