यात्रा के दौरान लेखक अपने साथियों से किस वजह से पिछड़ गया था * - yaatra ke dauraan lekhak apane saathiyon se kis vajah se pichhad gaya tha *

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Question

अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?

Solution

यात्रा के दौरान लेखक को निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ा -(1) उस समय भारतीयों को तिब्बत यात्रा की अनुमति नहीं थी। इसलिए उन्हें भिखमंगे के रुप में यात्रा करना पड़ी।(2) चोरी के डर से भिखमंगों को वहाँ के लोग घर में घुसने नहीं देते थे। इसी कारण लेखक को भी ठहरने के स्थान को लेकर कठिनाई का सामना करना पड़ा।(3) डाँड़ा थोङ्‌ला जैसी खतरनाक जगह को पार करना पड़ा।(4) लङ्कोर का रास्ता तय करते समय रास्ता भटक जाने के कारण वे अपने साथियों से बिछड़ गए।

One Line Answer

लेखक लङ्‌कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया?

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Solution

लङ्‌कोर के मार्ग में लेखक का घोड़ा थककर धीमा चलने लगा था इसलिए लेखक अपने साथियों से पिछड़कर रास्ता भटक गए।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 A)

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Chapter 2: ल्हासा की ओर - प्रश्न अभ्यास [Page 29]

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NCERT Class 9 Hindi - Kshitij Part 1

Chapter 2 ल्हासा की ओर
प्रश्न अभ्यास | Q 3 | Page 29

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अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?

यात्रा के दौरान लेखक को निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ा -

  1. उस समय भारतीयों को तिब्बत यात्रा की अनुमति नहीं थी। इसलिए उन्हें भिखमंगे के रुप में यात्रा करना पड़ी।
  2. चोरी के डर से भिखमंगों को वहाँ के लोग घर में घुसने नहीं देते थे। इसी कारण लेखक को भी ठहरने के स्थान को लेकर कठिनाई का सामना करना पड़ा।
  3. डाँड़ा थोङ्‌ला जैसी खतरनाक जगह को पार करना पड़ा।
  4. लङ्कोर का रास्ता तय करते समय रास्ता भटक जाने के कारण वे अपने साथियों से बिछड़ गए।

Concept: गद्य (Prose) (Class 9 A)

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Q1.

थोड़्ला के पहले के आख़िरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय के समय भद्र भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों?

Q2.

उस समय के तिब्बत में हथियार का क़ानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?

Q3.

लेखक लड़्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस प्रकार पिछड़ गया?

Q4.

लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परंतु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?

Q5.

अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?

Q6.

प्रस्तुत यात्रा वृत्तान्त के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?

Q7.

‘मैं अब पुस्तकों के भीतर था’ नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है- (क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।✔ (ख) लेखक पुस्तकों की शेल्फ़ के भीतर चला गया।✖ (ग) लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं।✖ (घ) पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था।✖

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 2 Lhasa ki Or Questions and Answers

इस पाठ के लेखक का नाम राहुल सांकृत्यायन है। उनका जन्म सन 1893 में हुआ था। उनका ननिहाल गांव पंदहा ,जिला आजमगढ़ में था। उनका सन् 1963 में देहांत हो गया ।

प्रश्न 1. थोड्ला के पहले के आखिरी गांव पहुंचने पर भीख मांगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका । क्यों ? 

उ0. तिब्बत के इस मार्ग पर यात्रियों के लिए एक जैसी व्यवस्थाएं नहीं थी। जिस वजह से जान पहचान के आधार पर ही ठहरने का उचित स्थान मिलता था और उस समय लेखक के साथ बौद्ध भिक्षु सुमित भी था। वह बहुत प्रसिद्ध था। जिस कारण गांव के लोग उसे जानते थे। उस वजह से लेखक को ठहरने का उचित स्थान मिल गया था।

ल्हासा की ओर सारांश Class 9

लेकिन 5 साल बाद दूसरी यात्रा के दौरान लेखक को भद्र देश में होने के बावजूद पहनने का उचित स्थान नहीं मिला।यह बहुत कुछ समय के साथ लोगों की मनोवृत्ति में बदलाव के कारण ही हुआ होगा। क्योंकि वहां के लोग शाम होते ही छङ पीकर नशे में धुत हो जाते थे। उस समय सुमित उनके साथ नहीं था।

प्रश्न 2. उस समय के तिब्बत में हथियार का कानून ना रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था। 

उ0. उस समय तिब्बत के पहाड़ों की यात्रा सुरक्षित नहीं थी। उस समय लोगों में डाकू का भय बना रहता था। डाकू तो पहले लोगों को मार देते और बाद में देखते कि उनके पास पैसे है या नहीं। तिब्बत में हथियार रखने से संबंधित कोई कानून नहीं था। इस कारण लोग बंदूक पिस्तौल आईडी खुलेआम रखते थे। साथ ही वहां अनेक निरंजन स्थान भी थे जहां पुलिस का प्रबंध नहीं था । 

प्रश्न 3. लेखक लडकोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया? 

