नई दिल्ली: हिंदी पंचांग के आखिरी महीने फाल्गुन की शुरुआत हो चुकी है और फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा. इस दौरान हर एक श्रद्धालु की यही कोशिश रहती है कि वे भोलेनाथ भगवान शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें. वैसे तो देशभर में शिव जी के कई प्रसिद्ध मंदिर और शिवालय हैं लेकिन भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का अपना अलग ही महत्व है. पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इन 12 स्थानों पर जो शिवलिंग मौजूद हैं उनमें ज्योति के रूप में स्वयं भगवान शिव विराजमान हैं. यही कारण है कि इन्हें ज्योतिर्लिंग कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इन ज्योतिर्लिंगों (Jyotirlinga) के दर्शन मात्र से ही श्रद्धालुओं के सभी पाप दूर हो जाते हैं. देशभर में कहां-कहां पर हैं ये 12 ज्योतिर्लिंग यहां पढ़ें. Show 1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात ये भी पढ़ें- जानिए सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का इतिहास और रहस्य 2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश 3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग,
मध्य प्रदेश 4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश 5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड 6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र ये भी पढ़ें- भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार को क्या करें क्या नहीं 7. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश 8. त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र 9. वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड ये भी पढ़ें- महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को ऐसे करें प्रसन्न 10. नागेश्वल ज्योतिर्लिंग, गुजरात 11. रामेश्वर ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु 12. घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र धर्म से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. यूं तो देश भर में लाखों शिव मंदिर और शिव धाम हैं लेकिन 12 ज्योतिर्लिंग का सबसे खास महत्व है। आइए जानते हैं विस्तार से... सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोंकारंममलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥ एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः। सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥ एतेशां दर्शनादेव पातकं नैव तिष्ठति। कर्मक्षयो भवेत्तस्य यस्य तुष्टो महेश्वराः॥: जो मनुष्य प्रतिदिन प्रातः इन ज्योतिर्लिंगों का नाम जपता है उसके सातों जन्म तक के पाप नष्ट हो जाते हैं। जिस कामना की पूर्ति के लिए मनुष्य नित्य इन नामों का पाठ करता है, शीघ्र ही उस फल की प्राप्ति हो जाती है। इन लिंगों के दर्शन मात्र से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है, यही भगवान शिव की विशेषता है। 1.) सोमनाथ ज्योतिर्लिंग: गुजरात पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मन्दिर गुजरात के (सौराष्ट्र) प्रांत के काठियावाड़ क्षेत्र के अन्तर्गत प्रभास में विराजमान हैं। इसी क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्णचन्द्र ने यदु वंश का संहार कराने के बाद अपनी नर लीला समाप्त कर ली थी। ‘जरा’ नामक व्याध (शिकारी) ने अपने बाणों से उनके चरणों (पैर) को भेद डाला था। भारत के 12 ज्योतिर्लिंग कौन कौन से हैं?द्वादश ज्योतिर्लिंग. सोमनाथ. मल्लिकार्जुन. महाकालेश्वर. ॐकारेश्वर. वैद्यनाथ. भीमाशंकर. रामेश्वर. नागेश्वर. ज्योतिर्लिंग कितने हैं कहां कहां हैं?इन्हीं पवित्र शिवालयों में भोलेनाथ के 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भी हैं। इन ज्योतिर्लिंगों का महत्व सबसे अधिक है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव ज्योति के रूप में स्वयं विराजमान हैं। ये सभी ज्योतिर्लिंग भारत के अलग अलग राज्यों में स्थित हैं।
12 ज्योतिर्लिंग का रहस्य क्या है?भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग देश के अलग-अलग भागों में स्थित हैं। इन्हें द्वादश ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है। इन ज्योतिर्लिंग के दर्शन, पूजन, आराधना से भक्तों के जन्म-जन्मातर के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं। वे भगवान शिव की कृपा के पात्र बनते हैं।
12 ज्योतिर्लिंग में से पहला ज्योतिर्लिंग कौन सा है?पहला स्थान: सोमनाथ यह ज्योतिर्लिंग गुजरात के काठियावाड़ में स्थापित है। दूसरा स्थान: श्री शैल मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर स्थापित है। तीसरा स्थान: ये महाकाल उज्जैन के अवंति नगर में स्थापित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग। कहते हैं यहां शिवजी ने दैत्यों का नाश किया था।
|