यूरिन की जांच कैसे की जाती है? - yoorin kee jaanch kaise kee jaatee hai?

मूत्र परीक्षण पट्टी (urine test strip या dipstick test) किसी रोगी के मूत्र की जाँच का एक मूलभूत नैदानिक औजार है। इस पट्टी में लगभग १० रासायनिक पट्टियाँ (अभिकर्मक) होतीं हैं। जब इस पट्टी के मूत्र में डुबोया जाता है तो ये पट्टे मूत्र में विद्यमान विभिन्न रसायनों से अभिक्रिया करते हैं और अपना रंग बदल देते हैं। यह परीक्षण १ या २ मिनट में भी पूरा हो जाता है (कुछ परीक्षणों के लिए इससे अधिक समय तक पट्टी को मूत्र में डुबाये रखना पड़ता है।) इस औजार की सरलता और कम समय में परिणाम मिलने के कारण अनेकों रोगों की जाँच के पहले चरण के रूप में इसी विधि का प्रयोग किया जाता है। मूत्र परीक्षण पट्टिका के द्वारा मूत्र में निम्नलिखित पदार्थों की उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है- प्रोटीन, ग्लूकोज, कीटोन, हीमोग्लोबिन, बिलिरुबिन (bilirubin), यूरोबिलिनोजेन (urobilinogen), एसीटोन, नाइट्राइट, तथा श्वेतकोशिका। इसके अलावा इससे मूत्र का pH एवं विशिष्ट घनत्व का भी ज्ञान हो जाता है।

Urine Test in Hindi पेशाब की जांच या यूरिन टेस्ट मानव स्वास्थ्य के बारे महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है। यूरिन टेस्ट को “यूरिनलिसिस” के रूप में जाना जाता है। यूरिनलिसिस का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग मूत्र में कुछ विशेष पदार्थों या कोशिकाओं का पता लगाना है, जो विभिन्न प्रकार के विकारों की ओर संकेत करते हैं। मूत्र में ग्लूकोज की अधिक मात्रा मधुमेह की संभावना की ओर संकेत करती है। इसके अतिरिक्त मूत्र परीक्षण के दौरान नमूने में बैक्टीरिया या सफेद रक्त कोशिकाओं की उपस्थिति संक्रमण की ओर संकेत करती है। इसलिए यूरिन टेस्ट अनेक प्रकार की समस्याओं का निदान करने के लिए उपयोगी होता है।

आज के इस लेख में आप जानेंगे कि यूरिन टेस्ट क्या है, तथा इसकी प्रक्रिया, तैयारी, जोखिम और परिणाम के बारे में।

विषय सूची

1. यूरिन टेस्ट क्या है –  What is urine test (Urinalysis) in Hindi
2. यूरिन टेस्ट कब और क्यों किया जाता है – When and why urine test is done  in Hindi
3. यूरिन टेस्ट से पहले की तैयारी – Before the urine test in hindi
4. यूरिन टेस्ट के दौरान – During the urine test in hindi
5. यूरिन टेस्ट के बाद – After urine test in Hindi
6. यूरिन टेस्ट के जोखिम – Risk of urine test in Hindi
7. टाइप्स ऑफ़ यूरिन टेस्ट – Types of urine tests in Hindi

  • विजुअल यूरिन टेस्ट – Visual urine test in Hindi
  • यूरिन माइक्रोस्कोपिक टेस्ट – Urine Microscopic test in Hindi
  • यूरिन डिपस्टिक टेस्ट – Urine dipstick test in Hindi

8. यूरिन टेस्ट रिजल्ट – Urine test result in Hindi
9. यूरिन टेस्ट कीमत – Cost of urine test in Hindi

यूरिन की जांच कैसे की जाती है? - yoorin kee jaanch kaise kee jaatee hai?

