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परिचयडीसी शंट मोटर डीसी मोटर के self-excited मोटर का ही एक प्रकार है। इस self-excited मोटर के अंतर्गत तीन मोटर आते हैं जैसे डीसी सीरीज मोटर, डीसी शंट मोटर, तथा डीसी कंपाउंड मोटर। तो आज की इस पोस्ट में हम डीसी शंट मोटर के बारे में बात करेंगे। डीसी शंट मोटर क्या है (what is decent motor in Hindi)डीसी शंट मोटर, डीसी मोटर का एक प्रकार है जो कि लगभग समान गति से चलने वाला यंत्र होता है । इस मोटर में फील्ड वाइंडिंग को मोटर के आर्मेचर के समांतर में जोड़ा जाता है। अतः इस मोटर में सीरीज मोटर की भांति इसकी फील्ड वाइंडिंग में उतनी धारा नहीं बहती है जितना कि सीरीज मोटर के आर्मेचर में। डीसी शंट मोटर की संरचना (structure of DC shunt motor)डीसी शंट मोटर की बाहरी संरचना देखने में एक सामान्य मोटर की भांति ही दिखाई देती है। लेकिन अगर इसकी भीतरी संरचना देखें तो हमें निम्न अंतर दिखाई देगी।
Electrical books in Hindi | ये इलेक्ट्रिकल बुक्स एग्जाम बूस्टर साबित हो सकती हैं डीसी शंट मोटर का स्पीड रेगुलेशन (speed regulation of DC shunt motor)एक डीसी शंट मोटर का स्पीड रेगुलेशन उस मोटर के नो लोड पर स्पीड तथा फुल लोड पर स्पीड के बदलाव को उस मोटर का स्पीड रेगुलेशन कहते हैं। इसका गणितीय रूप नीचे दिया गया है। {(N0 – N)/ N}×100 = प्रतिशत स्पीड रेगुलेशन, N0 = नो लोड पर मोटर की स्पीड, N = फुल लोड पर मोटर की स्पीड डीसी शंट मोटर का स्पीड रेगुलेशन सबसे अच्छा होता है। क्योंकि इसका नो लोड से फुल लोड तक स्पीड लगभग बराबर होता है। यह तथ्य मोटर की स्पीड के सूत्र से स्पष्ट किया जा सकता है। N ∝ Eb/φsh और T∝ φsh Ia क्योंकि हम जानते हैं कि फील्ड वाइंडिंग आर्मेचर के समांतर में जुड़ा होता है। अतः मोटर पर जब लोड बढ़ता है तो इसके फील्ड वाइंडिंग में करंट का मान बहुत कम बदलता है। जिसके कारण फील्ड फ्लक्स का मान भी बहुत कम बदलता है। फील्ड फ्लक्स के मान में बहुत कम बदलाव की वजह से ही डीसी शंट मोटर का नो लोड से फुल लोड तक गति लगभग समान रहता है। नोट:- डीसी शंट मोटर के फील्ड वाइंडिंग का पतले तार के अधिक टर्न होने के कारण ही इस में धारा का मान बहुत कम होता है। और लोड बढ़ने पर भी इसमें धारा का परिवर्तन लगभग नगण्य होता है। डीसी शंट मोटर का वोल्टेज करंट समीकरण (voltage current equation of dc shunt motor)चित्र में डीसी शंट मोटर का डायग्राम दिखाया गया है। जिसमें फील्ड वाइंडिंग, मोटर के आर्मेचर की समांतर में जुड़ा हुआ दिखाया गया है। तथा इसमें करंट Ish बह रही है। इसमें फील्ड वाइंडिंग का पतला और अधिक लपेटा होने के कारण इसका प्रतिरोध Rsh अधिक होता है। आर्मेचर का कुछ न कुछ प्रतिरोध होता है जिसे चित्र में Ra से प्रदर्शित किया गया है। जब मोटर में सप्लाई दी जाती है तो मोटर के आर्मेचर में एक ईएमएफ उत्पन्न होता है। जो सप्लाई वोल्टेज के विपरीत होता है। अतः इसे बैक ईएमएफ कहते हैं। अतः मोटर दी गई सप्लाई निम्न भागों में बटती है। V = Eb + Ia Ra + Ish Rsh चुकी Ish Rsh बहुत कम होता है अतः इसे नगण्य मानने पर V = Eb + Ia Ra होगा। अब V = Eb + Ia Ra में दोनों पक्षों में Ia से गुणा करने पर VIa = Eb Ia + Ia 2 Ra होगा। अतः डीसी शंट मोटर में भी आइए इनपुट पावर है। Eb Ia आर्मेचर पावर है। तथा Ia2 Ra आर्मेचर कापर हानि है। चुकी फील्ड वाइंडिंग में करंट का मान बहुत कम होता है अतः इसका फील्ड कापर हानि बहुत कम होता है। डीसी शंट मोटर का गति, बल आघूर्ण तथा धारा में संबंध (relation between speed torque and current in DC shunt motor)डीसी शंट मोटर मे निम्न प्रकार के तीन संबंधों को पढ़ेंगे।
