रेगिस्तान का जहाज है ऊंट विशालस्तनधारी पशुओं में जिराफ के बाद ऊंट दूसरे नंबर पर आता है। एक ऊंट औसतन 40-45 साल तक जिंदा रह सकता है। ऊंट का वजन 450 से 650 किलोग्राम तक होता... Show
Tue, 06 Mar 2012 04:33 PM स्तनधारी पशुओं में जिराफ के बाद ऊंट दूसरे नंबर पर आता है। एक ऊंट औसतन 40-45 साल तक जिंदा रह सकता है। ऊंट का वजन 450 से 650 किलोग्राम तक होता है तुमने रेगिस्तान के जहाज ऊंट के बारे में जरूर सुना होगा और हो सकता है इसे तुमने देखा भी हो। कूबड़ वाली ऊंची पीठ और लंबी-लंबी टांगों वाले ऊंट देखकर तुम यह जरूर सोचते होगे कि ये ऊंट दूर-दूर तक फैले रेत के सैलाब वाले गर्म रेगिस्तान में कैसे रह पाते हैं, जहां न केवल चिलचिलाती धूप, तेज गर्मी और धूल भरी तेज हवाएं चलती हैं, बल्कि जीने के लिए जरूरी पानी और वनस्पति की कमी भी होती है। वास्तव में ऊंट अपने डील-डौल की खूबियों की बदौलत ऐसे वातावरण को आसानी से सह लेते हैं और वहां के जन-जीवन के मुख्य ट्रांसपोर्ट भी हैं। वे पानी के जहाज की तरह रेतीले सैलाब और टीलों पर आसानी से चल सकते हैं और अपनी पीठ पर सवारी के साथ-साथ सामान भी ले जाते हैं। यही कारण है कि उन्हें ‘रेगिस्तान का जहाज’ भी कहा जाता है। तुम्हें मालूम होगा कि रेगिस्तान दुनिया भर के सातवें हिस्से में फैले हुए हैं और ये गर्म ही नहीं, ठंडे भी होते हैं। रेगिस्तानी मौसम के हिसाब से आज दुनिया भर में दो तरह के ऊंट पाए जाते हैं- पहला एक कूबड़ वाले डरोमेडरीज या अरेबियन ऊंट। ये ऊंट लीबिया में सहारा, अफ्रीका का कालाहारी, अरेबियन पेनन्सुला के पास अरब रेगिस्तान, आस्ट्रेलिया
के ग्रेट सैंडी डेजर्ट, माजोवा, सोनारन, भारत के थार मरुस्थल (जहां दिन के समय बहुत गर्मी होती है और तापमान लगभग 50 डिग्री तक होता है) में पाए जाते हैं। दूसरे दो कूबड़ वाले बैक्ट्रीयन ऊंट अंटार्कटिका, ग्रीनलैंड, भारत के लेह-कारगिल, सियाचिन जैसे बर्फीले रेगिस्तान मरुस्थलों में पाए जाते हैं। यहां का तापमान 20 से 45 डिग्री तक नीचे गिर जाता है और हड्डियों को कंपकंपा देने वाली सर्दी होती है। दो कूबड़ वाले ऊंटों की खासियत होती है कि ये बर्फीले रेगिस्तान हों या गर्म, जरूरत पड़ने पर हर जगह रह सकते हैं।
इनकी रीढ़ की हड्डी के ऊपर पीठ पर, पिरामिड के आकार का कूबड़ होता है, जो ऊंट के हिसाब से छोटा-बड़ा होता है। एक स्वस्थ ऊंट की पीठ पर 20-25 इंच ऊंचा और 35 किलोग्राम वजन का कूबड़ होता है। कुछ लोगों का मानना है कि ऊंट अपने कूबड़ में पानी जमा करके रखता है, जो सरासर गलत है। वास्तव में उनके कूबड़ में फैट जमा होती है। जब उन्हें रेगिस्तान में कई दिनों तक खाना-पानी नहीं मिलता, तब कूबड़ में जमा फैट ही उन्हें ऊर्जा प्रदान करता है। जैसे-जैसे यह फैट खत्म होता जाता है, वैसे-वैसे ऊंट का कूबड़ काफी छोटा हो जाता है और एक तरफ झुक जाता है। लेकिन जब ऊंट भरपेट भोजन या पानी पी लेता है तो झुका हुआ यह कूबड़ फिर बड़ा हो जाता है। ऊंट शाकाहारी जानवर है। बहुत लंबे समय तक ऊंट प्यास सहन कर सकता है। Oont Ko Registan Ka Jahaj Kyon Kahaa Jata HaiGkExams on 12-05-2019 रेगिस्तान में ऊँट सवारी और बोज उठाने के काम आते है। इसीलिए ऊँट को ‘रेगिस्तान का जहाज’कहा जाता है। ऊंट अधिकतर भारत के राजस्थान में पाये जाते है। राजस्थान में ऊँट की कई प्रजातियों जैसे बीकानेरी, जैसलमेरी, सीकरी ऊँट पाए जाते हैं। ऊँट कैमलिडाए कुल का स्तनधारी पशु है। अरबी ऊँट एक कूबड़ वाले और बैकट्रियन ऊँट दो कूबड़ वाले होते है। सम्बन्धित प्रश्नComments Puranrathaur ur on 04-03-2022 Kartik on 18-02-2022 ऊँट को रेगिस्तान का जहाज क्यो कहा जाता हैं? Bhumika kumari on 18-02-2022 ऊँट को रेगिस्तान का जहाज क्यो कहा जाता है Shubham Kumar Bharti on 10-02-2022 Hindustan ka jahaj kyu kaha jata hai registan ka jahaj kyu kaha jata hai Kuldeep Singh on 09-01-2022 Gk Tulesh on 19-10-2021 Auto ko registan ka jahaj kyu kaha jata hai Sunil bhaskar on 03-10-2021 ऊंट को रेगिस्तान का जहाज क्यों कहा जाता है Me know hu on 16-09-2021 Me konn hu hu AYUShI on 15-09-2021 ऊंट राजस्थान मेंसवारी करने के काम आते हैं Sajim on 08-09-2021 Sajim kanha hai SHORYA on 07-09-2021 Sigh Vishu kumar on 06-09-2021 ऊंट को रैगिस्तान का जहाज क्यो कहा गया है? Rimjhim on 27-08-2021 पढलडसढडदफजदझ Disha Arora on 16-02-2021 Oot ko registan ka jahaj kyon kaha jata hai ऊंट को रेगिस्तान का जहाज क्या कहा जाता है?वास्तव में ऊंट अपने डील-डौल की खूबियों की बदौलत ऐसे वातावरण को आसानी से सह लेते हैं और वहां के जन-जीवन के मुख्य ट्रांसपोर्ट भी हैं। वे पानी के जहाज की तरह रेतीले सैलाब और टीलों पर आसानी से चल सकते हैं और अपनी पीठ पर सवारी के साथ-साथ सामान भी ले जाते हैं। यही कारण है कि उन्हें 'रेगिस्तान का जहाज' भी कहा जाता है।
ऊंट को मरवा स्थल का जहाज क्यों कहा जाता है?तब से हवाई जहाज से ही हज के लिए जाया जाता है.
ऊंट कितने दिन के बाद पानी पीता है?जो धीरे-धीरे जरूरत पड़ने पर पानी या ऊर्जा में बदलती रहती है। इसलिए वह छह महीने तक बिना पानी पिए जीवित रह सकता है। वैसे ऊंट एक बार में 113 लीटर पानी केवल 13 मिनट में पी सकता है।
ऊंट गरजते हुए रेगिस्तान में क्यों रहता था?ऊँट के पैर बहुत ही अनोखे होते हैं, जिसके कारण वे आसानी से रेत पर चल पाते हैं। यह जानवर अपने कूबड़ के लिए जाना जाता है। लोग मानते हैं कि ऊँट अपने कूबड़ में पानी रखता है, लेकिन असल में ये फैट के लिए है। जब उन्हें खाना नहीं मिलता है, तो इसी फैट से उन्हें ऊर्जा मिलती है।
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