यूरिन टेस्ट (Urinalysis) एक प्रयोगशाला परीक्षण होता है। इस टेस्ट में मरीज के मूत्र नमूने का परीक्षण किया जाता है। यूरिन टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर आंतरिक समस्याओं या रोगों का पता लगा सकते है। सामान्यत: यूरिन टेस्ट का उपयोग मानव स्वास्थ्य की जांच करने के लिया किया जाता है।

यूरिन टेस्ट के द्वारा अनेक प्रकार की बीमारियों और विकारों का निदान किया जा सकता है और इसके द्वारा शरीर के स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। मूत्र के माध्यम से मानव शरीर से अनेक अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों का उत्सर्जन होता है। अतः इन अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों के उत्सर्जन की जानकारी लेब टेस्ट (Lab Test) के माध्यम से प्राप्त कर परिणामों को तैयार किया जाता है। एक यूरिन टेस्ट भौतिक, रासायनिक और माइक्रोस्कोपिक परीक्षणों का एक समूह होता है। परीक्षण द्वारा मूत्र में अनेक पदार्थों की उपस्थिति का पता लगाया जाता है।

मूत्र का निर्माण मानव शरीर में गुर्दे (किडनी) के द्वारा होता है। गुर्दे (किडनी) रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को अलग करके, शरीर में पानी की मात्रा को सामान्य रखने में मदद करते हैं, तथा प्रोटीन, इलेक्ट्रोलाइट्स, और अन्य यौगिकों को भी शरीर के बाहर निकाल देता है। सामान्यतः मूत्र का रंग आम तौर पर पीला और स्पष्ट होता है, लेकिन अलग-अलग घटकों या पदार्थों के उत्सर्जन के कारण मूत्र का रंग, मात्रा और मूत्र में पदार्थों की मात्रा की उपस्थिति थोड़ी भिन्न हो सकती है।

(और पढ़े – यूरिन का कलर कैसा होना चाहिए और जाने पेशाब का रंग बदलने का कारण…)

यूरिन टेस्ट कब और क्यों किया जाता है – When and why urine test is done  in Hindi

यूरिन की जांच कैसे की जाती है? - yoorin kee jaanch kaise kee jaatee hai?

यूरिन टेस्ट क्यों होता है? यूरिन टेस्ट का उपयोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों व मूत्र में विशेष प्रकार के पदार्थों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। किसी व्यक्ति द्वारा अनेक प्रकार के लक्षणों जैसे – मूत्र त्याग करते समय दर्द, पेट में दर्द, पीठ दर्द और अन्य लक्षणों के प्रगट होने पर समस्या के निदान के लिए डॉक्टर द्वारा किया जा सकता है। इसके अलावा यूरिन टेस्ट की सिफारिश डॉक्टर द्वारा अनेक कारणों से की जा सकती है जिसमें शामिल हैं:

  • किसी भी प्रकार की सर्जरी से पहले।
  • गर्भावस्था की जाँच के दौरान प्रीमेप्टिव स्क्रीनिंग (pre-emptive screening) के रूप में।
  • एक शारीरिक परीक्षण या नियमित चिकित्सा के रूप में।
  • मधुमेह की स्थिति का निदान करने के लिए।
  • गुर्दे की बीमारी की जानकारी का पता लगाने के लिए।
  • लिवर की बीमारी की जानकारी प्राप्त करने के लिए।
  • मूत्र पथ में संक्रमण का पता लगाने के लिए।
  • मूत्र में रक्त की उपस्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए।
  • मूत्र त्याग करने में दर्द होने की स्थिति का निदान करने के लिए।
  • डायबिटीज, मूत्राशय कैंसर या यौन संचारित संक्रमण रोगों का निदान या उनकी जानकारी प्राप्त करने के लिए।
  • पेट में दर्द, बुखार, गुर्दे में सूजन आदि स्थितियों के निदान में, इत्यादि।

(और पढ़े – किडनी रोग क्या है कारण, लक्षण, जांच, इलाज और रोकथाम…)

यूरिन टेस्ट से पहले की तैयारी – Before the urine test in Hindi

यूरिन की जांच कैसे की जाती है? - yoorin kee jaanch kaise kee jaatee hai?

