कंप्यूटर में कौन सा सॉफ्टवेयर होता है? - kampyootar mein kaun sa sophtaveyar hota hai?

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का एक कोड होता है,जिसका उपयोग कंप्यूटर को एक स्पेसफिक काम करने के तरीके को बताना होता है. ऑपरेटिंग सिस्टम ,एप्लीकेशन और मैलवेयर जैसे कई सॉफ्टवेयर के प्रकार होते है. सॉफ्टवेयर को फ्री में शेयरवेयर रूप में ,कमर्शियल रूप में और सोर्स कोड(जिसे हम ओपन सोर्स भी कहते है) के रूप में बाटा जाता है.

Highlights of Post Content

  • कंप्यूटर सॉफ्टवेयर क्या है? (what is computer software in hindi)
  • सॉफ्टवेयर के प्रकार
    • 1.सिस्टम सॉफ्टवेयर
    • 2.एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
    • 2.कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर
    • 3 . प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर
  • FAQ:

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर क्या है? (what is computer software in hindi)

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर कोड में लिखे गए सभी इंटरेक्शन का एक सेट होता है जो कंप्यूटर को बताता है की किसी स्पेसिफिक काम को कैसे करना चाहिए। ज्यादातर सॉफ्टवेयर कमर्शियल प्रोग्राम ,गेम्स ,ऑपरेटिंग सिस्टम और वायरस जैसे मैलवेयर के रूप में मिलते है.

उदहारण के लिए ,कंप्यूटर में आप जो भी प्रोग्राम रन करते है ,वह सॉफ्टवेयर के द्वारा ही रन होता है. सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर प्रोग्राम की मदत से बनाया जाता है, बहुत से लोग इसे कोडर्स भी कहते है.

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर क वह कपोनेंट होता है जिसे हम छू और देख नहीं सकते है. सॉफ्टवेयर अपने आप काम नहीं कर सकते है अर्थात कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर एक साथ ही काम करते है.

सॉफ्टवेयर के प्रकार

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के प्रकार को तीन भागो में डिवाइड किया गया है :

  • सिस्टम सॉफ्टवेयर
  • एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
  • प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर

1.सिस्टम सॉफ्टवेयर

सिस्टम सॉफ्टवेयर सॉफ्टवेयर का एक नार्मल केटेगरी है जो कंप्यूटर के हार्डवेयर पार्ट्स को काम करने की परमिशन प्रदान करता है और एप्लीकेशन को चलाने के लिए अंदर रह कर प्लेटफार्म के रूप में काम करते रहता है. सिस्टम सॉफ्टवेयर बहुत ही जटिल होते है और इनकी बहुत लेयर्स कंप्यूटिंग डिवाइस से जुड़े होते है.

सिस्टम सॉफ्टवेयर के प्रकार:

  • ऑपरेटिंग सिस्टम(OS)
  • फर्मवेयर(Firmware)
  • डिवाइस ड्राइवर्स (Device Drivers)
  • यूटिलिटीज (Utilities)

1.ऑपरेटिंग सिस्टम(OS): विंडोज और मैकओएस जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना कंप्यूटर केवल एक हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट का एक कलेक्शन है जो कोई भी काम करने में समर्थ नहीं होता है.ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के चलाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है क्यूंकि यह कंप्यूटर को उसके बेसिक कार्य को करने के लिए परमिशन प्रदान करता है.

यह कंप्यूटर को एक इंटरफ़ेस प्रदान करता है जिसके की यूजर कंप्यूटर से अच्छे से बातचीत कर सके और कोई भी एप्लीकेशन चल सके. इंटरनेट पर बहुत से लोकप्रिय सिस्टम सॉफ्टवेयर है जैसे विंडोज, लिनक्स, मैकिंटोश, उबंटू, फेडोरा, एंड्रॉइड, आईओएस आदि हैं।

2.फर्मवेयर(Firmware): बहुत से डिवाइस और कॉम्पोनेन्ट में फर्मवेयर होता है जिसे सेमि परमानेंट कहा जाता है ,जो डिवाइस को बताता है की डिवाइस को कैंसे व्यवहार करना है और अन्य डिवाइस से कैसे इंटरैक्ट करना है. फर्मवेयर को अपडेट कर सकते है लेकिन उसके बाद भी यह डिवाइस में बना रहता है.

