भगवान शिव के माता पिता का क्या नाम है? - bhagavaan shiv ke maata pita ka kya naam hai?

भगवान शिव को ही इस सृष्टि का ही आरंभ और अंत माना जाता है। लेकिन सवाल ये भी है कि बगैर किसी के जन्म दिए किसी का निर्माण नहीं हो सकता है।

चाहे वह भगवान ही क्यों न हों। आज भी बहुत से लोग हैं जो यह नहीं जानते होंगे या जानने की जिज्ञासा रखते होंगे कि भगवान शिव के माता-पिता कौन हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, शिव से जुड़ी इस बात को जानने के लिए ऋषि-मुनियों में जिज्ञासा जागी। जिसके बाद ऋषि-मुनियों ने उनसे पूछ लिया कि ' हे महादेव आप सबके जन्मदाता हैं लेकिन आपका जन्मदाता कौन है?

आपके माता-पिता का क्या नाम है, इस प्रश्न का उत्तर देते हुए भगवान शिव ने कहा- हे मुनिवर मेरे जन्मदाता भगवान ब्रम्हा हैं। मुझे इस सृष्टि का निर्माण करने वाले भगवान ब्रम्हा ने जन्म दिया है।

इसके बाद ऋषियों ने एक बार फिर भगवान शिव से पूछा कि यदि वह आपके पिता हैं तो आपके दादा कौन हुए?

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भगवान शिव के माता-पिता !

भगवान शिव ही इस सृष्टि का आरंभ है और अंत भी.

दूसरे शब्दों में कहें तो भगवान शिव ने ही सृष्टि का आरंभ किया था और इसका अंत भी उन्हीं के हाथों होगा.

सवाल यह है कि अगर भगवान शिव से ही इस सृष्टि का आरंभ हुआ है तो क्या उन्हें किसी ने जन्म नहीं दिया होगा ?

भगवान शिव के माता-पिता कौन है?

अगर भगवान शिव को किसी ने जन्म ही नहीं दिया तो फिर इस सृष्टि में जीवन की शुरूआत कैसे हुई.

भगवान शिव के माता पिता का क्या नाम है? - bhagavaan shiv ke maata pita ka kya naam hai?

पौराणिक मान्यता के अनुसार

एक पौराणिक मान्यता के अनुसार शिव के माता-पिता से जुड़े रहस्य को जानने के लिए ऋषियों ने एक बार उनसे सवाल किया और पूछा कि हे महादेव आपको किसने जन्म दिया है?

शिव के माता-पिता से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए भगवान शिव ने ऋषियों की इस जिज्ञासा को शांत करते हुए कहा कि मुझे इस सृष्टि को निर्माण करनेवाले भगवान ब्रह्मा ने जन्म दिया है.

ऋषियों की जिज्ञासा इतने पर शांत नहीं हुई तो उन्होंने फिर एक सवाल करते हुए भगवान शिव से पूछा कि अगर ब्रह्मा आपके पिता हैं, तो फिर आपके दादाजी कौन हैं ?

भगवान शिव ने जवाब देते हुए कहा कि इस सृष्टि का पालन करनेवाले भगवान विष्णु ही मेरे दादाजी हैं.

भगवान की इस लीला से अंजान ऋषियों ने फिर से सवाल किया कि अगर आपके पिता ब्रह्मा है और दादाजी विष्णु हैं तो फिर आपके परदादा कौन हैं ?

ऋषियों के इस सवाल को सुन भगवान शिव ने मुस्कुराते हुए कहा कि खुद भगवान शिव ही हैं मेरे परदादा.

श्रीमद् देवी महापुराण के मुताबिक

श्रीमद् देवी महापुराण के मुताबिक कहा जाता है कि एक बार नारद ने अपने पिता ब्रह्मा से सवाल किया कि इस सृष्टि का निर्माण किसने किया है? आपने, विष्णु भगवान ने, या फिर स्वयं भगवान शिव ने ?

आप तीनों को किसने जन्म दिया है अर्थात आपके माता-पिता कौन हैं ?

तब परमपिता ब्रह्मा ने त्रिदेवों के जन्म की गाथा का वर्णन करते हुए कहा कि प्रकृति स्वरुप दुर्गा और काल-सदाशिव स्वरुप ब्रह्म के योग से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उत्पत्ति हुई है.

अर्थात प्रकृति स्वरुप दुर्गा ही माता हैं और ब्रह्म यानि काल-सदाशिव पिता हैं.

बहरहाल पुराणों में भगवान शिव और आदिशक्ति की महिमाओं के अलग-अलग उल्लेख मिलते हैं.

लेकिन ईश्वर की लीला तो वही जानें, उनकी लीलाओं को समझना हम इंसानों के बस की बात नहीं है क्योंकि भगवान शिव तो देवों के भी देव हैं वहीं आदि हैं वही अंत भी हैं

भगवान शिव के माता पिता का क्या नाम है? - bhagavaan shiv ke maata pita ka kya naam hai?
भगवान शिव के माता-पिता कौन थे?

