व्यावसायिक बैंकों के कार्यों का वर्णन कीजिए। - vyaavasaayik bainkon ke kaaryon ka varnan keejie.

व्यावसायिक बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए।

व्यावसायिक बैंक के कार्य-बैंकों के दो सबसे अधिक महत्वपूर्ण कार्य हैं-जमा स्वीकार करना और ऋण देना।

  1. जमा स्वीकार करना-बैंक लोगों की बचतों को जमा करता है। बैंकों के साथ हम तीन प्रकार के खाते खोल सकते हैं-
    (i) बचत खाता
    (ii) चालू खाता
    (iii) सावधि खाता
    i. बचत खाता – यह खाता छोटी-छोटी बचतों को प्रोत्साहित करने के लिए होता है। यह परिवारों के लिए लाभदायक है, जिनको एक बार रुपया जमा करवाने के बाद तुरंत ज़रूरत नहीं पड़ती है। एक निश्चित सीमा तक ही रकम को इस खाते से हम निकलवा सकते हैं। इसमें ब्याज की दर सावधि जमा से कम होती है।
    ii. चालू खाता – यह ऐसी जमा होती है जिनका भुगतान बैंको को खाताधारियों की माँग पर तत्काल करना होता है इस खाते में जमा राशियाँ, माँग जमा कहलाती हैं, क्योंकि माँगने पर कभी भी निकलवा सकते हैं। यह खाता व्यापारी लोगों के लिए उपयोगी होता है, जिनको दिन में कई बार रुपया निकलवाने की जरूरत पड़ती है। चूंकि बैंक को इस खाते का पैसा सदा तैयार रखना पड़ता है, इसलिए इस खाते में बैंक ब्याज नहीं देता, बल्कि उनसे कुछ-न-कुछ लेता है। चेक द्वारा पैसा निकालने की सुविधा उपलब्ध रहती है।
    iii सावधि खाता - सावधि जमा वह होती है जिसकी परिपक्वता की अवधि निर्धारित होती है। इसमें दीर्घ व निश्चित काल के लिए जमा स्वीकार की जाती है, इसलिए इस खाते में ब्याज की रकम अधिक होती है। यह निश्चित अवधि के लिए होता है और समय पूरा होने पर ही इसे निकलवा सकते हैं इससे पहले नहीं। इसमें चेक की सुविधा नहीं होती। यह बहुत ही धनी लोगों के लिए लाभकारी है, जिनको कभी रुपए की जरूरत नहीं होती। मियादी जमा की एक किस्म आवती जमा भी है जिसमें खाता धारक एक निश्चित अवधि तक हर महीन निश्चित राशि जमा करता है। जैसे-3 वर्षों तक 100 ₹ प्रति मास जमा करना। इसे मुद्रा की पूर्ति में शामिल नहीं किया जाता।।
  2. ऋण देना - बैंक का दूसरा मुख्य कार्य ग्राहकों को ऋण देना है। बैंक दूसरे लोगों से जमा स्वीकार करता है, उसका एक निश्चित भाग सुरक्षा कोष में रखकर, शेष राशि व्यापारियों व उद्यमियों को उत्पादक कार्यों के लिए उधार दे देता है और उस पर ब्याज कमाता है। वास्तव में बैंक की आय का यही मुख्य स्त्रोत है। बैंक निम्नलिखित रूपों में ऋण तथा अग्रिम प्रदान करता है। बैंक ऋण निम्नलिखित रूपों में दिया जा सकता है.
    i नकद साख
    ii मांग उधार
    iii अल्पावधि ऋण
    iv ओवर ड्राफ्ट
    v विनिमय बिलों पर कटौती
  3. एजेंसी कार्य - बैंक अपने ग्राहकों का एजेंट के रूप में भी काम करता है जिसके लिए बैंक कुछ कमीशन लेता है। बैंक द्वारा प्रदत्त एजेंसी सेवाएँ निम्नलिखित हैं|
    i नकद कोषों का हस्तांतरण-बैंक-ड्राफ्ट उधारे खाते की चिट्ठी तथा अन्य साख-पत्रों द्वारा बैंक एक स्थान से दूसरे स्थान को रकम का स्थानांतरण करता हैं ये सेवा कम लागत, शीघ्रता और सुरक्षायुक्त होती है।
    ii बैंक अपने ग्राहकों के लिए कंपनियों के शेयर बेचता और खरीदता है। यह कंपनियों के नाम पर हिस्सेदारी में लाभ को बाँटता है।
    iii नकद संग्रह करना-बैंक अपने ग्राहकों के लिए उनके आदेश पर चेक, धनादेश, हुंडियों आदि की रकम उनके दाताओं से वसूल करता है।
    iv ग्राहकों को आयकर संबंधी परामर्श देता है और उनके आयकर का भुगतान करता है।
  4. सामान्य उपयोगी सेवाएँ-बैंक द्वारा उपलब्ध अन्य उपयोगी सेवाएँ निम्नलिखित हैं
    i बैंक, विदेशी मुद्रा का क्रय-विक्रय करता है।
    ii कीमती वस्तुएँ जैसे-जेवरात, सोना, चाँदी, कागज पत्रों को सुरक्षित रखने के लिए लाकर्स उपलब्ध करता है।
    iii पर्यटक चेक और उपहार चेक जारी करता है।

