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कान दर्द की शिकायत वयस्कों के मुकाबले बच्चों में अधिक होती है। कान दर्द हमेशा एक कान में होता है, लेकिन कई बार एक साथ दोनों कानों में भी हो सकता है। कान में इन्फेक्शन की वजह से भी कान दर्द की शिकायत होती है। इन्फेक्शन दूर न होने पर आप सुनने की क्षमता खो सकते हैं। पढ़ें- कान का पर्दा फटने का इलाज
कान दर्द के क्या कारण हैं?सर्दी, जुकाम, मध्य कान (middle ear) में इन्फेक्शन, साइनोसाइटिस या श्वसन (respiratory) मार्ग में इन्फेक्शन होने की वजह से कान दर्द होता है। मध्य कान से लेकर गले के बीच तक युस्टेशियन ट्यूब (Eustachian tube) जुड़ी होती है, जिसका कार्य कान के बीच तरल पदार्थ का निर्माण करना है। यह ट्यूब जब अवरुद्ध हो जाती है तो तरल पदार्थ कान के परदे के पीछे जमने लगता है। इससे कान के परदे में दबाव बनता है और कान दर्द की शिकायत होती है। कई दिनों तक तरल पदार्थ कान में जमा रहा तो इससे जीवाणु उत्पन्न होने लगते हैं और कान में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। पढ़ें- टिम्पैनोप्लास्टी क्या है और कैसे की जाती है? दाँत का दर्द भी कान दर्द का कारण बन सकता है। दाँत में कैविटी या बैक्टीरियल इन्फेक्शन है तो कान दर्द की समस्या हो सकती है। कभी-कभी कान का इन्फेक्शन अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन, कुछ मामलों में इन्फेक्शन लम्बे समय तक रहता है या ठीक होने के बाद दोबारा से हो जाता है। ऐसे में आप पेनकिलर या एंटी-बायोटिक दवाइयाँ खा सकते हैं। इसके अलावा कान का इन्फेक्शन और दर्द दूर करने के लिए कई घरेलू उपाय मौजूद हैं जिनका उपयोग करें। कान दर्द में लहसुन के उपयोग के फायदेलहसुन का इस्तेमाल पकवानों को स्वादिष्ट बनाने के लिए तो किया ही जाता है इसके अलावा यह कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। शरीर के कई अंगों का दर्द जैसे- घुटनों में दर्द, कान दर्द, दाँत दर्द आदि का इलाज करने के लिए लहसुन का उपयोग किया जाता है। कान दर्द में लहसुन के यह फायदे हो सकते हैं- पढ़ें- कान में दर्द का इलाज
कान दर्द में लहसुन के उपयोग के साइड इफ़ेक्टकान दर्द में लहसुन के कई फायदे हैं लेकिन इसका उपयोग उचित मात्रा में ही करना चाहिए। कुछ लोगों में लहसुन के उपयोग से त्वचा में जलन की समस्या हो सकती है। लहसुन का उपयोग करने से त्वचा जल सकती है। त्वचा में लाल धब्बे बन सकते हैं। लहसुन से आपको एलर्जी है तो इसका उपयोग कान दर्द में बिलकुल भी न करें। आपकी त्वचा मुलायम है तो लहसुन का उपयोग कान में ना करें। ऐसी स्थिति में लहसुन के पेस्ट या रस को पहले हाथ पर लगाएं और सही नतीजा आने के बाद ही कान में उपयोग करें। अगर हाथ में कोई जलन या अन्य समस्या होती है तो लहसुन का कानों में इस्तेमाल न करें। कान का इन्फेक्शन दूर करने के अन्य घरेलू उपायकान दर्द से छुटकारा पाने के लिए नीचे दिए गए कुछ घरेलू उपाय इस्तेमाल कर सकते हैं- पढ़ें- कान में फंगल इन्फेक्शन का इलाज
कान दर्द दूर करने के लिए लहसुन का उपयोग कैसे करें?कान दर्द को दूर करने के लिए लहसुन का उपयोग दो तरह से किया जा सकता है- पढ़ें- रिट्रैक्टेड ईयर ड्रम या पीछे हटा हुआ काम का पर्दा क्या है?
ऊपर बताए गए तरीकों से लहसुन का उपयोग कर कान दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। इसके बाद भी दर्द दूर नही होता है तो किसी डॉक्टर से अपना इलाज करवाएं क्योंकि, साइनोसाइटिस या कोई दूसरी बड़ी बीमारी भी कान दर्द का कारण हो सकती है। कान के परदे का फटना- Perforated eardrum in hindiजब कान के परदे में छेद हो जाता है तो इसे पर्फोरेटेड ईयर ड्रम (perforated eardrum) कहते हैं। इसके कारण भी कान में तेज दर्द की शिकायत हो सकती है। कान के परदे में छेद का मुख्य कारण मध्य कान में इन्फेक्शन है। इसके अलावा कान साफ़ करते वक्त धक्का लगने से भी परदे में छेद हो सकता है। कान का पर्दा फट जाने की वजह से कान दर्द हो रहा है तो किसी भी प्रकार का घरेलू उपाय न आजमाएं या खुद से इलाज न करें।कान के परदे का छेद अपने आप भर जाता है। अगर छेद नही भर रहा और लगातार दर्द बना हुआ है तो इसके लिए सर्जरी भी की जा सकती है। कान के परदे के छेद को दूर करने के लिए जो सर्जरी की जाती है उसे टिम्पैनोप्लास्टी (Tympanoplasty) कहते हैं। अगर आपके कान के परदे में छेद है तो अभी Pristyn Care में ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करें और इसका दर्दरहित इलाज करवाएं। Pristyn Care के जरिए टिम्पैनोप्लास्टी करवाने पर आपको कई फायदे हो सकते हैं, जैसे-
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें| कान में लहसुन डालने से क्या होगा?लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण मौजूद होते हैं जो मध्य कान के इन्फेक्शन को दूर करते हैं। लहसुन में एंटी-इम्फ्लेमेशन गुण मौजूद होता है जो कान में सूजन को कम कर सकता है। इसका उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है।
कान में सरसों तेल देने से क्या होता है?कान में तेल डालने के नुकसान
डॉक्टर का कहना है कि कान में तेल डालने से ऑटोमाइकोसिस डिजीज होने का खतरा रहता है, जिसकी वजह से आपको परमानेंट हियरिंग डिसेबिलिटी की समस्या हो सकती है. कई बार कान में ज्यादा तेल डालने की वजह से धूल-मिट्टी जलने लगती है. इससे कान में जमा मैल को निकालना काफी मुश्किल हो जाता है.
कान के अंदर कौन सा तेल डालना चाहिए?- कान में मैल जमा होने पर कुछ लोग मैल को फूलने के लिए कान में सरसों का तेल डाल लेते हैं.
कान में खुजली हो तो क्या करना चाहिए?कान में खुजली होने पर करें ये काम
-ड्राई होने की वजह से अगर आपको कान में खुलजी हो रही है तो इस स्थिति में कान में ऑलिव ऑयल या फिर बेबी ऑयल की कुछ बूंदे डालें. -खाने से एलर्जी के कारण अगर आपको कान में खुलजी है तो डॉक्टर से सलाह लें. -कान में ईयरवैक्स बहुत अधिक जमा हो गया हो तो डॉक्टर की सलाह लें.
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