3.डिवाइस ड्राइवर्स (Device Drivers): डिवाइस ड्राइवर्स कंप्यूटर के छोटे प्रोग्राम होते है जो ऑपरेटिंग सिस्टम और कंप्यूटर कॉम्पोनेन्ट को कम्यूनिकेट करने की परमिशन प्रदान करते है. प्रत्येक कॉम्पोनेन्ट को ड्राइवर की जरुरत होती है जिसके की OS जान सके की उन डिवाइस का यूज़ कैसे करना है. वीडियो कार्ड ,साऊंड चिप, कीबोर्ड और माऊस के हर कॉम्पोनेन्ट के अपने ड्राइवर होते है.

डिवाइस ड्राइवर डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम के बीच में इंटरफ़ेस का काम करता है. डिवाइस ड्राइवर डिवाइस के हार्डवेयर के स्तर पर किये गए ऑपरेशन के डिटेल को छुपाकर आवश्यक सेवाएं प्रदान करता है. डिवाइस ड्राइवर एक भासा ट्रांसलेटर की तरह है जो ऑपरेटिंग सिस्टम और उससे जुड़े डिवाइस के बीच में मीडिएटर का काम करते है.

4.यूटिलिटीज (Utilities): यूटिलिटीज भी छोटे प्रोग्राम होते है जो स्पेसिफिक कार्यो के लिए OS के साथ आते है और अपने आप को OS में एकीकृत कर लेते है.यूटिलिटीज के उदहारण में एंटीवायरस मैलवेयर सॉफ्टवेयर , हार्ड ड्राइव क्लीनअप और फाइल कम्प्रेशन टूल्स शामिल है.

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2.एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को एप्प और प्रोग्राम के नाम से भी जाता है .एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का उपयोग स्पेसफिक उदेश्य के लिए और एक निश्चित लछ्य को पूरा करने के लिए किया जाता है. इसमें वर्ड प्रोसेसर, स्प्रेडशीट और ईमेल क्लाइंट जैसे प्रोडक्टिव सॉफ्टवेयर शामिल है.

माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस डेटाबेस सॉफ्टवेयर का उपयोग डाटा को व्यवस्थित और मैनेज करने जाता है. गेम्स एप्लीकेशन , मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर( फ़ोन का कैमरा भी एक एप्लीकेशन है), एडोब फोटोशॉप (जिसका उपयोग फोटोज और वीडियोस को एडिट करने के लिए किया जाता है) ये सभी एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है.

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को दो कैटेगरी में बता गया है:

  1. जनरल पर्पस सॉफ्टवेयर
  2. कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर

वह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर किसी सामान्य उदेश्य को पूरा करने के लिए बनाये जाते है उसे जनरल पर्पस सॉफ्टवेयर कहते है. उदहारण के लिए समझे तो , लिब्रे ऑफिस के स्प्रेडशीट टूल कैल्क का उपयोग कोई भी यूजर कैलक्युलेशन या अकाउंट क्रिएट करने के लिए कर सकता है.

  • एडोब फोटोशॉप( Adobe Photoshop)
  • गिम्प (GIMP)
  • मोज़िला (Mozilla)
  • iTunes

2.कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर

वह एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर जिसका निर्माण किसी स्पेसफिक काम को पूरा करने के लिए किया जाता है उसे कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर कहते है.कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर के कुछ उदहारण वेबसाइट , स्कूल मनेजमेंट सॉफ्टवेयर और एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर।

निचे कुछ और प्रकार के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर दिए गए है :

  1. एक्टिविटी मैनेजमेंट: कैलेंडर्स और एड्रेस बुक्स जैसे प्रोग्राम।
  2. वर्ड प्रॉसेसिंग: यह अट्रैक्टिव डॉक्यूमेंट के लिए एप्लीकेशन है.
  3. स्प्रेडशीट एप्लीकेशन: डॉक्युमनेट बनाकर न्यूमेरिकल डाटा को मैनेज करने के लिए.
  4. प्रेसन्टेशन एप्लीकेशन: स्लाइड शो बनाने के लिए होता है.
  5. ग्राफ़िक्स एप्लीकेशन: फोटोज बनाने के लिए होता है.
  6. डेटाबेस एप्लीकेशन: इनफार्मेशन को व्यवस्थित और पुनः प्राप्त के लिए होता है.
  7. कम्युनिकेशन प्रोग्राम: संदेश भेजने और इ -मेल भेजने के लिए होता है.
  8. मल्टीमीडिया: वीडियोस और म्यूजिक को बनाने के लिए होता है.

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3 . प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर

आपको यह बात पता होना चाहिए की एक सॉफ्टवेयर को अन्य सॉफ्टवेयर के द्वारा ही बनाया जाता है. कोडर्स को प्रोग्राम को बनाने के लिए अलग लग सॉफ्टवेयर टूल्स का उपयोग करते है इनमे से कुछ प्रोग्राम दिए गए है.

