Solution : जॉर्ज पंचम की नाक को लेकर शासन में जो खलबली और बदहवासी दर्शाता है इससे संकेत मिलता है कि आज हम स्वतन्त्र देश में गुलामों की तरह जी रहे हैं। गुलामी आज भी हमारी मानसिकता पर अपनी छाप बनाए हुए हैं। सरकारी तंत्र उस जॉर्ज पंचम की नाक को लेकर चिंतित दिखाई दे रही है जिसने हमारे भारत पर राज करते हुए कहर ढाए। उसके द्वारा किये गये अत्याचारों को भूलकर उसके सम्मान में जुट जाता है। ये तो मूर्खता, अयोग्यता और अदूरदर्शिता को दर्शा रहा है। परतंत्रता की मानसिकता से अब भी मुक्त नहीं हो पा रहे हैं। अतिथि का सम्मान करने के लिए अपने सम्मान को दाब पर लगाना कहाँ तक तर्कसंगत हो सकता है। वे केवल अपनी नाक बचाना चाहते थे। अपने देश व देशवासियों को महत्व न देकर जॉर्ज पंचम की नाक को इतना महत्व देना, उनकी नीच, क्रुर, स्वार्थी तथा संकुचित सोच का परिणाम है। Show These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 2 जॉर्ज पंचम की नाक. प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) प्रश्न 1. You can also download 10th NCERT Maths Solution to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4. (ख) इस प्रकार की पत्रकारिता से आम जनता और विशेषकर युवा पीढ़ी बहुत प्रभावित होती है। युवा पीढ़ी तो लक्ष्यभ्रमित होकर दिवास्वप्न देखने लगती है। वे पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देना कम करके फैशन और बनाव श्रृंगार पर अधिक ध्यान देने लगते हैं। इसके लिए वे अनुचित उपाय अपनाने से भी नहीं चूकते हैं। प्रश्न 5.
प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 2 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. 4 जॉर्ज पंचम की नाक को लेकर शासन में खलबली क्यों थी इसमें निहित व्यंग को स्पष्ट कीजिए?Solution : जॉर्ज पंचम की नाक को लेकर शासन में जो खलबली और बदहवासी दर्शाता है इससे संकेत मिलता है कि आज हम स्वतन्त्र देश में गुलामों की तरह जी रहे हैं। गुलामी आज भी हमारी मानसिकता पर अपनी छाप बनाए हुए हैं। सरकारी तंत्र उस जॉर्ज पंचम की नाक को लेकर चिंतित दिखाई दे रही है जिसने हमारे भारत पर राज करते हुए कहर ढाए।
जार्ज पंचम की नाक लगाने वाले दिन अखबार चुप क्यों थे?जॉर्ज पंचम की नाक लगने वाली खबर के दिन अखबार चुप क्यों. थे? Solution : उस दिन सभी अखबार इसलिए चुप थे क्योंकि भारत में न तो कहीं कोई अभिनंदन कार्यक्रम हुआ, न सम्मान-पत्र भेंट करने का आयोजन हुआ। न ही किसी नेता ने कोई उद्घाटन किया, न कोई फीता काटा गया, न सार्वजनिक सभा हुई ।
जॉर्ज पंचम की नाक पाठ में निहित व्यंग को स्पष्ट करते हुए बताइए कि मानसिक पराधीनता से मुक्ति पाना क्यों आवश्यक है?Answer: नाक मान-सम्मान का प्रतीक होती है। ... इसी घृणा तथा ब्रिटिश शासन के प्रति लोगों के असम्मान को प्रकट करने के लिए जॉर्ज पंचम की नाक को काट दिया गया था। इससे यह शिक्षा मिलती है कि आजाद तो हम हो चुके हैं लेकिन अभी भी दिल्ली को संभालने वाले लोग अंग्रेजों के मानसिक रूप से गुलाम हैं।
जॉर्ज पंचम की नाक पाठ में क्या व्यंग्य निहित है?Solution. 'जॉर्ज पंचम की नाक' नामक पाठ व्यंग्य प्रधान रचना है। इसमें जॉर्ज पंचम की टूटी नाक को प्रतिष्ठा बनाकर मंत्रियों एवं सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली पर करारा व्यंग्य किया गया है।
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