15 अगस्त पर निबंध :- 15 अगस्त हमारे देश का एक राष्ट्रीय पर्व है, जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर वर्ष बड़ी ही धूम-धाम से हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। इस दिन 15 अगस्त 1947 में हमारा देश 200 वर्षों बाद अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी से पूरी तरह आजाद हो गया था, जिसके आजाद होने के पीछे हमारे देश के बहुत से स्वतंत्रता
संग्राम सेनानियों के योगदान की अहम भूमिका है जिन्होंने अपने प्राणों को परवाह किये बिना देश की आजादी के लिए खुद को इस न्योछावर कर कर दिया, ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों की इस निस्वार्थ देशभक्ति को याद करे उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर हम सभी देशवासियों द्वारा हर वर्ष देश की आजादी के दिन को याद करके बड़े ही सम्मान के साथ अपने राष्ट्रीय ध्वज को विद्यालयों, कॉलेजों, बैंक व कार्यालयों में फहराया जाता है। इसके साथ ही इस दिन विद्यालयों में बच्चों की निबंध, पोस्टर मेकिंग व भाषण प्रतियोगिता आयोजित करवा कर उन्हें बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। इसके अलावा लोग स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं सन्देश , स्वतंत्रता दिवस पर शायरी, स्वतंत्रता दिवस के कोट्स, स्वतंत्रता दिवस के मैसेज, स्वतंत्रता दिवस के एसएमएस, 15 अगस्त पर निबंध, 15 अगस्त के कोट्स, स्वतंत्रता दिवस की ड्राइंग, 15 अगस्त पर भाषण, 15 अगस्त की शायरी, 15 अगस्त के मैसेज, इंडियन आर्मी कोट्स, 15 अगस्त के मैसेज, 15 अगस्त की फोटो, स्वतंत्रता दिवस के पोस्टर, 15 अगस्त के एसएमएस, 15 अगस्त की कविता, देशभक्ति शायरी, देशभक्ति कोट्स और इंडियन आर्मी शायरी एक दूसरे को भेजते हैं इस लेख के माध्यम से हम ऐसे सभी विद्यार्थियों के लिए उन्हें उनके विद्यालयों में आयोजित होने वाली निबंध प्रतियोगिता की तैयारी में सहयोग देने हेतु एक बेहतरीन निबंध 15 अगस्त के अवसर पर हिंदी में प्रदान करवा रहे हैं, जिसे पढ़कर आप इसका उपयोग अपने निबंध को तैयार करने के लिए कर सकेंगे। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण हिंदी में 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से मुक्त होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था। 14 और 15 की मध्य रात्रि को कई विद्रोह के बाद भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुयी थी। हमे स्वतंत्र हुए आज पूरे 75 वर्ष हो गए हैं। हमारा भारत 200 वर्ष तक अंग्रेजों के अधीन था जिसके बाद हमारे देश में आजादी के लिए काफी लड़ाई लड़ी गयी। जिसमे बहुत से महापुरुषों ने अपना बलिदान दिया और भारत को एक स्वतंत्र देश बनाया। इस वर्ष हम स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहें है। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में पूरा देश हर वर्ष पूरे हर्ष और उल्लास के साथ इस दिन को राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाते है। और स्कूल, कॉलेज और भारत के सभी संस्थानों में तिरंगा फहराया जाता है। और इस दिन बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते है और हास्य, नाटक, भाषण, नृत्य, जैसे कार्यक्रम आयोजित करते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर निबंधहोली पर निबंध | Holi Essay in Hindi 15 august essay in hindi -1इस दिन देश के प्रधानमंत्री जी भारत की राजधानी दिल्ली के लाल किला पर झंडा फहराते है और उसके बाद राष्ट्रगान गाया जाता है और साथ ही 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है। उसके उपरान्त प्रधानमंत्री जी लाल किले से पूरे देश को सम्बोधित करते है और स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में वहां और भी बहुत से लोग और बच्चे उपस्थित होते है। स्वतंत्रता दिवस के दिन हमारे सैनिक और एनसीसी कैडेट परेड करते है। परेड, और विभिन्न राज्यों की झांकिया निकाली जाती है तथा बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। प्रधानमंत्री जी के द्वारा दिया गया भाषण तथा लाल किले पर किये जाने वाले सभी कार्यक्रम लाइव (LIVE ) प्रसारण किया जाता है। इस भाषण को पूरा देश अपने रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से सुनता है। भारत