parul rohatagi | Navbharat Times | Updated: Apr 26, 2021, 4:18 PM Show
गर्भावस्था के समय ही नहीं बल्कि लेबर पेन होने के दौरान शरीर में कई बदलाव आते हैं, जिनमें से एक सर्विक्स भी है। गर्भ से शिशु को बाहर निकालने के लिए सर्विक्स यानि बच्चेदानी का मुंह अपने चरम तक खुल जाता है।
बच्चेदानी के मुंह को गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) कहा जाता है। योनि और गर्भाशय के बीच मौजूद और इन्हें जोड़ने वाली नली को गर्भाशय ग्रीवा कहा जाता है। सर्विक्स का मुंह हल्का सा खुला होता है जो कि गर्भावस्था के शुरुआती समय में गाढ़े और चिपचिपे म्यूकस से बंद हो जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान सर्विक्स में आने वाला यह पहला बदलाव होता है। इसके बाद प्रेग्नेंसी बढ़ने पर और खासतौर पर प्रसव के दौरान सर्विक्स में कई तरह के बदलाव आते हैं। यह भी पढ़ें :
डिलीवरी से पहले के वो 48 घंटे ! जिंदगीभर नहीं भूलती कोई महिला लेकिन क्यों? लेबर के दौरान बच्चेदानी का मुंहगर्भावस्था में अधिकतर समय बच्चेदानी का मुंह बंद ही रहता है लेकिन प्रेग्नेंसी बढ़ने पर यह लंबी और मुलायम होने लगती है। प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में इसमें काफी बदलाव आता है। नौवें महीने से पहले बच्चेदानी का मुंह लगभग 4 से.मी लंबा होता है। नौवें महीने में यह छोटा होना शुरू हो जाता है और पोस्टीरियर से एंटीरियर पोजीशन में आ जाता है। सर्विक्स पतला और गर्भाशय के निचले हिस्से की ओर आना शुरू हो जाता है। यह शरीर के लेबर के लिए तैयार होने का प्रमुख संकेत है। इस स्टेज को इफेसमेंट कहते हैं। इस स्टेज पर बच्चेदानी का मुंह चौड़ा होना शुरू होता है। इसमें सर्विक्स शिशु के सिर को बाहर निकालने के लिए तैयार होता है। डिलीवरी के दौरान सर्विक्स लगभग 10 सेंटीमीटर तक चौड़ा हो जाता है। यह भी पढ़ें :
जानिए डिलीवरी के बाद इन 5 चीजों को करने का सही समय कितना खुलता है बच्चेदानी का मुंहपेट में कॉन्ट्रैक्टशन उठने की वजह से बच्चेदानी का मुंह खुलने लगता है जिससे बच्चे को बाहर आने में मदद मिलती है। लेबर के दौरान सर्विक्स की दीवार पतली हो जाती है। यह इफेसमेंट तक पहुंचने में मदद करता है। लेबर के समय सर्विक्स के अंदर मौजूद एम्निओटिक फ्लूइड बढ़ जाता है। कॉन्ट्रैक्शन से डील करने के लिए सर्विक्स नरम होने लगता है और इसका रंग भी बदल जाता है। इससे यह चौड़ा और पतला भी होता है जो शिशु के बाहर आने के लिए जरूरी है। बच्चेदानी के मुंह के जरिए शिशु के सिर को बाहर निकालने के लिए सर्विक्स लेबर के दौरान 0 से 10 सेंटीमीटर तक चौड़ा होता है। लेटेंट फेज : 0 से 3 से.मी एक्टिव लेबर : 4 से 7 से.मी ट्रांजिशन : 8 से 10 से.मी बच्चेदानी का मुंह पूरा खुलना : सर्विक्स के 10 से.मी तक खुलने पर तुरंत बच्चा बाहर आ सकता है। यह भी पढ़ें : लेबर पेन शुरू हो गया है तो डिलीवरी रूम में जाने से पहले इन 5 बातों का रखें ध्यान Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें
वहीं डिलीवरी होने के बच्चेदानी का मुंह खुलना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। बच्चेदानी का मुंह खुलने पर ही बच्चा
इससे बाहर निकलता है। कई महिलाओं को पता नहीं चलता कि उनकी डिलीवरी पास आ गई है। हालांकि, अगर वो अपनी ड्यू डेट के आसपास कुछ लक्षणों को समझ लें, तो जान जाएंगी कि जल्दी ही उनकी बच्चेदानी का मुंह खुलने वाला है। यह भी पढ़े : डिलीवरी के समय तीन गुना से भी ज्यादा
चौड़ा हो जाता है बच्चेदानी का मुंह पेल्विस में प्रेशरजब बच्चेदानी का मुंह खुलना होता है, तो पहले यह छोटा