Compilers: कम्पाइलर का मुख्य कार्य होता है की यह मनुष्य के द्वारा टाइप किये गए कोड को मशीन कोड के निचले स्तर तक पहुंचकर कंप्यूटर हार्डवेयर के समझने योग्य बनाये।

Debuggers: डिबगर कंप्यूटर का वह प्रोग्राम है जिसका उपयोग कंप्यूटर के डिबग (गलतियों को खोजने के लिए होता है ) को खोजने के लिए होता है.

Linkers: लिंकर्स कंप्यूटर के ऐसे प्रोग्राम होते है जो कम्पाइलर से आउटपुट को लेते है और अलग अलग फाइल्स से एक एक्सेक्यूटबल फाइल में जोड़ते है, जिसे यूजर के द्वारा प्रोग्रामिंग वातावरण के बिना खुद ही चलाया जाता है.

Malware: मैलवेयर को हानिकारण तरीके से किये जाने वाले कार्यो से बचाने के लिए इस सॉफ्टवेयर को बनाया गया है.आज कल मैलवेयर के बहुत से उदहारण है जैसे वायरस ,वर्म्स ,ट्रोजन्स शामिल है. अगर आपका कंप्यूटर मैलवेयर से संक्रमित हो जाता है तो आपके कंप्यूटर का हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर काम नहीं करता है और यह भी हो सकता है की आपका कंप्यूटर भी ओपन ना हो.

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FAQ:

1.सिस्टम सॉफ्टवेयर का कौन सा भाग हमेशा मेन मेमोरी में रहता है?

ANS:सिस्टम सॉफ़्टवेयर का लोडर भाग हमेशा मेन मेमोरी में रहता है.

2.सॉफ्टवेयर के दो वर्ग कौन से हैं?

ANS: 1.सिस्टम सॉफ्टवेयर 2.एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर

3.मल्टीमीडिया में उपयोग किया जाने वाला सॉफ्टवेयर कौन सा है?

ANS: मल्टीमीडिया में उपयोग किया जाने वाला सॉफ्टवेयर VLC MEDIA PLAYER है.

4.सॉफ्टवेयर के जनक कौन है?

ANS: सॉफ्टवेयर के जनक रिचर्ड मैथ्यू स्टॉलमैन (जन्म १९५३) है.

5.पहला ऑपरेटिंग सिस्टम कौन सा था?

ANS: पहला ऑपरेटिंग सिस्टम (MS-DOS) था.

6.विंडोज कितने प्रकार के होते हैं?

ANS: Single User OS, Multiple User OS, Multitasking OS, Multi-Threading OS, Multiprocessing OS.

7.मल्टीमीडिया को हिंदी में क्या कहते हैं?

ANS: मल्टीमीडिया को हिंदी में बहुमाध्यम कहते हैं.

8.भारतीय आईटी उद्योग के जनक कौन है?

ANS: भारतीय आईटी उद्योग के जनक फकीर चंद कोहली है.

9.कंप्यूटर सिस्टम को नियंत्रित करने वाले प्रोग्राम का नाम क्या है?

ANS: कंप्यूटर सिस्टम को नियंत्रित करने वाले प्रोग्राम का नाम सिस्टम सॉफ्टवेयर है.

कंप्यूटर में कौन कौन से सॉफ्टवेयर होते हैं?

मुख्यतः कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तीन प्रकार के होते हैं..
सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software).
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software).
प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर (Programming Software).

कंप्यूटर के कितने सॉफ्टवेयर होते हैं?

सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते हैं?.
सिस्टम सॉफ्टवेयर.
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर.
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर.

सॉफ्टवेयर के 3 प्रकार क्या हैं?

सॉफ्टवेयर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं पहला है सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) और दूसरा है एप्लीकेशन सॉफ्टवेर (Application Software), Windows और Android ये दोनों सिस्टम सॉफ्टवेयर के उदाहरण हैं, गूगल क्रोम और फेसबुक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के उदाहरण हैं. तो चलिए इन दोनों सॉफ्टवेयर के प्रकार को अच्छे से समझते हैं.

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर क्या होता है?

कम्प्यूटर विज्ञान में, सॉफ़्टवेयर या तंत्रांश (Software) सार्थक क्रमादेशों (instructions) और आवश्यक सूचनाओं का एक ऐसा समूह है जो संगणक (कम्प्यूटर) को यह बताता है कि उसे क्या काम करना है। सॉफ्टवेयर, एक तरह से, हार्डवेयर से अत्यन्त भिन्न चीज है।