को आजादी दिलाने में कुछ महापुरुषों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उन्होंने अपनी जान गंवा कर हमे एक स्वतंत्र राष्ट्र प्रदान किया है। इनमे से कुछ महापुरुषों के नाम इस तरह है- भगत सिंह, रानी लक्ष्मी बाई, चंद्र शेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, मंगल पाण्डे, राजगुरु, सुखदेव, महात्मा गाँधी। इस दिन महापुरुषों की कुर्बानियों को याद किया जाता है। और उन्हें भावपूर्ण श्रंद्धांजलि दी जाती है। आज के दिन स्कूलों में छात्र -छात्राओं में मिष्ठान का वितरण किया जाता है। सारे सरकारी दफ्तर में झंडा फहराया जाता है। इस दिन भारत के सभी सरकारी कार्यालय का अवकाश रहता है। स्वतंत्रता दिवस को सभी राज्य के मुख्यमंत्री अपने राज्य में ध्वजारोहण करते है।
Essay on Independence Day in Hindi-15 अगस्त पर निबंध15 अगस्त को ध्वजारोहण, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, समाज परिसर, सरकारी और निजी संगठन के माध्यम से 15 अगस्त के शुभ अवसर पर समारोह आयोजित किया जाता है। इस दिन को भारत के सभी नागरिकों के द्वारा बहुत उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस को मनाया जाता है भारत के प्रधानमंत्री जी के द्वारा लाल किला दिल्ली में इस दिन, झंडा फहराया जाता हैं और भाषण द्वारा राष्ट्र को संबोधित करते हैं। दूरदर्शन पूरे कार्यक्रम का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण करता है। 1 5 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पहला झंडारोहण समारोह किया था। भारत या विदेश में रहने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिक के दिल में इस दिन का बहुत महत्व है क्यूँकि वर्षों के संघर्ष के बाद भारत को 15 अगस्त को आजादी जो मिली ,इस दिन भारतीय नागरिकों को अंग्रेजों से पूर्ण स्वतंत्रता मिली और पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त हुई। वर्ष 2020 15 अगस्त को भारत में यह आजादी की 74वीं वर्ष गांठ मनाई गयी है। यह दिन हमें स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों और स्वतंत्रता प्राप्त करने में उनके द्वारा बलिदान किए गए जीवन की भी याद दिलाता है। हमारे वीरों ने जिस दर्द से वह मुश्किल समय व्यतीत किया है, वह हमें याद दिलाता है कि आज हम जिस आज़ादी का आनंद ले रहे हैं, वह लाखों लोगों का खून बहाकर हासिल की है। यह भारत के प्रत्येक नागरिक के अंदर देशभक्ति की भावना को भी जगाता है। यह वर्तमान पीढ़ी को उस समय के लोगों के संघर्षों को करीब से समझती है और उन्हें भारत के स्वतंत्रता सेनानियों से परिचित कराती है। स्वतंत्रता दिवस का महत्व15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) लोगों में देशभक्ति की भावना पैदा करता है। यह लोगों को एकजुट करता है और उन्हें यह महसूस कराता है कि हम एक राष्ट्र हैं जहां कई अलग-अलग भाषाएं, धर्म और सांस्कृतिक मूल्य हैं। अनेकता में एकता भारत का प्रमुख सारतत्व और शक्ति है। हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का हिस्सा होने पर गर्व महसूस करते हैं, जहां सत्ता आम आदमी के हाथ में है। हर साल 15 अगस्त को हम उस दिन को मनाते हैं जब हम एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गए, जिसका अर्थ है कि हम खुद पर शासन करने के लिए स्वतंत्र थे और किसी और के द्वारा शासित नहीं थे। मैं हिन्दू हूँ, तू मुस्लिम है, जय हिन्द !……. जय भारत !….. Independence Day Historyअंग्रेजों ने भारत में लगभग 200 वर्षों तक शासन किया है। ब्रिटिश शासन के तहत, लोगों का जीवन दयनीय था। भारतीयों के साथ गुलाम जैसा व्यवहार किया जाता था और उन्हें उनसे कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं था। भारतीय शासक ब्रिटिश अधिकारियों के हाथों की कठपुतली मात्र थे। ब्रिटिश शिविरों में भारतीय सैनिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था और किसान भूख से मर रहे थे क्योंकि वे फसल नहीं उगा सकते थे और उन्हें भारी भूमि कर देना पड़ता था। आजादी से पहले अंग्रेजों के द्वारा भारतीय नागरिकों को पर कई अत्याचार किये गए। उन्हें अपना जीवन व्यतीत करने के लिए किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता प्राप्त नहीं थी। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा भारत को आजादी दिलाने के लिए कई संघर्षों का सामना करना पड़ा था। भारत के प्रसिद्ध नेताओं एवं स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी गयी जिसमें मुख्य रूप से महात्मा गाँधी, भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस जवाहरलाल नेहरू,दादा भाई नौरोजी, रानी लक्ष्मी बाई, मंगल पांडे, आदि महान व्यक्तियों के द्वारा आजादी की लड़ाई लड़ी गयी थी। इन महान व्यक्तियों के द्वारा देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों का भी बलिदान दिया गया था। लड़े वो वीर जवानों की तरह , 1619 में सूरत के उत्तर पश्चिमी तट में अंग्रेजों के माध्यम से भारतीय उपमहाद्वीप में अपना प्रथम चौकी की स्थापना की गयी बॉम्बे ,मद्रास और कोलकाता में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के तहत तीन स्थायी व्यापारिक स्टेशन की स्थापना की गयी। 19वीं सदी के मध्य में ब्रिटिश शासन के द्वारा इन मुख्य क्षेत्रों में अपने प्रभाव के विस्तार को प्रचलित किया गया। इसके साथ ही भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश के अधिकतर भागों में भी अग्रेजों का साशन चलता था। ब्रिटिश शासन के अंतर्गत स्थानीय राजाओं के साथ समझौता करके भारत के विभिन्न भागों को नियंत्रित करने का कार्य शुरू किया गया। विद्रोही भारतीय सैनिकों के द्वारा सन 1857 में उत्तरी भारत में एक विद्रोह अंग्रेजों की सरकार East India Company से क्राउन हेतु सभी राजनितिक अधिकार को ट्रांसफर करने का मार्गदर्शन किया गया। दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) – दीपावली पर निबंध हिंदी में स्वतंत्रता दिवस – भारत के कुछ ऐतिहासिक पलभारत के कुछ ऐतिहासिक पल जैसे कि- अंग्रेजों का भारत आना, भारत देश एक गुलाम के तौर पर, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना, साम्प्रदायिक दंगे और भारत का बँटवारा, स्वतंत्र भारत और आजादी का त्यौहार, आदि अंग्रेजों का भारत आनाअंग्रेजों का आगमन भारत में 17वीं शताब्दी में हुआ था। वे भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से आये थे। उनका मुख्य उद्देश्य भारत में अपना व्यापार स्थापित करना था। धीरे-धीरे उन्हें भारत में अपना व्यापार स्थापित पूर्ण रूप से स्थापित कर लिया। और बहुत से भारतीय राजाओं को युद्ध में पराजित करके उन्होंने उनके सभी इलाकों पर अपना शासन स्थापित किया। 18वीं सदी तक ब्रिटिशो ने अपनी ईस्ट इंडिया कम्पनी को पूर्ण रूप से जमा लिया था। भारत देश एक गुलाम के तौर परअब सभी भारतीयों को पूर्ण रूप से पता लग चूका था कि वे सभी गुलाम बन चुके है। ब्रिटिशों द्वारा भारतीयों को अंग्रेजी सिखाने व अन्य तौर तरीके सीखने के लिए उनसे कुछ भी करा लेते थे जो भारतीयों को समझ नहीं आता था, उन्हें लगता था वो हमें अंग्रेजी और अन्य तौर तरीके सिखाने में हमारे मदद कर रहें है। लेकिन ऐसा करते करते ब्रिटिश भारतीयों पर शासन करने लगे। ब्रिटिशों ने भारतीयों को न केवल शारीरिक बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी परेशान किया। इसी के बाद बहुत से युद्ध भी हुए। राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापनादेश में जब युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई थी उसी समय 64 सदस्यों के साथ दिसम्बर वर्ष 1885 को राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गयी। इस पार्टी में देश के सभी लोग बढ़ चढ़कर शामिल होने लगे। राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में मुख्य भूमिका दादा भाई नौरोजी और ए ओ ह्यूम ने निभाई। बहुत सी क्रांतिकारी गतिविधियां की जाने लगी। इसके बाद भारतीय मुस्लिम लीग व अन्य कई राष्ट्रीय दलों की स्थापना की गई। साम्प्रदायिक दंगे और भारत का बँटवाराजलियाँवाला बाग़ हत्याकांड के बाद ब्रिटिशों ने साम्प्रदायिक दंगों की राजनीति तेज कर दी। उसके बाद कोहाट में वर्ष 1924 में भयानक हिन्दू-मुस्लिम दंगे हुए। अगस्त वर्ष 1947 में ब्रिटिशों ने भारत छोड़ा और उसके बाद भारत का बँटवारा हुआ। इसके बाद 14 अगस्त को बंटवारे के बाद पाकिस्तान बना और उसके बाद भयंकर साम्प्रदायिक दंगे हुए। आजाद होने के बाद भी भारत में एक अलग ही हिंसक दंगो की ज्वाला भड़की। जहाँ भारतीयों को देश के आजाद होने की ख़ुशी थी वही इन साम्प्रदायिक दंगों ने भारतीयों