शलजम का कौन सा भाग खाया जाता है? - shalajam ka kaun sa bhaag khaaya jaata hai?

शलजम का कौन सा भाग खाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंउपयोग इसकी जड़ मोटी होती है, जिसको पकाकर खाते हैं और पत्तियाँ भी शाग के रूप में खाई जाती हैं।

शलजम कितने रुपए किलो है?

इसे सुनेंरोकेंमूली का भाव छह से आठ रुपये प्रति किलो है। शलजम का दाम गिरकर भी पांच रुपये प्रति किलो है।

शलगम खाने के क्या फायदे हैं?

शलजम के फायदे – Benefits of Turnip (Shalgam) in Hindi

  1. इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए
  2. हृदय स्वास्थ्य के लिए
  3. कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए
  4. ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए
  5. वजन घटाने के लिए
  6. आंखों के स्वास्थ्य के लिए
  7. हड्डियों के स्वास्थ्य लिए
  8. फेफड़ों की स्वास्थ्य के लिए

शलगम की खेती कब की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंशलजम की खेती का उचित समय मैदानी क्षेत्र में सितम्बर से अक्टूबर और पहाड़ी इलाकों में जुलाई से अक्टूबर तक का होता है.

शलगम की खेती कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंमिट्टी इसे मिट्टी की कईं किस्मों में उगाया जा सकता है पर शलगम दोमट मिट्टी जिसमें जैविक तत्व उच्च मात्रा में हो, में उगाया जाए तो यह अच्छे परिणाम देती है। भारी, घनी या हल्की मिट्टी में खेती करने से बचें क्योंकि इससे विकृत जड़ों का उत्पादन होता है। अच्छी वृद्धि के लिए मिट्टी की pH 5.5-6.8 होनी चाहिए।

इंग्लिश में शलगम को क्या बोलते हैं?

इसे सुनेंरोकेंA turnip is a round vegetable with a green and white skin.

शलजम कब खाना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंपेट खराब होने पर कच्ची शलजम खाना लाभकारी रहता है। 3. शलजम खाने से शरीर में खून की कमी नही रहती है क्योंकि इसमें आयरन प्रचुर मात्रा में होता है जिससे अनीमिया के रोगियों को फायदा मिलता है। 4.

शलजम कैसे खाएं?

शलजम के पत्तों को खाने का तरीका- how to eat turnip leaves

  1. शलजम के पत्तों का साग बनाएं ताजा शलजम के पत्तों से आप साग (turnip leaves recipe) बना सकते हैं।
  2. सलाद और सैंडविच में इस्तेमाल करें शलजम के पत्ते को हल्का उबाल लें और इसे अपने सलाद और सैंडविच में इस्तेमाल करें।
  3. चटनी और करी में इस्तेमाल करें

मूली की खेती कब की जाती है?

इसे सुनेंरोकेंमैदानी क्षेत्रों में मूली की बुवाई सितम्बर से जनवरी तक की जाती है. जबकि पहाड़ी इलाकों में यह अगस्त तक बोई जाती है. मूली का अच्छा उत्पादन लेने के लिए जीवांशयुक्त दोमट या बलुई दोमट मिटटी अच्छी होती है.

किस पौधे के तने खाने योग्य होता है व किस पौधे के जड़े खाने योग्य होता है

  • पौधों की जड़ें भोजन के रूप में: हम पौधों की कुछ जड़ों जैसे गाजर, मूली, चुकंदर, शकरकंद, शलजम, आदि खा सकते हैं।

  • जड़ व तना खाने योग्य
    • Q. जड़ खाई जाती है
    • Q. तना खाया जाता है
  • फल (Fruit)
    • सत्य फल ( True Fruit)
    • असत्य फल (False Fruit)
    • सरल फल

जड़ व तना खाने योग्य

Q. जड़ खाई जाती है

Ans- गाजर ,शलजम ,मूली, चुकंदर ,शकरकंद

Trick- बिना छीले बिना पकाएं

Q. तना खाया जाता है

Ans- ऑल आलू प्याज लहसुन अदरक  बंडा

Q. निम्नलिखित में जड खाया जाता है

(a) शकरकंद            ( b )मूली

(c)गाजर                (d) ये सभी

Q. निम्नलिखित में तना खाया जाता है

(a)लहसुन      ( b)प्याज

(c)अदरक        (d) ये सभी

Q.आलू का कौन सा भाग खाया जाता है

(a)जड़       (b) तना

(c)पत्ती      (d)फूल

Q. अदरक का कौन सा भाग खाया जाता है

(a) जड़     (b )तना

(c)पत्ती     (d) फूल

Q. गाजर का कौन सा भाग खाया जाता है

(a)जड़      (b) तना

(c)पत्ती      (d)फूल

फल (Fruit)