यूरिन टेस्ट के लिए सम्बंधित व्यक्ति के मूत्र नमूने की आवश्यकता होती है। अतः यूरिन टेस्ट के कुछ घंटों पहले मरीज को अधिक पानी पीना चाहिए, ताकि वह पर्याप्त मात्रा में मूत्र के नमूने का उत्पादन कर सके। हालांकि, अधिक मात्रा में पानी पीने से परीक्षण के परिणाम गलत हो सकते हैं। अतः परीक्षण से पहले आवश्यकतानुसार ही तरल या पानी का सेवन करना चाहिए।

मूत्र परीक्षण से पहले आप सामान्य रूप से खाना खा सकते हैं, और तरल पी सकते हैं। यदि डॉक्टर द्वारा एक ही समय में अन्य परीक्षणों की सिफारिश की गई है, तो डॉक्टर की सिफारिश के अनुसार परीक्षण से पहले उपवास रखने की आवश्यकता पड़ सकती है।

यदि सम्बंधित व्यक्ति किसी भी प्रकार की दवाओं का सेवन कर रहा है, तो उसे इन दवाओं की जानकारी डॉक्टर को देनी चाहिए, क्योंकि यह दवाएं यूरिन टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं। कुछ दवाईया जो यूरिन टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं, निम्न हैं:

  • विटामिन सी की खुराक
  • एंथ्राक्विनोन लैक्सेटिव (anthraquinone laxatives)
  • राइबोफ्लेविन(riboflavin)
  • मेथोकार्बामोल (methocarbamol)
  • मेट्रोनिडाज़ोल (metronidazole)
  • नाइट्रोफ्यूरन्टाइन (nitrofurantoin), इत्यादि।

(और पढ़े – पानी पीने का सही समय जानें और पानी पीने के लिए खुद को प्रेरित कैसे करें…)

यूरिन टेस्ट के दौरान – During the urine test in Hindi

  • यूरिन टेस्ट टेस्ट के दौरान मूत्र के नमूने को एकत्रित करना और परीक्षण केंद्र में नमूने को सुरक्षित तरीके से पहुँचाना शामिल है। परीक्षण के समय मरीज की स्थिति के आधार पर, डॉक्टर मरीज को मूत्र नमूना एकत्र करने की सलाह दे सकता है। नमूना घर पर या परीक्षण कार्यालय में ही एकत्र करने के लिए कहा जा सकता है। परीक्षणकर्ता के द्वारा नमूने को एकत्रित करने के लिए एक पात्र (कंटेनर) प्रदान किया जाता है।
  • कुछ स्थितियों में डॉक्टर द्वारा नमूना एकत्रित करने के लिए कुछ विशेष सलाह दी जा सकती हैं। कभी-कभी मूत्र नमूना एकत्रित करने से पहले जननांग क्षेत्र को अच्छी तरह से साफ करने की जरुरत होती है।
  • इस प्रकार मरीज द्वारा नमूना प्रदान करने के बाद, नमूने को परीक्षण के लिए भेज दिया जाता है। तथा मरीज को परिणाम आने तक इंतज़ार करना पड़ता है।

(और पढ़े – प्राइवेट पार्ट की सफाई कैसे करें…)

यूरिन टेस्ट के बाद – After urine test in Hindi

यदि किसी मरीज को परीक्षण से पहले डॉक्टर द्वारा उपवास रखने की सलाह दी गई थी, तो वह व्यक्ति टेस्ट के बाद निश्चित आहार और पेय का सेवन कर सकता है। परीक्षण के बाद किसी भी तरह की कोई असुविधा महसूस नहीं होती है। परीक्षण के बाद प्रत्येक व्यक्ति को परिणामों की जानकारी प्राप्त करने के लिए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

यूरिन टेस्ट के जोखिम – Risk of urine test in Hindi

यूरिन की जांच कैसे की जाती है? - yoorin kee jaanch kaise kee jaatee hai?