की ख़ुशी को कम कर दिया था और साथ ही देश का बंटवारे होने का दुःख भी था। स्वतंत्र भारत और आजादी का त्यौहारहमे यह स्वतंत्रता इतनी आसानी से नहीं मिली है, इस आजादी को पाने के लिए हमारे देश के कई महान क्रांतिकारियों ने बलिदान दिए है, किसी ने फांसी खाई है तो किसी ने मरते दम तक अपनी जान आजादी प्राप्त करने के लिए न्यौछावर की है। अंग्रेजों के भारत छोड़कर जाने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत देश पूर्ण रूप से आजाद हुआ। और इसी लिए हर साल 15 अगस्त को भारत देश के स्वतंत्र होने की ख़ुशी में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह भारतियों का राष्ट्रीय पर्व भी कहलाता है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू बने और उनके द्वारा ही देश के आजाद होने की ख़ुशी में दिल्ली के लाल किले पर आजादी के बाद पहली बार झंडा फहराया गया। और देश को सम्बोधित भी किया गया। इसी प्रकार हर साल दिल्ली के लाल किले पर हर साल देश के प्रधानमंत्री द्वारा झंडा फहराया जाता है और राष्ट्रगान गया जाता है और देश के प्रधानमंत्री द्वारा देश को सम्बोधित भी किया जाता है। Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षाबंधन पर निबंध निष्कर्ष15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) को हम उन सभी वीर क्रांतिकारियों को याद करते है जो देश की आजादी पाने के लिए लड़ते लड़ते शहीद हुए, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए ब्रिटिशों के अत्याचार सहे। इस दिन हमे उन सभी वीरों को याद करते है और उनके बलिदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते है। सभी भारतीयों को मिल-जल कर प्रेमभाव से रहना चाहिए। 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में – 2स्वतंत्रता दिवस हमारे भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है, इस दिन राष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्रता समारोहों का आयोजन राजधानी दिल्ली में किया जाता है, इस दिन दिल्ली में प्रधानमंत्री जी द्वारा लालकिले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, जिसे देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग एकत्रित होकर अपने-अपने हाथों में तिरंगे को फहराते हैं और राष्ट्रीय गान गाने के साथ सैनिक द्वारा बाजों की स्वर-लहरी कर समाहरों में 21 तोपों की सलामी दी जाती है और सशस्त्र बलों द्वारा परेड भी निकाली जाती है, जिसमे प्रधानमंत्री जी द्वारा जनता को सम्बोधित कर एकजुट हो कर राष्ट्रीय की स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए भाषण देकर प्रेरित किया जाता है। इस दिन देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद करवाने वाले सभी वीरों व वीरांगनाओं के योगदान को स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है, जिसका पूरा प्रसारण समाचार पत्रों के माध्यम से किया जाता है। साथ ही स्वतंत्रता दिवस को देश की सुख, शान्ति व समृद्धि के प्रतीक के रूप में सभी राज्यों में जश्न के साथ नाच-गाने गाकर नागरिक एक दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हैं और झंडे को फहराकर व तिरंगे की पतंगे उढ़ाकर धूम-धाम से इस दिन को मनाते है। देश की आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों का योगदानहमारे देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों के कड़े संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि में पंडित जवाहरलाल नेहरू जी द्वारा लाल किले में देश के पूरी तरह से आजाद होने की घोषणा की गई, जिसके बाद हमारा देश पूरी तरह से स्वतंत्र हो गया, ब्रिटिश सरकार द्वारा इस दिन को हमारे देश के स्वतंत्रता दिवस के रूप में चुने जाने का एक मुख्य कारण यह भी माना जाता है, की इसी दिन वर्ल्ड वार 2 में हुए युद्ध को पूरी तरह से खत्म कर जापान द्वारा समर्पण कर लिया गया, जिसे अंग्रेजी सरकार अपने जीत के रूप में स्मरण करने के लिए, उनके द्वारा इस दिन को हमारी आजादी के दिवस के रूप में चुना गया, जिसके आजाद होने के पीछे 1857 के विद्रोह में हमारे देश के बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों जैसे रानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, रामप्रसाद बिस्मिल आदि महान क्रांतिकारियों