नवजात शिशु को जन्म के बाद पहेली Potty 24-48 घंटे में पास करनी चाहिए। यह दिखने में काली रंग की होती है और Medically इससे Meconium कहा जाता है। कुछ कुछ बच्चे माँ के पेट में ही potty कर देते है। तो उससे कुछ वक्त वह potty फेफड़े में जा सकती है जीस्से Miconium Aspiration कहा जाता है। Show
नवजात शिशुओं में Potty का कोई विशिष्ट पैटर्न नहीं है। आम तौर पर, वे दिन में एक बार या दिन में 10 बार Potty कर सकते हैं। कुछ बच्चे 5-7 दिनों के लिए भी Potty नहीं कर सकते हैं। जब बच्चा माँ का दूध लेता है तो आमतौर बच्चो को Potty दो तरह की होती है।
Normal potty pattern Symptoms
Read More – What Should Be the Normal Weight of a Newborn Baby? Have queries or concern ?Abnormal potty pattern Symptomsयदि आप अपने नवजात शिशु में ये लक्षण दिखाई देते है तो जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए , जैसे की
Causes of Abnormal Potty Pattern
नवजात शिशु को बार-बार पॉटी आना बेहद आम समस्या है लेकिन कई बार शिशु हल्का सा दूध पीने के बाद भी पॉटी कर देता है। ऐसे में आपको ध्यान रखना चाहिए कि शिशु की पॉटी किस तरह की हो रही है। ऐसे में आपको बच्चे के पॉटी करने के समय और कलर पर ध्यान देना चाहिए। इससे आप उसकी परेशानी को समझ
कर उसे दूर कर सकती है। 1. अधिक पॉटी करना 2. स्मैल या पतला होना 3. दस्त या उल्टी की समस्या 4. कारण फैशन हाे या ब्यूटी टिप, महिलाअाें से जुड़ी हर जानकारी के लिए डाउलनाेड करें NARI APP छोटे बच्चों का शरीर बहुद संवेदनशील होता है, इसलिए उन्हें बहुत जल्दी इंफेक्शन होने का चांस रहता है. हालांकि जो बच्चे मां का दूध पीते हैं उनमें 6 माहीने तक दस्त या किसी तरह का इंफेक्शन होने के चांस काफी कम होता है. लेकिन 6 महीने के बाद जब बच्चा ठोस आहार लेने लगता है तो दस्त लगने की आशंका काफी बढ़ जाती है. जैसे ही बच्चा बेबी फूड्स पर आता है उसे पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. शिशु के पेट में इंफेक्शन होने की वजह से दस्त या उल्टी की समस्या हो सकती है. कई बार माता-पिता बच्चे की इस समस्या से परेशान हो जाते हैं, लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों में होने वाली ये सामान्य प्रक्रिया है. आप कुछ घरेलू नुस्खों से इस समस्या को ठीक कर सकते हैं. आज हम आपको ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं जिनसे शिशु के दस्त को ठीक किया जा सकता है. शिशु को दस्त लगने से परेशानी शिशु के दस्त ठीक करने के लिए घरेलू उपाय 1- नारियल पानी- शिशु को दस्त लगने पर उसे हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए आप बच्चे को नारियल पानी (Coconut Water) दे सकते हैं. नारियल पानी में न्यूट्रीएंट्स और मिनरल्स अच्छी मात्रा में होते हैं. इससे शिशु का पतला मल मोटा और कठोर हो जाता है. नारियल पानी में पाए जाने वाला फाइबर कॉन्टेंट बच्चे के दस्त को जल्द ठीक करने में मदद करता है. 2- नमक चीनी का पानी- किसी को भी दस्त लगने की समस्या होने पर नमक-चीनी का घोल पीने की सलाह दी जाती है. ठीक उसी तरह बच्चों को दस्त होने पर भी आप नमक- चीनी (Salt Sugar Water) वाला पानी दे सकते हैं. यह एक तरह का इलेक्ट्रोलाइट होता है, जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है. इससे दस्त बहुत जल्दी बंद हो जाते हैं. ऐसे में अगर आपके शिशु को दस्त की समस्या है तो आप उसे नमक और चीनी के पानी दे सकते हैं. 