या

यात्रा के दौरान लेखक अपने साथियों से किस वजह से पिछड़ गया था?

उ0. (क) वे रास्ता भटक गए थे और एक-डेढ़ km गलत रास्ते पर चले गए थे और आने में देर हो गई थी। 

(ख) लेखक का घोड़ा बहुत थक गया था। इसलिए वह अपने साथियों से पीछे रह गए और मार्ग भटक गए। 

प्रश्न 4. लेखक ने शेखर बिहार में सुमित को उनयजमानो के पास जाने से रोका परंतु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया? 

उ0. शेखर बिहार में लेखक ने सुमित को जाने से रोका परंतु दूसरे यात्रा के दौरान नहीं रोका क्योंकि वह अकेले रहकर मंदिर में रखी हुई हस्तलिखित पोडियो का अध्ययन करना चाहते थे । 

प्रश्न 5. अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा? 

उ0. लेखक को अपनी यात्रा के दौरान इन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा :- 

(क) उस समय भारतीयों को तिब्बत यात्रा की इजाजत नहीं थी इसलिए उन्हें बंदर वेश में यात्रा करनी पड़ी जगह-जगह रास्ता कठिन भी था। 

(ख) लेखक को पूरी यात्रा के दौरान डाकू के भय के साए में रहना पड़ा। 

(ग) धूप में भी काफी देर पैदल चलना पड़ा। 

प्रश्न 6. प्रस्तुत यात्रा वृतांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था? 

उ0. उस समय का तिब्बत कुछ इस प्रकार था :- 

(क) वहां की औरतें पर्दा नहीं करती थी। 

(ख) वाह छुआछूत जैसी कुप्रथा ही नहीं थी। 

(ग) जागीर के लोगों में भिखारी भी राजा के समान सम्मान पाते थे। 

प्रश्न 7. “मैं अब पुस्तकों के भीतर था।” नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन-सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है? 

(क) लेखक पुस्तके पढ़ने में रम गया। 

(ख) लेखक पुस्तकों की शेल्फ के भीतर चला गया। 

(ग) लेखक के चारों और पुस्तके ही थी। 

(घ) पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था। 

उ0. (क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।

रचना-अभिव्यक्ति

प्रश्न 8. सुमित के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गांव में मिले। इस आधार पर आप सुमित के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का चित्रण कर सकते हैं?

उत्तर: सुमित और यजमान और अन्य परिचित लोग हर गांव में लेखक से मिले। इससे सुमित के व्यक्तित्व की अनेक विशेषताएं प्रकट होती है। जैसे-

  1. सुमित एक हंसमुख और मिलनसार व्यक्ति था।
  2. सुमित उनके यहां धर्म गुरु के रूप में सम्मानित होता था।
  3. सुमित एक सरल स्वभाव का व्यक्ति था जिसके कारण लोग उसे उचित आदर देते थे।
  4. वे जहां भी जाते वही अपने अच्छे स्वभाव के कारण सबको अपना मित्र बना लेते थे।
  5. वे कई बार तिब्बत आ चुके थे और वहां के हर एक गांव से भली-भांति परिचित थे।

प्रश्न 9. ‘हालांकि उस वक्त मेरा भेज ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी ख्याल करना चाहिए था।’ – उक्त कथन के अनुसार हमारे आचार व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। आपकी समझ से यह उचित है अथवा अनुचित, विचार व्यक्त करें।

उत्तर: लोगों में यह धारणा बन गई है की वह किसी भी व्यक्ति का आंकलन उसकी वेशभूषा देखकर करते हैं। हम अच्छा पहनावा करने वाले व्यक्तियों को अपनाते हैं और गंदे कपड़े देखकर उसे दुत्कारते हैं। लेखक भीखमंगो के वेश में यात्रा कर रहा था। इसलिए उसे लग रहा था कि शेखर विहार का व्यवहार उनके साथ अच्छा नहीं होगा। मेरे विचार से वेशभूषा देखकर व्यवहार करना पूरी तरह ठीक नहीं है। अनेक संत महात्मा साधारण वस्त्र पहनते हैं किंतु वे उच्च चरित्र के इंसान होते हैं और पूज्य होते हैं।

प्रश्न 10. यात्रा-वृतांत के आधार पर तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का शब्द चित्र प्रस्तुत करें। वहां की स्थिति आपके राज्य/शहर से किस प्रकार भिन्न है?

उत्तर: तिब्बत भारत के उत्तर में स्थित है। इसकी सीमा भारत और चीन से लगती है। साल के ज्यादा समय यहां बर्फ पड़ी रहती है। यह एक पहाड़ी प्रदेश है और समुद्र तट से लगभग 17 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां की आबादी बहुत कम है और हिमालय की बर्फीली चोटियां तथा ऊंचे-ऊंचे नंगे पहाड़ दूर- दूर तक दिखाई देते हैं।

प्रश्न 11. आपने भी किसी स्थान की यात्रा अवश्य की होगी? यात्रा के दौरान हुए अनुभवों को लिखकर प्रस्तुत करें।

उत्तर: छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 12. यात्रा वृतांत गद्य साहित्य की एक विधा है। आपकी इस पाठ्यपुस्तक में कौन-कौन सी विधाएं है? प्रस्तुत विधा उनके मायने में अलग है?