यूरिन टेस्ट मे मूत्र का सेंपल देने के दौरान कोई जोखिम नही होता है। लेकिन यदि मूत्र नमूना एकत्रित करने के लिए कैथेटर (catheter) का उपयोग किया जाता है, तो यह अस्थायी रूप से परेशानी का कारण बन सकता है।

(और पढ़े – क्रिएटिनिन टेस्ट क्या है, प्रक्रिया, तैयारी, परिणाम, कीमत…)

टाइप्स ऑफ़ यूरिन टेस्ट – Types of urine tests in Hindi

यूरिन टेस्ट के तहत् यूरिन सैंपल का परीक्षण तीन तरीके से किया जाता है, जैसे:

विजुअल यूरिन टेस्ट – Visual urine test in Hindi

विजुअल यूरिन टेस्ट के तहत् मूत्र के नमूने के रंग और स्पष्टता की जांच की जाती है। डॉक्टर मूत्र नमूने की जांच करते समय मूत्र में निम्न असामान्यताओं का परीक्षण करता है, जैसे:

  • मूत्र का धूमिल दिखाई देना, जो एक संक्रमण का संकेत हो सकता है
  • नमूने में असामान्य गंध की उपस्थिति
  • नमूने में लाल या ब्राउन (brownish) रंग की उपस्थिति, जो मूत्र में रक्त की उपस्थिति की ओर संकेत दे सकती है

यूरिन माइक्रोस्कोपिक टेस्ट – Urine Microscopic test in Hindi

यूरिन की जांच कैसे की जाती है? - yoorin kee jaanch kaise kee jaatee hai?

इस टेस्ट के दौरान, मूत्र नमूने की ड्राप का एक माइक्रोस्कोप के द्वारा विश्लेषण किया जाता है। माइक्रोस्कोपिक परीक्षण के माध्यम से मूत्र नमूने में निम्न की उपस्थिति की जानकारी प्राप्त की जा सकती है:

  • लाल रक्त कोशिकाएं
  • सफेद रक्त कोशिकाएं
  • क्रिस्टल
  • जीवाणु की उपस्थिति

(और पढ़े – सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या कैसे बढ़ाएं…)

यूरिन डिपस्टिक टेस्ट – Urine dipstick test in Hindi

यूरिन की जांच कैसे की जाती है? - yoorin kee jaanch kaise kee jaatee hai?

यूरिन डिपस्टिक परीक्षण (urine dipstick test) में रसायनों से लेपित प्लास्टिक की एक पतली स्ट्रिप्स को, रोगों की जानकारी प्राप्त करने के लिए मूत्र के नमूने में डाली जाती है। यदि मूत्र के नमूने में कुछ पदार्थ की मौजूदगी या पदार्थो के स्तर में वृद्धि होती है, तो रासायनिक स्ट्रिप्स (Chemical strips) का रंग पदार्थ की उपस्थिति के अनुसार बदल जाता हैं। यूरिन डिपस्टिक टेस्ट की मदद से यूरिन सैंपल में निम्न पदार्थों की उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है:

  • बिलीरुबिन
  • रक्त
  • प्रोटीन
  • पीएच स्तर या अम्लता में परिवर्तन
  • शर्करा

(और पढ़े – बिलीरुबिन ब्लड टेस्ट क्या है, कीमत, परिणाम और सामान्य स्तर…)

यूरिन टेस्ट रिजल्ट – Urine test result in Hindi

यूरिन टेस्ट नॉर्मल वैल्यूज का मतलब यह होता है कि मूत्र के नमूने में किसी भी तरह की असामान्यता प्राप्त नहीं हुई है। अर्थात सम्बंधित व्यक्ति मूत्र नमूने के आधार पर बिल्कुल ठीक है। यूरिन टेस्ट का रिजल्ट अनेक प्रकार की समस्याओं की जानकारी प्रदान कर कर सकता है।

यूरिन डिपस्टिक परीक्षण (Dipstick test) के तहत प्राप्त परिणामों के आधार पर यदि उच्च पीएच स्तर प्राप्त होते हैं, तो यह स्थिति मूत्रमार्ग या किडनी की समस्याओं की ओर संकेत कर सकती है, तथा मूत्र नमूने में शर्करा की उपस्थिति मधुमेह का संकेत दे सकती है।

यूरिन के विजुअल टेस्ट (Visual test) के तहत् यदि मूत्र से असामान्य गंध आती है, तो प्राप्त परिणाम संक्रमण जैसी समस्याओं की ओर संकेत करते हैं।