फल का निर्माण अंडाशय(Ovary) से होता है , हालांकि परिपक्क अंडाशय को ही फल कहा जाता है, क्योंकि परिपक्क अंडाशय की भित्ति फल- भित्ति का निर्माण करती है । पुष्प के निषेचन के आधार पर फल के मुख्यतः दो प्रकार के होते है –

सत्य फल ( True Fruit)

यदि फल के बनने में निषेचन प्रक्रिया द्वारा पुष्प में मौजूद अंगों में केवल अंडाशय ही भाग लेता है , तो वह फल सत्य फल होता है जैसे- फल

असत्य फल (False Fruit)

फल के बनने में जब कभी अंडाशय के अतिरिक्त पुष्प के अन्य भाग – बह्यदल, पुष्पासन आदि लेते है , तो वह असत्य फल कहलाता है

जैसे- सेब के बनने में पुष्पासन भाग लेता है

फलो व उनके उत्पादन के अध्ययन को Pomology कहते है

सरल फल

जब किसी पुष्प के अण्डाशय से केवल एक ही फल बनता है तो उसे सरल फल कहते है ।ये दो प्रकार के होते है

.सरल फल

.शुष्क फल

सरल फल 

यह रसदार, गूदेदार व  अस्फुटनशील होते हैं सरस फल भी 6 प्रकार के होते हैं

1. अश्टिल फल( Drupe)- नारियल ,आम, बेर ,सुपारी आदि

2.पीपों(Pepo)- तरबूज , ककड़ी, खीरा, लौकी आदि

3. हेस्पिरिडियम – नींबू, संतरा, मुसम्मी आदि

4. बेरी(Berry)- केला, अमरूद ,टमाटर,मिर्च ,अंगूर आदि

5. पोम(Pome )- सेब , नाशपाती आदि

6. वैलेटा(Ballista)- अनार

शुष्क फल

यह 9 प्रकार के होते हैं

1. कैरियोप्सिस( Cartoonist)- जौ, धन ,मक्का,गेहू आदि

2. सिप्सेला(Cypsella)- गेंदा, सूर्यमुखी आदि

3. नट(Nut)- लीची, काजू , सिंघाड़ा आदि

4. फली(Pod)- सेम ,चना, मटर आदि

5. सिलिक्यूवा(Siligua)- सरसो , मूली आदि

6. कोष्ठ –कपास, भिंडी आदि

7. लोमेन्टम(Lomentum)- मूंगफली ,इमली, बबूल आदि

8. क्रेमकोर्न( Cremcorn)- सौफ, जीरा धनिया आदि

9. रेग्मा (Regma)- रेडी

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शलजम का कौन सा भाग खाते हैं?

उपयोग इसकी जड़ मोटी होती है, जिसको पकाकर खाते हैं और पत्तियाँ भी शाग के रूप में खाई जाती हैं

शलजम को कैसे खाना चाहिए?

शलजम के पत्तों को खाने का तरीका- how to eat turnip leaves.
शलजम के पत्तों का साग बनाएं ताजा शलजम के पत्तों से आप साग (turnip leaves recipe) बना सकते हैं। ... .
सलाद और सैंडविच में इस्तेमाल करें शलजम के पत्ते को हल्का उबाल लें और इसे अपने सलाद और सैंडविच में इस्तेमाल करें। ... .
चटनी और करी में इस्तेमाल करें.

शलगम की सब्जी खाने से क्या होता है?

शलगम में सूजन को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। इसके साथ ही साथ इसमें विटामिन सी की उच्च मात्रा पाई जाती है जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। अस्थमा के उपचार में ये गुण प्रभावी हैं। इसमें मौजूद विटामिन ए, फेफड़ों की समस्याओं के लिए भी आवश्यक है।

शलजम की तासीर क्या होती है?

शलजम की तासीर गर्म होती है जिसका ज्यादा सेवन आपको डायरिया जैसी समस्याओं से ग्रसित कर सकता है. इसके साथ-साथ शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है जिससे पित्ताशय वाले मरीजों को समस्या होने की संभावना ज्यादा रहती है. ज्यादा सेवन करने से पेट फूलने लगता है जिससे गैस आदि की समस्या होती है.