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Bharat Ke Bhotik Pradesh PDF - भारत के भौतिक प्रदेश हमारे देश में हर प्रकार की भू-आकृतियाँ पायी जाती हैं, जैसे- पर्वत, मैदान, मरुस्थल, पठार तथा द्वीप समूह। गोंडवाना भूभाग के विशाल क्षेत्र में भारत, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका तथा अंटार्कटिक के क्षेत्र शामिल थे। संवहनीय धाराओं ने भू-पर्पटी को अनेक टुकड़ों में विभाजित कर दिया और इस प्रकार भारत-आस्ट्रेलिया की प्लेट गोंडवाना भूमि से अलग होने के बाद उत्तर दिशा की ओर प्रवाहित होने
लगी। 'टेथिस' के हिमालय के रूप में ऊपर उठने तथा प्रायद्वीपीय पठार के उत्तरी किनारे के नीचे धंसने के परिणामस्वरूप
एक बहुत बड़ी द्रोणी का निर्माण हुआ। भारत की भूमि बहुत अधिक भौतिक विभिन्नताओं को दर्शाती है। भारत का मुख्य भौगोलिक वितरणभारत की भौगोलिक आकृतियों को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है - (1) हिमालय पर्वत श्रृंखला 1. हिमालय पर्वत भारत की उत्तरी सीमा पर विस्तृत हिमालय भूगर्भीय रूप से युवा एवं बनावट के दृष्टिकोण से वलित पर्वत श्रृंखला है। हिमालय के प्रमुख शिखर
महान हिमालय के वलय की प्रकृति असममित है। नेपाल हिमाद्रि के दक्षिण में स्थित श्रृंखला सबसे अधिक असम है एवं हिमाचल या निम्न हिमालय के नाम से जानी जाती है। हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला को शिवालिक कहा जाता है। इनकी चौड़ाई 10 से 50 कि॰मी॰ तथा ऊँचाई 900 से 1,100 मीटर के बीच है। इस उत्तर-दक्षिण के अतिरिक्त हिमालय को पश्चिम से पूर्व तक स्थित क्षेत्रों के आधार पर भी विभाजित किया गया है। ब्रह्मपुत्र हिमालय की सबसे पूर्वी सीमा बनाती है। 2. उत्तर का विशाल मैदान - उत्तरी मैदान तीन
प्रमुख नदी प्रणालियों- सिंधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र तथा इनकी सहायक नदियों से बना है। दोआब उत्तरी पर्वतों से आने वाली नदियाँ निक्षेपण कार्य में लगी हैं। उत्तरी मैदान को मोटे तौर पर तीन उपवर्गों में विभाजित किया
गया है। गंगा के मैदान का विस्तार घघ्यर तथा तिस्ता नदियों के बीच है। यह उत्तरी भारत के राज्यों हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड के कुछ भाग तथा पश्चिम बंगाल
में फैला है। 3. प्रायद्वीपीय पठार प्रायद्वीपीय पठार एक मेज की आकृति वाला स्थल है जो पुराने क्रिस्टलीय, आग्नेय तथा रूपांतरित
शैलों से बना है। पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट की अपेक्षा ऊँचे हैं। पूर्वी घाट के 600 मीटर की औसत ऊँचाई की तुलना में पश्चिमी घाट की ऊँचाई 900 से 1,600 मीटर है। पूर्वी घाट
का विस्तार महानदी घाटी से दक्षिण में नीलगिरी तक है। 4. भारतीय मरुस्थल अरावली पहाड़ी के पश्चिमी किनारे पर थार का मरुस्थल स्थित है। बरकान (अर्धचंद्राकार बालू का टीला) का विस्तार बहुत अधिक क्षेत्र पर होता है, लेकिन लंबवत् टीले भारत-पाकिस्तान सीमा के समीप प्रमुखता से पाए जाते हैं। 5. तटीय मैदान प्रायद्वीपीय पठार के किनारों संकीर्ण तटीय पट्टीयों का विस्तार है। बंगाल की खाड़ी के साथ विस्तृत मैदान चौड़ा एवं समतल है। चिल्का झील भारत में खारे पानी की सबसे बड़ी झील है। यह उड़ीसा में महानदी डेल्टा के दक्षिण में स्थित है। 6. द्वीप समूह भारत का मुख्य स्थल भाग अत्यधिक विशाल है। द्वीपों का यह समूह छोटे प्रवाल द्वीपों से बना है। भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के बैरेन द्वीप पर स्थित है। विभिन्न भू-आकृतिक विभागों का
विस्तृत विवरण प्रत्येक विभाग की विशेषताएँ स्पष्ट करता है परंतु यह स्पष्ट है कि ये विभाग एक-दूसरे के पूरक हैं और वे देश को प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध बनाते हैं। प्रवालप्रवाल पॉलिप्स कम समय तक जीवित रहने वाले सूक्ष्म प्राणी हैं, जो कि समूह में रहते हैं। Bharat Ke Bhotik Pradesh PDF in Hindi Name of The Book : *Bharat Ke Bhotik Pradesh PDF in Hindi* भारत में सबसे प्राचीन भौतिक प्रदेश कौन सा है?भारत के भौतिक प्रदेश. हिमालय का पर्वतीय भाग. सिन्धु-गंगा मैदान. प्रायद्वीपीय पठारी भाग. समुद्रतटीय मैदान. द्वीपीय भाग. भारत का सबसे बड़ा भौतिक प्रदेश कौन सा है?Peninsular Plateau of South. यह भारत का क्षेत्र की दृष्टि से सबसे बड़ा भौतिक प्रदेश है। इसका कुल क्षेत्रफल 16 लाख वर्ग किलोमीटर है। जो त्रिभुजाकार आकृति में फैला है।
भारत का सबसे बड़ा सबसे प्राचीन एवं सबसे कठोर भौतिक प्रदेश कौन सा है?इस टकराव के कारण इन दोनो प्लेटों के बीच स्थित 'टेथिस' भू-अभिनति के अवसादी चट्टान, वलित होकर हिमालय तथा पश्चिम एशिया की पर्वतीय श्रृंखला के रूप में विकसित हो गये । गोंडवाना भूमि: ये प्राचीन विशाल महाद्वीप पैंजिया का दक्षिणतम भाग है. जिसके उत्तर में अंगारा भूमि है।
भारत का सबसे पुराना भूभाग कौन सा है?प्राचीन गोंडवाना के बारे में तथ्य:
भारत का दक्कन का पठारी क्षेत्र गोंडवाना भूभाग से जुड़ा हुआ है। अरावली पर्वत गोंडवाना भूमि का हिस्सा है।
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