उत्तर:

पाठ विधा
दो बैलों की कथा कहानी
लहासा की ओर यात्रा-वृतांत
उपभोक्तावाद की संस्कृति निबंध
सांवले सपनों की याद रेखाचित्र
नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया रिपोर्ताज
प्रेमचंद के फटे जूते व्यंग्य
मेरे बचपन के दिन संस्मरण
एक कुत्ता और एक मैना निबंध

यात्रा वृतांत तथा स्मरण दोनों ही गद्य साहित्य की विधाएं हैं लेकिन एक दूसरे से भिन्न है। यात्रा वृतांत किसी एक क्षेत्र की यात्रा के लिए अपने अनुभवों पर आधारित है तथा संस्मरण जीवन के किसी व्यक्ति विशेष या किसी खास स्थान की स्मृति पर आधारित है।

प्रश्न 13. किसी भी बात को अनेक प्रकार से कहा जा सकता है, जैसे-

सुबह होने से पहले हम गाँव में थे।

पौ फटने वाली थी कि हम गाँव में थे। 

तारों की छाँव रहते-रहते हम गाँव पहुँच गए। 

नीचे दिए गए वाक्य को अलग-अलग तरीके से लिखिए- ‘जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।’

उत्तर: (1) यह बताना मुश्किल था कि घोड़ा आ गए हैं या मैं।

(2) जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे है या मैं।

(3) कभी लगता था घोड़ा आगे जा रहा है, और कभी लगता था पीछे जा रहा हैं।

प्रश्न 14. ऐसे शब्द जो किसी आंचल यानी क्षेत्र विशेष में प्रयुक्त होते हैं उन्हें आंचलिक शब्द कहा जाता है। प्रस्तुत पाठ में से अंजलि शब्द ढूंढ कर लिखिए।

उत्तर: राहदारी, खोटी, कुची-कुची, भिटा, भरिया।

प्रश्न 15. पाठ में कागज, अक्षर, मैदान के आगे क्रमशः मोटे, अच्छे और विशाल शब्दों का प्रयोग हुआ है। इन शब्दों से उनकी विशेषता उभर कर आती है। पाठ में से कुछ ऐसे ही कुछ और शब्द छांटिए जो किसी की विशेषता बता रहे हो।

उत्तर: मुख्य, व्यापारिक, बहुत, भद्र, गरीब, निर्जन, लाल, ठंडा।

अतिरिक्त प्रश्न और उत्तर

प्रश्न१. ल्हासा किस देश में स्थित है?

उत्तर: ल्हासा तिब्बत में स्थित है।

प्रश्न२. ल्हासा किस देश की राजधानी है?

उत्तर: ल्हासा तिब्बत की राजधानी है।

प्रश्न३. ल्हासा की ओर पाठ के लेखक कौन है?

उत्तर: ल्हासा की ओर पाठ के लेखक राहुल सांकृत्यायन है।

प्रश्न४. लेखक जहां से गलत रास्ते पर चला गया था, वहां कितने रास्ते फूट रहे थे?

उत्तर: लेखक जहां से गलत रास्ते पर चला गया था। वहां दो रास्ते फूट रहे थे।

प्रश्न५. ल्हासा की ओर पाठ के लेखक ने अपना नाम परिवर्तन कब किया?

उत्तर: ल्हासा की ओर पाठ के लेखक ने अपना नाम परिवर्तन सन 1930 में किया, क्योंकि उन्होंने श्रीलंका जाकर बौद्ध धर्म अपना लिया था।

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लेखक अपने साथियों से क्यों पिछड़ गया था?

लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया? लेखक का घोड़ा धीरे-धीरे चल रहा था। घोड़े के सुस्त पड़ने से लेखक अपने साथियों से बिछड़ गया और अकेले में रास्ता भूल गया। वह दूसरे रास्ते पर डेढ़-दो मील चलता गया और फिर वापस आकर दूसरे रास्ते पर गया

यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा तथा क्यों?

चोरी के डर से भिखमंगों को वहाँ के लोग घर में घुसने नहीं देते थे। इसी कारण लेखक को भी ठहरने के स्थान को लेकर कठिनाई का सामना करना पड़ा। डाँड़ा थोङ्‌ला जैसी खतरनाक जगह को पार करना पड़ा। लङ्कोर का रास्ता तय करते समय रास्ता भटक जाने के कारण वे अपने साथियों से बिछड़ गए।

रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?

थोङ्‌ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका।

लेखक भिखमंगे के वेश में यात्रा क्यों कर रहा था?

Abhishek Mishra. लेखक ने तिब्बत की यात्रा भिखमंगों के वेश में की क्योंकि उस समय तिब्बत की यात्रा पर प्रतिबंध था। इसके अलावा डाँडे जैसी खतरनाक जगहों पर डाकुओं से इसी वेश में जान बचायी जा सकती थी।