वैलेंटाइन डे के पीछे का रहस्य क्या है? - vailentain de ke peechhe ka rahasy kya hai?

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Parag sharma

| नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 23 Apr 2022, 1:30 pm

प्यार शब्द में पूरी सृष्टि समाई हुई है, यह शब्द विश्व के समस्त धर्म ग्रंथों में विश्व के समस्त साहित्य में, विश्व की सभी भाषाओं में देखने को मिलता है। वेलेंटाइन डे हर साल 14 फरवरी यानी आज मनाया जा रहा है, जिसे लव-वर्ड्स या कपल प्यार का त्योहार के रूप में मनाते हैं। प्रेम की कोई सीमा है ही नहीं। क्योंकि यह असीम है, अनंत है। कबीर का एक बहुत ही सुंदर दोहा है- पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय। ढाई आखर प्रेम, पढ़े सो पंडित होय। सचमुच प्रेम शब्द में एक अनुपम मिठास है। इसमें असीम सौंदर्य है। इसलिए सभी लोग वैलेंटाइन डे को मनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं वैलेंटाइन डे को क्यों मनाया जाता है और प्रेम के इस पर्व की शुरुआत कैसे और कब हुई। आइए जानते हैं वैलेंटाइन डे के बारे में....

  • वैलेंटाइन डे के पीछे का रहस्य क्या है? - vailentain de ke peechhe ka rahasy kya hai?

    प्यार में नहीं होती कोई शर्त

    दुनिया के हर लव-वर्ड्स को 14 फरवरी को इंतजार रहता है। प्रेम करने वाले इस दिन को अपने तरीके और अंदाज से मनाते हैं। प्‍यार में कोई शर्त नहीं होती, कोई सवाल और कोई जवाब नहीं होता। प्‍यार कभी नहीं कहता कि इन बातों को मानो तब मैं आपसे प्‍यार करूंगा। प्‍यार सांस लेने की प्रक्रिया की तरह है, जब ये होता है तो आप इसको केवल महसूस कर सकते हैं।

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    जानिए क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे

    वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है इसको लेकर कई मत हैं और कोई सटीक जानकारी नहीं है लेकिन बताया जाता है कि 270 ईसवी में रोमन साम्राज्य के दौरान क्लाउडियस गोथिकस द्वितीय नामक राजा राज्य करता था। उसे प्रेम और शादी से बहुत नफरत थी। वह इनके सख्त खिलाफ था। उसका मानना था कि प्रेम और शादी के चक्कर में योद्धा अपना लक्ष्य भूल जाता है।

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    राजा क्लाउडियस गोथिकस द्वितीय ने दिया था आदेश

    इसलिए राजा क्लाउडियस गोथिकस द्वितीय ने रोमन सैनिकों के विवाह पर रोक लगा दी थी और उसने आदेश दिया कि कोई अधिकारी या फिर सैनिक प्रेम या शादी नहीं करेगा। राजा चाहता था कि सैनिक बिना शादी के ज्यादा ताकतवर होते हैं। उसी राज्य में संत वैलेंटाइन भी रहते थे। उन्होंने इस आदेश का विरोध किया और राजा के खिलाफ जाकर सैनिकों और प्रजा को प्रेम करने के लिए प्रेरित किया और उनकी शादियां भी करवाईं।

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    राजा ने दिया संत को मारने का आदेश

    राजा को जब संत वैलेंटाइन के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने संत को राज दरबार में बुलाया। राजा ने संत को क्रिश्चियन धर्म छोड़कर रोमन धर्म अपनाने के लिए कहा। संत वैलेंटाइन ने इस बात से इनकार कर दिया और राजा को अपना धर्म बदलने की सलाह दे डाली। राजा को यह बात अच्छी नहीं लगी और उसने संत वैलेंटाइन को मार डालने का आदेश दिया।

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    इसलिए 14 फरवरी को मनाते हैं वैलेंटाइन डे

    संत वैलेंटाइन को जिस दिन मारा गया था, उस दिन 14 फरवरी थी। ऐसा बताया जाता है कि मारे जाने से पहले रोमन जेलर की अंधी बेटी जैकोबस को संत वैलेंटाइन ने ठीक कर दिया था। जेल में ही संत ने जेलर की बेटी को एक लेटर लिखा था। इस लेटर के अंत में संत ने फ्रॉम योर वैलेंटाइन लिखा था।

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    इन्होंने किया वैलेंटाइन डे घोषित

    मिली जानकारी के अनुसार, साल 496 में पहली बार वैलेंटाइन डे मनाया गया था। कईयों का यह भी मानना है कि वैलेंटाइन डे की शुरुआत रोमन फेस्टिवल से हुई थी। 5वी सदी के अंत में पोप गेलैसियस ने 14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइन डे घोषित किया। तब से लेकर आज तक 14 फरवरी को प्रेम का दिन वैलेंटाइन डे मनाया जाने लगा।

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    किताबों में मिलता है संत वैलेंटाइन का वर्णन

    साल 1260 में संकलित की गई ‘ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन’ नामक पुस्तक में संत वैलेंटाइन का वर्णन मिलता है। इस संत ने लोगों को प्रेम के बारे में बताया और खुश रहने की जानकारी दी। कई शुरुआती क्रिश्चियन शहीदों के नाम वैलेंटाइन थे। 1969 तक, कैथोलिक चर्च ने औपचारिक रूप से ग्यारह वैलेंटाइन दिनों को मान्यता दी और 14 फरवरी को सभी संतों के सम्मान में वैलेंटाइन डे मनाया जाने लगा।

वेलेंटाइन डे की शुरुआत कैसे हुई?

मिली जानकारी के अनुसार, साल 496 में पहली बार वैलेंटाइन डे मनाया गया था। कईयों का यह भी मानना है कि वैलेंटाइन डे की शुरुआत रोमन फेस्टिवल से हुई थी। 5वी सदी के अंत में पोप गेलैसियस ने 14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइन डे घोषित किया। तब से लेकर आज तक 14 फरवरी को प्रेम का दिन वैलेंटाइन डे मनाया जाने लगा।

वेलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है?

सेंट वैलेंटाइन ने राजा के आदेश का विरोध करते हुए कई अधिकारियों और सैनिकों की शादी कराई। राजा इस बात पर भड़क गए और उन्होंने 14 फरवरी 269 के दिन सेंट वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया। उनके निधन के बाद हर साल 14 फरवरी को सैंट वेलेंटाइन के बलिदान को याद करने के लिए इसे 'प्यार के दिन' के तौर पर मनाया जाने लगा।