बिहार में जीविका योजना क्या है? - bihaar mein jeevika yojana kya hai?

जीविका का मुख्य उद्देश्य उद्देश्य है “गरीबी चिन्हित करना” इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में सशक्त माध्यम (SHG)”स्वयं सहायता समूह” है। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से परस्पर आसपास रहने वाले परिवारों की महिलाओं में तालमेल और सहयोग की भावना का विकास हुआ है। इस परियोजना के माध्यम से वे सक्रिय हुई हैं । अब वे सशक्तता के साथ संघर्ष कर सकती है । साथ ही संगठन से जुड़े परिवारों के समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान में भी उनकी सक्रियता बढ़ी है। स्वयं सहायता समूह से जुड़े परिवार पंचसूत्र के आधार पर नियमित बचत एवं परस्पर लेनदेन के माध्यम से अपनी छोटी मोटी आर्थिक समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं ।

1.2.1. 1.स्वयं सहायता समूह के गठन का आरंभ:- दोस्तों जब स्वयं सहायता समूह के गठन के बारे में विचार करते हैं तो सबसे पहले प्रश्न यह उठता है कि कौन लोग स्वयं सहायता समूह के सदस्य बन सकते हैं, इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी है

1.2.1.1. 5. कम्युनिटी कोऑर्डिनेटर(CC) फ्लिप चार्ट और पोस्टर्स द्वारा सभी सदस्यों को निम्नलिखित बातों से अवगत कराएंगे।

Show

1.2.1.2. INTERVIEW CALL LETTER (AREA COORDINATOR)

2. https://m2.jobsbrlps.info/candidate/login.php

बिहार जीविका SHG “स्वयं सहायता समूह

 BRLPS Bihar jeevika SHG bihar jeevika vacancy 2019 BRLPS Bihar jeevika SHG jeevika bihardistrict level vacancywww.brlp.in brlps BRLPS Bihar jeevika SHG ,स्वयं सहायता समूह” BRLPS Bihar jeevika SHG , fOR CC/AC BRLPS Bihar jeevika SHG 

Masermind of GK Download App


दोस्तों जैसा कि आप लोग जानते हैं कि बिहार जीविका में जिन लोगों का मेरिट AC तथा CC पोस्ट के लिए बना है। उन्हें जल्द ही विलेज इंटरशिप के लिए CC को 45 दिन तथा AC पोस्ट के लिए 2 दिन के लिए बुलाया जाएगा । विलेज इंटरशिप में आपको किस तरह से प्रशिक्षण दिया जाएगा क्या क्या वहां पढ़ाया जाएगा इन सभी बातों को ध्यान में रखकर यह पोस्ट में आप लोग के लिए लिख रहा हूं यह पोस्ट आप लोग के लिए काफी महत्वपूर्ण है इसलिए इसे जरूर पढ़ें मैं इसी तरह से आगे स्टेप बाई स्टेप पोस्ट प्रोवाइड करता रहूंगा। इस पोस्ट में जिविका क्या है? तथा SHG के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।


1. जीविका क्या है?

Ans:गरीबी उन्मूलन के लिए, महिला सशक्तिकरण तथा गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को ऊपर उठाने के लिए बिहार सरकार द्वारा चलाई गई एक परियोजना है।ग्रामीण समुदाय की निर्धन महिलाओं का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण जीविका परियोजना का लक्ष्य है।इसकी शुरुआत बिहार में सबसे पहले 2 अक्टूबर 2007 को “विश्व बैंक की सहायता” से शुरुआत किया गया तथा बिहार में इसका पूर्ण रूप से विस्तार 2 अक्टूबर 2009 में किया गया।

“बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन परियोजना” प्रथम चरण में 6 जिलों में प्रारंभ किया गया था। मधुबनी, मुजफ्फरपुर, खगड़िया, नालंदा, गया तथा पूर्णिया। आज यह परियोजना पूरे बिहार में सफलतापूर्वक कार्य कर रही है।

परियोजना का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था उस लक्ष्य पर यह परियोजना खरी उतरी है आज बिहार की गरीब,निर्धन महिलाएं को जीविकोपार्जन का एक आधार मिला है, इस परियोजना के माध्यम से आज बिहार की निर्धन महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है। बिहार सरकार इस परियोजना को और आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रकार का सहयोग दे रही है ।

