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न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर क्या है, जानें कारण और इलाजनशे की लत (Drug Addiction) को दूर करने के लिए दृढ़निश्चयी बने और अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करें. इसके अलावा डॉक्टर से सलाह ले. इसके अलावा समय-समय पर चेकअप कराते रहें ताकि किसी बीमारी या समस्या का समय रहते पता चल सके.
नशा करने की गलत आदत के कारण व्यक्ति की जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है. नशा करने की लत के कारण व्यक्ति इतना मजबूर हो जाता है कि वह कई बार अपना आपा खो बैठता है. ऐसे में यह आदत स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है. इससे उन्हें कई तरह की बीमारियां घेरने लगती हैं. चाहे तंबाकू, सिगरेट की आदत हो, शराब पीने की आदत हो या फिर भांग, चरस और गांजा जैसे नशे की आदत हो, यह सभी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हैं. आइए जानते हैं कि नशा करने से किन तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है - मानसिक बीमारियां myUpchar के अनुसार, जिन लोगों को अधिक शराब या सिगरेट पीने की आदत है या जो लोग ड्रग्स लेते हैं, उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नशे की वजह से बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण उन्हें तनाव, अवसाद, सिरदर्द या माइग्रेन जैसी मानसिक समस्याएं होने लगती हैं. नशा मस्तिष्क को इतनी बुरी तरह से प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति नशा नहीं मिलने पर अपने आप को नुकसान भी पहुंचा सकता है. यदि किसी को ड्रग्स लेने की आदत है और उसे समय पर ड्रग्स नहीं मिला, तो वह मानसिक रूप से बीमार हो सकता है या पागल भी हो सकता है. किडनी संबंधित बीमारियां यह समस्या अधिकतर उन लोगों को होती है, जो लोग शराब का सेवन करते हैं. शराब में अल्कोहल की मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है, जो किडनी पर सीधा असर करती है. किडनी खराब होने के कारण कई अन्य तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें पाचन संबंधित समस्याएं भी शामिल हैं. शराब के अधिक सेवन से किडनी क्षतिग्रस्त हो जाती है और इस कारण किडनी ट्रांसप्लांट भी कराना पड़ सकता है. एक बार यदि किडनी खराब हो जाती है तो फिर जीवनभर के लिए डायलिसिस कराने की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. लिवर संबंधित बीमारियां शराब में मौजूद अल्कोहल की वजह से सबसे ज्यादा खतरा लिवर को होता है और यदि लिवर बहुत अधिक खराब हो गया है, तो फिर उसके सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं होती है. इसके कारण व्यक्ति की जान भी जा सकती है. लिवर में खराबी होने की वजह से पीलिया भी हो सकता है. फेफड़े से संबंधित बीमारियां धूम्रपान के कारण नशा करने वाले व्यक्ति को फेफड़े से संबंधित बीमारियों का जोखिम रहता है. धूम्रपान से व्यक्ति को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा उनके फेफड़े धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगते हैं, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. धूम्रपान उन लोगों को बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए, जिन्हें पहले से ही दमा की समस्या हो क्योंकि ऐसे में फेफड़े पूरी तरह से खराब हो सकते हैं. धूम्रपान की लत है तो रखें यह सावधानी myUpchar के अनुसार, सबसे पहले तो अपने नशे की लत को दूर करने के लिए दृढ़निश्चयी बने और अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करें. इसके अलावा डॉक्टर से सलाह ले. इसके अलावा समय-समय पर चेकअप कराते रहें ताकि किसी बीमारी या समस्या का समय रहते पता चल सके. (अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल, डिप्रेशन (अवसाद) पढ़ें।) (न्यूज18 पर स्वास्थ्य संबंधी लेख myUpchar.com द्वारा लिखे जाते हैं। सत्यापित स्वास्थ्य संबंधी खबरों के लिए myUpchar देश का सबसे पहला और बड़ा स्त्रोत है। myUpchar में शोधकर्ता और पत्रकार, डॉक्टरों के साथ मिलकर आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी जानकारियां लेकर आते हैं।)undefined ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Health, Health News, Lifestyle, News18-MyUpchar FIRST PUBLISHED : November 26, 2020, 13:48 IST
रामपुर। नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस मादक पदार्थों के सेवन और अवैध मादक पदार्थों के व्यापार के खिलाफ एक संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर
सीआरपीएफ केंद्रीय विद्यालय एवं मेंस क्लब में सेमिनार और नाटक द्वारा छात्रों और जवानों को जागरुक किया गया। फॉलो करें और पाएं ताजा अपडेट्सलेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android
Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| नशा करने से क्या नुकसान?लिवर में खराबी होने की वजह से पीलिया भी हो सकता है. धूम्रपान के कारण नशा करने वाले व्यक्ति को फेफड़े से संबंधित बीमारियों का जोखिम रहता है. धूम्रपान से व्यक्ति को अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा उनके फेफड़े धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगते हैं, जिससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
नशा करने से दिमाग पर क्या असर होता है?नशीले पदार्थों का सबसे बुरा असर दिमाग पर पड़ता है, क्योंकि जब दिमाग इन पदार्थों की गिरफ्त में आता है तो उसकी काम करने की प्रक्रिया पूरी तरह गड़बड़ा जाती है। एक बार इसकी लत लगने पर इससे पीछा छुड़ाना मुश्किल हो जाता है।
नशा करने से कौन सी बीमारी होती है?इससे आपके शरीर के कई अंगों पर एक साथ विपरीत असर पड़ता है। खास तौर से यह आपके दिमाग को भी अपनी चपेट में ले लेता है। 2. नशा करने वाला व्यक्ति हमेशा चिढ़ा हुआ और मानसिक तनाव से ग्रसित होता है।
नशा करने से क्या फायदा होता है?दवाओं की खपत एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 के तहत एक अपराध है और एक साल तक (कुछ दवाओं के मामले में) या (अन्य सभी दवाओं के मामले में) छह महीने के कारावास की सजा दी है। हालांकि, इलाज के लिए स्वयं सेवा नशेड़ी अधिनियम की धारा '64 क के तहत उन्मुक्ति मिलता है। उपचार के लिए स्वयं सेवा नशा करने के लिए अभियोजन पक्ष से 64.
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