Concept: बैंकिंग व्यवस्था द्वारा साख सृजन

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Solution : जो संस्थान जन साधारण से मुख्य रूप में जमा स्वीकार करता है या उधार देता है वह स्थान व्यापारिक बैंक के नाम से जाना जाता है। बैंकिंग व्यवसाय का मुख्य काम जमा स्वीकार करना एवं उधार देना है। बैंक जन सामान्य के चैक द्वारा आहरणीय जमा भी स्वीकार करते हैं । व्यापारिक बैंकों के निम्नलिखित कार्य हैं - <br> (i)जमा स्वीकार करना-व्यापारिक बैंक आम जनता से तीन तरह के खाता में जमा स्वीकार करता है। ये खाते इस प्रकार हैं - <br> (a) चालू खाता जमा-इस प्रकार के खाते व्यावसायिक लोगों के लिए होते हैं। इनमें जमा राशि पर बैंक को ब्याज का भुगतान नहीं करना पड़ता है। इन खातों में जमा माँग देय होती है। बैंक इन पर प्रशुल्क लेता है। <br> (b) सावधि जमा-इस प्रकार की जमा निश्चित समय अवधि के लिए स्वीकार की जाती हैं। ये माँग जमा नहीं होती हैं इन जमाओं पर बैंकों को ब्याज का भुगतान करना पड़ता है। <br> (c) बचत खाता जमा-निश्चित चैकों के साथ में भी माँग जमा होती हैं। इन जमाओं पर ब्याज का भुगतान भी किया जाता है। <br> (ii) ऋण देना-व्यापारिक बैंक सुरक्षित कोष के अलावा अन्य जमाओं का प्रयोग उधार देने के लिए करता है। इससे बैंकों को आमदनी प्राप्त होती है। व्यापारिक बैंक निम्न प्रकार के ऋण प्रदान करते हैं- <br> (a) नकद साख-ग्राहक की सुपात्रता के आधार पर व्यापारिक बैंक अपने ग्राहकों को उधार देने की सीमा तय करते हैं। नकद साख का निर्धारण ग्राहकों की परिसंपत्तियों एवं स्टॉक के आधार पर होता है।

व्यावसायिक बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए (Describe The Function Of A Commercial Bank) - यदि आप किसी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में जुटे है तो प्रतियोगिता परीक्षा में व्यावसायिक बैंक के कार्य से संबंधित आपसे सवाल निश्चित ही पुंछे जा सकते है, दोस्तों शायद आप भलीभांति जानतें होगें वाणिज्य बैंक(Commercial Bank) को व्यावसायिक बैंक, व्यापारिक बैंक या वाणिज्यिक बैंक कहा जाता है एवं भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के व्यावसायिक बैंक, निजी क्षेत्र के व्यावसायिक बैंक और विदेशी क्षेत्र के व्यावसायिक बैंक कार्यरत है । अगर सबसे पहले व्यावसायिक बैंकों के महत्व कि बात किया जाए तो किसी भी देश के आर्थिक विकास में व्यावसायिक बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है, वर्तमान समय में व्यावसायिक बैंक प्रत्येक आम नागरिको के लिए जरूरत बन भी गई है । आईयें विस्तार से व्यावसायिक बैंकों के कार्य का वर्णन द्वारा समझनेकी कोशिश करते है भारतीय अर्थ-व्यवस्था में व्यावसायिक बैंकों की भूमिका क्या है?

