एकांकी का अर्थएकांकी एक अंग का दृश्य काव्य है जिसमें एक ही कथा और कुछ ही पात्र होते है। उसमे एक विशेष उद्देश्य की अभिव्यक्ति करते हुए केवल एक ही प्रभाव की पुष्टि सृष्टि की जाती है। कम से कम समय मे अधिक से अधिक प्रभाव एकांकी का लक्ष्य होता हैं। आज हम एकांकी किसे कहते हैं? एकांकी के तत्व और एकांकी के प्रकारों के बारें मे विस्तार से चर्चा करेंगे। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप इस लेख को पूरा पढ़े बीच से छोड़कर ना भागें क्योंकि आप जितना ज्यादा पढ़गें आपको उतना ही ज्यादा और अच्छे से समझ आएगा। Show एकांकी किसे कहते है? (ekanki kise kahate hain)एक अंग वाले नाटक को एकांकी कहते हैं। आकार मे छोटा होने के कारण इसमे जीवन का खण्ड चित्र प्रस्तुत होता है। नाटक के समान इसके भी छः तत्व होते हैं। एकांकी के तत्व1. कथावस्तु एकांकी के प्रकार1. सामाजिक एकांकी एकांकी के कितने तत्त्व है?एक अंग वाले नाटक को एकांकी कहते हैं। आकार मे छोटा होने के कारण इसमे जीवन का खण्ड चित्र प्रस्तुत होता है। नाटक के समान इसके भी छः तत्व होते हैं।
एकांकी क्या है एकांकी के तत्व?इसकी परिभाषा में डॉ. गोंविददास कहते है - इसमें जीवन से संबंधित किसी एक ही मूल भाव या विचार की एकांत अभिव्यक्ति होती है। डॉ. रामकुमार वर्मा के अनुसार - एकांकी में एक ऐसी घटना रहती है, जिसका जिज्ञासा पूर्ण और कौतूहलमय नाटकीय शैली में चरम विकास होकर अंत होता है।
एकांकी कितने प्रकार के होते हैं?एकांकी के प्रकार. १.सामाजिक एकांकी. २. ऐतिहासिक एकांकी. ३. मनोवैज्ञानिक एकांकी. ४. राजनैतिक एकांकी. ५. चारित्रिक एकांकी. ६. पौराणिक एकांकी. ७. सांस्कृतिक एकांकी. ८. आंचलिक एकांकी. एकांकी के जनक कौन है?डॉ रामकुमार वर्मा (15 सितम्बर, 1905 - 1990) हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार, व्यंग्यकार और हास्य कवि के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें हिन्दी एकांकी का जनक माना जाता है। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में सन १९६३ में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
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