3- केला- अगर आपका बच्चा ठोस आहार लेने लगा है तो आप दस्त की समस्या होने पर केला (Banana) खिला सकते हैं. केला एक फाइबर रिच फूड है. हालांकि बच्चे को केला खिलाते समय ध्यान रखें कि केला अच्छी तरह से पका हुआ होना चाहिए. कच्चा केला खिलाने से दस्त ठीक होने के बजाय तकलीफ और बढ़ सकती है. केले से बच्चे को ज़रूरी विटामिन्स और मिनरल्स मिलते हैं. आप शिशु को केले की प्यूरी बनाकर भी दे सकते हैं. 4- दही और जीरा- दही प्रोबायोटिक फूड है जिससे पेट अच्छा रहता है. दही मे गुड बैक्टीरिया होते है जिससे दस्त की समस्या खत्म हो जाती है. छोटे बच्चे को दस्त होने पर आप दही में भुना हुआ जीरा पाउडर (Curd and Cumin) डालकर दे सकते हैं. इससे बच्चे को दस्त में काफी आराम पड़ेगा. 5- नींबू पानी- शिशु को दस्त की समस्या होने पर आप उसे नींबू पानी भी दे सकते हैं. ये काफी अच्छा और असरदार घरेलू उपाय है. नींबू पानी से बच्चा हाइड्रेट रहता है और नींबू शरीर के टॉक्सिंस बाहर निकालने में मदद करता है. आप चाहें तो नींबू पानी में थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं. विटामिन सी से भरपूर नींबू बच्चे की इम्यूनिटी भी मजबूत करता है. बच्चे के दस्त ठीक करने के
अन्य घरेलू उपाय ये भी पढ़ें: बादाम से बनाएं अपने बच्चे को हेल्दी, जानिए बच्चों को बादाम खिलाने के फायदे Check out below Health Tools- Calculate The Age Through Age Calculator 2 महीने का बच्चा दिन में कितनी बार पॉटी करता है?अगर बच्चा पूरी तरह से सिर्फ मां का दूध पीता है तो वह 1 दिन में 3 बार या फिर ज्यादा से ज्यादा 8 बार भी पॉटी कर सकता है। इसे सामान्य की कैटिगरी में रखा जा सकता है। औसतन बात करें तो सिर्फ ब्रेस्टफीडिंग करने वाला एक बच्चा एक दिन में करीब 4 बार मलत्याग करता है।
2 महीने का बच्चा बार बार पॉटी क्यों करता है?हां, यह एकदम सामान्य है। कुछ शिशु हर बार दूध पीने के बाद मल कर देते हैं और वहीं कुछ शिशु दो से तीन दिन में मलत्याग करते हैं। दूध पीने के बाद हर बार मलत्याग करना वास्तव में इस बात का अच्छा संकेत है कि आपका शिशु पर्याप्त दूध पी रहा है। जब आपके शिशु का पेट भर जाता है, तो दूध उसके पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है।
2 महीने के बच्चे को दस्त होने पर क्या करें? नारियल पानी- शिशु को दस्त लगने पर उसे हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है. ... . नमक चीनी का पानी- किसी को भी दस्त लगने की समस्या होने पर नमक-चीनी का घोल पीने की सलाह दी जाती है. ... . केला- अगर आपका बच्चा ठोस आहार लेने लगा है तो आप दस्त की समस्या होने पर केला (Banana) खिला सकते हैं.. 1 महीने का बच्चा बार बार पॉटी करे तो क्या करें?बच्चों में कब्ज दूर करने के घरेलू तरीके. एक्सरसाइज मूवमेंट करने से शिशु की मल त्याग की क्रिया वयस्कों की तरह ही उत्तेजित होती है। ... . सेब का रस बच्चों में भी फाइबर की कमी के कारण कब्ज हो सकती है। ... . गर्म पानी से नहलाना ... . ऑर्गेनिक नारियल तेल ... . टमाटर ... . सौंफ ... . पपीता ... . तरल पदार्थ. |