अधिगम प्रक्रिया और मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया में अभिप्रेरणा का अत्यधिक महत्व होता है। अभिप्रेरणा का संबंध उन कारकों से है जो मानव शरीर को कार्य करने हेतु गतिमान करते है। शिक्षा मनोविज्ञान की दृष्टि से मानवीय व्यवहार के पीछे अनेक आंतरिक और बाहा कारक उत्तरदायी होते हैं । जिनको मनोवैज्ञानिक प्रेरक भी कहा जाता है। मनोवैज्ञानिक केवल आंतरिक प्रेरणा का अध्ययन करते हैं और इसी को व्यवहार का आधार मानते हैं । Show Source: NA उनके अनुसार प्रेरणा एक ऐसी आंतरिक शक्ति है जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए उत्तेजित करती है । इस प्रकार व्यक्ति के व्यवहार को परिचालिक करने और उत्तेजित करने के लिए अभिप्रेरणा को भी मनोविज्ञान के क्षेत्र का एक अभिन्न अंग माना जाता है। साथ ही अगर आप भी इस पात्रता परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं और इसमें सफल होकर शिक्षक बनने के अपने सपने को साकार करना चाहते हैं, तो आपको तुरंत इसकी बेहतर तैयारी के लिए सफलता द्वारा चलाए जा रहे CTET टीचिंग चैंपियन बैच- Join Now से जुड़ जाना चाहिए। अभिप्रेरणा का अर्थ अभिप्रेरणा शब्द अंग्रेजी शब्द ( Motivation) का हिंदी अनुवाद है जिसकी व्युत्पति लैटिन भाषा के मोटम ( Motum) या मोवेयर ( Moveers) शब्द से हुई है । जिसका अर्थ है ' To Move ' अर्थात गति प्रदान करना। Free Demo ClassesRegister here for Free Demo Classes Please fill the name Please enter only 10 digit mobile number Please select course Please fill the email अभी प्रेरणा का तात्पर्य व्यक्ति की उस आंतरिक स्थिति से है जो किसी विशेष परिस्थिति में व्यक्ति को अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए क्रियाशील करती है । दूसरे शब्दों में अभीप्रेरणा एक आंतरिक शक्ति है , जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। इसलिए अभिप्रेरणा ध्यानाकर्षण या लालच की कला है , जो व्यक्ति में किसी कार्य को करने की इच्छा एवं जिज्ञासा उत्पन्न करती है । अभिप्रेरणा का संबंध किसी व्यवहार के प्रारंभ करने , दिशा इंगित करने तथा व्यवहार को बनाए रखने से हैं।
शिक्षा एक जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है तथा प्रत्येक क्रिया के पीछे एक बल कार्य करता है जिसे हम प्रेरक बल कहते हैं। इस संदर्भ में प्रेरणा एक बल है जो प्राणी को कोई निश्चित व्यवहार या निश्चित दिशा में चलने के लिए बाध्य करती है। Safalta App पर फ्री मॉक-टेस्ट Join Now के साथ किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें। अभिप्रेरणा की परिभाषाएं स्किनर के अनुसार , '' अभिप्रेरणा सीखने का सर्वोत्तम राजमार्ग है ''। गुड के अनुसार , '' अभिप्रेरणा कार्य को आरंभ करने, नियंत्रित और जारी रखने की प्रक्रिया है ''। मैक्डूगल के अनुसार , " अभिप्रेरणा वे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दशाएं हैं, जो किसी कार्य को करने के लिए प्रेरित करती हैं " । वुडवर्थ के अनुसार - प्रेरक व्यक्ति की वह दशा है जो निश्चित व्यवहार करने के लिए और निश्चित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उत्तेजित करती है "। गेट्स व अन्य के अनुसार , " अभिप्रेरणा प्राणी भीतर शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक दशा है , जो उसे विशेष प्रकार की क्रिया करने के लिए प्रेरित करती है "। एटकिंसन के अनुसार , " अभिप्रेरणा एक या एक से अधिक प्रभाव उत्पन्न करने वाली क्रिया की मनोवृति का उत्प्रेरक शब्द है "। जॉनसन के अनुसार , " अभिप्रेरणा सामान्य क्रिया कलापों का प्रभाव है जो प्राणी के व्यवहार को इंगित व निर्देशित करती है "। उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट होता है कि अभिप्रेरणा व्यक्ति की एक ऐसी आंतरिक अवस्था को कहा जाता है जो व्यक्ति को सक्रिय बनाकर उसके व्यवहार को निश्चित दिशा में उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अग्रसर करती है। अभिप्रेरणा जाग्रत करने वाले तत्वों को अभिप्रेरक कहते हैं। उदाहरणार्थ शक्कर अभिप्रेरक है, मधुरता उसकी अनुभूति है तथा प्राप्त करने की इच्छा जाग्रत होना अभिप्रेरणा है। अभिप्रेरणा से आप क्या समझते हैं समझाइए?अभिप्रेरणा लक्ष्य-आधारित व्यवहार का उत्प्रेरण या उर्जाकरण है। अभिप्रेरणा या प्रेरणा आंतरिक या बाह्य हो सकती है। इस शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर इंसानों के लिए किया जाता है, लेकिन सैद्धांतिक रूप से, पशुओं के बर्ताव के कारणों की व्याख्या के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
आत्म प्रेरणा से आप क्या समझते हैं?तथा इसके लिए किसी बाहरी प्रेरणा की आवश्यकता नहीं होती है। यहां किसी बाहरी पुरस्कार को प्राप्त करने में कार्य साधक नहीं होता है। यहां नियंत्रण की स्थिति व्यक्ति के अंदर होती है। व्यक्ति स्वतः प्रेरणा से कार्य को करता है और कार्य व्यक्ति अपने पुरस्कार के रूप में कार्य करता है।
अभिप्रेरणा क्या है इसके प्रकार एवं अभिप्रेरणा के सिद्धांत बताइए?मार्गन एवं किंग के अनुसार, “प्रेरणा एक सामान्य शब्द है। यह प्राणी की भीतरी अवस्था, व्यवहार एवं उस लक्ष्य की ओर इंगित करता है, जिस ओर उसका व्यवहार निर्देशित होता है। प्रेरणा व्यक्ति की एक खास अवस्था होती है। व्यक्ति की यह खास अवस्था आंतरिक होती है, जो किसी आवश्यकता, कमी या इच्छा से उत्पन्न होती है।
अभिप्रेरणा क्या है pdf?यदि हम इस आवश्यकता को पूरा करने में सफल हो जाते हैं तब हम स्वयं आत्म-सम्मान तथा दूसरों से सम्मान प्राप्त करने की ओर बढ़ते हैं । पदानुक्रम में इससे ऊपर आत्म-सिद्धि की आवश्यकता है, जो एक व्यक्ति की अपनी सम्भाव्यताओं को पूर्ण रूप से विकसित करने के अभिप्रेरण में परिलक्षित होती है।
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