भगवान शिव को भैरव के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं भगवान शिव, वेद में इन्हें रुद्र के नाम से भी जाना जाता है। शिव इंसान की चेतना के स्वामी हैं यानी इंसान के मन की बात पढ़ने वाले हैं। इनकी अर्धांगिनी अर्थात देवी पार्वती को शक्ति के रूप में पूजा जाता है। उनकी पूजा शिवलिंग और मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है।

भगवान सदाशिव परम ब्रह्म हैं। अर्वाचीन और प्राचीन विद्वान इन्हीं को ईश्वर कहते हैं। सदाशिव ने अपने शरीर से देवी शक्ति की सृष्टि की, जो उनके अपने अंग से कभी अलग होने वाली नहीं थी। देवी शक्ति को पार्वती के रूप में जाना गया और भगवान शिव को अर्धनारीश्वर के रूप में। वहीं देवी शक्ति को प्रकृति, गुणवती माया, बुद्धितत्व की जननी तथा विकार रहित माना गया।

भगवान शिव के माता पिता का क्या नाम है? - bhagavaan shiv ke maata pita ka kya naam hai?

श्रीमद्‌ देवी महापुराण के मुताबिक, भगवान शिव के पिता के लिए भी एक कथा है। देवी महापुराण के मुताबिक, एक बार जब नारदजी ने अपने पिता ब्रह्माजी से सवाल किया कि इस सृष्टि का निर्माण किसने किया? आपने भगवान विष्णु ने या फिर भगवान शिव ने? आप तीनों को किसने जन्म दिया है यानीआपके तीनों के माता-पिता कौन हैं?

तब ब्रह्मा जी ने नारदजी से त्रिदेवों के जन्म की गाथा का वर्णन करते हुए कहा कि देवी दुर्गा और शिव स्वरूप ब्रह्मा के योग से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उत्पत्ति हुई है। यानी प्रकृति स्वरूप दुर्गा ही माता हैं और ब्रह्म अर्थात काल-सदाशिव पिता हैं।

एक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी का झगड़ा हो गया क्योंकि ब्रह्मा जी ने कहा मैं तेरा पिता हूं, क्योंकि यह सृष्टि मुझसे उत्पन्न हुई है, मैं प्रजापिता हूं। इस पर विष्णु जी ने कहा कि मैं तेरा पिता हूं, तू मेरी नाभि कमल से उत्पन्न हुआ है।

भगवान शिव के माता पिता का क्या नाम है? - bhagavaan shiv ke maata pita ka kya naam hai?

सदाशिव ने विष्णु जी और ब्रह्मा जी के बीच आकर कहा, हे पुत्रों! मैंने तुमको जगत की उत्पत्ति और स्थिति रूपी दो कार्य दिए हैं, इसी प्रकार मैंने शंकर और रुद्र को दो कार्य संहार और तिरोगति दिए हैं, मुझे वेदों में ब्रह्म कहा है। मेरे पांच मुख हैं, एक मुख से अकार (अ), दूसरे मुख से उकार (उ), तीसरे मुख से मुकार (म), चौथे मुख से बिन्दु (.) तथा पांचवे मुख से नाद (शब्द) प्रकट हुए हैं, उन्हीं पांच अववयों से एकीभूत होकर एक अक्षर ओम्‌ (ऊं) बना है, यह मेरा मूल मन्त्र है। उपरोक्त शिव महापुराण के प्रकरण से सिद्ध हुआ कि शंकर कीमाता अष्टंगी देवी तथा पिता सदाशिव अर्थात ‘काल ब्रह्म’ है।

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भगवान शिव के असली माता पिता कौन हैं?

प्रकृति रुपी आदिशक्ति दुर्गा ही माता हैं और परम ब्रह्म सदाशिव पिता हैं

शिव जी का जन्म कैसे हुआ?

शिव पुराण (shiv puran in hindi) में लिखा है कि भोलेनाथ स्वयंभू हैं, यानी भगवान शिव का जन्म अपने आप ही हुआ है. वहीं, विष्णु पुराण (vishnu puran) में बताया गया है कि शंकर भगवान के माथे से निकलते तेज से शिव की उत्पति हुई थी और उनके नाभि से निकलते हुए कमल से ब्रह्मा जी का जन्म हुआ था.

भोलेनाथ की बेटी का नाम क्या है?

पद्म पुराण में भी शिव की पुत्री अशोक सुंदरी का जिक्र किया गया है. माना जाता है कि देवी पार्वती अपने अकेलेपन और उदासी से मुक्ति पाने के लिए कल्प वृक्ष से पुत्री की कामना की जिससे एक सुंदर सी पुत्री का जन्म हुआ. इसलिए उसका नाम अशोक सुंदरी रखा गया.

भगवान शिव की बहन का नाम क्या था?

इनका नाम असावरी देवी है. देवी पार्वती अपनी ननद को देखकर बड़ी खुश हुईं. असावरी देवी स्नान करके आईं और भोजन मांगने लगीं. देवी पार्वती ने भोजन परोस दिया.