बिहार में किरासन तेल की कीमत में उछाल से वितरण प्रभावित 30-40 प्रतिशत ही उठाव। कटिहार में कुल आवंटन का महज 25 से 30 प्रतिशत हो पा रहा है वितरण। मिट्टी तेल की कीमत में वृद्धि से 60 से 70 प्रतिशत लाभुक नहीं कर रहे हैं उठाव। Show संवाद सूत्र, फलका (कटिहार)। पेट्रोल-डीजल के बाद अब किरासन तेल की कीमतों में उछाल जनवितरण प्रणाली विक्रेताओं के लिए जी का जंजाल बन गया है। मिट्टी तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से स्थानीय उपभोक्ता मिट्टी तेल का उठाव नहीं कर रहे हैं। जिस कारण जनवितरण दुकानदारों की परेशानी बढ़ गई है। दुकानदारों के अनुसार करीब 25 से 30 प्रतिशत उपभोक्ता ही मिट्टी तेल का उठाव कर रहे हैं। जबकि 60 से 70 प्रतिशत से अधिक लाभुक किरासन तेल का उठाव नहीं कर रहे हैं। जिस कारण बिक्रेता के यहां हर माह सैकड़ों लीटर तेल जमा होने व पूंजी फंसे रहने से डीलर आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। विक्रेताओं का कहना है कि क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता व सौर्य ऊर्जा लाइट के बढ़े प्रचलन तथा तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के कारण अब उपभोक्ता किरासन तेल का उठाव करने से कतरा रहे हैं। बताते चलें कि प्रखंड क्षेत्र में कुल 66 जनवितरण प्रणाली विक्रेता एवं सात वेंडर कार्यरत हैं। विभाग के अनुसार फलका प्रखंड का अप्रैल माह का कुल आवंटन 29,729 लीटर था। अप्रैल माह में मिट्टी तेल की कीमत कुरसेला थौक विक्रेता के पास करीब 76.86 एवं अमोल में 77 रुपया था। वहीं मई माह में कुरसेला की कीमत 79.36 रुपया है। विक्रेताओं का कहना था कि पहले किरासन तेल के लिए उपभोक्ताओं की लंबी कतार लगी रहती थी। अब बढ़ी कीमतों के कारण पूरे दिन दुकान पर बैठे रहने के बावजूद 10 उपभोक्ता भी तेल का उठाव करने नहीं पहुंच रहे हैं। आपूर्ति विभाग द्वारा उपभोक्ता को एक लीटर तेल देने का प्रावधान है और विक्रेता को इस पर एक रुपया कमीशन मिलता है। लेकिन तेल लाकर बिक्री करने में इससे अधिक खर्च वहन करना पड़ता है। बिक्रेता का कहना है कि विभाग का हर माह तेल उठाव का दवाब रहता है। जिस कारण तेल उठाव करना हमलोगों की मजबूरी है। किसी तरह पूंजी का जुगाड़ कर तेल उठाव करते भी हैं तो उपभोक्ता द्वारा तेल उठाव नहीं करने से कई ड्रम तेल बचा हुआ रहता है। खाली ड्रम नहीं रहने से अगले माह तेल का उठाव करने में परेशानी होती है। इस सबंध में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी अवधेश कुमार मिश्र ने बताया कि किरासन तेल की कीमत में वृद्धि के कारण न ही लाभुक और न ही बिक्रेता इसका उठाव करना चाह रहे हैं। जिस कारण तेल का स्टॉक जाम हो रहा। जो बहुत बड़ी समस्या है। डीलर की शिकायत पर विभाग को लिखा जाएगा। Edited By: Dilip Kumar Shukla
बिहारशरीफ7 महीने पहले
सिर्फ पेट्रोल-डीजल या रसोई गैस ही नहीं, बल्कि अब मिट्टी का तेल भी महंगा हो चुका है। छह माह में मिट्टी तेल की कीमत 44 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 77 रुपए लीटर हो गई है। फरवरी 2022 से किरोसिन के मूल्य में हो रही बढ़ोत्तरी के कारण जिले के दर्जनों गांवों के उपभोक्ता पीडीएस दुकानों से मिट्टी का तेल उठाने से परहेज करने लगे हैं। इतना ही नहीं मई माह से बहुत सारे पीडीएस दुकानदार भी किरोसिन डिपो से किरोसिन का उठाव नहीं करने का मन बना लिया है। पीडीएस दुकानदारों ने बताया कि इसके पीछे किरोसिन के मूल्य में लगातार हो रही रही बढ़ोत्तरी अहम कारण है। फेयर प्राइज डीलर एसोसिएशन बिहार के जिला सचिव सह प्रदेश महामंत्री वरुण कुमार सिंह ने बताया कि लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के खिलाफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री को पत्र लिखा गया है। आंकड़ों की नजर में पीडीएस अक्टूबर में था 44 रुपए प्रति लीटर दूसरे कामों में भी मिट्टी तेल का होता है उपयोग
पूर्णिया2 वर्ष पहले
मई में केरोसिन तेल 15.5 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से उपभोक्ताओं को जन वितरण प्रणाली के दुकान पर प्राप्त होगा। बनमनखी विधायक सह पर्यटन मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने बताया कि वैश्विक आपदा कि इस प्रलयंकारी घड़ी में आम लोगों को अधिक से अधिक राहत मिले। इसके लिए भारत सरकार एवं बिहार सरकार लगातार प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि इस माह में किरासन तेल में
एक 11 रुपया 72 पैसे की कमी आई है, जहां कि मार्च में किरासन तेल की कीमत उपभोक्ताओं के लिए 37 रुपया 20 पैसा था। बिहार में किरासन तेल का रेट क्या है?जिले भर में हैं कुल 4 लाख 92 हजार 968 कार्डधारी। जिले भर में कुल है 24 लाख 15 हजार 70 उपभोक्ता। जिले भर में सबसे अधिक उपभोक्ता हैं बिहारशरीफ में। किरोसिन की बढ़ती महंगाई के आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो वर्ष 2021 के अक्टूबर महीने में पीडीएस दुकानदारों के यहां 44 रुपए प्रति लीटर था।
किरासन तेल का रेट क्या है?डीलर्स से बिलिंग के बाद केरोसिन 99 रुपए व दुकानों में उपभोक्ताओं को 100-101 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से वितरण होगा।
झारखंड में किरासन तेल का रेट कितना है?वर्तमान में तेल डिपो में इसकी कीमत 101 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गयी है. इस कारण पीडीएस दुकानदारों ने केरोसिन का उठाव बंद कर दिया है. वहीं, उपभोक्ताओं ने भी कीमत बढ़ने के कारण केरोसिन लेना बंद कर दिया है. अप्रैल 2021 से सरकार ने केरोसिन पर सब्सिडी बंद कर दी है.
मिट्टी के तेल के भंजन से कौन सी गैस बनती है?UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Solution : संपीडिय प्राकृतिक गैस (C.N.G.).
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