करंट और बालाघुर्ण में संबंध(graphical representation between current and torque in dc shunt motor)डीसी शंट मोटर का बालाघुर्ण का सूत्र T= KφshIa होता है। या T ∝ φsh Ia यहां पर बल आघूर्ण , आर्मेचर करंट के समानुपाती है। मतलब की जितना आर्मेचर करंट का मान बढ़ेगा उतना ही मात्रा में बल आघूर्ण का मान भी बढ़ेगा। अतः इसका ग्राफ एक सीधी रेखा में होगा। जो कि आप चित्र में देख सकते हैं कि जो ग्राफ लाइन सीधा गया है। वह उस स्थिति में सीधा जाता है जब मोटर में कोई आर्मेचर रिएक्शन नहीं होता है। लेकिन यह स्थिति तो आदर्श स्थिति होती है। अगर हम प्रायोगिक स्थिति को देखें तो मोटर में कुछ ना कुछ आर्मेचर रिएक्शन होता है अतः आर्मेचर रिएक्शन की स्थिति में इसका ग्राफ थोड़ा सा झुक जाता है । गति और करंट के बीच संबंध (graphical representation between speed and current in DC shunt motor)डीसी शंट मोटर की गति का सूत्र N = (V- Ia Ra) / K φsh होता है। या N= (V/K φsh)/ (Ia Ra/Kφsh) होगा। चुकी आर्मेचर करंट तापमान नो लोड की स्थिति में लगभग नगाड़े होता है तो N= V/Kφsh होगा। या N∝ V/φsh होगा। अतः हम कह सकते हैं कि डीसी शंट मोटर की गति आर्मेचर करंट पर निर्भर नहीं करती है क्योंकि आर्मेचर करंट बढ़ने पर भी फील्ड फ्लक्स का मान बहुत कम बदलता है अतः इस स्थिति में ग्राफ ऐसे बनेगा। इस ग्राफ में दिखाया गया है कि जब मोटर में आर्मेचर रिएक्शन नहीं होता है तो उस समय मोटर की फील्ड वाइंडिंग का फ्लक्स का मान उतना ही रहेगा । लेकिन जब मोटर में आर्मेचर रिएक्शन रहेगा तो आर्मेचर फ्लक्स मेन फील्ड फ्लक्स को नष्ट करता है। जिसके कारण फील्ड फ्लक्स (φsh) का मान कम होगा तो स्पीड बढ़ जाएगा। अतः इस मोटर के लिए आर्मेचर फ्लक्स हेल्पफुल होता है। गति और बल आघूर्ण में संबंध (graphical representation between speed and current in DC shunt motor)डीसी शंट मोटर की गति का सूत्र N = (V- Ia Ra) / K φsh है। क्योंकि हम जानते हैं कि डीसी मोटर में बल आघूर्ण तभी बढ़ता है जब लोड बढ़ता है। अतः जब लोड बढ़ेगा तो आर्मेचर करंट का मान भी बढ़ेगा। लेकिन शंट मोटर के लिए आर्मेचर करंट या लोड करंट के बढ़ने से इसके फील्ड फ्लक्स पर लगभग नगण्य असर पड़ता है। क्योंकि फील्ड करंट बहुत कम बदलता है। अतः जब बल आघूर्ण बढ़ता है तो इसकी स्पीड में थोड़ा सा कमी आती है। और जब आर्मेचर रिएक्शन होती है तो मोटर की स्पीड बिना आर्मेचर रिएक्शन वाले स्पीड से अपेक्षाकृत अधिक होती है। जो कि इसके डायग्राम में दिखाया गया है। डीसी शंट मोटर की गति नियंत्रण की विधियां (speed control method of dc shunt motor)इस मोटर की गति को नियंत्रित करने के लिए हम निम्न प्रकार की विधियां अपनाते हैं।
डीसी शंट मोटर में प्रयोग होने वाला स्टार्टर (starter use in DC shunt motor)किसी भी प्रकार के बड़े पावर की मोटर को चालू करने के लिए हम स्टार्टर का प्रयोग करते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि मोटर धीरे धीरे चलना प्रारंभ करें अगर मोटर एक झटके में ही पूरी तेजी से घूमना प्रारंभ कर देगी तो मोटर की कमयुटेटर्स सतह पर ज्यादा स्पार्किंग होगी जिससे कमयुटेटर्स सतह खराब हो जाएगा अतः डीसी शंट मोटर को भी स्टार्ट करने के लिए 4 प्वाइंट स्टार्टर का इस्तेमाल किया जाता है। 4 प्वाइंट स्टार्टर का प्रयोग डीसी कंपाउंड मोटर में भी स्टार्ट करने के लिए किया जाता है। 4 प्वाइंट स्टार्टर में चार टर्मिनल होने के कारण ही इसे 4 प्वाइंट स्टार्टर कहते हैं। चित्र में आपको यह चारों पॉइंट L, L’, F तथा A से दर्शाया गया है। डीसी शंट मोटर की विशेषता
डीसी शंट मोटर का उपयोग (use of DC shunt motor in Hindi)इस मोटर का उपयोग उन स्थानों पर किया जाता है जहां पर लगभग समान चाल की जरूरत होती है। इसके साथ-साथ जहां पर मध्यम बल आघूर्ण की जरूरत होती है वहां पर भी इस मोटर का उपयोग किया जाता है।
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डीसी मोटर का सूत्र क्या है?डीसी मोटर का विरोधी विद्युत वाहक बल(back EMF of DC motor in Hindi) इसे काउंटर emf के नाम से भी जाना जाता है। जब मोटर को supply देते हैं तो armature घूमता है तो चुकी armature एक चुंबकीय क्षेत्र में रखा है तो armature के चालक उस चुंबकीय क्षेत्र को काटते हैं।
डीसी मोटर में आर्मेचर के घूमने की दिशा कौन सा नियम निर्धारित करता है?चुंबकीय क्षेत्र भी एक दूसरे चालक समूह में से धारा को प्रवाहित कर प्राप्त किया जाता है। दिष्ट धारा मोटरों के आर्मेचर चालकों में धारा बुरुशों द्वारा ले जाई जाती है। ये बुरुश, वस्तुत: आर्मेचर से संबद्ध दिक्परिवर्तक (commutator) पर आरोपित होते हैं और संभरण से संबद्ध होते हैं।
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