माइक्रोस्कोपिक टेस्ट (Microscopic test) के द्वारा प्राप्त परिणामों का विश्लेषण निम्न तरीके से किया जा सकता है:

  • नमूने में श्वेत रक्त कोशिकाओं (ल्यूकोसाइट्स) (leukocytes) की उपस्थिति में संक्रमण का संकेत हो सकती हैं।
  • नमूने में असामान्य लाल रक्त कोशिकाओं (एरिथ्रोसाइट्स) (Erythrocytes) की उपस्थिति किडनी की बीमारी, रक्त विकार या मूत्राशय कैंसर की ओर संकेत दे सकती हैं।
  • नमूने में बैक्टीरिया या यीस्ट की उपस्थिति संक्रमण का संकेत दे सकती है
  • क्रिस्टल की उपस्थिति किडनी स्टोन की ओर संकेत दे सकती हैं।
  • बैक्टीरिया या यीस्ट (yeasts) की उपस्थिति संक्रामक की और संकेत करती है।
  • यूरिन में उपकला कोशिकाओं (epithelial cells) का दिखाई देना, जो एक ट्यूमर की ओर संकेत दे सकती हैं।

(और पढ़े – पथरी होना क्या है? (किडनी स्टोन) पथरी के लक्षण, कारण और रोकथाम…)

यूरिन टेस्ट कीमत – Cost of urine test in Hindi

यूरिन की जांच कैसे की जाती है? - yoorin kee jaanch kaise kee jaatee hai?

मूत्र परीक्षण (urine test) एक अत्यधिक प्रभावी स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया है। यूरिन टेस्ट (Urine test) की कीमत अलग-अलग शहरों में अलग-अलग हो सकती है। भारत में मूत्र परीक्षण (Urine test) कीमत शहर, परीक्षण की गुणवत्ता और उपलब्धता के आधार पर RS. 110 से RS. 850 तक होती है।

इसी तरह की अन्य जानकारी हिन्दी में पढ़ने के लिए हमारे एंड्रॉएड ऐप को डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक करें। और आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं।

यूरिन जांच से क्या क्या पता चलता है?

आपको बता दें कि यूरिन टेस्ट के जरिए कई बीमारियों और यूरिनरी ट्रैक्ट की दिक्कत का भी पता लगाने का काम आ सकता है। इसके अलावा लीवर, किडनी और डायबिटीज जैसी बीमारी का पता लगाने के लिए भी यूरिन टेस्ट किए जाते हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो कभी ना कभी अपने जीवन काल में पैथोलॉजिकल यूरिन टेस्ट करा चुके हैं।

यूरिन टेस्ट कब करवाना चाहिए?

अगर आप टाइप 1 डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं तो ही आपको यूरीन टेस्ट कराने की आवश्यकता होती है। इस जांच की आवश्यकता तब पड़ती है जब मरीज के अंदर कुछ लक्षण दिखाई दें। यह लक्षण कुछ इस प्रकार हैं। डायबिटिक कीटोएसिडोसिस के लक्षण दिखना।

यूरिन टेस्ट नार्मल कितना होना चाहिए?

मेडिकल न्यूज टूडे के मुताबिक महिला और पुरुष में यूरिक एसिड की अलग-अलग मात्रा होती है. यूरिक एसिड का महिलाओं में नॉर्मल स्तर 1.5 से 6.0 mg/dL होता है जबकि पुरुषों में 2.4 से 7.0 mg/dL होनी चाहिए.

यूरिन इन्फेक्शन में क्या तकलीफ होती है?

यूरिन इंफेक्शन के लक्षण... -यूरिन इंफेक्शन होने पर पेशाब करते समय बहुत तेज जलन महसूस होती है। -यूरिन करते समय पेट के निचले हिस्से और कमर में असहनीय पीड़ा होना। -यूरिन बहुत अधिक पीला या मटमैले रंग का आना। -यूरिन कम मात्रा में लेकिन थोड़ी-थोड़ी देर बाद आना।