किसी भी खास अवसर पर प्रसाद के रूप में भगवान को नैवेद्य / भोग में पंचामृत अवश्य चढ़ाना चाहिए। दूध, दही, घी, शहद, शकर को मिलाकर पंचामृत बनाया जाता है। पंचामृत का अर्थ है 'पांच अमृत'। पांचों प्रकार के मिश्रण से बनने वाले पंचामृत से भगवान प्रसन्न होते है। Show आइए जानें पंचामृत बनाने की सरल एवं पारंपरिक विधि :- सामग्री : 250 मिली गाय का दूध (ताजा), 2 टेबल चम्मच मिश्री पिसी हुई, 1 चम्मच शहद, 1 चम्मच देशी घी, 2 चम्मच ताजा दही, 2-3 तुलसी के पत्ते। विधि : 1. सबसे पहले गाय के ताजे दूध में पिसी मिश्री, शहद, दही एवं घी मिलाकर अच्छी तरह फेंट लें। 2. इसमें तुलसी के पत्ते मिलाएं। 3. पंचामृत तैयार है। इस प्रकार दूध, चीनी, शहद दही और घी आदि पांच अमृतों को मिलाकर ही पंचामृत बनाया जाता है। पंचामृत का सेवन कई रोगों में लाभदायक और मन को शांति प्रदान करने वाला होता है। इसके सेवन से स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है। पंचामृत में 5 चीजें कौन कौन सी होती है?पंचामृत का मतलब है- पांच अमृत समान खाद्य पदार्थों को मिश्रण। इसे 5 तरह के तत्वों को मिलाकर तैयार किया जाता है। वैसे तो यह भगवान को भोग लगाने के लिए बनाया गया पवित्र पेय होता है लेकिन इससे कई सारे स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी जुड़े होते हैं। जिसे बेहद कम ही लोग जानते हैं।
चरणामृत में क्या क्या डाला जाता है?चरणामृत- चरण अमृत. चरणामृत तांबे के बर्तन में तुलसी और तिल के साथ रखा जाता है, जिस कारण इसमें तांबे के औषधीय गुण समा जाते हैं. पंचामृत गाय का दूध, गाय का घी, दही, शहद और शक्कर से मिलाकर बनाया जाता है. धार्मिक महत्व है कि पंचामृत में इस्तेमाल किए जाने वाले हर चीज का अलग महत्व है.
पंचामृत किस चीज से बनता है?पंचामृत में पांच मुख्य तत्व होते हैं, दही (दही), दूध, शहद, तुलसी (भारतीय पवित्र तुलसी), और घी ।
कृष्ण के लिए पंचामृत कैसे बनाएं?पंचामृत बनाने के लिए सबसे पहले दही, दूध, एक चम्मच शहद, घी और चीनी को एक बर्तन में डालकर अच्छी तरह मथ लें। आप चाहे तो इन सब चीजों को मिक्सी में डालकर भी चला सकती हैं। इसके बाद इसमें तुलसी के 8 से 10 पत्ते डालने के बाद कटे हुए मखाने और ड्राई फ्रूट्स मिलाएं।
|