के बाद महात्मा गाँधी, सुभाष चंद्र बोष, चंद्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय आदि द्वारा किए गए संघर्ष व उनके बलिदानों द्वारा ही हमारा देश पूरी तरह से आजाद होकर एक स्वतंत्र देश बनाया जा सका। देश के पूरी तरह स्वतंत्र हो जाने के बाद से ही इस दिन को हर वर्ष हमारे देश में आजादी के दिन के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी 15 अगस्त 2021 को हमारे के 75 वें स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाएगा, इसके लिए हर वर्ष आयोजित किए जाने वाले कार्यकर्म में राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों के अलावा मुख्य अतिथि को भी आमंत्रित किया जाता था, परन्तु इस वर्ष 75 वें Independance Day के दिन होने वाले कार्यक्रम में हमारे देश के प्रधामंत्री जी द्वारा की गई घोषणा में यह बताया गया की इस वर्ष देश को ओलंपिक्स खेलों में देश को रेप्रेसेंट करने वाले सभी खिलाड़ियों को भी मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित कर उनकी मेहनत को सराहा जाएगा। स्वतंत्रता दिवस के नाम कुछ पंक्तियाअंत में अपने देश की आजादी में योगदान देने वाले उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों की याद में बिस्मिल साहब की पंक्तिया कुछ इस प्रकार है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है। बिस्मिल साहब की इन पंक्तियों की शक्ति देखिये की ये सदियों के गुलाम भारतीयों के हृदय में स्वतंत्रता की लहर दौड़ा बैठीं, शायद ये इन जैसी कई कविताओं का जादू था या आजाद हिन्द में साँस लेने की तड़प, आजादी की आग इस देश को आजाद बना बैठी, कितना साहस था उन शहीदों में जो अपनी जान की बाजी लगा कर हमे आजाद कर गए, आज 75 साल बाद भी ये ना हम जान पाए और ना आप, बस रह गई उनकी वीरता की कहानिया जो आज भी रूह कंपा देती है, मरी हुई देश भक्ति जगा देती हैं, स्वतंत्रता की एहमियत बता देती है। नवरात्रि पर निबंध (Essay on Navratri in Hindi) स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :-
निष्कर्षदेश की स्वतंत्रता में हमारे देश के वीरों द्वारा दिए गए योगदान को हमे सदैव स्मरण करते रहना चाहिए और उन्ही के नक़्शे क़दमों पर चलकर हमे हमारे देश की सम्प्रभुता व स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए देश के एक जिम्मेदार नागरिक की तरह अपने देश की सेवा में योगदान देना चाहिए। independence day essay in hindi 10 lines
15 अगस्त पर निबंध – 15 august par bhashan15 अगस्त 2021 को हमारे देश के कौन से स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाएगा ? इस वर्ष हम 15 अगस्त 2021 में हमारे देश की आजादी के 75 वें स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाएँगे। इस दिन को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में क्यों मानते हैं ? इस दिन 15 अगस्त 1947 को हमारे देश से अंग्रेजी शासन हट जाने के बाद, हमारा देश पूरी तरह अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया था, जिसमे देश के बहुत से वीरों के बलिदान के योगदान से ही हमे यह स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी, इनके इसी योगदान को स्मरण कर हम इस दिन को देश की आजादी के तौर पर याद रखने के लिए स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर वर्ष मानते हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ? स्वतंत्रता दिवस के दिन देश भर में नागरिक इस दिन को एक त्यौहार की तरह ख़ुशी और उल्लास से मनाते हैं, और इस दिन लालकिले में प्रधानमंत्री जी द्वारा देश का तिरंगा फहराया जाता है और राष्ट्रीय गान गया जाता है, साथ ही विद्यालयों में भी तिरंगा फहराकर भाषण व पोस्टर प्रतियोगिताओं का कार्यक्रम भी धूम-धाम से आयोजित किया जाता है। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर किन्हें अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा ? इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर हमारे देश के उन सभी खिलाडियों को आमंत्रित किया जाएगा, जिन्होंने इस वर्ष ओलंपिक खेलों में हमारे देश का प्रतिनिधित्व किया है। 15 अगस्त के शुभ अवसर पर झांकियां कहाँ से निकाली जाती है ? स्कूल के माध्यम से 15 के शुभ अवसर पर झाँकियाँ निकाली जाती है। |