जीविका का मुख्य उद्देश्य उद्देश्य है “गरीबी चिन्हित करना” इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में सशक्त माध्यम (SHG)”स्वयं सहायता समूह” है। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से परस्पर आसपास रहने वाले परिवारों की महिलाओं में तालमेल और सहयोग की भावना का विकास हुआ है। इस परियोजना के माध्यम से वे सक्रिय हुई हैं । अब वे सशक्तता के साथ संघर्ष कर सकती है । साथ ही संगठन से जुड़े परिवारों के समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान में भी उनकी सक्रियता बढ़ी है। स्वयं सहायता समूह से जुड़े परिवार पंचसूत्र के आधार पर नियमित बचत एवं परस्पर लेनदेन के माध्यम से अपनी छोटी मोटी आर्थिक समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं ।


दोस्तों अगर आप का सिलेक्शन Bihar Rural Livelihoods(BRLPS) में किसी पोस्ट पर जैसे:- AC( एरिया कोऑर्डिनेटर), CC(कम्युनिटी कोऑर्डिनेटर) आदि किसी पोस्ट के लिए होता है तो आपको SHG( स्वयं सहायता समूह) के बारे में जानना बहुत जरूरी है। तो दोस्तों इस पोस्ट में आज हम स्वयं सहायता समूह का गठन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे ।


SHG ( स्वयं सहायता समूह) का गठन कैसे किया जाता है:-


💥 पहला चरण:- जो कम्युनिटी कोऑर्डिनेटर( सामुदायिक समन्वयक) होंगे उन्हीं के दिशानिर्देश में लगातार तीन-चार बार तक किसी टोले में समुदाय के साथ परियोजना संबंधी जानकारी प्रदान की जाएगी उसके बाद यदि”लक्ष्य समूह की 10 -15 महिलाएं नियमित रूप से उपस्थित होती है कहने का मतलब यह है कि आप जब परियोजना के बारे में जानकारी देंगे तो यदि 10-15 महिलाएं नियमित रूप से आपको सुनने के लिए या आप जो बता रहे हैं उसके बारे में जानकारी के लिए आते हैं और वह समरूप समूह का निर्माण करने के लिए उत्सुक होती है तब आप समूह गठन का कार्य आरंभ कर सकते हैं।

1.स्वयं सहायता समूह के गठन का आरंभ:- दोस्तों जब स्वयं सहायता समूह के गठन के बारे में विचार करते हैं तो सबसे पहले प्रश्न यह उठता है कि कौन लोग स्वयं सहायता समूह के सदस्य बन सकते हैं, इस बात पर ध्यान देना बहुत जरूरी है

💥 स्वयं सहायता समूह का सदस्य बनने के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है ।

(i) सबसे गरीब या गरीब परिवारों की महिला सदस्य। दोस्तों यहां परिवार का मतलब एक ऐसी इकाई से है जिसका चूल्हा अलग हो ।

(ii) प्रत्येक परिवार से एक ही महिला स्वयं सहायता समूह का सदस्य बन सकती है जिनकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए ।

(iii) वे अपनी स्वेच्छा और समूह के सदस्यों द्वारा निर्धारित नियमित रूप से बचत करने की क्षमता रखती हो ।

(iii) वह समूह में काम करने की इच्छुक हो

(iv) वह बैठक में समय देने के लिए तैयार हो

2. जैसे ही लक्ष्य समूह की 10 से 15 महिलाएं चिन्हित होती है तब “सामुदायिक समन्वयक” (CC) को इन संभावित महिला सदस्यों के बीच कार्यक्रम की अवधारणा अर्थात स्वयं सहायता समूह के बारे में विस्तृत जानकारी रखनी होगी और उन्हें उनको विश्वास में लाना होगा कि किस तरह से यह परियोजना आपके जीविकाउपार्जन में काफी सहायता कर सकता है ।

3. स्वयं सहायता समूह के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए फ्लिप चार्ट , सूचना शिक्षा एवं संचार सामग्री, परियोजना की जानकारी देने के लिए निर्मित फिल्मों के माध्यम से दिया जाएगा। सामुदायिक समन्वयक समूह के सदस्यों से परामर्श कर प्रथम औपचारिक बैठक की तिथि और बचत की राशि तय करेंगे।

4. पहली बैठक के दिन सामुदायिक समन्वयक(CC) निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा करने में स्वयं सहायता समूह की मदद करेंगे:-

(a) प्रत्येक सप्ताह में सदस्यों की बचत राशि तय करवाना

(b) सप्ताहिक बैठक का दिन एवं समय तय करवाना

(C) समुदाय द्वारा स्वयं सहायता समूह की कुछ जरूरी नियमावली का निर्माण सप्ताहिक बैठक, सप्ताहिक बचत राशि,समूह का नामकरण, समूह के प्रतिनिधि एवं प्रतिनिधियों के चयन के बारे में बताना