व्यावसायिक बैंकों के कार्यों का वर्णन कीजिए। - vyaavasaayik bainkon ke kaaryon ka varnan keejie.
व्यावसायिक बैंक के कार्यों का वर्णन कीजिए (Describe The Function Of A Commercial Bank)

व्यावसायिक बैंक किसे कहते? (What Is Commercial Bank In Hindi)

व्यावसायिक बैंक क्या है? - संक्षेप में बात किया जाए तो व्यवसायिक बैंक उन वित्तीय संस्थाओ को कहा जाता है जो संस्था जनता के धन को जमा स्वीकार करता है और जरूरत परने पर ऋण उपलब्ध कराने के साथ साथ विभिन्न प्रकार से बैंकिंग सेवाए प्रदान करता है ।

व्यावसायिक बैंक के प्रकार (Types Of Commercial Bank In Hindi)


  • सार्वजनिक क्षेत्र के व्यावसायिक बैंक
  • निजी क्षेत्र के व्यावसायिक बैंक
  • विदेशी क्षेत्र के व्यावसायिक बैंक

सार्वजनिक क्षेत्र के व्यावसायिक बैंक जिसे राष्ट्रीयकृत या सरकारी बैंक भी कहा जाता है, सार्वजनिक क्षेत्र के व्यावसायिक बैंकों में 50% से अधिक का स्वामित्व सरकार का होता है, एवं निजी क्षेत्र के व्यावसायिक बैंक यानि प्राइवेट बैंकों पर निजी लोगों का स्वामित्व, और विदेशी क्षेत्र के व्यावसायिक बैंक उन वित्तीय संस्थाओ को कहा जाता है जिसका मुख्यालय विदेश में स्थित है और उसके शाखा भारत में कार्यरत है ।

व्यावसायिक बैंक के कार्य (Functions Of Commercial Bank In Hindi)

भारत में कार्यरत प्रत्येक व्यावसायिक बैंक निम्नलिखित प्रकार के प्रमुख कार्य करते है-

1. व्यावसायिक बैंक के मुख्य कार्य 

2. व्यावसायिक बैंक के गौण कार्य 

3. व्यावसायिक बैंक के सामाजिक कार्य

1. व्यावसायिक बैंक के मुख्य कार्य (Main Functions Of Commercial Bank In Hindi)


  • जमा स्वीकार करना
  • ऋण उपलब्ध कराना

जमा स्वीकार करना (Accepting Deposits)

सभी व्यावसायिक बैंक अपना मुख्य कार्य में सबसे प्रथम जनता के धन को जमा स्वीकार करता है, जनता का पैसा जमा स्वीकार करने हेतु व्यावसायिक बैंक जनता को निम्नलिखित प्रकार के खाता खोलने की सुविधा देती है-


  • बचत जमा खाता (Saving Deposit Account)
  • चालू जमा खाता (Current Deposit Account)
  • सावधि जमा खाता (Fixed Deposit Account)
  • आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Account)

ऋण उपलब्ध कराना (Providing Credit)

व्यावसायिक बैंको का मुख्य कार्य में जनता को ऋण उपलब्ध कराना भी होता है, इसके लिए व्यावसायिक बैंकों द्वारा निम्नलिखित तरीके से उचित ब्याॅज दरों पर जनता को ऋण प्रदान करता है-


  • नगद जमा (Cash Credit)
  • ओवरड्राफ्ट (Overdraft)
  • अग्रिम ऋण (Advance Loan)
  • सरकारी प्रतिभूतियो में निवेश 