होता है जिसमें शिशु का सिर ऊपर से नीचे की ओर आता है। इसे डिलीवरी की पोजीशन कहते हैं। इस समय आपको पेल्विक हिस्से में प्रेशर महसूस होता है। म्यूकस डिस्चार्जबच्चेदानी का मुंह खुलने से पहले म्यूकस प्लग निकलता है। प्लग के बाहर आने पर आपको म्यूकस डिस्चार्ज होता है। इसके बाद बार-बार डिस्चार्ज होता है और गर्भाशय ग्रीवा नया प्लग बनाने की कोशिश करती है। म्यूकस प्लग निकलने का मतलब है कि कुछ ही घंटों में डिलीवरी होने वाली है। यह भी पढ़े : नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं, इन उपायों से नौवें महीने में अपने आप खुल सकता है बच्चेदानी का मुंह स्पॉटिंग या ब्लीडिंगबच्चेदानी जब खुलनी होती है तो उसमें खिंचाव आता है। इस समय आपको स्पॉटिंग या ब्लीडिंग हो सकती है। ऐसा कुछ होने पर तुरंत डॉक्टर से बात करें। पेशाब करने की होती है इच्छाजब बच्चे का सिर नीचे पेल्विस की ओर आ जाता है, तो इससे अक्सर आंतों और मूत्राशय पर दबाव पड़ता है। मूत्राशय पर दबाव पड़ने पर प्रेगनेंट महिला को बार-बार पेशाब करने का मन करता है या उन्हें मल त्याग करने की जरूरत लगती है। प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही या आखिरी महीने में शिशु का आकार और साइज बढ़ने की वजह से भी मूत्राशय पर दबाव पड़ता है, जिससे बार-बार पेशाब आने की प्रॉब्लम होती है। यह भी पढ़े : नौवें महीने में इस चीज को खाने से सही समय पर खुल जाएगा बच्चेदानी का
मुंंह क्रैम्प्स और कॉन्ट्रैक्शनलेबर की शुरुआत में बच्चे का सिर नीचे आ चुका होता है जिसका मतलब है कि अब वो बाहर आने के लिए तैयार है। इससे यूट्रस के निचले हिस्सों पर प्रेशर पड़ता है। इस प्रेशर की वजह से यूट्रस ब्रेन को सिग्नल भेजता है कि बच्चे के बाहर आने का समय हो गया है। इसके बाद ब्रेन कॉन्ट्रैक्शन पैदा करने वाले हार्मोंस को रिलीज करता है। कितना खुलता है बच्चेदानी का मुंहप्रसव के आखिरी फेज में बच्चेदानी का मुंह 8 से 10 से.मी यानि 3 से 4 इंच खुल जाता है। इसी से बचचे का सिर बाहर निकलता है। इस स्टेज पर कॉन्ट्रैक्शन बहुत तेज उठता है और हर दो से तीन मिनट में दर्द उठता है। हर 60 सेकंड या इससे ज्यादा समय में कॉन्ट्रैक्शन उठ सकती है। इस समय आपको कंपकंपी या मतली हो सकती है। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें कैसे पता चलता है कि बच्चेदानी का मुंह खुला हुआ है?नौवें महीने में ये संकेत मिलने का मतलब है खुल रहा है बच्चेदानी का मुंह, कुछ ही घंटों में होने वाली है डिलीवरी. बच्चेदानी का मुंह खुलना ... . पेल्विस में प्रेशर ... . म्यूकस डिस्चार्ज ... . स्पॉटिंग या ब्लीडिंग ... . पेशाब करने की होती है इच्छा ... . क्रैम्प्स और कॉन्ट्रैक्शन ... . कितना खुलता है बच्चेदानी का मुंह. बच्चेदानी का मुंह बंद क्यों हो जाता है?गर्भावस्था में अधिकतर समय बच्चेदानी का मुंह बंद ही रहता है लेकिन प्रेग्नेंसी बढ़ने पर यह लंबी और मुलायम होने लगती है। प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में इसमें काफी बदलाव आता है। नौवें महीने से पहले बच्चेदानी का मुंह लगभग 4 से. मी लंबा होता है।
बच्चेदानी का मुंह न खुले तो क्या करना चाहिए?नॉर्मल डिलीवरी चाहती हैं, इन उपायों से नौवें महीने में अपने आप खुल सकता है बच्चेदानी का मुंह. हल्दी हल्दी में दर्द निवारक गुण होते हैं और नौवें महीने में यह जड़ी बूटी दर्द को कम करने का काम करती है। ... . अदरक और लहसुन इन दोनों जड़ी बूटियों की तासीर गर्म होती है। ... . अजवाइन के लड्डू ... . गुनगुना पानी ... . बच्चेदानी का मुंह कितने दिन में खुलता है?गर्भावस्था में अधिकतर समय बच्चेदानी का मुंह बंद ही रहता है लेकिन प्रेग्नेंसी बढ़ने पर यह लंबी और मुलायम होने लगती है। प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में इसमें काफी बदलाव आता है। नौवें महीने से पहले बच्चेदानी का मुंह लगभग 4 से. मी लंबा होता है।
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