5. कम्युनिटी कोऑर्डिनेटर(CC) फ्लिप चार्ट और पोस्टर्स द्वारा सभी सदस्यों को निम्नलिखित बातों से अवगत कराएंगे।

(क) स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की भूमिका क्या होगी उसके बारे में बताएंगे :-

💥 सप्ताहिक बचत में नियमितता

💥 साप्ताहिक बैठकों में नियमित रूप से शामिल होना

💥 सामूहिक निर्णय लेना और उन पर अमल करना

💥 संयुक्त या सामूहिक कार्यों में पहल करना

💥 पंचसूत्र के बारे में बताना

(ख) सप्ताहिक बैठक एवं बचत की कार्यप्रणाली की प्रक्रिया के बारे में बताएंगे:-

💥 स्वयं सहायता समूह अपनी नियमित साप्ताहिक बैठक तथा बचत जारी रखेगा यदि “कम्युनिटी कोऑर्डिनेटर”(CC) या “कम्युनिटीमोबिलाइजर”(CM) किसी कारणवश स्वयं सहायता समूह की साप्ताहिक बैठक में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं तो इसकी जानकारी स्वयं सहायता समूह को पहले से होनी चाहिए और स्वयं सहायता समूह खुद ही इस बैठक को नियमित रूप से कराएंगे ।
💥 बैठक समूह सदस्यों के घरों में बारी-बारी से आयोजित हो सकती है या किसी सार्वजनिक स्थल पर भी सदस्यों की सहमति से बैठक की जा सकती है।

💥 पहले प्रत्येक बैठक में समूह द्वारा चयनित अध्यक्ष बैठक की औपचारिक अध्यक्षता करेंगी लेकिन प्रत्येक बैठक के लिए समूह के सदस्य जिसके घर में बैठक प्रस्तावित हो उस सदस्य को बैठक की अध्यक्षता के लिए चुनेंगे या अगर सार्वजनिक स्थल पर बैठक हो रही हो तो बारी-बारी से प्रत्येक सदस्य को अध्यक्षता करने का मौका देंगे

💥 इससे यह फायदा होगा कि प्रत्येक सदस्य को समूह की बैठक की अध्यक्षता करने का अवसर मिलेगा समूह का अध्यक्ष बैठक की समुचित रूप से अध्यक्षता करने में इन सदस्यों की मदद करेगा

💥 यदि गांव में पंचायत भवन/ सामुदायिक भवन उपलब्ध हो तो बैठक स्थल के रूप में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

6. सभी लेनदेन और खाता बही को प्रत्येक बैठक में ही लिखा जाना चाहिएचाहिए । इस शर्त में बदलाव नहीं किया जा सकता है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि सभी सदस्य अवगत हो कि खाता बही में क्या लिखा जा रहा है और बैठक में जो बात उभरकर सामने आई है उस पर सामूहिक चर्चा एवं सामूहिक निर्णय लिया गया है या नहीं उसको वास्तविक रूप से लिखा जा रहा है या नहीं। क्योंकि बैठक में लिए गए निर्णय एवं खाता बही में दर्ज बातों के प्रति समूह का हर सदस्य जवाबदेह होता है। अतः समूह को ठीक तरह से चलाने के लिए पारदर्शिता होना आवश्यक है इसलिए सभी लेनदेन और खाता बही को प्रत्येक बैठक में ही लिखा जाना अनिवार्य है।

💥💥 प्रतिनिधि (नेता) एवं नेतृत्व :-समूह के लिए नियमों के निर्माण और उन्हें अमल में लाने के लिए समूह के सदस्यों को राजी करना बहुत जरूरी होता है इस काम के लिए नेतृत्व क्षमता की बहुत जरूरत होती है
इसलिए सभी स्वयं सहायता समूह के 3 प्रतिनिधि होंगे

पहला:- अध्यक्ष (कार्य- SHG का देखरेख करना)

दूसरा:- सचिव ( कार्य- रजिस्टर रखना)

तीसरा:- कोषा अध्यक्ष ( कार्य -रुपया रखना)

समूह का प्रयास यही रहता है कि प्रथम हर  दो में से कोई एक प्रतिनिधि सबसे गरीब उपेक्षित सदस्य में से हो।