नगद जमा की सुविधाए 

इस प्रकारके ऋण ग्राहकों को एक निश्चित जमानत के आधार पर निश्चित जमाराशि निकालने का अधिकार व्यावसायिक बैंक द्वारा दिया जाता है, इस तरह के ऋण न्यूनतम दरों पर दिया जाता है ।

ओवरड्राप्ट की सुविधाए 

यह सुविधा व्यावसायिक बैंक की ओर से चालु खाताधारक को दिया जाता है, ओवरड्राप्ट (Overdraft) के तहत खाताधारक अकाउंट में जमा पैसा से अधिक निकाल सकता है ।

अग्रिम ऋण की सुविधाए 

व्यावसायिक बैंक द्वारा अग्रिम ऋण यानि पहले ग्राहकों के खाते में पैसा डाल देता है और तुरंत ब्याज लगाना चालु भी कर देता है ।

सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश

व्यावसायिक बैंक सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के लिए भी ऋण उपलब्ध करता है क्योंकि सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने की जोखिम कम रहता है ।

2. व्यावसायिक बैंक के गौण कार्य (Secondary Functions Of Commercial Bank In Hindi)

व्यावसायिक बैंक अपने ग्राहकों के चेक, ब्याज आदि को Collect करने के साथ-साथ उसका भुगतान भी करता है।

व्यावसायिक बैंक अपने ग्राहकों को लॉकर की सुविधा प्रदान देता है, जिसमें ग्राहक अपनी महत्वपूर्ण दस्तावेजों को रख सकता है ।

व्यावसायिक बैंक विदेशी मुद्रा का विनिमय कर अंतराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाने का कार्य भी करता है।

व्यावसायिक बैंक अपने ग्राहकों को वित्तीय संबंधित मामलों में सलाह देने का कार्य भी करता है।

व्यावसायिक बैंक अपने ग्राहकों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने का भी कार्य करता है।

3. व्यावसायिक बैंक के सामाजिक कार्य - Social Work Of Commercial Bank In Hindi

सभी व्यावसायिक बैंक पूंजी निर्माण करने का कार्य करता है जिससे देश के विकास में मदद मिलती है ।

व्यावसायिक बैंक विभिन्न प्रकार के ऋण (Loan) उचित ब्याज दरों पर आम जनता को उपलब्ध करता है जिससे कि लोग अपनी जरूरतें आसानी से पुरी कर सकते है ।

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व्यावसायिक बैंक के प्रमुख कार्य क्या है?

इन्हें वाणिज्यिक बैंक या व्यावसायिक बैंक या व्यापारिक बैंक भी कहते हैं। व्यापारिक बैंक लोगों के रुपये को जमा के रूप में स्वीकार करती है तथा जब लोगों को मुद्रा की जरूरत होती है तो उन्हें ऋण के रूप में उधार भी देती है। वर्तमान समय में व्यापारिक बैंक साख निर्माण का भी कार्य करते है।

बैंक क्या है इसके कार्यों का वर्णन कीजिए?

बैंक उस वित्तीय संस्था को कहते हैं जो जनता से धनराशि जमा करने तथा जनता को ऋण देने का काम करता है। लोग अपनी अपनी बचत राशि को सुरक्षा की दृष्टि से अथवा ब्याज कमाने के हेतु इन संस्थाओं में धनराशि जमा करते और आवश्यकतानुसार समय समय पर निकालते रहते हैं।

बैंकिंग व्यवसाय क्या है?

बैंकिंग कार्यों में जमा स्वीकार करना और ऋण देना अथवा द्रव्य का विनियोजन शामिल है। द्रव्य उपलब्ध करा कर तथा कुछ विशेष सेवाएं प्रदान कर, जो माल तथा सेवाओं का विनिमय में सहायक होती हैं, यह व्यापारिक कार्यकलापों को सरल बनाता है । इस प्रकार 'बैंकिंग' व्यवसाय की एक महत्वपूर्ण सहायक सेवा है।

व्यावसायिक बैंक कितने प्रकार के होते हैं?

व्यावसायिक बैंक किसे कहते है?.
निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Banks).
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Banks).
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Banks).