💥💥 खाताबही का रखरखाव:- खाता बही का सही रखरखाव समूह के संचालन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है शुरू में सामुदायिक समन्वयक(CC) खाता बही दुरुस्त रखने में सहायता कर सकता है लेकिन बाद में स्वयं सहायता समूह को ग्राम स्तर पर कुछ ऐसे व्यक्ति का चुनाव करना चाहिए जो (सामुदायिक संगठक(CM) के रूप में समूह के लिए कार्य कर सकें। सामुदायिक संगठक का काम समूह के लेखा-जोखा और खाता बही संभालने में मदद करना होगा ।
गांव में प्रवेश के तीन माह के अंदर कम्युनिटी मोबिलाइजर(CM) की पहचान कर उन्हें समूह का खाता बही लिखने की जिम्मेदारियों के अलावा अन्य जिम्मेदारियों के बारे में भी बताना चाहिए समूह की आत्मनिर्भरता तथा पुष्टिकरण हेतु आवश्यक है कि ग्राम स्तर पर समुदाय के लोगों में से एक व्यक्ति समूह के खाता बही लिखने का कार्य करने की पहल करें

Note:-
💥 महिला जीविका स्वयं सहायता समूह में कम से कम 10 से 12 सदस्य होना चाहिए ।

💥 महिला जीविका स्वयं सहायता समूह में अधिक से अधिक 12 से 15 सदस्य होना चाहिए।

💥 SHG ( महिला जीविका स्वयं सहायता समूह )की मीटिंग सप्ताह में एक बार होती है ।

💥 महिला जीविका स्वयं सहायता समूह में मुख्य रूप से तीन पदाधिकारी होते हैं अध्यक्ष ,सचिव ,और कोषाध्यक्ष।

💥 महिला जीविका स्वयं सहायता समूह में दीदी कम से कम सप्ताह में 10 की की बचत करती है।

💥 स्वयं सहायता समूह की मीटिंग गोलाकार होती है।

💥 महिला जीविका स्वयं सहायता समूह का परिचय” सभी दीदी भैया को प्रणाम”

S.N.  बिहार जीविका से सम्बंधित जानकारी एवं प्रश्न उत्तर    1.बिहार जीविका जॉब परमानेंट है या टेम्पररी  2.बिहार जीविका ऑफिसियल बुक अध्याय -1   3.बिहार जीविका ऑफिसियल बुक अध्याय-2, 3   4.बिहार जीविका ऑफिसियल बुक अध्याय-4   5.बिहार जीविका SHG “स्वयं सहायता समूह”के गठन  6.बिहार जीविका स्वयं सहायता समूह के पंचसूत्र  7.CM( कम्युनिटी  मोबिलिज़ेर ) पूर्ण जानकारी   8.Jeevika CM के परिशिक्षण में AC/CC की भूमिका  9.जीविका से सम्बंधित प्रश्न महत्वपूर्ण फुल फॉर्म  10.CLF संकुल संघ प्रशिक्षण पुस्तिका मॉड्यूल-111.CLF( COM) book-2 संकुल स्तरीय संघ 12.AC Intership पूर्ण जानकारी  13.जीविका ऑफिसियल BOOKA LL PDF DOWNLOAD

INTERVIEW CALL LETTER (AREA COORDINATOR)

https://m2.jobsbrlps.info/candidate/login.php

Bihar Police Exam,practice set,group-d, practice set,bigar daroga practice set,G.D.ssc,mts.rpf practice set,Model practice set for all competitive exam guess question gk/gs

जीविका में रहने से क्या क्या फायदा मिलता है?

जीविका का यह भी उद्देश्य है कि दूसरे राज्यों की तरह हम अपने बिहार को भी आगे बढ़ाएं और इसमें महिला भी शामिल हो ताकि हमारा बिहार दूसरे राज्य की तरह शिक्षा और रोजगार पैदा कर सकें। जीविका के माध्यम से हर एक महिलाएं एक दूसरे की मदद करने के लिए हमेशा आगे आते हैं इससे समाज में काफी हद तक सुधार देखने को मिला हैै।

जीविका की सैलरी कितनी है बिहार में?

Bihar Jeevika Bahali 2022 | बिहार जीविका भर्ती 2022। 10 हजार से ₹25000 सैलरी दिया जाएगा।

जीविका क्या है सरकारी या प्राइवेट?

राज्यमें सरकारी नलकूपों को चलाने की जिम्मेदारी जीविका और पैक्स को दी जाएगी। इन संस्थाओं को नलकूप से जलापूर्ति के बदले किसानों से शुल्क लेने का भी अधिकार होगा। एक नलकूप दो साल के लिए किराए पर दिया जाएगा। लघु जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।

जीविका कौन सा नौकरी है?

बिहार जीविका भर्ती 2022 BRLPS चीफ एग्जीक्यूटिव वैकेंसी 30 पदों के लिए आवेदन शुरू Bihar Jeevika Bharti 2022 बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन सोसायटी (बीआरएलपीएस) के अंतर्गत चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर पदों के लिए आधिकारिक तौर पर विज्ञप्ति जारी कर दी है।